கேதா³ர கௌ³ரீ வ்ரத கதா²

|| கேதா³ர கௌ³ரீ வ்ரத கதா² (Kedar Gauri Vrat Katha Tamil PDF) || பௌராணிக கதா² கே அனுஸார, ப்ராசீன கால மேம்ʼ ப்⁴ருʼங்கீ³ ருʼஷி ப⁴க³வான ஶிவ கே ஏக மஹான ஔர அனன்ய ப⁴க்த தே². ருʼஷி கா விஶ்வாஸ கேவல ப⁴க³வான ஶிவ மேம்ʼ தா² ஔர வஹ உனகீ ப⁴க்தி மேம்ʼ இதனே லீன ரஹதே தே² கி உன்ஹோம்ʼநே தே³வீ ஶக்தி (தே³வீ பார்வதீ) கீ உபேக்ஷா…

కేదార గౌరీ వ్రత కథా

|| కేదార గౌరీ వ్రత కథా (Kedar Gauri Vrat Katha Telugu PDF) || పౌరాణిక కథా కే అనుసార, ప్రాచీన కాల మేం భృంగీ ఋషి భగవాన శివ కే ఏక మహాన ఔర అనన్య భక్త థే. ఋషి కా విశ్వాస కేవల భగవాన శివ మేం థా ఔర వహ ఉనకీ భక్తి మేం ఇతనే లీన రహతే థే కి ఉన్హోంనే దేవీ శక్తి (దేవీ పార్వతీ) కీ ఉపేక్షా…

केदार गौरी व्रत कथा

|| केदार गौरी व्रत कथा (Kedar Gauri Vrat Katha Hindi PDF) || पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में भृंगी ऋषि भगवान शिव के एक महान और अनन्य भक्त थे। ऋषि का विश्वास केवल भगवान शिव में था और वह उनकी भक्ति में इतने लीन रहते थे कि उन्होंने देवी शक्ति (देवी पार्वती) की उपेक्षा…

केदार गौरी व्रत 2025 – जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व, अखंड सौभाग्य के लिए करें ये उपाय (Kedar Gauri Vrat)

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सनातन धर्म में व्रतों और त्योहारों का विशेष स्थान है, जो हमें ईश्वरीय शक्ति से जोड़ते हैं। इन्हीं पवित्र व्रतों में से एक है केदार गौरी व्रत (Kedar Gauri Vrat)। यह व्रत भगवान शिव के ‘केदारेश्वर’ रूप और माता पार्वती के ‘गौरी’ स्वरूप को समर्पित है। विवाहित महिलाएं जहां अपने पति की लंबी आयु और…

ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ವ್ರತ ಕಥಾ

|| ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ವ್ರತ ಕಥಾ (Atla Taddi Vrat Katha Kannada PDF) || ಏಕ ರಾಜ್ಯ ಮೇಂ ಏಕ ರಾಜಕುಮಾರೀ ಥೀ ಜೋ ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ನೋಮು ವ್ರತ ಕಾ ಪಾಲನ ಕರ ರಹೀ ಥೀ. ಇಸ ವ್ರತ ಮೇಂ, ಉಸೇ ಪೂರೇ ದಿನ ಉಪವಾಸ ರಖನಾ ಹೋತಾ ಥಾ ಔರ ಕೇವಲ ಚಾಁದ ದಿಖನೇ ಕೇ ಬಾದ ಹೀ ಭೋಜನ ಕರನಾ ಹೋತಾ ಥಾ. ಕುಛ ಘಂಟೋಂ ಕೇ ಉಪವಾಸ ಕೇ ಬಾದ,…

అటలా తడ్డీ వ్రత కథా

|| అటలా తడ్డీ వ్రత కథా (Atla Taddi Vrat Katha Telugu PDF) || ఏక రాజ్య మేం ఏక రాజకుమారీ థీ జో అటలా తడ్డీ నోము వ్రత కా పాలన కర రహీ థీ. ఇస వ్రత మేం, ఉసే పూరే దిన ఉపవాస రఖనా హోతా థా ఔర కేవల చాఀద దిఖనే కే బాద హీ భోజన కరనా హోతా థా. కుఛ ఘంటోం కే ఉపవాస కే బాద,…

