मेरे बांके बिहारी लाल भजन

|| मेरे बांके बिहारी लाल भजन || मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नजर तोहे लग जाएगी । तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका । प्यारा लागे तेरा पीला पटका । तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नजर तोहे लग जाएगी ॥ मेरे बांके बिहारी लाल…॥ तेरी मुरलिया पे…

छोटी छोटी गैया

|| छोटी छोटी गैया || छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥ छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वाल । छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । कारी कारी गैया, गोरे गोरे ग्वाल। श्याम वरण मेरो मदन गोपाल॥ छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे…

अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा

|| अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा || प्राचीन काल में व्रज के लोगों का मुख्य व्यवसाय गौ-चारण ही था इसलिए मुख्य व्यवसाय से सम्बंधित कुछ वर्जनाएं भी थी। अब इसे वर्जनाएं कहें या सामाजिक नियम बालक का जब तक मुंडन नहीं हो जाता तब तक उसे जंगल में गाय चराने नहीं जाने दिया जाता…

श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || यदु वंशी श्रीकृष्ण दुर्वासा ऋषि को अपना कुलगुरु मानते थे। जब श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ तो वे अशीर्वाद प्राप्ति के लिए दुर्वासा ऋषि से मिलने के लिए उनके आश्रम पधारे, जो द्वारका से दूरी पर स्थित था। श्री कृष्ण ने ऋषि दुर्वासा को महल आने…

राम भी मिलेंगे तुझे श्याम भी मिलेंगे – भजन

|| राम भी मिलेंगे तुझे श्याम भी मिलेंगे || राम भी मिलेंगे तुझे, श्याम भी मिलेंगे, जब तुझे श्री हनुमान, जी मिलेंगे, राम भी मिलेंगे तुझें, श्याम भी मिलेंगे || राम और श्याम को, बजरंगी बड़े प्यारे, योद्धा है कन्हैया के, राम के दुलारे, चाहे जो बजरंगी, राम श्याम जी मिलेंगे, चाहे जो बजरंगी, राम…

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 कब है? इस बार कब बजेगा ‘मटकी फोड़’ का शंख? जानिए शुभ मुहूर्त

krishna janamastmi

हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव प्रति वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल, कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। कृष्ण जन्माष्टमी 2025 में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से…

राम जी करेंगे ना तो श्याम जी करेंगे – भजन

|| राम जी करेंगे ना तो श्याम जी करेंगे || राम जी करेंगे ना तो श्याम जी करेंगे, तेरे सारे काम हनुमानजी करेंगे || जय हो जय हो | राम और श्याम दोनों बात मानते हैं, भक्त से बड़ा ना कोई सब जानते हैं, होगा वही जो भी ये जुबान से कहेंगे, राम जी करेगे…

ये चमक ये दमक – भजन

|| ये चमक ये दमक || ये चमक ये दमक फूलवान वा महक सब कुछ सरकार तुम्हाई से है ये चमक ये दमक फूलवान वा महक ये चमक ये दमक फूलवान वा महक सब कुछ सरकार तुम्हाई से है सब कुछ सरकार तुम्हाई से है चूमे सैया के चरण इठलाके पवन बगियन में बाहर तुमई…

सजा दो घर को गुलशन सा – भजन

|| सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है || सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है, मेरे सरकार आये है, लगे कुटिया भी दुल्हन सी, लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आये है, सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।। पखारो इनके चरणो को, बहा…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत पाठ विधि व लाभ

|| श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ कैसे करें || हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर या मूर्ति के समक्ष श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए। सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण का आवाहन करें और उन्हें आसन अर्पित करें। उनके चरण धोने के लिए जल…

अधरं मधुरं वदनं मधुरं – श्लोक अर्थ सहित

॥ अधरं मधुरं वदनं मधुरं – श्लोक ॥ अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् । हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: श्री मधुराधिपति (श्री कृष्ण) का सभी कुछ मधुर है। उनके अधर (होंठ) मधुर है, मुख मधुर है, नेत्र मधुर है,…

