राधिका देवी आरती

॥ आरती ॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ भयभन्जिनि भव-सागर-तारिणि, पाप-ताप-कलि-कल्मष-हारिणि, दिव्यधाम गोलोक-विहारिणि, जनपालिनि जगजननि भली की॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। अखिल विश्व-आनन्द-विधायिनि, मंगलमयी सुमंगलदायिनि, नन्दनन्दन-पदप्रेम प्रदायिनि, अमिय-राग-रस रंग-रली की॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। नित्यानन्दमयी आह्लादिनि, आनन्दघन-आनन्द-प्रसाधिनि, रसमयि, रसमय-मन-उन्मादिनि, सरस कमलिनी कृष्ण-अली की॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। नित्य निकुन्जेश्वरि राजेश्वरि, परम प्रेमरूपा परमेश्वरि, गोपिगणाश्रयि गोपिजनेश्वरि, विमल विचित्र…

श्री महावीर आरती

॥ आरती ॥ जय महावीर प्रभो!, स्वामी जय महावीर प्रभो!। जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो॥ ॐ जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये। पिता सिद्धार्थ राजा, सुर नर हर्षाए॥ ॐ जय महावीर प्रभु । दीनानाथ दयानिधि, हैं मंगलकारी। जगहित संयम धारा, प्रभु परउपकारी॥ ॐ जय महावीर प्रभु । पापाचार मिटाया, सत्पथ दिखलाया।…

बाबा गंगाराम आरती

॥ आरती ॥ जय हो गंगाराम बाबा जय हो गंगाराम। कष्ट निवारण मंगल दायक हो सब सुख के धाम॥ जय हो गंगाराम बाबा…॥ सच्चे मन से ध्यान धरे जो उनके सारो काम। धन-वैभव वह सब सुख पाता जाने जगत तमाम॥ जय हो गंगाराम बाबा…॥ प्रात:काल थारी करां वन्दना लेकर थारो नाम। चन्दन पुष्प चढ़ावा थारे…

श्री प्रेतराज आरती

॥ आरती ॥ दीन दुखिन के तुम रखवाले, संकट जग के काटन हारे। बालाजी के सेवक जोधा, मन से नमन इन्हें कर लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै… जिनके चरण कभी ना हारे, राम काज लगि जो अवतारे। उनकी सेवा में चित्त देते, अर्जी सेवक की सुन लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै… बाबा के तुम आज्ञाकारी,…

शनिवार आरती

॥ आरती ॥ जय शनि देवा, जय शनि देवा, जय जय जय शनि देवा। अखिल सृष्टि में कोटि-कोटिजन करें तुम्हारी सेवा। जय शनि देवा…॥ जा पर कुपित होउ तुम स्वामी, घोर कष्ट वह पावे। धन वैभव और मान-कीर्ति, सब पलभर में मिट जावे। राजा नल को लगी शनि दशा, राजपाट हर लेवा। जय शनि देवा…॥…

रविवार आरती

॥ आरती ॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥ ॐ जय अदिति नन्दन… सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥ ॐ जय अदिति नन्दन… सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित, विमल विभवशाली। अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ॐ जय अदिति नन्दन… सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी।…

शनि प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

।। शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि ।। प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें। भगवान शंकर और माता पार्वती को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं। अब भगवान को बेल पत्र, गंध, अक्षत , फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित…

परमा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। परमा एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें, भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें, अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें विष्णु चालीसा का पाठ और आरती जरूर…

अपरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। अपरा एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग…

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि ॥ ये व्रत दो प्रकार से रखा जाता है एक तो निर्जला दूसरा फल ग्रहण करके। व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु को अक्षत, दीपक, नैवेद्य आदि सोलह सामग्री से विधि विधान पूजा करें। एकादशी के दिन पीपल के…

श्री वेंकटेश्वर स्वामी आरती

|| आरती || जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय जय वेंकट स्वामी, तुम हो अंतर्यामी, जय श्री नाथ हरी, जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय जय वेंकट स्वामी, तुम हो अंतर्यामी, जय श्री नाथ हरी, जय तिरुपति बालाजी…. अगणित नाम तुम्हारे अगणित रूप धरे, स्वामी अगणित रूप धरे, तुमको ध्याये…