शैलपुत्री स्तोत्र

श्री शैलपुत्री स्तोत्र माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप, शैलपुत्री को समर्पित एक शक्तिशाली स्तुति है। इस स्तोत्र का पाठ नवरात्रि के पहले दिन विशेष रूप से किया जाता है। स्तोत्र में माँ को ‘भवसागर से तारने वाली’, ‘धन-ऐश्वर्य प्रदान करने वाली’ और ‘महामोह का विनाश करने वाली’ कहकर उनकी महिमा का गुणगान किया जाता है।…

शैलपुत्री माता व्रत कथा और पूजा विधि

शैलपुत्री माता नवदुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं, जिन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण “शैलपुत्री” कहा जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व है। माता शैलपुत्री का वाहन वृषभ है और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएं हाथ में कमल रहता है। यह देवी शक्ति, भक्ति और दृढ़ संकल्प…

श्री शैलपुत्री आरती

मां शैलपुत्री नवदुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं। ‘शैल’ का अर्थ है पर्वत, और ‘पुत्री’ का अर्थ है बेटी। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा गया। ये देवी वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं, इसलिए इन्हें वृषारूढ़ा भी कहते हैं। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ…

अटला तड्डी व्रत कथा

अटला तड्डी व्रत, जिसे अहोई अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू व्रत है जो मुख्य रूप से उत्तरी भारत में मनाया जाता है। यह व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पड़ता है। इस दिन माताएं अपनी संतानों की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा…

ज्येष्ठ गौरी विसर्जन 2025 – जानें पूजन विधि, तिथि और महत्व

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भारत, विविधताओं का देश, जहां हर त्योहार एक नई कहानी कहता है और हमारी संस्कृति की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। इन्हीं त्योहारों में से एक है “ज्येष्ठ गौरी विसर्जन”। यह उत्सव, विशेष रूप से महाराष्ट्र में, गणेश चतुर्थी के दौरान बड़े ही उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। (celebrated with great enthusiasm…

ज्येष्ठ गौरी पूजा 2025 – क्यों है ज्येष्ठ गौरी पूजा खास? जानिए विधि, महत्व और धार्मिक रहस्य

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भारतीय संस्कृति में त्योहारों का एक अनूठा स्थान है, जो न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि सामाजिक और पारिवारिक एकता को भी मजबूत करते हैं। इन्हीं में से एक विशेष पर्व है ज्येष्ठ गौरी पूजा। यह पर्व, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, देवी पार्वती…

Gowri Habba 2025 – गौरी हब्बा क्यों है खास? जानें पूजा विधि, कथा और सुहागिनों के लिए इसका महत्व

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Gowri Habba 2025, भारतीय संस्कृति में त्योहारों का एक विशेष स्थान है, और इन्हीं में से एक बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है “गौरी हब्बा”। यह पर्व विशेष रूप से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव की पत्नी,…

51 Shaktipeeth – सती के अंगों से प्रकट हुए 51 शक्ति पीठ, जानें इनका गूढ़ रहस्य और महिमा

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भारत एक ऐसा देश है जहां हर कोने में रहस्य (Mystery) और आस्था (Faith) का गहरा संगम देखने को मिलता है। यहां के प्राचीन मंदिर और उनकी कथाएं न सिर्फ हमारी संस्कृति (Culture) का हिस्सा हैं, बल्कि एक गूढ़ आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Knowledge) भी प्रदान करती हैं। इन्हीं में से एक हैं 51 शक्ति पीठ…

श्री गौरी माँ चालीसा

श्री गौरी माँ चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह चालीसा भगवान शिव की अर्धांगिनी और समस्त जगत की माता, देवी गौरी (पार्वती) को समर्पित है। इसका नियमित पाठ करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली सभी…

श्री पार्वती चालीसा

श्री पार्वती चालीसा हिंदू धर्म में माँ पार्वती की स्तुति करने के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रभावी पाठ है। यह चालीसा 40 छंदों का एक संग्रह है, जिसमें माँ पार्वती के दिव्य गुणों, शक्तियों और उनके जीवन के प्रमुख प्रसंगों का वर्णन किया गया है। यह पाठ भक्तों को जीवन में सुख, समृद्धि और शांति…

