श्री तारा देवी चालीसा

|| श्री तारा देवी चालीसा || || दोहा || जय तारा जगदम्ब जै जय कृपाद्रष्टि की खान। कृपा करो सुरेश्वरि मोहि शरण तिहारी जान।। || चौपाई || माता तुम ही जगत की पालन हारी तुम ही भक्तन कि भयहारी। तुम ही आदिशक्ति कलिका माइ तुम ही सन्त जनों की सुखदायी। तारणी तरला तन्वी कहलाती निज…

श्री नैना देवी चालीसा

|| श्री नैना देवी चालीसा || ।। दोहा ।। नैनों में बसती छवि दुर्गे नैना मात। प्रातः काल सिमरन करू हे जग की विख्यात।। सुख वैभव सब आपके चरणों का प्रताप । ममता अपनी दीजिए माई, मैं बालक करूं जाप।। ।। चौपाई ।। नमस्कार हैं नैना माता। दीन दुखी की भाग्य विधाता।। पार्वती ने अंश…

Shri Naina Devi Aarti

|| Shri Naina Devi Aarti || Tera Adbhut Rup Nirala, Aaja Meri Naina Maayi Ye. Tujhpe Tan Man Dhan Sab Warun, Aaja Meri Naina Maayi Ye. Sundar Bhavan Banaya Tera, Teri Shobha Nyaari. Nike Nike Khambhe Laage, Adbhut Chitra Kaari, Tera Rang Biranga Dwara. Aaja Meri Naina Maayi Ye. Jhanjha Aur Mirdanga Baaje, Aur Baaje…

नवरात्रि 2025 नौवा दिन – सिद्धिदात्री माता की कथा, मंत्र एवं पूजा विधि

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सिद्धिदात्री का अर्थ है – “सिद्धि” का अर्थ है पूर्णता जबकि “दात्री” का अर्थ है “देने वाली”। इसीलिए उन्हें माता सिद्धिदात्री के रूप में पहचाना जाता है। चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू होगी और 06 अप्रैल 2025 तक मनाई जाएगी। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी (सिद्धिदात्री माता की पूजा) को सबसे महत्वपूर्ण दिन माना…

দুর্গা মানস পূজা ষ্টোরম

|| শ্রীদুর্গামানস পূজা || শ্রী গণেশায় নমঃ । উদ্যচ্চন্দনকুঙ্কুমারুণপয়োধারাভিরাপ্লাবিতাং নানানর্ঘ্যমণিপ্রবালঘটিতাং দত্তাং গৃহাণাম্বিকে । আমৃষ্টাং সুরসুন্দরীভিরভিতো হস্তাম্বুজৈর্ভক্তিতো মাতঃ সুন্দরি ভক্তকল্পলতিকে শ্রীপাদুকামাদরাৎ ॥ দেবেন্দ্রাদিভিরর্চিতং সুরগণৈরাদায় সিংহাসনং চঞ্চৎকাঞ্চনসঞ্চয়াভিরচিতং চারুপ্রভাভাস্বরম্ । এতচ্চম্পককেতকীপরিমলং তৈলং মহানির্মলং গন্ধোদ্বর্তনমাদরেণ তরুণীদত্তং গৃহাণাম্বিকে ॥ পশ্চাদ্দেবি গৃহাণ শম্ভুগৃহিণি শ্রীসুন্দরি প্রায়শো গন্ধদ্রব্যসমূহনির্ভরতরং ধাত্রীফলং নির্মলম্ । তৎকেশান্ পরিশোধ্য কঙ্কতিকয়া মন্দাকিনীস্রোতসি স্নাত্বা প্রোজ্জ্বলগন্ধকং ভবতু হে শ্রীসুন্দরি ত্বন্মুদে ॥ সুরাধিপতিকামিনীকরসরোজনালীধৃতাং…

श्री शान्तादुर्गा देविप्रणति स्तोत्रं

|| श्रीशान्तादुर्गादेविप्रणतिस्तोत्रं || श्रीशान्तादुर्गा महामाये कैवल्यपुरवासिने । नमो भर्गेमहाकाली महिषासुरमर्दिने ॥ नमो गौरी जगन्माते रत्नमालाविभूषिते । नमो भवानि रुद्राणि विश्वरूपे सुकंधरे ॥ नमस्ते भगवान्माये जगद्रक्षणकारिणे । नमोऽस्तु पतितोद्धारे नानारूपधरे नमः ॥ नमो दाक्षायणी देवी भक्तारिष्टनिवारके । नमस्ते गिरिजे हेमी शिवरूपे महेश्वरी ॥ नमः कात्यायनी आर्ये अपर्णे सस्मितानने । नमः खड्गधरे माये दशाष्टकरधारिणे ॥ षड्गुणैश्वर्यसम्पन्ने नमः…

ദുർഗ്ഗ മാനസ് പൂജ സ്‌റ്റോരം

|| ശ്രീദുർഗാമാനസ പൂജാ || ശ്രീ ഗണേശായ നമഃ . ഉദ്യച്ചന്ദനകുങ്കുമാരുണപ- യോധാരാഭിരാപ്ലാവിതാം നാനാനർഘ്യമണിപ്രവാലഘടിതാം ദത്താം ഗൃഹാണാംബികേ . ആമൃഷ്ടാം സുരസുന്ദരീഭിരഭിതോ ഹസ്താംബുജൈർഭക്തിതോ മാതഃ സുന്ദരി ഭക്തകല്പലതികേ ശ്രീപാദുകാമാദരാത് . ദേവേന്ദ്രാദിഭിരർചിതം സുരഗണൈരാദായ സിംഹാസനം ചഞ്ചത്കാഞ്ചനസഞ്ചയാഭിരചിതം ചാരുപ്രഭാഭാസ്വരം . ഏതച്ചമ്പകകേതകീപരിമലം തൈലം മഹാനിർമലം ഗന്ധോദ്വർതനമാദരേണ തരുണീദത്തം ഗൃഹാണാംബികേ . പശ്ചാദ്ദേവി ഗൃഹാണ ശംഭുഗൃഹിണി ശ്രീസുന്ദരി പ്രായശോ ഗന്ധദ്രവ്യസമൂഹനിർഭരതരം ധാത്രീഫലം നിർമലം . തത്കേശാൻ പരിശോധ്യ കങ്കതികയാ മന്ദാകിനീസ്രോതസി സ്നാത്വാ പ്രോജ്ജ്വലഗന്ധകം ഭവതു ഹേ ശ്രീസുന്ദരി ത്വന്മുദേ ….