एकोनविंशे विंशतिमे – श्लोक अर्थ सहित

॥ एकोनविंशे विंशतिमे – श्लोक ॥ एकोनविंशे विंशतिमे वृष्णिषु प्राप्य जन्मनी । रामकृष्णाविति भुवो भगवानहरद्भरम् ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: वृष्णिवंशी कुल में उन्नीसवें तथा बीसवें अवतारों में भगवान कृष्ण के रूप में अवतरित हुए और इस तरह उन्होंने संसार के भार को दूर किया। Ekona-vinse vinsatim vrsnisu…

कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय – श्लोक अर्थ सहित

॥ कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय – श्लोक ॥ कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय च । नन्दगोप कुमाराय गोविन्दाय नमो नमः ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: वासुदेव के पुत्र श्रीकृष्ण को, और देवकी नंदन है अर्थात देवकी के पुत्र को, ग्वाल नंद के पुत्र को, जो स्वयं भगवान श्री गोविंद…

क्यों श्री कृष्ण कहलाते हैं ‘संपूर्ण पुरुष’? श्री कृष्ण: धर्म, कर्म और प्रेम का संपूर्ण स्वरूप

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श्री कृष्ण भारतीय धर्म और संस्कृति में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। उन्हें ‘संपूर्ण पुरुष’ कहा जाता है, जो इस बात का प्रतीक है कि वे मानव जीवन के सभी पहलुओं को पूर्णता के साथ प्रस्तुत करते हैं। उनका व्यक्तित्व धर्म, कर्म, प्रेम, ज्ञान और नेतृत्व जैसे सभी गुणों का समावेश है। आइए समझते हैं…

जानिए श्री कृष्ण के प्रिय बाल मित्रों के नाम – कौन थे श्री कृष्ण के बाल सखा?

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भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में उनके मित्रों का विशेष महत्व रहा है। बचपन से लेकर उनके किशोरावस्था तक, श्रीकृष्ण ने कई सखा और सखियों के साथ अद्भुत समय बिताया। गोकुल और वृंदावन में उनके बचपन के कुछ खास मित्र थे, जिनके साथ उन्होंने अपनी लीलाएं कीं। लगभग 11 वर्ष की उम्र तक वे इन मित्रों…

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ और श्रवण…

गोपाल सहस्रनामावली

गोपाल सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, “गोपाल” के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। “गोपाल” का अर्थ है गोकुल के रक्षक, गऊओं के पालनहार और समस्त प्राणियों के संरक्षक। इस सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के उन गुणों और लीलाओं का वर्णन है जो उनके बाल रूप में प्रकट होते हैं। यह सहस्रनामावली…

राधा कृष्ण सहस्रनामावली

राधा कृष्ण सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा के दिव्य स्वरूप और उनके गुणों का वर्णन करने वाला एक पवित्र ग्रंथ है। इसमें राधा-कृष्ण के 1000 नामों का संकलन है, जो उनकी दिव्यता, प्रेम, और भक्ति का प्रतीक हैं। यह सहस्रनामावली राधा-कृष्ण के प्रति समर्पण को बढ़ाती है और भक्तों को उनके अद्वितीय प्रेम का…

कृष्ण ककार सहस्रनामावली

कृष्ण ककार सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो “क” अक्षर से प्रारंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के अनुपम गुणों, उनकी लीला, और उनके विभिन्न स्वरूपों का वर्णन करती है। भगवान कृष्ण जगत के पालनकर्ता, प्रेम और करुणा के प्रतीक, और मानव जीवन के मार्गदर्शक हैं। उनके नामों…

श्री कृष्ण सहस्रनामावली

श्री कृष्ण सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार पवित्र और दिव्य नामों का वर्णन है। यह नाम उनके विभिन्न स्वरूपों, लीलाओं, गुणों और महिमा को प्रकट करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें योगेश्वर, मुरलीधर और गोविंद के नाम से भी जाना जाता है, प्रेम, करुणा और ज्ञान के प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ करने…

