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ब्रजराज ब्रजबिहारी! इतनी विनय हमारी – भजन

Brajaraj Brajbihari Itni Vinay Hamari Bhajan Hindi Lyrics

Shri KrishnaBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी
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||ब्रजराज ब्रजबिहारी! इतनी विनय हमारी ||

ब्रजराज ब्रजबिहारी, गोपाल बंसीवारे
इतनी विनय हमारी, वृन्दा-विपिन बसा ले

कितने दरों पे भटके, कितने ही दर बनाये
अब तेरे हो रहें हैं, जायें न हम निकाले

ब्रजराज ब्रजबिहारी, गोपाल बंसीवारे

जोड़ी तेरी हमारी कैसी रची विधाता
जो तुम हो तन के काले, हम भी हैं मन के काले

ब्रजराज ब्रजबिहारी, गोपाल बंसीवारे

लाखों को अपना समझे, लाखों के हो लिये हम
अब तेरे हो रहे हैं, अपना हमें बना ले

ब्रजराज ब्रजबिहारी, गोपाल बंसीवारे

राज़ी तेरी रज़ा में, अपनी बनी या बिगड़े
नाचेंगे हम तो नटवर जैसा हमें नचा ले

ब्रजराज ब्रजबिहारी, गोपाल बंसीवारे
इतनी विनय हमारी, वृन्दा-विपिन बसा ले

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