ଦୁର୍ଗା ମାନସ ପୂଜା ଷ୍ଟୋଟ୍ରାମ

|| ଶ୍ରୀଦୁର୍ଗାମାନସ ପୂଜା || ଶ୍ରୀ ଗଣେଶାୟ ନମଃ । ଉଦ୍ୟଚ୍ଚନ୍ଦନକୁଙ୍କୁମାରୁଣପ- ୟୋଧାରାଭିରାପ୍ଲାବିତାଂ ନାନାନର୍ଘ୍ୟମଣିପ୍ରବାଲଘଟିତାଂ ଦତ୍ତାଂ ଗୃହାଣାମ୍ବିକେ । ଆମୃଷ୍ଟାଂ ସୁରସୁନ୍ଦରୀଭିରଭିତୋ ହସ୍ତାମ୍ବୁଜୈର୍ଭକ୍ତିତୋ ମାତଃ ସୁନ୍ଦରି ଭକ୍ତକଲ୍ପଲତିକେ ଶ୍ରୀପାଦୁକାମାଦରାତ୍ ॥ ଦେବେନ୍ଦ୍ରାଦିଭିରର୍ଚିତଂ ସୁରଗଣୈରାଦାୟ ସିଂହାସନଂ ଚଞ୍ଚତ୍କାଞ୍ଚନସଞ୍ଚୟାଭିରଚିତଂ ଚାରୁପ୍ରଭାଭାସ୍ୱରମ୍ । ଏତଚ୍ଚମ୍ପକକେତକୀପରିମଲଂ ତୈଲଂ ମହାନିର୍ମଲଂ ଗନ୍ଧୋଦ୍ୱର୍ତନମାଦରେଣ ତରୁଣୀଦତ୍ତଂ ଗୃହାଣାମ୍ବିକେ ॥ ପଶ୍ଚାଦ୍ଦେବି ଗୃହାଣ ଶମ୍ଭୁଗୃହିଣି ଶ୍ରୀସୁନ୍ଦରି ପ୍ରାୟଶୋ ଗନ୍ଧଦ୍ରବ୍ୟସମୂହନିର୍ଭରତରଂ ଧାତ୍ରୀଫଲଂ ନିର୍ମଲମ୍ । ତତ୍କେଶାନ୍ ପରିଶୋଧ୍ୟ କଙ୍କତିକୟା ମନ୍ଦାକିନୀସ୍ରୋତସି ସ୍ନାତ୍ୱା ପ୍ରୋଜ୍ଜ୍ୱଲଗନ୍ଧକଂ ଭବତୁ ହେ ଶ୍ରୀସୁନ୍ଦରି ତ୍ୱନ୍ମୁଦେ ॥…

ਦੁਰਗਾ ਮਾਨਸ ਪੂਜਾ ਸਟੋਰਮ

|| ਸ਼੍ਰੀਦੁਰ੍ਗਾਮਾਨਸ ਪੂਜਾ || ਸ਼੍ਰੀ ਗਣੇਸ਼ਾਯ ਨਮਃ । ਉਦ੍ਯੱਚਨ੍ਦਨਕੁਙ੍ਕੁਮਾਰੁਣਪਯੋਧਾਰਾਭਿਰਾਪ੍ਲਾਵਿਤਾਂ ਨਾਨਾਨਰ੍ਘ੍ਯਮਣਿਪ੍ਰਵਾਲਘਟਿਤਾਂ ਦੱਤਾਂ ਗ੍ਰੁਹਾਣਾਮ੍ਬਿਕੇ । ਆਮ੍ਰੁਸ਼਼੍ਟਾਂ ਸੁਰਸੁਨ੍ਦਰੀਭਿਰਭਿਤੋ ਹਸ੍ਤਾਮ੍ਬੁਜੈਰ੍ਭਕ੍ਤਿਤੋ ਮਾਤਃ ਸੁਨ੍ਦਰਿ ਭਕ੍ਤਕਲ੍ਪਲਤਿਕੇ ਸ਼੍ਰੀਪਾਦੁਕਾਮਾਦਰਾਤ੍ ॥ ਦੇਵੇਨ੍ਦ੍ਰਾਦਿਭਿਰਰ੍ਚਿਤੰ ਸੁਰਗਣੈਰਾਦਾਯ ਸਿੰਹਾਸਨੰ ਚਞ੍ਚਤ੍ਕਾਞ੍ਚਨਸਞ੍ਚਯਾਭਿਰਚਿਤੰ ਚਾਰੁਪ੍ਰਭਾਭਾਸ੍ਵਰਮ੍ । ਏਤੱਚਮ੍ਪਕਕੇਤਕੀਪਰਿਮਲੰ ਤੈਲੰ ਮਹਾਨਿਰ੍ਮਲੰ ਗਨ੍ਧੋਦ੍ਵਰ੍ਤਨਮਾਦਰੇਣ ਤਰੁਣੀਦੱਤੰ ਗ੍ਰੁਹਾਣਾਮ੍ਬਿਕੇ ॥ ਪਸ਼੍ਚਾੱਦੇਵਿ ਗ੍ਰੁਹਾਣ ਸ਼ਮ੍ਭੁਗ੍ਰੁਹਿਣਿ ਸ਼੍ਰੀਸੁਨ੍ਦਰਿ ਪ੍ਰਾਯਸ਼ੋ ਗਨ੍ਧਦ੍ਰਵ੍ਯਸਮੂਹਨਿਰ੍ਭਰਤਰੰ ਧਾਤ੍ਰੀਫਲੰ ਨਿਰ੍ਮਲਮ੍ । ਤਤ੍ਕੇਸ਼ਾਨ੍ ਪਰਿਸ਼ੋਧ੍ਯ ਕਙ੍ਕਤਿਕਯਾ ਮਨ੍ਦਾਕਿਨੀਸ੍ਰੋਤਸਿ ਸ੍ਨਾਤ੍ਵਾ ਪ੍ਰੋੱਜ੍ਵਲਗਨ੍ਧਕੰ ਭਵਤੁ ਹੇ ਸ਼੍ਰੀਸੁਨ੍ਦਰਿ ਤ੍ਵਨ੍ਮੁਦੇ ॥ ਸੁਰਾਧਿਪਤਿਕਾਮਿਨੀਕਰਸਰੋਜਨਾਲੀਧ੍ਰੁਤਾਂ…

