ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन, वैभव और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा को धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक पवित्र माना जाता है और इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से मां लक्ष्मी अपने भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा, जिसे वट पूर्णिमा या गंगा दशहरा के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 21 जून 2024 को मनाई जाएगी।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर विशेष उपाय
- इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखें और सायंकाल मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के बाद व्रत का पारण करें।
- संध्या समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं और मां लक्ष्मी का स्वागत करें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में धन और समृद्धि आती है।
- तुलसी के पौधे के समीप दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें। तुलसी की पूजा से भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को साफ करके गंगाजल से धो लें।
- एक चौकी पर लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- मां लक्ष्मी को पंचामृत, फूल, माला, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।
- “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मीये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना विशेष फलदायी माना जाता है।
- गाय को भोजन खिलाएं और दान करें।
- व्रत रखें और दिनभर सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- रात में माता लक्ष्मी की आरती करें।
ज्येष्ठ पूर्णिमा का लाभ
- मां लक्ष्मी की पूजा से घर में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
- जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है और सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं।
- घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- इस दिन की पूजा से वास्तु दोष का निवारण होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की विधि
- प्रातःकाल जल्दी उठकर पवित्र नदी, तालाब या घर पर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पूजा के लिए चंदन, अक्षत, पुष्प, धूप, दीपक, गंगाजल, केसर, कमल का फूल, नारियल, मिठाई, फल और विशेष रूप से पीले वस्त्र एकत्रित करें।
- मां लक्ष्मी की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
- चंदन का तिलक करें और पुष्पों से उनकी पूजा करें।
- मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करें या श्री लक्ष्मी सूक्तम पाठ करें।
- अंत में मां लक्ष्मी से धन, वैभव और सौभाग्य की कामना करें।
- मां लक्ष्मी को कमल का फूल और केसर अर्पित करें।
- धूप और दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की आरती करें।
- नारियल, मिठाई और फलों का भोग लगाएं।
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