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नीम करोली बाबा के 5 अद्भुत चमत्कार जो ‘विज्ञान’ को भी सोच में डाल देते हैं

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क्या आपने कभी सोचा है कि एक व्यक्ति, जो न तो कोई ‘साइंटिस्ट’ (Scientist) था और न ही कोई जादूगर, केवल अपनी इच्छाशक्ति और प्रेम से ‘भौतिक नियमों’ (Physical Laws) को कैसे बदल सकता है? नीम करोली बाबा, जिन्हें उनके भक्त “महाराज जी” कहकर पुकारते हैं, भारतीय आध्यात्मिकता के ऐसे ही एक रहस्यमय संत थे।

उनके जीवन से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं हैं, जिन्हें सुनकर बड़े-बड़े ‘तर्कवादी’ (Rationalists) भी सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। आइए, हम बाबा के 5 ऐसे ‘चमत्कारों’ (Miracles) के बारे में जानते हैं, जो ‘विज्ञान’ (Science) और ‘तर्क’ (Logic) की सीमाओं से परे हैं, और यह दर्शाते हैं कि ‘आस्था’ (Faith) में कितनी बड़ी शक्ति होती है।

चमत्कार – बिना पानी के ट्रेन को रोकना

यह बाबा के सबसे प्रसिद्ध और ‘शुरुआती’ (Initial) चमत्कारों में से एक है, जिसने पहली बार लोगों को उनकी ‘अलौकिक शक्ति’ (Supernatural Power) से परिचित कराया।

घटना का विवरण

एक बार बाबा ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। ‘फर्स्ट क्लास’ (First Class) की टिकट न होने के कारण, ‘गार्ड’ (Guard) ने उन्हें ट्रेन से उतरने को कहा। बाबा नीचे उतर गए, लेकिन जैसे ही ट्रेन आगे बढ़ने लगी, वह रुक गई। लोकोमोटिव को स्टार्ट करने के लिए ‘ड्राइवर’ (Driver) ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन ट्रेन एक इंच भी नहीं हिली। जब सब थक गए, तो किसी ने सुझाव दिया कि यह उस संत का ‘चमत्कार’ (Miracle) हो सकता है जिन्हें उतारा गया था। कर्मचारियों ने बाबा से ‘माफी’ (Apology) मांगी और उन्हें सम्मानपूर्वक वापस बैठने का अनुरोध किया। जैसे ही बाबा वापस ट्रेन में बैठे, ट्रेन बिना किसी परेशानी के ‘स्मूथली’ (Smoothly) चल पड़ी। ‘स्टीम इंजन’ (Steam Engine) के युग में, ‘मैकेनिकल फेलियर’ (Mechanical Failure) के बिना एक पूरी ट्रेन का अचानक रुक जाना और संत के बैठने पर फिर से चल पड़ना, किसी भी इंजीनियरिंग ‘एक्सपर्ट’ (Expert) के लिए एक पहेली है।

चमत्कार – कंबल में लगी आग और ठंडे पानी का ‘सत्य’

यह घटना ‘नैनीताल’ (Nainital) के पास कैंची धाम आश्रम की है, जो बाबा की ‘दिव्य उपस्थिति’ (Divine Presence) को दर्शाती है।

घटना का विवरण

एक बेहद गर्म दिन में, बाबा अपने भक्तों के साथ बैठे थे। अचानक, उनके ‘कंबल’ (Blanket) में आग लग गई। भक्तों ने घबराकर पानी की बाल्टी लाने की कोशिश की, लेकिन बाबा ने उन्हें ‘शांत’ (Calm) रहने का इशारा किया। जब कंबल पूरी तरह जल गया, तब भक्तों ने देखा कि बाबा को जरा भी ‘नुकसान’ (Harm) नहीं पहुंचा और न ही उन्हें गर्मी महसूस हुई। बाबा ने बताया कि वह आग नहीं थी, बल्कि उनकी ‘तपस्या’ (Penance) की गर्मी थी। एक अन्य प्रसिद्ध कहानी में, बाबा ने अपने एक प्यासे भक्त के लिए पास की ‘कुएं’ (Well) के पानी को छूकर मीठा और ठंडा कर दिया था, जबकि वह पानी पहले ‘खारा’ (Salty) था। शरीर पर ‘ऊष्मा’ (Heat) के नियम को पूरी तरह से ‘नकार’ (Deny) देना और पानी के ‘केमिकल स्ट्रक्चर’ (Chemical Structure) को बिना किसी उपकरण के बदल देना, यह सिद्ध करता है कि वे ‘ऊर्जा’ (Energy) के एक भिन्न स्तर पर काम कर रहे थे।