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा

|| मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा || पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में असुर दंभ को महिषासुर नाम का एक पुत्र हुआ। महिषासुर में बचपन से ही अमर होने की प्रबल इच्छा थी। इस इच्छा को पूरा करने के लिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या शुरू की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी…

महागौरी माता आरती

|| महागौरी माता आरती || जय महागौरी जगत की माया। जया उमा भवानी जय महामाया॥ हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरी वहां निवासा॥ चंद्रकली ओर ममता अंबे। जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥ भीमा देवी विमला माता। कौशिकी देवी जग विख्यता॥ हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥ सती सत हवन…

महागौरी माता व्रत कथा पूजा विधि

|| महागौरी माता कथा || नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और…

अष्टमी-नवमी पर कन्याओं को ये 5 चीजें देने से बचें, मानी जाती हैं अशुभ

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चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर नौ दिनों तक मां दुर्गा के व्रत रखे जाते हैं, जिनका समापन अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन के साथ किया जाता है। इस दिन श्रद्धालु नौ कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर भोजन करवाते हैं और उन्हें उपहार भेंट करते हैं। हालांकि कई बार लोग अनजाने में…

दुर्गा द्वात्रिंश नाम माला स्तोत्र लाभ सहित

|| श्री दुर्गा द्वात्रिंश नाम माला स्तोत्र के लाभ || श्री दुर्गा द्वात्रिंश नाम माला स्तोत्र का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी कष्ट दूर होते है यह स्तोत्र बड़ा ही चमत्कारी है इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी दुखो का अंत होता है…

Shri Durga Dwatrimsha Naam Mala Stotra

|| Durga Dwatrimsha Naam Mala Stotra ॥ Durga Durgartishamani Durgapadvinivarini। Durgamachchedini Durgasadhini Durganaśini ॥ Durgatoddharini Durganihantri Durgamapaha। Durgamajñanada Durgadaityalokadavanala॥ Durgama Durgamaloka Durgamatmasvarupini। Durgamargaprada Durgamavidya Durgamaśrita॥ Durgamajñanasamsthana Durgamadhyanabhasini। Durgamoha Durgamaga Durgamarthaṃsvarupini॥ Durgamasurasanhantri Durgamayudhadharini। Durgamaṅgi Durgamata Durgamya Durgameśvari॥ Durgabhima Durgabhama Durgabha Durgadarini। Namavalimimaṁ yastu Durgaya Mama Manavah॥ Patheṭ Sarvabhayanmukto Bhaviṣyati Na Sanshayah ॥ ॥ Iti Shri Durga…

श्री कृष्ण कृतं दुर्गा स्तोत्रम्

|| श्री कृष्ण कृतं दुर्गा स्तोत्रम् || श्रीकृष्ण उवाच त्वमेवसर्वजननी मूलप्रकृतिरीश्वरी। त्वमेवाद्या सृष्टिविधौ स्वेच्छया त्रिगुणात्मिका॥ कार्यार्थे सगुणा त्वं च वस्तुतो निर्गुणा स्वयम्। परब्रह्मस्वरूपा त्वं सत्या नित्या सनातनी॥ तेज:स्वरूपा परमा भक्त ानुग्रहविग्रहा। सर्वस्वरूपा सर्वेशा सर्वाधारा परात्परा॥ सर्वबीजस्वरूपा च सर्वपूज्या निराश्रया। सर्वज्ञा सर्वतोभद्रा सर्वमङ्गलमङ्गला॥ सर्वबुद्धिस्वरूपा च सर्वशक्ति स्वरूपिणी। सर्वज्ञानप्रदा देवी सर्वज्ञा सर्वभाविनी॥ त्वं स्वाहा देवदाने च पितृदाने…

आपदुन्मूलन दुर्गा स्तोत्रम्

|| आपदुन्मूलन दुर्गा स्तोत्रम् || लक्ष्मीशे योगनिद्रां प्रभजति भुजगाधीशतल्पे सदर्पा- वुत्पन्नौ दानवौ तच्छ्रवणमलमयाङ्गौ मधुं कैटभं च । दृष्ट्वा भीतस्य धातुः स्तुतिभिरभिनुतां आशु तौ नाशयन्तीं दुर्गां देवीं प्रपद्ये शरणमहमशेषापदुन्मूलनाय ॥ युद्धे निर्जित्य दैत्यस्त्रिभुवनमखिलं यस्तदीय धिष्ण्ये- ष्वास्थाप्य स्वान् विधेयान् स्वयमगमदसौ शक्रतां विक्रमेण । तं सामात्याप्तमित्रं महिषमभिनिहत्यास्यमूर्धाधिरूढां दुर्गां देवीं प्रपद्ये शरणमहमशेषापदुन्मूलनाय ॥ विश्वोत्पत्तिप्रणाशस्थितिविहृतिपरे देवि घोरामरारि- त्रासात् त्रातुं कुलं…