Hariyali Teej 2025 – हरियाली तीज पर क्या करें और क्या न करें? व्रत की संपूर्ण जानकारी

hariyali teej

हरियाली तीज का त्योहार भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के अटूट प्रेम का प्रतीक है और सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद लेकर आता है। अगर आप भी हरियाली तीज का व्रत रखने की सोच रही हैं या इस पावन पर्व के बारे…

हरियाली तीज व्रत कथा

हरियाली तीज का पावन पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। हरियाली तीज व्रत कथा के अनुसार, माता पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान…

हरतालिकेची कहाणी व्रताची कथा

हरतालिका तृतीया हे सौभाग्यवती महिलांसाठी अतिशय महत्त्वाचे व्रत आहे. 2025 मध्ये येणाऱ्या हरतालिकेची कहाणी व्रताची कथा PDF मधून आपण पार्वती मातेच्या कठोर तपस्येची पौराणिक कथा जाणू शकतो. या व्रतात महिलांनी निर्जळ उपवास करत शिव-पार्वती विवाहासाठी प्रार्थना करावी, असा शास्त्रोक्त उल्लेख आहे. हरतालिकेची कहाणी व्रताची कथा वाचल्याने भक्तांमध्ये श्रद्धा वाढते आणि व्रताची संपूर्ण विधी समजते. पारंपरिक…

মংগলগৌরী অষ্টোত্তর শতনামাবলি

The মংগলগৌরী অষ্টোত্তর শতনামাবলি (Mangala Gauri Ashtottara Shatanamavali) is a sacred hymn comprising the 108 divine names of Goddess Mangala Gauri. Chanting these names with devotion is believed to bring peace, prosperity, and marital bliss, especially for married women. Each name reflects a unique quality and form of the goddess, invoking her blessings for spiritual…

మంగళ గౌరీ స్తోత్రం

Looking for the Mangala Gauri Stotram PDF? This powerful hymn is dedicated to Goddess Gauri (Parvati), specifically in her benevolent form as Mangala Gauri, who bestows auspiciousness, prosperity, and marital bliss. Chanting the Mangala Gauri Stotram is believed to bring harmony to relationships, overcome obstacles, and grant a happy married life. Many devotees perform this…

Mangala Gowri Ashtakam Telugu

Mangala Gowri Ashtakam, a powerful hymn dedicated to Goddess Parvati, is a cherished part of Hindu devotion. For many, accessing this sacred text in their native language is crucial. The availability of “Mangala Gowri Ashtakam Telugu PDF” fulfills this need, allowing devotees to easily download and recite the Ashtakam. This digital format ensures wider reach…

मंगलागौरी अष्टोत्तर शतनामावलि

मंगलागौरी अष्टोत्तर शतनामावलि देवी मंगलागौरी को समर्पित 108 नामों का एक पवित्र संग्रह है, जो सौभाग्य और समृद्धि की देवी हैं। यह नामावलि भक्तों को देवी के विभिन्न गुणों और रूपों का स्मरण कराती है, जिससे आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस दिव्य स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से मंगलवार के दिन,…

Mangala Gowri Vrat Book (ಮಂಗಲಗೌರಿ ವ್ರತ)

Mangala Gowri Vrat Book (ಮಂಗಲಗೌರಿ ವ್ರತ)

ಮಂಗಲಗೌರಿ ವ್ರತ ಹಿಂದೂ ಧಾರ್ಮಿಕ ಆಚರಣೆಗಳಲ್ಲಿ ಒಂದು ಪ್ರಮುಖವಾದದು. ಈ ವ್ರತವನ್ನು ಮುಖ್ಯವಾಗಿ ನವವಿವಾಹಿತೆಯರು (ಹೊಸ ಮದುವೆಯಾದ ಮಹಿಳೆಯರು) ಅವರ ಪತಿಯ ಆಯುಸ್ಸು, ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಕುಟುಂಬದ ಸಮೃದ್ಧಿಗಾಗಿ ಶ್ರಾವಣ ಮಾಸದಲ್ಲಿ (ಜುಲೈ-ಆಗಸ್ಟ್) ಮಂಗಳವಾರಗಳಂದು ಆಚರಿಸುತ್ತಾರೆ. ಈ ವ್ರತವನ್ನು ಮಾಡುವುದು ಗೌರಿ ದೇವಿಯನ್ನು ಪೂಜಿಸುವುದರಿಂದ ಆಗುತ್ತದೆ. ಗೌರಿ ದೇವಿ, ಈಶ್ವರನ ಪತ್ನಿ, ಶಕ್ತಿ ಮತ್ತು ಸಮೃದ್ಧಿಯ ದೇವತೆ ಎಂದು ಪೂಜಿಸಲ್ಪಡುತ್ತಾರೆ. ವ್ರತದ ಮಹತ್ವ (Mangala Gowri Vrat Book PDF Download Free) ಮಂಗಲಗೌರಿ ವ್ರತವು ನವವಿವಾಹಿತೆಯರು…