मधुराष्टकम्

॥ मधुराष्टकम् ॥ अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं । हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥ वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरं । चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥ वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ । नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥ गीतं मधुरं पीतं मधुरं…

श्री युगलाष्टकम्

॥ युगलाष्टकम् ॥ कृष्णप्रेममयी राधा राधाप्रेम मयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम् ॥ कृष्णस्य द्रविणं राधा राधायाः द्रविणं हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम् ॥ कृष्णप्राणमयी राधा राधाप्राणमयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम् ॥ कृष्णद्रवामयी राधा राधाद्रवामयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम् ॥ कृष्ण गेहे स्थिता राधा राधा गेहे स्थितो हरिः ।…

श्री कृष्णाष्टकम्

॥ श्री कृष्णाष्टकम् ॥ भजे व्रजैक मण्डनम्, समस्त पाप खण्डनम्, स्वभक्त चित्त रञ्जनम्, सदैव नन्द नन्दनम्, सुपिन्छ गुच्छ मस्तकम् , सुनाद वेणु हस्तकम् , अनङ्ग रङ्ग सागरम्, नमामि कृष्ण नागरम् ॥ मनोज गर्व मोचनम् विशाल लोल लोचनम्, विधूत गोप शोचनम् नमामि पद्म लोचनम्, करारविन्द भूधरम् स्मितावलोक सुन्दरम्, महेन्द्र मान दारणम्, नमामि कृष्ण वारणम् ॥ कदम्ब…

श्री गोपाष्टमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गोपाष्टमी पूजन विधि || इस दिन बछड़े सहित गाय का पूजन करने का विधान है। इस दिन प्रातः काल उठ कर नित्य कर्म से निवृत हो कर स्नान करते है, प्रातः काल ही गौओं और उनके बछड़ों को भी स्नान कराया जाता है। गौ माता के अंगों में मेहंदी, रोली हल्दी आदि के थापे…

कराग्रे वसते लक्ष्मी श्लोक – अर्थ सहित

।। कराग्रे वसते लक्ष्मी – श्लोक ।। कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविन्दं प्रभाते करदर्शनम्।। हिंदी अर्थ: हमारे हाथों की अंगुलियों के अग्रभाग में माता लक्ष्मी का वास होता है, हाथों के बीच में माता सरस्वती का निवास है, और हाथों की जड़ में भगवान गोविन्द का स्थान है। इसलिए, सुबह के समय…

करारविन्देन पदारविन्दं – श्लोक अर्थ सहित

॥ करारविन्देन पदारविन्दं – श्लोक ॥ करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम् । वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि ॥ हिंदी अर्थ: मैं अपने मन से उस बाल मुकुंद (भगवान कृष्ण) का स्मरण करता हूँ, जो वट वृक्ष के पत्ते पर शयन कर रहे हैं। जिनके कोमल हाथ कमल के समान हैं, जो अपने कमल समान…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्र

।। श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्र ।। ।। अथ ध्यानम ।। कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्ष:स्थले कौस्तुभं नासाग्रे वरमौत्तिकं करतले वेणुं करे कंकणम । सर्वाड़्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलि – र्गोपस्रीपरिवेष्टितो विजयते गोपालचूडामणि: ।। फुल्लेन्दीवरकान्तिमिन्दुवदनं बर्हावतंसप्रियं श्रीवत्साड़्कमुदारकौस्तुभधरं पीताम्बरं सुन्दरम । गोपीनां नयनोत्पलार्चिततनुं गोगोपसंघावृतं गोविन्दं कलवेणुवादनपरं दिव्याड़्गभूषं भजे ।। इति ध्यानम ऊँ क्लीं देव: कामदेव: कामबीजशिरोमणि: । श्रीगोपालको…

श्री कृष्ण चालीसा

|| श्री कृष्ण चालीसा || ॥ दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बिम्बा फल, पिताम्बर शुभ साज॥ जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥ ॥ चौपाई ॥ जय यदुनंदन जय जगवंदन। जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।…