ਸ਼੍ਰੀ ਦੁਰ੍ਗਾ ਨਕ੍ਸ਼ਤ੍ਰ ਮਾਲਿਕਾ ਸ੍ਤੁਤਿ

|| ਸ਼੍ਰੀ ਦੁਰ੍ਗਾ ਨਕ੍ਸ਼ਤ੍ਰ ਮਾਲਿਕਾ ਸ੍ਤੁਤਿ || ਵਿਰਾਟਨਗਰਂ ਰਮ੍ਯਂ ਗਚ੍ਛਮਾਨੋ ਯੁਧਿਸ਼੍ਠਿਰਃ । ਅਸ੍ਤੁਵਨ੍ਮਨਸਾ ਦੇਵੀਂ ਦੁਰ੍ਗਾਂ ਤ੍ਰਿਭੁਵਨੇਸ਼੍ਵਰੀਮ੍ ॥ ਯਸ਼ੋਦਾਗਰ੍ਭਸਂਭੂਤਾਂ ਨਾਰਾਯਣਵਰਪ੍ਰਿਯਾਮ੍ । ਨਂਦਗੋਪਕੁਲੇਜਾਤਾਂ ਮਂਗਲ਼੍ਯਾਂ ਕੁਲਵਰ੍ਧਨੀਮ੍ ॥ ਕਂਸਵਿਦ੍ਰਾਵਣਕਰੀਂ ਅਸੁਰਾਣਾਂ ਕ੍ਸ਼ਯਂਕਰੀਮ੍ । ਸ਼ਿਲਾਤਟਵਿਨਿਕ੍ਸ਼ਿਪ੍ਤਾਂ ਆਕਾਸ਼ਂ ਪ੍ਰਤਿਗਾਮਿਨੀਮ੍ ॥ ਵਾਸੁਦੇਵਸ੍ਯ ਭਗਿਨੀਂ ਦਿਵ੍ਯਮਾਲ੍ਯ ਵਿਭੂਸ਼ਿਤਾਮ੍ । ਦਿਵ੍ਯਾਂਬਰਧਰਾਂ ਦੇਵੀਂ ਖਡ੍ਗਖੇਟਕਧਾਰਿਣੀਮ੍ ॥ ਭਾਰਾਵਤਰਣੇ ਪੁਣ੍ਯੇ ਯੇ ਸ੍ਮਰਂਤਿ ਸਦਾਸ਼ਿਵਾਮ੍ । ਤਾਨ੍ਵੈ ਤਾਰਯਤੇ ਪਾਪਾਤ੍ ਪਂਕੇਗਾਮਿਵ ਦੁਰ੍ਬਲਾਮ੍ ॥ ਸ੍ਤੋਤੁਂ ਪ੍ਰਚਕ੍ਰਮੇ…

ଶ୍ରୀ ଦୁର୍ଗା ନକ୍ଷତ୍ର ମାଲିକା ସ୍ତୁତି

|| ଶ୍ରୀ ଦୁର୍ଗା ନକ୍ଷତ୍ର ମାଲିକା ସ୍ତୁତି || ଵିରାଟନଗରଂ ରମ୍ୟଂ ଗଚ୍ଛମାନୋ ୟୁଧିଷ୍ଠିରଃ । ଅସ୍ତୁଵନ୍ମନସା ଦେଵୀଂ ଦୁର୍ଗାଂ ତ୍ରିଭୁଵନେଶ୍ଵରୀମ୍ ॥ ୟଶୋଦାଗର୍ଭସଂଭୂତାଂ ନାରାୟଣଵରପ୍ରିୟାମ୍ । ନଂଦଗୋପକୁଲେଜାତାଂ ମଂଗଳ୍ୟାଂ କୁଲଵର୍ଧନୀମ୍ ॥ କଂସଵିଦ୍ରାଵଣକରୀଂ ଅସୁରାଣାଂ କ୍ଷୟଂକରୀମ୍ । ଶିଲାତଟଵିନିକ୍ଷିପ୍ତାଂ ଆକାଶଂ ପ୍ରତିଗାମିନୀମ୍ ॥ ଵାସୁଦେଵସ୍ୟ ଭଗିନୀଂ ଦିଵ୍ୟମାଲ୍ୟ ଵିଭୂଷିତାମ୍ । ଦିଵ୍ୟାଂବରଧରାଂ ଦେଵୀଂ ଖଡ୍ଗଖେଟକଧାରିଣୀମ୍ ॥ ଭାରାଵତରଣେ ପୁଣ୍ୟେ ୟେ ସ୍ମରଂତି ସଦାଶିଵାମ୍ । ତାନ୍ଵୈ ତାରୟତେ ପାପାତ୍ ପଂକେଗାମିଵ ଦୁର୍ବଲାମ୍ ॥ ସ୍ତୋତୁଂ ପ୍ରଚକ୍ରମେ…

శ్రీ దుర్గా ఆపదుద్ధారక స్తోత్రం

|| శ్రీ దుర్గా ఆపదుద్ధారక స్తోత్రం || నమస్తే శరణ్యే శివే సానుకంపే నమస్తే జగద్వ్యాపికే విశ్వరూపే | నమస్తే జగద్వంద్యపాదారవిందే నమస్తే జగత్తారిణి త్రాహి దుర్గే || నమస్తే జగచ్చింత్యమానస్వరూపే నమస్తే మహాయోగిని జ్ఞానరూపే | నమస్తే నమస్తే సదానందరూపే నమస్తే జగత్తారిణి త్రాహి దుర్గే || అనాథస్య దీనస్య తృష్ణాతురస్య భయార్తస్య భీతస్య బద్ధస్య జంతోః | త్వమేకా గతిర్దేవి నిస్తారకర్త్రీ నమస్తే జగత్తారిణి త్రాహి దుర్గే || అరణ్యే రణే దారుణే శత్రుమధ్యే-…

श्री दुर्गा सहस्रनामावली

श्री दुर्गा सहस्रनामावली माँ दुर्गा के 1000 दिव्य और शक्तिशाली नामों का संकलन है। इन नामों में माँ दुर्गा के अनंत स्वरूपों, उनकी महिमा, शक्ति, करुणा और उनके भक्तों पर कृपा का वर्णन है। यह सहस्रनामावलि देवी के भक्तों को अद्भुत ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती है। नवरात्रि और विशेष पर्वों में इसका पाठ अत्यधिक…

