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हिन्दू कैलंडर फरवरी 2025 में कौन-कौन से हिन्दू त्यौहार और व्रत आएंगे? जानिए यहाँ

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फरवरी 2025 में कई महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार और व्रत मनाए जाएंगे। इस महीने में विशेष धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ और व्रतों का महत्व है। यह माह धार्मिक दृष्टि से बहुत खास होता है क्योंकि इसमें श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार देवताओं की उपासना करते हैं।

महीने की शुरुआत माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) से होगी, जो स्नान और दान के लिए महत्वपूर्ण दिन है। इसके बाद जया एकादशी (08 फरवरी) का व्रत रखा जाएगा, जो मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। महाशिवरात्रि (26 फरवरी) इस महीने का मुख्य त्यौहार होगा, जिसमें भक्त शिवजी की पूजा और रात्रि जागरण करते हैं। इसके अतिरिक्त संकष्टी चतुर्थी (16 फरवरी) और मासिक शिवरात्रि (26 फरवरी) जैसे व्रत भी इस महीने में मनाए जाएंगे। ये सभी त्यौहार भक्ति और पुण्य के लिए विशेष माने जाते हैं।

हिन्दू कैलंडर फरवरी 2025 के प्रमुख हिन्दू त्यौहार और व्रत

तिथि त्योहार/व्रत पंचांग विवरण
फरवरी 1, 2025, शनिवार गणेश जयन्ती माघ, शुक्ल चतुर्थी
फरवरी 1, 2025, शनिवार विनायक चतुर्थी माघ, शुक्ल चतुर्थी
फरवरी 2, 2025, रविवार वसन्त पञ्चमी माघ, शुक्ल पञ्चमी
फरवरी 3, 2025, सोमवार स्कन्द षष्ठी माघ, शुक्ल षष्ठी
फरवरी 4, 2025, मंगलवार रथ सप्तमी माघ, शुक्ल सप्तमी
फरवरी 4, 2025, मंगलवार नर्मदा जयन्ती माघ, शुक्ल सप्तमी
फरवरी 4, 2025, मंगलवार ब्रह्म सावर्णि मन्वादि माघ, शुक्ल सप्तमी
फरवरी 5, 2025, बुधवार भीष्म अष्टमी माघ, शुक्ल अष्टमी
फरवरी 5, 2025, बुधवार मासिक दुर्गाष्टमी माघ, शुक्ल अष्टमी
फरवरी 6, 2025, बृहस्पतिवार मासिक कार्तिगाई सौर कैलेण्डर पर आधारित
फरवरी 7, 2025, शुक्रवार रोहिणी व्रत जैन कैलेण्डर पर आधारित
फरवरी 8, 2025, शनिवार जया एकादशी माघ, शुक्ल एकादशी
फरवरी 9, 2025, रविवार भीष्म द्वादशी माघ, शुक्ल द्वादशी
फरवरी 9, 2025, रविवार प्रदोष व्रत माघ, शुक्ल त्रयोदशी
फरवरी 11, 2025, मंगलवार थाई पूसम तमिल कैलेण्डर पर आधारित
फरवरी 12, 2025, बुधवार ललिता जयन्ती माघ, शुक्ल पूर्णिमा
फरवरी 12, 2025, बुधवार कुम्भ संक्रान्ति सूर्य का मकर से कुम्भ राशि में प्रवेश
फरवरी 12, 2025, बुधवार माघ पूर्णिमा व्रत माघ, शुक्ल पूर्णिमा
फरवरी 12, 2025, बुधवार माघ पूर्णिमा माघ, शुक्ल पूर्णिमा
फरवरी 12, 2025, बुधवार अन्वाधान माघ, शुक्ल चतुर्दशी
फरवरी 13, 2025, बृहस्पतिवार इष्टि माघ, शुक्ल पूर्णिमा
फरवरी 16, 2025, रविवार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी फाल्गुन, कृष्ण चतुर्थी
फरवरी 18, 2025, मंगलवार यशोदा जयन्ती फाल्गुन, कृष्ण षष्ठी
फरवरी 20, 2025, बृहस्पतिवार शबरी जयन्ती फाल्गुन, कृष्ण सप्तमी
फरवरी 20, 2025, बृहस्पतिवार कालाष्टमी फाल्गुन, कृष्ण अष्टमी
फरवरी 20, 2025, बृहस्पतिवार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी फाल्गुन, कृष्ण अष्टमी
फरवरी 21, 2025, शुक्रवार जानकी जयन्ती फाल्गुन, कृष्ण अष्टमी
फरवरी 24, 2025, सोमवार विजया एकादशी फाल्गुन, कृष्ण एकादशी
फरवरी 25, 2025, मंगलवार प्रदोष व्रत फाल्गुन, कृष्ण त्रयोदशी
फरवरी 26, 2025, बुधवार महा शिवरात्रि फाल्गुन, कृष्ण चतुर्दशी
फरवरी 26, 2025, बुधवार मासिक शिवरात्रि फाल्गुन, कृष्ण चतुर्दशी
फरवरी 27, 2025, बृहस्पतिवार दर्श अमावस्या फाल्गुन, कृष्ण अमावस्या
फरवरी 27, 2025, बृहस्पतिवार अन्वाधान फाल्गुन, कृष्ण चतुर्दशी
फरवरी 27, 2025, बृहस्पतिवार फाल्गुन अमावस्या चैत्र, कृष्ण अमावस्या
फरवरी 28, 2025, शुक्रवार इष्टि फाल्गुन, कृष्ण अमावस्या

|| बसंत पंचमी व्रत कथा ||

पौराणिक वसंत पंचमी की कथा के अनुसार सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे, तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छिड़क दिया, जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई।

जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। वहीं अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। जब इस देवी ने वीणा का मधुर नाद किया तो संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई, तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा।

सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण वह संगीत की देवी भी हैं। वसंत पंचमी के दिन को इनके जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं।

पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पचंमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी। इस कारण हिंदू धर्म में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

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