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Chhath Puja 2025 Samagri List – छठ पूजा सामग्री लिस्ट, छठ पूजा नियम

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पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का आरंभ कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 25 अक्टूबर, 2025 को होगा, और इसका समापन अष्टमी तिथि यानी 28 अक्टूबर को होगा। इस अवधि में भक्त पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करेंगे।

छठ पूजा में पूजा सामग्री का विशेष महत्व होता है। मुख्य सामग्री में पीतल का पात्र, सुपारी, चावल, सिंदूर, फल, पान, गाय का घी, शहद, शकरकंदी, गुड़, ठेकुआ, और गंगाजल शामिल हैं। बांस की टोकरी, सूप, पत्तों वाले गन्ने, मूली, अदरक और हल्दी का पौधा भी आवश्यक होते हैं।

पूजा के नियमों में व्रती को नए वस्त्र पहनना, सात्विक भोजन करना, चूल्हे पर प्रसाद बनाना, और जमीन पर सोना शामिल है। मांस-मदिरा का सेवन और वाद-विवाद से बचना चाहिए। छठ पूजा के दौरान छठ पूजा व्रत कथा पढ़ना ज़रूरी होता है। ये नियम छठी मैया की कृपा पाने के लिए आवश्यक हैं।

छठ पूजा सामग्री सूची (Chhath Puja 2025 Samagri List)

  • दीपक , तेल , बाती
  • कलावा
  • कपूर
  • नारियल
  • सुपारी
  • कुमकुम
  • सिंदूर
  • दूध और जल
  • चन्दन
  • गुड
  • गुजिया
  • लड्डू
  • खाजा
  • सिंघाड़ा
  • केले
  • शरीफा
  • मूली
  • बैंगन
  • पीतल का पात्र
  • विभिन्न प्रकार के फल
  • सुपारी
  • चावल
  • सिंदूर
  • फूल
  • एक थाली
  • पान के पत्ते
  • गाय का घी
  • शहद
  • धूपबत्ती
  • शकरकंदी
  • सुथनी
  • गुड़
  • बांस का सूप
  • बड़ा नींबू
  • पानी वाला नारियल
  • मिठाईयां
  • अरवा चावल
  • गंगाजल
  • बांस की दो बड़ी टोकरी
  • पीतल का लोटा
  • ठेकुआ का प्रसाद
  • गेहूं और चावल का आटा
  • साधक के लिए नए वस्त्र
  • 5 पत्तों वाले गन्ने
  • मूली, अदरक और हल्दी के हरे पौधे

छठ पूजा के नियमों का पालन करें

  • व्रती को छठ पर्व के दौरान पलंग या तख्त पर सोने से परहेज करना चाहिए। उन्हें जमीन पर चादर बिछाकर सोना चाहिए।
  • व्रत के चार दिनों तक व्रती को नए और साफ वस्त्र पहनने चाहिए।
  • मांसाहार और मदिरा का सेवन पूरी तरह वर्जित है। इसे करने से छठी मैया का आशीर्वाद नहीं मिलता है।
  • इस दौरान किसी से विवाद न करें और बड़े-बुजुर्गों और महिलाओं का सम्मान करें।
  • पूजा के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। लहसुन और प्याज का सेवन भी न करें।
  • व्रती को ही छठ का प्रसाद बनाना चाहिए या उसमें सहयोग करना चाहिए। प्रसाद पारंपरिक चूल्हे पर ही तैयार किया जाए।
  • पूजा में पहने गए वस्त्रों का उपयोग सिर्फ पूजा में हो और उस पर सुई का काम न हुआ हो। फॉल लगी साड़ी न पहनें।
  • पूजा में बांस से बने सूप और टोकरियों का ही प्रयोग करें। व्रती चटाई बिछाकर जमीन पर ही सोएं।
  • छठ पूजा के दौरान बाल, नाखून आदि कटवाने से बचें।
  • पूजा के दौरान कुछ चीजों को अनावश्यक रूप से स्पर्श न करें, जैसे अनाज या अन्य तामसिक सामग्री।
  • पूजा के चार दिनों तक तामसिक भोजन न करें, इससे जीवन में नकारात्मकता आ सकती है।
  • व्रती को बेड पर सोने से बचना चाहिए, इससे व्रत का संकल्प कमजोर हो सकता है।
  • पूजा के वस्त्रों को एक बार पहनने के बाद बिना धोए दोबारा न पहनें।
  • छठ के दौरान मिट्टी के चूल्हे पर ही खाना बनाएं, गैस चूल्हे का प्रयोग न करें।

इन नियमों का पालन करने से छठ पूजा सफल होती है और व्रती को छठी मैया का आशीर्वाद मिलता है।

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