मंगला गौरी व्रत कथा एवं पूजा विधि

मंगला गौरी व्रत कथा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं। यह व्रत विशेष रूप से मां पार्वती को समर्पित है, जिन्हें मंगला गौरी के रूप में पूजा जाता है। इस व्रत को करने…

जया पार्वती व्रत कथा

2025 जया पार्वती व्रत कथा PDF एक पवित्र ग्रंथ है जो सुहागन स्त्रियों द्वारा आस्था और श्रद्धा से पढ़ा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से पांच दिनों तक किया जाता है और इसमें माता पार्वती की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना की जाती है। जया पार्वती व्रत कथा में माता पार्वती द्वारा शिवजी…

माता पार्वती आरती

हम आपके लिए माता पार्वती की आरती का पूर्ण पाठ लेकर आए हैं, जिसे आप आसानी से पढ़ सकते हैं और गा सकते हैं। साथ ही, आपकी सुविधा के लिए हमने इसका PDF संस्करण भी उपलब्ध कराया है, जिसे आप डाउनलोड करके कभी भी, कहीं भी उपयोग कर सकते हैं। माता पार्वती, जो भगवान शिव…

कोकिला व्रत कथा एवं पूजा विधि

2025 में कोकिला व्रत 10 जुलाई को है। कोकिला व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो आषाढ़ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। मान्यता है कि माता सती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कोयल…

मंगला गौरी व्रत 2025 – जानिए व्रत विधि, नियम और ध्यान रखने योग्य बातें एक साथ

mangla gauri mata

मंगला गौरी व्रत श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस व्रत में माँ गौरी की पूजा का विशेष महत्व है। यहाँ कुछ खास बातें हैं जो मंगला गौरी व्रत पूजा के दौरान ध्यान…

मंगलागौरी नाम तुझे – मंगळागौरीची आरती

|| मंगलागौरी नाम तुझे – मंगळागौरीची आरती PDF || मंगलागौरी नाम तुझे ॥ तुला नमन असो माझे ॥ भवदुःखाचे हे ओझे ॥ देवी उतरावे सहजे ॥ जय माये मंगलागौरी ॥ तुजला पुजू अंतरी ॥ नानाविधि उपचारी ॥ दीप ओंवाळू सुंदरी ॥ गजाननाची तूं माता ॥ शंकराची प्रिय कांता ॥ हिमाचलाची तू दुहिता ॥ मज तारिं…

गोरा रानी ने जपी ऐसी माला

|| गोरा रानी ने जपी ऐसी माला || गौरा रानी ने जपी ऐसी माला, मिला है देखो डमरू वाला ॥ गौरा से बोले शम्भू काहे पुकारा, गौरा जी बोली चाहूँ साथ तुम्हारा, तुम जैसा नाथ नहीं कोई निराला, गोरा रानी ने जपी ऐसी माला, मिला है देखो डमरू वाला ॥ महलों की रानी तू है…

छोटी सी मेरी पार्वती

|| छोटी सी मेरी पार्वती || छोटी सी मेरी पार्वती, शंकर की पूजा करती थी, निर्जल रहकर निश्छल मन से, नित ध्यान प्रभू का धरती थी, छोटी सी मेरी पारवती, शंकर की पूजा करती थी ॥ नित गंगा जमुना जाती थी, जल भर भर कर वो लाती थी, निर्जल रहकर निश्छल मन से, नित ध्यान…

