Download HinduNidhi App
Misc

श्री अनंतनाथ आरती

Anantnath Aarti Hindi

MiscAarti (आरती संग्रह)हिन्दी
Share This

।। आरती ।।

करते हैं प्रभू की आरती, आतमज्योति जलेगी।
प्रभुवर अनंत की भक्ती, सदा सौख्य भरेगी।।
हे त्रिभुवन स्वामी, हे अन्तर्यामी ।।

करते हैं प्रभू की आरती, आतमज्योति जलेगी…

हे सिंहसेन के राजदुलारे, जयश्यामा के प्यारे।
साकेतपुरी के नाथ, अनंत गुणाकर तुम न्यारे।।
तेरी भक्ती से हर प्राणी में शक्ति जगेगी,
हे त्रिभुवन स्वामी, हे अन्तर्यामी ।।

करते हैं प्रभू की आरती, आतमज्योति जलेगी…

वदि ज्येष्ठ द्वादशी मे प्रभुवर, दीक्षा को धारा था,
चैत्री मावस में ज्ञानकल्याणक उत्सव प्यारा था।
प्रभु की दिव्यध्वनि दिव्यज्ञान आलोक भरेगी,
हे त्रिभुवन स्वामी, हे अन्तर्यामी ।।

करते हैं प्रभू की आरती, आतमज्योति जलेगी…

करते हैं प्रभू की आरती, आतमज्योति जलेगी।
प्रभुवर अनंत की भक्ती, सदा सौख्य भरेगी।।
हे त्रिभुवन स्वामी, हे अन्तर्यामी ।।

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download HinduNidhi App
श्री अनंतनाथ आरती PDF

Download श्री अनंतनाथ आरती PDF

श्री अनंतनाथ आरती PDF

Leave a Comment