दुर्गा सूक्तम्

|| दुर्गा सूक्तम् || ओं जा॒तवे॑दसे सुनवाम॒ सोम॑ मरातीय॒तो निद॑हाति॒ वेद॑: । स न॑: पर्‍ष॒दति॑ दु॒र्गाणि॒ विश्वा॑ ना॒वेव॒ सिन्धुं॑ दुरि॒ताऽत्य॒ग्निः ॥ १ ताम॒ग्निव॑र्णां॒ तप॑सा ज्वल॒न्तीं वै॑रोच॒नीं क॑र्मफ॒लेषु॒ जुष्टा᳚म् । दु॒र्गां दे॒वीग्ं शर॑णम॒हं प्रप॑द्ये सु॒तर॑सि तरसे॒ नम॑: ॥ २ अग्ने॒ त्वं॑ पा॑रया॒ नव्यो॑ अ॒स्मान् स्व॒स्तिभि॒रति॑ दु॒र्गाणि॒ विश्वा᳚ । पूश्च॑ पृ॒थ्वी ब॑हु॒ला न॑ उ॒र्वी भवा॑ तो॒काय॒ तन॑याय॒…

Maa Durga Kavach Path

|| Maa Durga Kavach Path || || Markandeya Uvacha || Om yadguhyam paramam loke Sarvarakshakaram nrinam Yann kasyacidakhya-tam Tanme bruhi pitamahah. || Brahma Uvacha || Asti guhyatamam vipra Sarvabhutopakarakam devyastu kavacham punyam Tacchrinushva mahamune. || Ath Durga Kavach || Prathamam shailaputri cha Dvitiyam brahmacharini Tritiyam chandraghanteti Kushmandeti chaturthakam. Panchamam skandamateti Shashtam kathyayani tatha Saptamam kalaratriti…

Deepa Durga Kavacham Telugu

|| శ్రీ దీప దుర్గా కవచం || శ్రీ భైరవ ఉవాచ: శృణు దేవి జగన్మాత ర్జ్వాలాదుర్గాం బ్రవీమ్యహం| కవచం మంత్ర గర్భం చ త్రైలోక్య విజయాభిధమ్|| అ ప్రకాశ్యం పరం గుహ్యం న కస్య కధితం మయా| వి నామునా న సిద్దిః స్యాత్ కవచేన మహేశ్వరి|| అవక్తవ్యమదాతవ్యం దుష్టాయా సాద కాయ చ| నిందకాయాన్యశిష్యాయ న వక్తవ్యం కదాచన|| శ్రీ దేవ్యువాచా: త్రైలోక్య నాద వద మే బహుథా కథతం మయా| స్వయం త్వయా…

శ్రీ దుర్గా స్తోత్రం అర్జున కృతం

|| శ్రీ దుర్గా స్తోత్రం అర్జున కృతం || అర్జున ఉవాచ | నమస్తే సిద్ధసేనాని ఆర్యే మందరవాసిని | కుమారి కాళి కాపాలి కపిలే కృష్ణపింగళే || భద్రకాళి నమస్తుభ్యం మహాకాళి నమోఽస్తు తే | చండి చండే నమస్తుభ్యం తారిణి వరవర్ణిని || కాత్యాయని మహాభాగే కరాళి విజయే జయే | శిఖిపింఛధ్వజధరే నానాభరణభూషితే || అట్టశూలప్రహరణే ఖడ్గఖేటకధారిణి | గోపేంద్రస్యానుజే జ్యేష్ఠే నందగోపకులోద్భవే || మహిషాసృక్ప్రియే నిత్యం కౌశికి పీతవాసిని | అట్టహాసే…

నవ దుర్గా స్తోత్రం

|| నవదుర్గా స్తోత్రం లిరిక్స్ || దేవీశైలపుత్రీ। వన్దేవాఞ్ఛితలాభాయచన్ద్రార్ధకృతశేఖరాం। వృషారూఢాంశూలధరాంశైలపుత్రీయశస్వినీం॥ దేవీబ్రహ్మచారిణీ। దధానాకరపద్మాభ్యామక్షమాలాకమణ్డలూ। దేవీప్రసీదతుమయిబ్రహ్మచారిణ్యనుత్తమా॥ దేవీచన్ద్రఘణ్టేతి। పిణ్డజప్రవరారూఢాచన్దకోపాస్త్రకైర్యుతా। ప్రసాదంతనుతేమహ్యంచన్ద్రఘణ్టేతివిశ్రుతా॥ దేవీకూష్మాణ్డా। సురాసమ్పూర్ణకలశంరుధిరాప్లుతమేవచ। దధానాహస్తపద్మాభ్యాంకూష్మాణ్డాశుభదాస్తుమే॥ దేవీస్కన్దమాతా। సింహాసనగతానిత్యంపద్మాశ్రితకరద్వయా। శుభదాస్తుసదాదేవీస్కన్దమాతాయశస్వినీ॥ దేవీకాత్యాయణీ। చన్ద్రహాసోజ్జ్వలకరాశార్దూలవరవాహనా। కాత్యాయనీశుభందద్యాదేవీదానవఘాతినీ॥ దేవీకాలరాత్రి। ఏకవేణీజపాకర్ణపూరనగ్నాఖరాస్థితా। లమ్బోష్ఠీకర్ణికాకర్ణీతైలాభ్యక్తశరీరిణీ॥ వామపాదోల్లసల్లోహలతాకణ్టకభూషణా। వర్ధనమూర్ధ్వజాకృష్ణాకాలరాత్రిర్భయఙ్కరీ॥ దేవీమహాగౌరీ। శ్వేతేవృషేసమారూఢాశ్వేతామ్బరధరాశుచిః। మహాగౌరీశుభందద్యాన్మహాదేవప్రమోదదా॥ దేవీసిద్ధిదాత్రి। సిద్ధగన్ధర్వయక్షాద్యైరసురైరమరైరపి। సేవ్యమానాసదాభూయాత్సిద్ధిదాసిద్ధిదాయినీ॥