चमत्कार – भक्त को ‘भूख’ (Hunger) से बचाना

बाबा का सबसे बड़ा ‘उपदेश’ (Preaching) था- “सबको प्यार करो, सबको खिलाओ।” वह अपने भक्तों की ‘शारीरिक’ (Physical) और ‘मानसिक’ (Mental) दोनों जरूरतों का ध्यान रखते थे।

घटना का विवरण

एक बार बाबा के एक भक्त को बहुत तेज़ भूख लगी थी, लेकिन उस समय आश्रम में भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी। भक्त ने मन ही मन बाबा से ‘विनती’ (Pleading) की। कुछ ही पलों में, एक अनजान व्यक्ति ‘अचानक’ (Suddenly) वहां प्रकट हुआ, जिसने ढेर सारा भोजन और ‘ताज़े फल’ (Fresh Fruits) लाकर भक्त को दिए। भोजन समाप्त होते ही वह व्यक्ति भी ‘गायब’ (Vanished) हो गया। जब भक्त ने बाबा से इस बारे में पूछा, तो बाबा केवल मुस्कुराए और बोले, “तुम भूखे थे, इसलिए भगवान ने स्वयं तुम्हारे लिए भोजन भेजा।” एक जटिल ज़रूरत के समय, ‘सही जगह’ (Right Place) और ‘सही समय’ (Right Time) पर किसी बाहरी व्यक्ति का ‘अप्रत्याशित’ (Unexpected) आगमन, क्या यह सिर्फ एक ‘संयोग’ (Coincidence) था? या फिर यह बाबा की इच्छाशक्ति थी जिसने ‘ब्रह्मांड’ (Universe) की ऊर्जाओं को संचालित किया?

चमत्कार – ‘बादलों’ (Clouds) को ‘कंट्रोल’ (Control) करना

यह घटना बाबा की ‘प्रकृति’ (Nature) पर नियंत्रण की शक्ति को दर्शाती है।

घटना का विवरण

कैंची धाम में एक बड़ा ‘भंडारा’ (Community Feast) चल रहा था। उस दिन भयंकर गर्मी थी और लोग धूप से बेहाल थे। भक्तों ने बाबा से प्रार्थना की कि वे कुछ करें। बाबा ने केवल आसमान की ओर देखा और अपने हाथ से ‘बादलों’ को आने का ‘संकेत’ (Signal) दिया। कुछ ही मिनटों में, आसमान में ‘घने बादल’ (Dense Clouds) छा गए और एक ‘सुखद वर्षा’ (Pleasant Rain) होने लगी। वर्षा केवल आश्रम के ‘परिसर’ (Premises) तक ही सीमित थी, जबकि आस-पास का क्षेत्र सूखा रहा। किसी एक विशिष्ट ‘भौगोलिक क्षेत्र’ (Geographical Area) पर वर्षा को केंद्रित करना और अन्यत्र सूखा रखना, मौसम ‘विज्ञान’ (Meteorology) के वर्तमान सिद्धांतों को चुनौती देता है।

चमत्कार – भक्तों के ‘मन की बात’ (Mind Reading) जानना

बाबा के पास अपने भक्तों के ‘मन’ (Mind) को पढ़ने और उनके ‘गुप्त विचारों’ (Secret Thoughts) को जानने की अद्भुत क्षमता थी।

घटना का विवरण

कई बार, बाबा अपने भक्तों को उनके जीवन की उन ‘समस्याओं’ (Problems) का समाधान बताते थे जिनके बारे में भक्तों ने उन्हें कभी बताया ही नहीं था। उन्होंने कई बार भक्तों को भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं या ‘स्वास्थ्य समस्याओं’ (Health Issues) के बारे में पहले से ही चेतावनी दी, जिससे उनकी जान बच गई। एक बार एक भक्त ने ‘मौन’ (Silence) रहते हुए सोचा कि वह बाबा को कुछ रुपए भेंट करेगा। इससे पहले कि भक्त कुछ कह पाता, बाबा ने उस ‘राशि’ (Amount) का ज़िक्र किया और मुस्कुराते हुए कहा, “पैसे की चिंता न करो, बस प्रेम से सेवा करो।” ‘टेलीपैथी’ (Telepathy) या ‘मानसिक पठन’ (Mental Reading) आज भी ‘पैरासाइकोलॉजी’ (Parapsychology) के क्षेत्र में एक रहस्य है। बाबा के पास यह ‘शक्ति’ (Power) सहज रूप से मौजूद थी।

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