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ग्रहलक्ष्मी की प्रतिष्ठा (Gruhlakshmi Ki Pratistha)

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ग्रहलक्ष्मी की प्रतिष्ठा पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित एक प्रेरणादायक पुस्तक है। यह ग्रंथ गृहस्थ जीवन में लक्ष्मी (धन, समृद्धि और शांति) की सही भूमिका, उसकी पूजा, और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से उसके महत्व को उजागर करता है। पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, जो कि युग निर्माण योजना और अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक हैं, ने इस पुस्तक के माध्यम से भारतीय परंपराओं और आध्यात्मिकता को नए आयाम दिए हैं।

ग्रहलक्ष्मी की प्रतिष्ठा पुस्तक की विशेषताएं

  • पुस्तक में “ग्रहलक्ष्मी” का अर्थ न केवल धन से, बल्कि घर की शांति, समृद्धि और महिलाओं के सम्मान से जोड़ा गया है। यह बताता है कि सही मायनों में गृहलक्ष्मी घर की स्त्री होती है, और उसके आदर व सम्मान से ही घर में सुख-शांति का वास होता है।
  • यह पुस्तक गृहस्थ जीवन में अध्यात्म के महत्व को समझाती है और बताती है कि कैसे सद्गुण, सत्कर्म और सद्विचार घर में लक्ष्मी के स्थायी निवास का कारण बनते हैं।
  • पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने गृहस्थ जीवन की समस्याओं के व्यावहारिक और सरल समाधान प्रस्तुत किए हैं। यह पुस्तक बताती है कि पारिवारिक जीवन में सही तालमेल और आदर्श व्यवस्था कैसे बनाई जा सकती है।
  • पुस्तक में लक्ष्मी की पूजा और उनकी साधना के सही तरीके, उनके मंत्र और उपासना विधियों का वर्णन किया गया है, जो पाठकों को अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने में मदद करते हैं।
  • यह ग्रंथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं के महत्व को रेखांकित करता है और उन्हें आधुनिक संदर्भ में भी प्रासंगिक बनाता है।

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