துர்கா மானஸ் பூஜை ஸ்தோத்திரம்

|| துர்கா மானஸ் பூஜை ஸ்தோத்திரம் || உத்³யச்சந்த³நகுங்குமாருணப- யோதா⁴ராபி⁴ராப்லாவிதாம் நாநாநர்க்⁴யமணிப்ரவாளக⁴டிதாம் த³த்தாம் க்³ருஹாணாம்பி³கே । ஆம்ருஷ்டாம் ஸுரஸுந்த³ரீபி⁴ரபி⁴தோ ஹஸ்தாம்பு³ஜைர்ப⁴க்திதோ மாத꞉ ஸுந்த³ரி ப⁴க்தகல்பலதிகே ஶ்ரீபாது³காமாத³ராத் ॥ 1 ॥ தே³வேந்த்³ராதி³பி⁴ரர்சிதம் ஸுரக³ணைராதா³ய ஸிம்ஹாஸநம் சஞ்சத்காஞ்சநஸஞ்சயாபி⁴ரசிதம் சாருப்ரபா⁴பா⁴ஸ்வரம் । ஏதச்சம்பககேதகீபரிமளம் தைலம் மஹாநிர்மலம் க³ந்தோ⁴த்³வர்தநமாத³ரேண தருணீத³த்தம் க்³ருஹாணாம்பி³கே ॥ 2 ॥ பஶ்சாத்³தே³வி க்³ருஹாண ஶம்பு⁴க்³- ருஹிணி ஶ்ரீஸுந்த³ரி ப்ராயஶோ க³ந்த⁴த்³ரவ்யஸமூஹநிர்ப⁴ரதரம் தா⁴த்ரீப²லம் நிர்மலம் । தத்கேஶான் பரிஶோத்⁴ய கங்கதிகயா மந்தா³கிநீஸ்ரோதஸி ஸ்நாத்வா ப்ரோஜ்ஜ்வலக³ந்த⁴கம் ப⁴வது ஹே…

ದುರ್ಗಾ ಮಾನಸ ಪೂಜಾ ಸ್ತೋತ್ರಮ್

|| ದುರ್ಗಾ ಮಾನಸ ಪೂಜಾ ಸ್ತೋತ್ರಮ್ || ಉದ್ಯಚ್ಚಂದನಕುಂಕುಮಾರುಣ- ಪಯೋಧಾರಾಭಿರಾಪ್ಲಾವಿತಾಂ ನಾನಾನರ್ಘ್ಯಮಣಿಪ್ರವಾಲಘಟಿತಾಂ ದತ್ತಾಂ ಗೃಹಾಣಾಂಬಿಕೇ | ಆಮೃಷ್ಟಾಂ ಸುರಸುಂದರೀಭಿರಭಿತೋ ಹಸ್ತಾಂಬುಜೈರ್ಭಕ್ತಿತೋ ಮಾತಃ ಸುಂದರಿ ಭಕ್ತಕಲ್ಪಲತಿಕೇ ಶ್ರೀಪಾದುಕಾಮಾದರಾತ್ || ದೇವೇಂದ್ರಾದಿಭಿರರ್ಚಿತಂ ಸುರಗಣೈರಾದಾಯ ಸಿಂಹಾಸನಂ ಚಂಚತ್ಕಾಂಚನಸಂಚಯಾಭಿರಚಿತಂ ಚಾರುಪ್ರಭಾಭಾಸ್ವರಮ್ | ಏತಚ್ಚಂಪಕಕೇತಕೀಪರಿಮಲಂ ತೈಲಂ ಮಹಾನಿರ್ಮಲಂ ಗಂಧೋದ್ವರ್ತನಮಾದರೇಣ ತರುಣೀದತ್ತಂ ಗೃಹಾಣಾಂಬಿಕೇ || ಪಶ್ಚಾದ್ದೇವಿ ಗೃಹಾಣ ಶಂಭುಗೃಹಿಣಿ ಶ್ರೀಸುಂದರಿ ಪ್ರಾಯಶೋ ಗಂಧದ್ರವ್ಯಸಮೂಹನಿರ್ಭರತರಂ ಧಾತ್ರೀಫಲಂ ನಿರ್ಮಲಮ್ | ತತ್ಕೇಶಾನ್ ಪರಿಶೋಧ್ಯ ಕಂಕತಿಕಯಾ ಮಂದಾಕಿನೀಸ್ರೋತಸಿ ಸ್ನಾತ್ವಾ ಪ್ರೋಜ್ಜ್ವಲಗಂಧಕಂ ಭವತು ಹೇ ಶ್ರೀಸುಂದರಿ ತ್ವನ್ಮುದೇ || ಸುರಾಧಿಪತಿಕಾಮಿನೀಕರಸ- ರೋಜನಾಲೀಧೃತಾಂ…

শ্রী দুর্গা নক্ষত্র মালিকা স্তুতি

|| শ্রী দুর্গা নক্ষত্র মালিকা স্তুতি || বিরাটনগরং রম্যং গচ্ছমানো যুধিষ্ঠিরঃ । অস্তুবন্মনসা দেবীং দুর্গাং ত্রিভুবনেশ্বরীম্ ॥ যশোদাগর্ভসংভূতাং নারাযণবরপ্রিযাম্ । নংদগোপকুলেজাতাং মংগল্যাং কুলবর্ধনীম্ ॥ কংসবিদ্রাবণকরীং অসুরাণাং ক্ষযংকরীম্ । শিলাতটবিনিক্ষিপ্তাং আকাশং প্রতিগামিনীম্ ॥ বাসুদেবস্য ভগিনীং দিব্যমাল্য বিভূষিতাম্ । দিব্যাংবরধরাং দেবীং খড্গখেটকধারিণীম্ ॥ ভারাবতরণে পুণ্যে যে স্মরংতি সদাশিবাম্ । তান্বৈ তারযতে পাপাত্ পংকেগামিব দুর্বলাম্ ॥ স্তোতুং প্রচক্রমে…