నకిలీ స్వర్గం కథ

|| Poli Swargam Katha PDF || కార్తికమాసం చివరికి రాగానే గుర్తుకువచ్చే కథ ‘పోలిస్వర్గం’. ఇంతకీ ఎవరీ పోలి? ఆమె వెనుక ఉన్న కథ ఏమిటి? దానిని తల్చుకుంటూ సాగే ఆచారం ఏమిటి? అంటే ఆసక్తికరమైన జవాబులే వినిపిస్తాయి. పోలిస్వర్గం అచ్చంగా తెలుగువారి కథ. కార్తికమాసంలోని దీపం ప్రాధాన్యతనే కాదు, ఆ ఆచారాన్ని నిష్కల్మషంగా పాటించాల్సిన అవసరాన్నీ సూచించే గాధ. అనగనగా ఒక ఊరిలో ఒక ఉమ్మడి కుటుంబం ఉండేది. ఆ కుటుంబంలో ఐదుగురు కోడళ్లు…

देवी धूमावती सहस्रनामावली

देवी धूमावती महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या हैं, जिन्हें विध्वंसी स्वरूप की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे अद्वितीय, रहस्यमय और त्रिगुणात्मक शक्ति का प्रतीक हैं। देवी धूमावती का स्वरूप त्याग, वैराग्य, और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाता है। उनकी सहस्रनामावली में एक हजार नामों का संग्रह है, जो उनकी अपार शक्ति, करुणा, और कृपा…

Dhumavati Jayanti 2025: क्यों होती है इस दिन विधवा स्वरूप की देवी की पूजा? जानिए देवी धूमावती की महिमा, स्वरूप और सिद्धि की विधि

Devi Dhoomavati

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमावती जयंती मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह पावन पर्व 3 जून, मंगलवार को मनाया जाएगा। दस महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या देवी धूमावती का स्वरूप अत्यंत रहस्यमय और विचित्र है। वे विधवा स्वरूप में पूजी जाती हैं और उनकी…

श्रीहरितालिकेची आरती

|| हरितालिकेची आरती PDF || जयदेवी हरितालिके। सखी पार्वती अंबिके ।। आरती ओवाळीतें । ज्ञानदीपकळिके ।। धृ।। हरअर्धागीं वससी । जासी यज्ञा माहेरासि ।। तेथे अपमान पावसी । यज्ञकुंडींत गुप्त होसी ।।१।। रिघसी हिमाद्रीच्या पोटी। कन्या होसी तू गोमटी ।। उग्र तपश्चर्या मोठी । आचरसी उठाउठी ।। २।। तापपंचाग्निसाधनें । धूम्रपानें अधोवदनें ।। केली बहू…

वटसावित्रीची आरती

|| वटसावित्रीची आरती PDF || अश्वपती पुसता झाला। नारद सांगताती तयाला।। अल्पायुषी सत्यवंत। सावित्रीनें का प्रणीला।। आणखी वर वरी बाळे। मनीं निश्चय जो केला।। आरती वडराजा ।। १ ।। दयावंत यमदूजा। सत्यवंत ही सावित्री।। भावे करीन मी पूजा। आरती वडराजा।। धृ।। ज्येष्ठामास त्रयोदशी। करिती पूजन वडाशीं।। त्रिरात्र व्रत करूनीया। जिंकी तूं सत्यवंताशी। आरती वडराजा ।।…

मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी

|| मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी || मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी, शिवजी से हमें जोड़े रखना, जपूँ ओमकारा गौरा रानी, जपूँ ओमकारा गौरा रानी, शिवजी से हमें जोड़े रखना, शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥ तोड़े दुनिया के बंधन सारे, मैं शिव की शरण आ गया, मैं शिव की शरण आ गया,…

Shri Ardha Naariishvara Stotram

|| Shri Ardha Naariishvara Stotram PDF || Chaampeya-Gauraardha- Shariira-kaayai Karpura-Gauraardha- Shariira-kaaya | Dhammillakaayai cha Jataadharaaya Namah Shivaaya cha Namah Shivaaya || Kastoorikaakumkuma Chaarchitaaya Chitaaraja-punja Vicharchitaaya | Kritasmaraaya Vikritasmaraaya Namah Shivaaya cha Namah Shivaaya || Jhanatkvanatkan Kananuuraaya Paadabja-raajat- Phaninuuraaya | Hemaangadaaya Bhujagaangadaaya Namah Shivaaya cha Namah Shivaaya || Vishaalaniilotpala- Lochanaaya Vikaasipankerauha- Lochanaaya | Samekshanaaya Vishamekshanaaya Namah…

