श्री युगलकिशोर आरती PDF

श्री युगलकिशोर आरती PDF हिन्दी

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MiscAarti (आरती संग्रह)हिन्दी

॥ आरती ॥ आरती युगलकिशोर की कीजै । तन मन धन न्योछावर कीजै ॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै । हरि का रूप नयन भरि पीजै ॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा । ताहि निरखि मेरो मन लोभा ॥ ओढ़े नील पीत पट सारी । कुंजबिहारी गिरिवरधारी ॥ फूलन सेज फूल की माला । रत्न...

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श्री युगलकिशोर आरती
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