Shri Krishan Chalisa

|| Shri Krishan Chalisa || || Doha || Banshi Shobhit Kar Madhur, Nil Jalaj Tanu Shyam | Arun Adhar Janu Bimba Phal, Nayan Kamal Abhiram || Puran Indu Arvind Mukh, Pitambar Suchi Saj | Jai Man Mohan Madan Chhavi, Krishiaachandra Maharaj || || Choupaii || Jai Jai Yadunandan Jag Vandan | Jai Vasudev Devki Nandan…

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

|| कृष्णा जन्माष्टमी व्रत कथा || द्वापर युग में जब पृथ्वी पाप तथा अत्याचारों से तपने लगी| तब वह गाय का रूप बनाकर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के पास गई| ब्रह्मा जी ने जब सभी देवताओं के साथ पृथ्वी जी की दुख भरी कथा सुनी तब सभी देवताओं ने ब्रह्मा जी से कहा यह तो अत्यंत…

लड्डू गोपाल के लिए पसंदीदा भोग लिस्ट, जानें भोग की विधि और सामग्री

krishna bhog

लड्डू गोपाल को भोग लगाना भगवान कृष्ण की पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, और ऐसा माना जाता है कि भगवान स्वादिष्ट भोग ग्रहण करके भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। लड्डू गोपाल के लिए भोग अर्पित करना विशेष महत्वपूर्ण होता है। भोग लगाकर भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न…

कृष्णाच्या जन्माची कहाणी

॥ जन्माष्टमीचे व्रत कसे करावे ॥ जन्माष्टमीचे व्रत हे अष्टमीच्या दिवशी एकभुक्त राहून करावे. मध्यरात्री शुचिर्भूत होऊन संकल्प करावा. यानंतर बाळकृष्णाची मूर्ती किंवा प्रतिमा स्थापन करावी. यानंतर सपरिवार श्रीकृष्णाची षोडशोपचार पूजा करावी. धूप, दीप, नैवेद्य दाखवावा. श्रीकृष्णाची आरती करावी. पूजा करून पुरुषसूक्त, विष्णूसूक्ताचे स्तवन करावे. वाद्यांचा घोष, गीतांचे मंगल स्वर, पुराण, इतिहासातील निरनिराळ्या सत्कथा ऐकत…

श्री कृष्ण भोग आरती

।। श्री कृष्ण भोग आरती ।। आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… दुर्योधन को मेवा त्यागो, साग विदुर घर खायो प्यारे मोहन, आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन… आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… वृदावन की कुञ्ज गली मे, आओं रास…

श्री कृष्णाची आरती

॥ श्री कृष्णाची आरती ॥ ओवालू आरती मदनगोपाळा। श्यामसुन्दर गळा लं वैजयन्तीमाळा॥ चरणकमल ज्याचे अति सुकुमार। ध्वजवज्रानकुश ब्रीदाचा तोडर॥ ओवालू आरती मदनगोपाळा…॥ नाभीकमळ ज्याचेब्रह्मयाचे स्थान। ह्रीदयीन पदक शोभे श्रीवत्सलांछन॥ ओवालू आरती मदनगोपाळा…॥ मुखकमळा पाहता सूर्याचिया कोटी। वेधीयेले मानस हारपली धृष्टी॥ ओवालू आरती मदनगोपाळा…॥ जडित मुगुट ज्याच्या देदीप्यमान। तेणे तेजे कोदले अवघे त्रिभुवन॥ ओवालू आरती मदनगोपाळा…॥…

श्री बाल कृष्ण जी आरती

|| बाल कृष्ण आरती || आरती बाल कृष्ण की कीजै, अपना जन्म सफल कर लीजै ॥ श्री यशोदा का परम दुलारा, बाबा के अँखियन का तारा । गोपियन के प्राणन से प्यारा, इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥ ॥ आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥ बलदाऊ के छोटे भैया, कनुआ कहि कहि बोले मैया । परम…

श्री कृष्ण जी के मंत्र लाभ सहित

।। श्री कृष्ण मंत्र के लाभ ।। श्री कृष्ण मंत्र का जाप करने से सभी पापो का नाश होता है और सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है श्री कृष्णा भगवन की पूजा बुधवार के दिन करना शुभ माना जाता है श्री कृष्णा मंत्र का जाप करने से जीवन में सकरात्मकता आती है श्री कृष्णा मंत्र…