Durga Manas Puja Stotram Telugu

|| శ్రీదుర్గామానస పూజా || ॥ శ్రీదుర్గామానస పూజా ॥) శ్రీ గణేశాయ నమః । ఉద్యచ్ఛష్టనకుఙ్కుమారు- జపయోధారాభిరాప్లోవితాం నానాసర్య మణిప్రవాలఘటితాం దత్తాం గృహాణామ్సికే | ఆమృష్టాం సురసున్దరీభిరభితో హస్తామ్సుకైర్భక్తితో మాతః సున్దరి భక్తకల్పలతికి శ్రీపాదుకామాదరాత్ ॥ దేవేవాదిభిరర్చితం సురగణైరాదాయ సింహాసనం చర్వాత్కాఙ్పనసద్వాయాభిరచితం చారు ప్రభాభాస్వరమ్ । ఏతచ్ఛమృకకేతకీపరిమలం తైలం మహానిర్మలం గనోద్వర్తనమాదరేణ తరుణీదత్తం గృహాణామ్సికే ॥ పశ్చాద్దేవి గృహణ శమ్భుగృహిణి శ్రీసుస్టరి ప్రాయశో గస్థద్రవ్యసమూహనిర్భరతరం రాత్రీఫలం నిర్మలమ్ | తత్కేశాన్ పరిశోధ్య కబ్కతికయా మన్దాకినీ ప్రోతసి…

दुर्गा दकार सहस्रनामावली

दुर्गा दकार सहस्रनामावली देवी दुर्गा के दिव्य स्वरूप और गुणों का वर्णन करने वाला ग्रंथ है। इसमें माँ दुर्गा के नामों को “द” अक्षर से प्रारंभ करके संकलित किया गया है। यह सहस्रनामावली देवी के शक्ति, करुणा, और संरक्षणकारी रूप का प्रतीक है। इसका पाठ भक्तों को न केवल भौतिक सुख-सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि…

श्री दुर्गा स्तुति (Shri Durga Stuti)

श्री दुर्गा स्तुति (Shri Durga Stuti)

श्री दुर्गा स्तुति देवी दुर्गा की महिमा और स्तुतियों का संग्रह है। यह पुस्तक प्रदीप पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित की गई है और यह भक्तों के लिए देवी दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और उनसे शक्ति, साहस, और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। इस पुस्तक में देवी दुर्गा की आराधना से…

दुर्गा आराधना (Durga Aaradhana)

दुर्गा आराधना (Durga Aaradhana)

दुर्गा आराधना एक अद्वितीय पुस्तक है, जो मां दुर्गा की पूजा, आराधना, और साधना के सभी आवश्यक पहलुओं को समर्पित है। इस पुस्तक का प्रकाशन राजौरी इन्वेस्टमेंट एंड सेविंग कॉर्प द्वारा किया गया है। यह पुस्तक देवी दुर्गा के प्रति भक्ति भाव को प्रकट करने, उनकी पूजा विधि समझने और उनके आशीर्वाद से जीवन को…

नवदुर्गा (Navdurga PDF Book)

नवदुर्गा (Navdurga)

नवदुर्गा गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक विशेष पुस्तक है, जो हिंदू धर्म की नवदुर्गा परंपरा पर आधारित है। यह पुस्तक देवी दुर्गा के नौ रूपों का परिचय, उनकी उपासना पद्धतियों, और उनके आध्यात्मिक महत्व को विस्तार से समझाती है। इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य भक्तों को नवदुर्गा की महिमा और उनके पूजन विधानों की…

श्री दुर्गा देवि कवचम्

|| श्री दुर्गा देवि कवचम् || ॥ ईश्वर उवाच ॥ श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिदम् । पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत सङ्कटात् ॥ अज्ञात्वा कवचं देवि दुर्गामन्त्रं च यो जपेत् । स नाप्नोति फलं तस्य परं च नरकं व्रजेत् ॥ उमादेवी शिरः पातु ललाटे शूलधारिणी । चक्षुषी खेचरी पातु कर्णौ चत्वरवासिनी ॥ सुगन्धा नासिके पातु…

माँ दुर्गा शाबर मंत्र लाभ सहित

|| माँ दुर्गा शाबर मंत्र || डण्ड भुज-डण्ड, प्रचण्ड नो खण्ड। प्रगट देवि! तुहि झुण्डन के झुण्ड। खगर दिखा खप्पर लियां, खड़ी कालका। तागड़दे मस्तंग, तिलक मागरदे् मस्तंग। चोला जरी का, फागड़ दीफू, गले फुल माल, जय जय जयन्त। जय आदि शक्ति। जय कालका खपर-धनी। जय मचकुट छन्दनी देव। जय-जय महिरा, जय मरदिनी। जय-जय चुण्ड-मुण्ड,…

नवदुर्गा स्तोत्रम्

|| नवदुर्गा स्तोत्रम् || ॥ देवी शैलपुत्री ॥ वन्दे वाञ्छितलाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥ ॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥ दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥ ॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥ पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम्चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥ ॥ देवी कूष्माण्डा ॥ सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्याम्कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥ ॥ देवी स्कन्दमाता ॥ सिंहासनगता नित्यम्पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवीस्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥ ॥ देवी कात्यायनी…

Shri Durga Ashtakam

|| Shri Durga Ashtakam || Katyayani Mahamaye Khadga Bana Dhanur Dhare, Khadga Dharini Chandika Shri Durga Devi Namo’stu Te. Vasudeva Sute Kali Vasudeva Sahodari, Vasundhara Shriye Nande Durga Devi Namo’stu Te. Yoga Nidre Maha Nidre Yogamaye Maheshvari, Yoga Siddhi Kari Shudhe Durga Devi Namo’stu Te. Shankha Chakra Gada Pane Sharngajyayatabāhave, Pītāmbaradhare Dhanye Durga Devi Namo’stu…

सम्पूर्ण दुर्गा कवच पाठ (विधि और लाभ)

|| दुर्गा कवच पाठ || मार्कण्डेय उवाच: ॐ यद्‌गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम् । यन्न कस्यचिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह॥ ब्रम्हो उवाच: अस्ति गुह्यतमं विप्र सर्वभूतोपकारकम् । देव्यास्तु कवचं पुण्यं तच्छृनुष्व महामुने॥ अथ दुर्गा कवच: प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी । तृतीयंचन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ॥ पञ्चमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च । सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्॥ नवमं…