Shri Ardhanaareeshwara Ashtakam

|| Shri Ardhanaareeshwara Ashtakam PDF || Chaampeya Gauraardha- Sharira-kaayai Karpura Gauraardha- Sharira-kaaya | Dhammilla-kaayai Cha Jataadharaaya Namah Shivaaya cha Namah Shivaaya || Kastoorikaakumkuma- charchitaaya Chitaaraja-punja Vicharchitaaya | Krita-smaraaya Vikrita-smaraaya Namah Shivaaya cha Namah Shivaaya || Jhanat-kvanat-kankana- Nupuraaya Paadaabja-raajat- Phani-nupuraaya | Hemaangadaaya Bhujangaangadaaya Namah Shivaaya cha Namah Shivaaya || Vishaala-neelotpala- Locanaaya Vikaasi-pankera-ha- Locanaaya | Samekshanaaya Vishamekshanaaya…

देवी मातंगी सहस्रनामावली

देवी मातंगी तंत्र साधना और विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उन्हें “तंत्र स्वरूपिणी” और “सरस्वती का तांत्रिक रूप” भी कहा जाता है। देवी मातंगी सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनकी महिमा, शक्ति और अनुकंपा को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली देवी की कृपा प्राप्त करने और जीवन…

प्रद्युम्नकृतं पार्वतीस्तोत्रम्

|| प्रद्युम्नकृतं पार्वतीस्तोत्रम् || प्रद्युम्न उवाच । ॐ नमः कात्यायन्यै गुहस्य जनन्यै नमः । नमस्त्रैलोक्यमायायै कात्यायन्यै नमो नमः ॥ १॥ नमः शत्रुविनाशिन्यै नमो गार्ग्यै गिरीशये । नमस्ये शुम्भहननीं निशुम्भहृदिदारणीम् ॥ २॥ कालरात्रिं नमस्येऽहं कुमारीं चापि नित्यशः । कान्तारवासिनीं देवीं नमस्यामि कृताञ्जलिः ॥ ३॥ विन्ध्यवासिनीं दुर्गघ्नीं रणदुर्गां रणप्रियाम् । नमस्यामि महादेवीं जयां च विजयां तथा ॥…

जैमिनिमुनिकृतं पार्वतीस्तोत्रम् ५

|| जैमिनिमुनिकृतं पार्वतीस्तोत्रम् ५ || जैमिनिरुवाच । नमः शिवायै जगदम्बिकायै शिवप्रियायै शिवविग्रहायै । समुद्बभूवाद्रिपतेः सुता या चतुष्कपर्दा युवतिः सुपेशाः ॥ १३४॥ हिरण्यवर्णां मणिनूपुराङ्घ्रिं प्रसन्नवक्त्रां शुकपद्महस्ताम् । विशालनेत्रां प्रणमामि गौरीं वचोविदं वाचमुदीरयन्तीम् ॥ १३५॥ नमामि मेनातनयाममेयामिमामुमां कान्तिमतीममेयाम् । करोति या भूतिसितौ स्तनौ द्वौ प्रियं सखायं परिषस्वजाना ॥ १३६॥ कान्तामुमां कान्तनिभाङ्गकान्तिं भान्तामुपात्तानतहर्यजेन्द्राम् । नतोऽस्मि यास्ते गिरिशस्य पार्श्वे…

अन्धककृतं पार्वतीस्तोत्रम्

|| अन्धककृतं पार्वतीस्तोत्रम् || अथान्धको महेश्वरीं ददर्श देवपार्श्वगाम् । पपात दण्डवत्क्षितौ ननाम पादपद्मयोः ॥ अन्धकोवाच । नमामि देववल्लभामनादिमद्रिजामिमाम् । यतः प्रधानपूरुषौ निहन्ति याऽखिलं जगत् ॥ १॥ विभाति या शिवासने शिवेन साकमव्यया हिरण्मयेऽतिनिर्मले नमामि तां हिमाद्रिजाम् । यदन्तराखिलं जगज्जगन्ति यान्ति सङ्क्षयं नमामि यत्र तामुमामशेषभेदवर्जिताम् ॥ २॥ न जायते न हीयते न वर्द्धते च तामुमां नमामि या…