Aarti Kunj Bihari Ki (Krishna Aarti)

|| Aarti Kunj Bihari Ki || ॥ Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥ Gale Mein Baijanti Mala, Bajave Murali Madhur Bala। Shravan Mein Kundal Jhalakala, Nand Ke Anand Nandlala। Gagan Sam Ang Kanti Kali, Radhika Chamak Rahi Aali। Latan Mein Thadhe Banamali; Bhramar Si Alak, Kasturi Tilak, Chandra Si Jhalak; Lalit…

आरती कुंजबिहारी की (Shri Krishna Aarti)

|| आरती कुंजबिहारी की || आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला । श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला । गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली । लतन में ठाढ़े बनमाली…

गोपेश्वर महादेव की लीला कथा

|| गोपेश्वर महादेव की कथा || एक बार शरद पूर्णिमा की उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक रात बनाकर मन्मथ का मानमर्दन करने के लिए महारास किया था। जब महारास की गूंज सारी त्रिलोकी में फैल गई, तो हमारे भोले बाबा…

শ্ৰী কৃষ্ণ স্তুতি

|| শ্ৰী কৃষ্ণ স্তুতি || ৱংশীৱাদনমেৱ যস্য সুৰুচিঙ্গোচাৰণং তৎপৰং ৱৃন্দাৰণ্যৱিহাৰণাৰ্থ গমনং গোৱংশ সঙ্ঘাৱৃতম্ । নানাৱৃক্ষ লতাদিগুল্মষু শুভং লীলাৱিলাশং কৃতং তং ৱন্দে যদুনন্দনং প্ৰতিদিনং ভক্তান্ সুশান্তিপ্ৰদম্ ॥ একস্মিন্ সময়ে সুচাৰূ মুৰলীং সংৱাদয়ন্তং জনান্ স্ৱানন্দৈকৰসেন পূৰ্ণজগতিং ৱংশীৰৱম্পায়যন্ । সুস্ৱাদুসুধয়া তৰঙ্গ সকললোকেষু ৱিস্তাৰয়ন্ তং ৱন্দে যদুনন্দনং প্ৰতিদিনং স্ৱানন্দ শান্তি প্ৰদম্ ॥ ৱৰ্হাপীড সুশোভিতঞ্চ শিৰসি নৃত্যঙ্কৰং সুন্দৰং ওঁকাৰৈকসমানৰূপমধুৰং ৱক্ষস্থলেমালিকাম্…

શ્રી કૃષ્ણ સ્તુતિ

|| શ્રી કૃષ્ણ સ્તુતિ || વંશીવાદનમેવ યસ્ય સુરુચિઙ્ગોચારણં તત્પરં વૃન્દારણ્યવિહારણાર્થ ગમનં ગોવંશ સઙ્ઘાવૃતમ્ . નાનાવૃક્ષ લતાદિગુલ્મષુ શુભં લીલાવિલાશં કૃતં તં વન્દે યદુનન્દનં પ્રતિદિનં ભક્તાન્ સુશાન્તિપ્રદમ્ .. એકસ્મિન્ સમયે સુચારૂ મુરલીં સંવાદયન્તં જનાન્ સ્વાનન્દૈકરસેન પૂર્ણજગતિં વંશીરવમ્પાયયન્ . સુસ્વાદુસુધયા તરઙ્ગ સકલલોકેષુ વિસ્તારયન્ તં વન્દે યદુનન્દનં પ્રતિદિનં સ્વાનન્દ શાન્તિ પ્રદમ્ .. વર્હાપીડ સુશોભિતઞ્ચ શિરસિ નૃત્યઙ્કરં સુન્દરં ૐકારૈકસમાનરૂપમધુરં વક્ષસ્થલેમાલિકામ્…

