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शुक्रवार प्रदोष व्रत 2025 – जब शिव-लक्ष्मी दोनों करते हैं कृपा, जानें शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व और चमत्कार

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नमस्कार दोस्तों! हमारे सनातन धर्म में हर व्रत और त्यौहार का अपना एक विशेष महत्व होता है। इनमें से कुछ व्रत ऐसे होते हैं, जो हमें न केवल आध्यात्मिक शांति देते हैं, बल्कि हमारे जीवन की भौतिक परेशानियों को भी दूर करते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत और शक्तिशाली व्रत है ‘शुक्र प्रदोष व्रत’। यह व्रत शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष काल को समर्पित होता है, जब भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ धन की देवी माँ लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इस ब्लॉग में हम शुक्र प्रदोष व्रत 2025 के महत्व, पूजन विधि, और इसके चमत्कारी लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

शुक्र प्रदोष व्रत क्या है? (What is Shukra Pradosh Vrat?)

‘प्रदोष’ शब्द का अर्थ है ‘रात्रि का पहला पहर’। यह वह समय होता है जब त्रयोदशी तिथि (Thirteenth day of Lunar fortnight) सूर्यास्त के बाद आती है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं। इसलिए इस समय की गई पूजा विशेष फलदायी होती है। जब यह प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन आता है, तो इसे ‘शुक्र प्रदोष’ कहा जाता है। शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी और शुक्र ग्रह (Venus) को समर्पित होता है। इस विशेष संयोग के कारण यह व्रत भगवान शिव और माँ पार्वती के साथ-साथ धन और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी की कृपा भी दिलाता है।

शुक्र प्रदोष व्रत 2025 का महत्व (Significance of Shukra Pradosh Vrat 2025)

शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य, विवाह, भौतिक सुख-सुविधाओं और धन का कारक माना जाता है। शुक्र प्रदोष का व्रत करने से शुक्र ग्रह से संबंधित सभी दोष दूर होते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

  • यह व्रत भगवान शिव और माँ पार्वती के साथ-साथ माँ लक्ष्मी को भी प्रसन्न करता है। जो भक्त यह व्रत सच्चे मन से करते हैं, उन्हें भौतिक सुख (Material Comforts) और आध्यात्मिक शांति (Spiritual Peace) दोनों की प्राप्ति होती है।
  • इस व्रत के प्रभाव से घर में धन की आवक बढ़ती है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। व्यापार और नौकरी में तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं।
  • शुक्र प्रदोष का व्रत विशेष रूप से सुखी वैवाहिक जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अविवाहित लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है और विवाहित महिलाओं के जीवन में प्रेम और सामंजस्य (Harmony) बढ़ता है।
  • शुक्र ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है और उसका आकर्षण (Attraction) बढ़ता है।

शुक्र प्रदोष व्रत 2025 की पूजन विधि (Puja Vidhi of Shukra Pradosh Vrat 2025)

शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल (सूर्यास्त के 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद का समय) में की जाती है। इस दौरान की गई पूजा का फल सबसे अधिक मिलता है।

  • शुक्रवार की सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन फलाहार (Fruit diet) पर रहें।
  • प्रदोष काल में एक बार फिर स्नान करें या हाथ-पैर धोकर स्वच्छ हो जाएँ। पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
  • एक चौकी पर लाल या सफेद वस्त्र बिछाकर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • सबसे पहले गणपति जी का ध्यान करें। भगवान शिव को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से अभिषेक कराएं। इसके बाद उन्हें बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, चावल, चंदन, और इत्र चढ़ाएं।
  • माता पार्वती को श्रृंगार का सामान, लाल वस्त्र और फूल अर्पित करें। माँ लक्ष्मी को कमल का फूल, लाल वस्त्र और मीठा (जैसे खीर या मिठाई) चढ़ाएं। ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ शुक्राय नमः’ मंत्र का जाप करें।
  • अंत में शुक्र प्रदोष व्रत कथा पढ़ें या सुनें। शिव चालीसा और शिव आरती के बाद माँ लक्ष्मी की आरती करें। सभी देवी-देवताओं को भोग लगाएं और प्रसाद सभी में वितरित करें।

शुक्र प्रदोष व्रत के चमत्कारी लाभ (Miraculous Benefits of Shukra Pradosh Vrat)

  • आर्थिक समृद्धि (Financial Prosperity) – जिन लोगों को धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें इस व्रत से विशेष लाभ होता है।
  • रोग मुक्ति (Freedom from Illnesses) – यह व्रत शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है।
  • मनोकामना पूर्ति (Fulfillment of Desires) – यह व्रत करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं, बशर्ते वह सच्ची हों।
  • सौभाग्य की प्राप्ति (Attainment of Good Fortune) – शुक्र प्रदोष व्रत सौभाग्य और खुशहाली लाता है।
  • नौकरी-व्यापार में सफलता (Success in Job and Business) – यह व्रत करियर में तरक्की और व्यवसाय में सफलता के नए द्वार खोलता है।

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