पार्वतीस्तुतिः

|| पार्वतीस्तुतिः || ] ब्रह्मादय ऊचुः त्वं माता जगतां पितापि च हरः सर्वे इमे बालका- स्तस्मात्त्वच्छिशुभावतः सुरगणे नास्त्येव ते सम्भ्रमः । मातस्त्वं शिवसुन्दरि त्रिजगतां लज्जास्वरूपा यत- स्तस्मात्त्वं जय देवि रक्ष धरणीं गौरि प्रसीदस्व नः ॥ १॥ त्वमात्मा त्वं ब्रह्म त्रिगुणरहितं विश्वजननि स्वयं भूत्वा योषित्पुरुषविषयाहो जगति च । करोष्येवं क्रीडां स्वगुणवशतस्ते च जननीं वदन्ति त्वां लोकाः…

श्रीपार्वतीसहस्रनामस्तोत्रम्

|| श्रीपार्वतीसहस्रनामस्तोत्रम् || (दुर्गासहस्रनामस्तोत्रमिति स्कान्दे क्वचित्कचिद्भिन्नम् ।) हिमवानुवाच । का त्वं देवि विशालाक्षि शशाङ्कावयवाङ्किते । न जाने त्वामहं वत्से यथावद् ब्रूहि पृच्छते ॥ १॥ गिरीन्द्रवचनं श्रुत्वा ततः सा परमेश्वरी । व्याजहार महाशैलं योगिनामभयप्रदा ॥ २॥ देव्युवाच । मां विद्धि परमां शक्तिं परमेश्वरसमाश्रयाम् । अनन्यामव्ययामेकां यां पश्यन्ति मुमुक्षवः ॥ ३॥ अहं वै सर्वभावानामात्मा सर्वान्तरा शिवा ।…

श्रीपार्वतीश्रीकण्ठस्तोत्रम्

|| श्रीपार्वतीश्रीकण्ठस्तोत्रम् || (श्रीगरलपुरतः प्रस्थानसमये) बहुभ्यो घस्रेभ्यस्तव पदसरोजातयुगलं निरीक्ष्याहं मोदं बहुलमगमं शैलतनये । भविष्यान्मातस्त्वत्पदयुगसरोजातविरहा- द्भवेद्यः खेदस्तं शमय हृदयाब्जे विलसनात् ॥ १॥ प्रभोऽष्टमूर्ते मम चित्तमध्ये संस्थाप्य चैकां तव मूर्तिमारात् । अपि स्थितस्य प्रमुदं विधेहि का ते क्षतिस्तेन कृपापयोधे ॥ २॥ मन्मूर्तिमेकां तव पादमूले दधासि यस्माच्छशिबालमौले । तस्माच्च मन्मानसपङ्कजाते त्वया विधेया तव मूर्तिरेका ॥ ३॥ आकाशस्य विभुत्वात्तत्रस्थत्वाच्च…

श्रीपार्वतीश्रीकण्ठस्तुतिः

|| श्रीपार्वतीश्रीकण्ठस्तुतिः || (श्रीगरलपुरप्रवेशकाले) आसन्बहवो घस्रा मातस्त्वच्चरणदर्शनं हित्वा पार्वति कृतार्थतां खलु गमितस्त्वत्पाददर्शनादद्य ॥ १॥ सच्चित्सुखस्वरूपां ब्रह्मैतत्पश्यतेन्दुशीर्षाख्यम् । इति वदति शैलतनया साक्षान्नूनं प्रसारिताङ्गुल्या ॥ २॥ भक्तानां पापवृक्षौघच्छेदनायेन्दुशेखर । बिभर्षि पट्टसं रत्नत्सरुं किं लोकशङ्कर ॥ ३॥ स्पृष्टस्य चैकेन पदासुरस्य महत्पदं मुक्तिरभूत्किलास्य । स्पर्शेऽन्यपादस्य फलं हि दातुं नास्तीत्यतो व्योम्नि दधासि चान्यम् ॥ ४॥ इति श‍ृङ्गेरि श्रीजगद्गुरु श्रीसच्चिदानन्दशिवाभिनवनृसिंह- भारतीस्वामिभिः…

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