ਸ਼੍ਰੀ ਕ੍ਰੁਸ਼਼੍ਣ ਸ੍ਤੁਤਿ

|| ਸ਼੍ਰੀ ਕ੍ਰੁਸ਼਼੍ਣ ਸ੍ਤੁਤਿ || ਵੰਸ਼ੀਵਾਦਨਮੇਵ ਯਸ੍ਯ ਸੁਰੁਚਿਙ੍ਗੋਚਾਰਣੰ ਤਤ੍ਪਰੰ ਵ੍ਰੁਨ੍ਦਾਰਣ੍ਯਵਿਹਾਰਣਾਰ੍ਥ ਗਮਨੰ ਗੋਵੰਸ਼ ਸਙ੍ਘਾਵ੍ਰੁਤਮ੍ । ਨਾਨਾਵ੍ਰੁਕ੍ਸ਼਼ ਲਤਾਦਿਗੁਲ੍ਮਸ਼਼ੁ ਸ਼ੁਭੰ ਲੀਲਾਵਿਲਾਸ਼ੰ ਕ੍ਰੁਤੰ ਤੰ ਵਨ੍ਦੇ ਯਦੁਨਨ੍ਦਨੰ ਪ੍ਰਤਿਦਿਨੰ ਭਕ੍ਤਾਨ੍ ਸੁਸ਼ਾਨ੍ਤਿਪ੍ਰਦਮ੍ ॥ ਏਕਸ੍ਮਿਨ੍ ਸਮਯੇ ਸੁਚਾਰੂ ਮੁਰਲੀਂ ਸੰਵਾਦਯਨ੍ਤੰ ਜਨਾਨ੍ ਸ੍ਵਾਨਨ੍ਦੈਕਰਸੇਨ ਪੂਰ੍ਣਜਗਤਿੰ ਵੰਸ਼ੀਰਵਮ੍ਪਾਯਯਨ੍ । ਸੁਸ੍ਵਾਦੁਸੁਧਯਾ ਤਰਙ੍ਗ ਸਕਲਲੋਕੇਸ਼਼ੁ ਵਿਸ੍ਤਾਰਯਨ੍ ਤੰ ਵਨ੍ਦੇ ਯਦੁਨਨ੍ਦਨੰ ਪ੍ਰਤਿਦਿਨੰ ਸ੍ਵਾਨਨ੍ਦ ਸ਼ਾਨ੍ਤਿ ਪ੍ਰਦਮ੍ ॥ ਵਰ੍ਹਾਪੀਡ ਸੁਸ਼ੋਭਿਤਞ੍ਚ ਸ਼ਿਰਸਿ ਨ੍ਰੁਤ੍ਯਙ੍ਕਰੰ ਸੁਨ੍ਦਰੰ ੴਕਾਰੈਕਸਮਾਨਰੂਪਮਧੁਰੰ ਵਕ੍ਸ਼਼ਸ੍ਥਲੇਮਾਲਿਕਾਮ੍…

শ্রী কৃষ্ণ স্তুতি

|| শ্রী কৃষ্ণ স্তুতি || বংশীবাদনমেব যস্য সুরুচিঙ্গোচারণং তৎপরং বৃন্দারণ্যবিহারণার্থ গমনং গোবংশ সঙ্ঘাবৃতম্ । নানাবৃক্ষ লতাদিগুল্মষু শুভং লীলাবিলাশং কৃতং তং বন্দে যদুনন্দনং প্রতিদিনং ভক্তান্ সুশান্তিপ্রদম্ ॥ একস্মিন্ সময়ে সুচারূ মুরলীং সংবাদয়ন্তং জনান্ স্বানন্দৈকরসেন পূর্ণজগতিং বংশীরবম্পায়যন্ । সুস্বাদুসুধয়া তরঙ্গ সকললোকেষু বিস্তারয়ন্ তং বন্দে যদুনন্দনং প্রতিদিনং স্বানন্দ শান্তি প্রদম্ ॥ বর্হাপীড সুশোভিতঞ্চ শিরসি নৃত্যঙ্করং সুন্দরং ওঁকারৈকসমানরূপমধুরং বক্ষস্থলেমালিকাম্…

