|| आरती ||
नामु तेरो आरती भजनु मुरारे ।
हरि के नाम बिनु झूठे सगल पसारे ॥
नाम तेरा आसानी नाम तेरा उरसा ।
नाम तेरा केसरो ले छिटकारे ॥
नाम तेरा अंभुला नाम तेरा चंदनोघसि ।
जपे नाम ले तुझहि कउ चारे ॥
नाम तेरा दीवा नाम तेरो बाती ।
नाम तेरो तेल ले माहि पसारे ॥
नाम तेरे की जोति जलाई ।
भइओ उजिआरो भवन समलारे ॥
नाम तेरो तागा नाम फूल माला ।
भार अठारह सगल जुठारे ॥
तेरो किया तुझही किया अरपउ ।
नामु तेरा तुही चंवर ढोलारे ॥
दस अठा अठसठे चार खाणी ।
इहै वरतणि है संगल संसारे ॥
कहै रविदास नाम तेरो आरती ।
सतनाम है हरि भोग तुम्हारे ॥
॥ इति श्री रविदास आरती संपूर्णम् ॥
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