|| गोबिंद चले चरावन गैया ||
गोबिंद चले चरावन गैया ।
दिनो है रिषि आजु भलौ दिन,
कह्यौ है जसोदा मैया ॥
उबटि न्हवाइ बसन भुषन,
सजि बिप्रनि देत बधैया ।
करि सिर तिलकु आरती बारति,
फ़ुनि-फ़ुनि लेति बलैया ॥
’चतुर्भुजदास’ छाक छीके सजि,
सखिन सहित बलभैया ।
गिरिधर गवनत देखि अंक भर,
मुख चूम्यो व्रजरैया ॥
- hindiदर्श करा दे मेरे सांवरे, म्हारे नैना हुए बावरे
- hindiदर्द किसको दिखाऊं कन्हैया
- hindiचंदन है इस देश की माटी
- hindiचन्दन चौक पुरावा मंगल कलश सजावा
- hindiभज राधे गोविंदा रे पगले
- hindiबिसर गई सब तात पराई
- hindiचलो मन वृन्दावन की ओर
- hindiबाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे
- hindiबिहारी ब्रज में घर मेरा बसा दोगे तो क्या होगा
- hindiहरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
- hindiबाबा मुझे ये तो बता कोई इतना भी देता है क्या
- hindiअरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय
- hindiअरज सुणो बनवारी
- hindiभटकूं क्यों मैं भला, संग मेरे है सांवरा
- hindiभरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा
Found a Mistake or Error? Report it Now