శ్రీ కృష్ణ స్తుతి

|| శ్రీ కృష్ణ స్తుతి || వంశీవాదనమేవ యస్య సురుచింగోచారణం తత్పరం వృందారణ్యవిహారణార్థ గమనం గోవంశ సంఘావృతం . నానావృక్ష లతాదిగుల్మషు శుభం లీలావిలాశం కృతం తం వందే యదునందనం ప్రతిదినం భక్తాన్ సుశాంతిప్రదం .. ఏకస్మిన్ సమయే సుచారూ మురలీం సంవాదయంతం జనాన్ స్వానందైకరసేన పూర్ణజగతిం వంశీరవంపాయయన్ . సుస్వాదుసుధయా తరంగ సకలలోకేషు విస్తారయన్ తం వందే యదునందనం ప్రతిదినం స్వానంద శాంతి ప్రదం .. వర్హాపీడ సుశోభితంచ శిరసి నృత్యంకరం సుందరం ఓంకారైకసమానరూపమధురం వక్షస్థలేమాలికాం…

കൃഷ്ണ ആശ്രയ സ്തോത്രം

|| കൃഷ്ണ ആശ്രയ സ്തോത്രം || സർവമാർഗേഷു നഷ്ടേഷു കലൗ ച ഖലധർമിണി. പാഷണ്ഡപ്രചുരേ ലോകേ കൃഷ്ണ ഏവ ഗതിർമമ. മ്ലേച്ഛാക്രാന്തേഷു ദേശേഷു പാപൈകനിലയേഷു ച. സത്പീഡാവ്യഗ്രലോകേഷു കൃഷ്ണ ഏവ ഗതിർമമ. ഗംഗാദിതീർഥവര്യേഷു ദുഷ്ടൈരേവാവൃതേഷ്വിഹ. തിരോഹിതാധിദൈവേഷു കൃഷ്ണ ഏവ ഗതിർമമ. അഹങ്കാരവിമൂഢേഷു സത്സു പാപാനുവർതിഷു. ലോഭപൂജാർഥലാഭേഷു കൃഷ്ണ ഏവ ഗതിർമമ. അപരിജ്ഞാനനഷ്ടേഷു മന്ത്രേഷ്വവ്രതയോഗിഷു. തിരോഹിതാർഥദൈവേഷു കൃഷ്ണ ഏവ ഗതിർമമ. നാനാവാദവിനഷ്ടേഷു സർവകർമവ്രതാദിഷു. പാഷണ്ഡൈകപ്രയത്നേഷു കൃഷ്ണ ഏവ ഗതിർമമ. അജാമിലാദിദോഷാണാം നാശകോഽനുഭവേ സ്ഥിതഃ. ജ്ഞാപിതാഖിലമാഹാത്മ്യഃ കൃഷ്ണ ഏവ ഗതിർമമ….

కృష్ణ ఆశ్రయ స్తోత్రం

|| కృష్ణ ఆశ్రయ స్తోత్రం || సర్వమార్గేషు నష్టేషు కలౌ చ ఖలధర్మిణి. పాషండప్రచురే లోకే కృష్ణ ఏవ గతిర్మమ. మ్లేచ్ఛాక్రాంతేషు దేశేషు పాపైకనిలయేషు చ. సత్పీడావ్యగ్రలోకేషు కృష్ణ ఏవ గతిర్మమ. గంగాదితీర్థవర్యేషు దుష్టైరేవావృతేష్విహ. తిరోహితాధిదైవేషు కృష్ణ ఏవ గతిర్మమ. అహంకారవిమూఢేషు సత్సు పాపానువర్తిషు. లోభపూజార్థలాభేషు కృష్ణ ఏవ గతిర్మమ. అపరిజ్ఞాననష్టేషు మంత్రేష్వవ్రతయోగిషు. తిరోహితార్థదైవేషు కృష్ణ ఏవ గతిర్మమ. నానావాదవినష్టేషు సర్వకర్మవ్రతాదిషు. పాషండైకప్రయత్నేషు కృష్ణ ఏవ గతిర్మమ. అజామిలాదిదోషాణాం నాశకోఽనుభవే స్థితః. జ్ఞాపితాఖిలమాహాత్మ్యః కృష్ణ ఏవ గతిర్మమ….