कात्यायनी माता व्रत कथा पूजा विधि

|| कात्यायनी माता कथा || कात्यायनी माता व्रत कथा का उल्लेख विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है। कात्यायनी माता, माँ दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जिनकी उपासना से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत मुख्य रूप से कुंवारी कन्याओं द्वारा अपने इच्छित वर की प्राप्ति के…

कात्यायनी माता आरती

|| कात्यायनी माता आरती || जय जय अंबे जय कात्यायनी। जय जगमाता जग की महारानी॥ बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहां वरदाती नाम पुकारा॥ कई नाम हैं कई धाम हैं। यह स्थान भी तो सुखधाम है॥ हर मंदिर में जोत तुम्हारी। कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी॥ हर जगह उत्सव होते रहते। हर मंदिर में भक्त हैं कहते॥ कात्यायनी…

चैत्र नवरात्रि 2025 में घर पर मां दुर्गा की आरती कैसे करें? दुर्गा की आरती के लाभ, पूजा विधि और मंत्र

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चैत्र नवरात्रि का समय मां दुर्गा की पूजा और भक्ति के लिए बहुत खास होता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आरती करना नवरात्रि की पूजा का एक अहम हिस्सा है। यह सिर्फ हमारी भक्ति को दर्शाता नहीं है, बल्कि मां दुर्गा की कृपा पाने का…

Shri Durga Maa Stuti

|| Shri Durga Maa Stuti || || Mantra || Sarva Mangala Mangalye Shive Sarvartha Sadhike, Sharanye Trayambake Gauri Narayani Namostute. || Stuti || Jai Jag Janani Adi Bhavani, Jai Mahishasura Marini Ma. Uma Rama Gauri Brahmani, Jai Tribhuvan Sukh Karini Ma. Hey Mahalakshmi Hey Mahamaya, Tum Mein Sara Jagat Samaya. Tin Roop Tino Gunadharni, Tin…

Durga Ji Ki Aarti

|| Durga Ji Ki Aarti || ॐ Jai Ambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri। Tumako Nishidina Dhyawata, Hari Brahma Shivari॥ ॐ Jai Ambe Gauri Manga Sindura Virajata, Tiko Mrigamada Ko। Ujjavala Se Dou Naina, Chandravadana Niko॥ ॐ Jai Ambe Gauri Kanaka Samana Kalewara, Raktambara Rajai। Raktapushpa Gala Mala, Kanthana Para Sajai॥ ॐ Jai Ambe Gauri Kehari Vahana Rajata,…

श्री दुर्गा देवीची आरती

|| श्री दुर्गा देवीची आरती || दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी। अनाथ नाथे अम्बे करुणा विस्तारी। वारी वारी जन्म मरणांते वारी। हारी पडलो आता संकट निवारी॥ जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी। सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥ त्रिभुवन-भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही। चारी श्रमले परन्तु न बोलवे काही। साही विवाद करिता पडले प्रवाही। ते तू भक्तालागी…

दुर्गा पुष्पाञ्जलि स्तोत्र

|| दुर्गा पुष्पाञ्जलि स्तोत्र || भगवति भगवत्पदपङ्कजं भ्रमरभूतसुरासुरसेवितम् । सुजनमानसहंसपरिस्तुतं कमलयाऽमलया निभृतं भजे ॥ ते उभे अभिवन्देऽहं विघ्नेशकुलदैवते । नरनागाननस्त्वेको नरसिंह नमोऽस्तुते ॥ हरिगुरुपदपद्मं शुद्धपद्मेऽनुरागाद्- विगतपरमभागे सन्निधायादरेण । तदनुचरि करोमि प्रीतये भक्तिभाजां भगवति पदपद्मे पद्यपुष्पाञ्जलिं ते ॥ केनैते रचिताः कुतो न निहिताः शुम्भादयो दुर्मदाः केनैते तव पालिता इति हि तत् प्रश्ने किमाचक्ष्महे । ब्रह्माद्या अपि…

दुर्गा नमस्कार स्तोत्र

|| दुर्गा नमस्कार स्तोत्र || नमस्ते हे स्वस्तिप्रदवरदहस्ते सुहसिते महासिंहासीने दरदुरितसंहारणरते । सुमार्गे मां दुर्गे जननि तव भर्गान्वितकृपा दहन्ती दुश्चिन्तां दिशतु विलसन्ती प्रतिदिशम् ॥ अनन्या गौरी त्वं हिमगिरि-सुकन्या सुमहिता पराम्बा हेरम्बाकलितमुखबिम्बा मधुमती । स्वभावैर्भव्या त्वं मुनिमनुजसेव्या जनहिता ममान्तःसन्तापं हृदयगतपापं हर शिवे ॥ अपर्णा त्वं स्वर्णाधिकमधुरवर्णा सुनयना सुहास्या सल्लास्या भुवनसमुपास्या सुलपना । जगद्धात्री पात्री प्रगतिशुभदात्री भगवती…

नव दुर्गा स्तोत्र

|| नव दुर्गा स्तोत्र || चन्द्रार्धधारकतनूं च वरां चराणां वाचालवाङ्मयकरां च विभवां विभूषाम्। विद्याज्ञवन्दितवरां व्रतपर्वपुण्यां वन्दे शुभां शिवसखीं हिमशैलपुत्रीम्। ॐ शैलपुत्र्यै नमः। दोर्भ्यां कमण्डलुसितस्फटिके दधानां ब्रह्मप्रचारनियुतां सुरसेव्यमानाम्। वेदेषु वर्णितवरां विकटस्वरूपां वन्दे हि चोत्तमगुणां श्रुतिवादिनीं ताम्। ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः। कोपप्रतापशरमौर्वियुतां पुराणां चन्द्रप्रकाशसदृशानलभालयुक्ताम्। वीराभिवाञ्छितसमस्तवरप्रदां तां वन्दे विशालवसनां श्रुतचन्द्रघण्टाम्। ॐ चन्द्रघण्टायै नमः। सत्त्वां सुवर्णवदनां सततं सुतप्तां यज्ञक्रियासु वरदां…

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