ಕೃಷ್ಣ ಆಶ್ರಯ ಸ್ತೋತ್ರ

ಕೃಷ್ಣ ಆಶ್ರಯ ಸ್ತೋತ್ರ ಸರ್ವಮಾರ್ಗೇಷು ನಷ್ಟೇಷು ಕಲೌ ಚ ಖಲಧರ್ಮಿಣಿ. ಪಾಷಂಡಪ್ರಚುರೇ ಲೋಕೇ ಕೃಷ್ಣ ಏವ ಗತಿರ್ಮಮ. ಮ್ಲೇಚ್ಛಾಕ್ರಾಂತೇಷು ದೇಶೇಷು ಪಾಪೈಕನಿಲಯೇಷು ಚ. ಸತ್ಪೀಡಾವ್ಯಗ್ರಲೋಕೇಷು ಕೃಷ್ಣ ಏವ ಗತಿರ್ಮಮ. ಗಂಗಾದಿತೀರ್ಥವರ್ಯೇಷು ದುಷ್ಟೈರೇವಾವೃತೇಷ್ವಿಹ. ತಿರೋಹಿತಾಧಿದೈವೇಷು ಕೃಷ್ಣ ಏವ ಗತಿರ್ಮಮ. ಅಹಂಕಾರವಿಮೂಢೇಷು ಸತ್ಸು ಪಾಪಾನುವರ್ತಿಷು. ಲೋಭಪೂಜಾರ್ಥಲಾಭೇಷು ಕೃಷ್ಣ ಏವ ಗತಿರ್ಮಮ. ಅಪರಿಜ್ಞಾನನಷ್ಟೇಷು ಮಂತ್ರೇಷ್ವವ್ರತಯೋಗಿಷು. ತಿರೋಹಿತಾರ್ಥದೈವೇಷು ಕೃಷ್ಣ ಏವ ಗತಿರ್ಮಮ. ನಾನಾವಾದವಿನಷ್ಟೇಷು ಸರ್ವಕರ್ಮವ್ರತಾದಿಷು. ಪಾಷಂಡೈಕಪ್ರಯತ್ನೇಷು ಕೃಷ್ಣ ಏವ ಗತಿರ್ಮಮ. ಅಜಾಮಿಲಾದಿದೋಷಾಣಾಂ ನಾಶಕೋಽನುಭವೇ ಸ್ಥಿತಃ. ಜ್ಞಾಪಿತಾಖಿಲಮಾಹಾತ್ಮ್ಯಃ ಕೃಷ್ಣ ಏವ ಗತಿರ್ಮಮ. ಪ್ರಾಕೃತಾಃ ಸಕಲಾ…

कृष्ण आश्रय स्तोत्र

|| कृष्ण आश्रय स्तोत्र || सर्वमार्गेषु नष्टेषु कलौ च खलधर्मिणि। पाषण्डप्रचुरे लोके कृष्ण एव गतिर्मम। म्लेच्छाक्रान्तेषु देशेषु पापैकनिलयेषु च। सत्पीडाव्यग्रलोकेषु कृष्ण एव गतिर्मम। गङ्गादितीर्थवर्येषु दुष्टैरेवावृतेष्विह। तिरोहिताधिदैवेषु कृष्ण एव गतिर्मम। अहङ्कारविमूढेषु सत्सु पापानुवर्तिषु। लोभपूजार्थलाभेषु कृष्ण एव गतिर्मम। अपरिज्ञाननष्टेषु मन्त्रेष्वव्रतयोगिषु। तिरोहितार्थदैवेषु कृष्ण एव गतिर्मम। नानावादविनष्टेषु सर्वकर्मव्रतादिषु। पाषण्डैकप्रयत्नेषु कृष्ण एव गतिर्मम। अजामिलादिदोषाणां नाशकोऽनुभवे स्थितः। ज्ञापिताखिलमाहात्म्यः कृष्ण एव गतिर्मम।…

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