श्री तिरुपति बाला जी चालीसा

|| दोहा || रामानुज पदकमल का, मन में धर कर ध्यान। श्रीनिवास भगवान का, करें विमल गुण गान ।। तिरुपति की महिमा बड़ी, गाते वेद-पुरान । कलियुग में प्रत्यक्ष हैं, वेंकटेश भगवान ।। || चौपाई || जय श्रीवेंकटेश करुणा कर । श्रीनिवास स्वामी सुख सागर ।। जय जय तिरुपति धाम निवासी । अखिल लोक स्वामी…

कामिका एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ कामिका एकादशी पूजा विधि ॥ इस एकादशी के व्रत की विधि दशमी से ही शुरू हो जाती है। इस व्रत को रखने वाले साधक को सात्विक भोजन करना चाहिए और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह जल्दी स्नान कर लेना चाहिए। उसके बाद विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजा…

वरूथिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ वरूथिनी एकादशी पूजा विधि ॥ सर्वप्रथम एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके निवृत्त हो जाएँ। इसके बाद साफ सुथरे कपड़े धारण कर लें। अब भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। तत्पश्चात एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को…

आमलकी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ आमलकी एकादशी पूजा विधि ॥ आमलकी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें। आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की तस्वीर एक चौकी पर स्थापित करें और उनकी विधिवत पूजा करें। श्री विष्णु को रोली, चंदन, अक्षत, फूल, धूप…

मोहिनी (पापमोचनी) एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ मोहिनी एकादशी पूजा विधि ॥ पापमोचनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है व्रत के दिन सूर्योदय के समय जगें और स्नान करना चाहिए भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठकर एकादशी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए दिन में भगवान विष्णु की पूजा के बाद रात्रि में…

षटतिला एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ षटतिला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ षटतिला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन तिल का प्रयोग 6 तरीकों से किया जाता है। तिल स्नान, तिल का उबटन, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का भोग और तिल का दान। पूजा के लिए इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में…

देव प्रबोधिनी / देवउठनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

देव प्रबोधिनी एकादशी

।। देव प्रबोधिनी / देवउठनी एकादशी ।। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह एकादशी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होता है और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं।…

सफला एकादशी व्रत कथा एवं पूजा विधि

॥ सफला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ सफला एकादशी व्रत के प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें, संभव हो तो पीला कपड़ा पहनें। इसके बाद हाथ में जल लेकर सफला एकादशी व्रत, भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें। अब पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित…

श्री महालक्ष्मी आरती

|| आरती || ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ || ओम जय लक्ष्मी माता || उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ || ओम जय लक्ष्मी माता || दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ || ओम…

श्री चंद्रघंटा माँ आरती

|| आरती || जय मां चंद्रघंटा सुख धाम पूर्ण कीजो मेरे काम चंद्र समान तू शीतल दाती चंद्र तेज किरणों में समाती क्रोध को शांत बनाने वाली मीठे बोल सिखाने वाली मन की मालक मन भाती हो चंद्र घंटा तुम वरदाती हो सुंदर भाव को लाने वाली हर संकट मे बचाने वाली हर बुधवार जो…

श्री सीताराम आरती

॥ आरती ॥ आसपास सखियाँ सुख दैनी, सजि नव साज सिन्गार सुनैनी, बीन सितार लिएँ पिकबैनी, गाइ सुराग सुनाओ॥ गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ। अनुपम छबि धरि दन्पति राजत, नील पीत पट भूषन भ्राजत, निरखत अगनित रति छबि लाजत, नैनन को फल पाओ॥ गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ। नीरज नैन चपल…

श्री राम रघुपति आरती

॥ आरती ॥ बन्दौं रघुपति करुना निधान। जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥ रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस। सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥ निज भक्त-हृदय पाथोज-भृन्ग। लावन्यबपुष अगनित अनन्ग॥ अति प्रबल मोह-तम-मारतण्ड। अग्यान-गहन- पावक-प्रचण्ड॥ अभिमान-सिन्धु-कुम्भज उदार। सुररन्जन, भन्जन भूमिभार॥ रागादि- सर्पगन पन्नगारि। कन्दर्प-नाग-मृगपति, मुरारि॥ भव-जलधि-पोत चरनारबिन्द। जानकी-रवन आनन्द कन्द॥ हनुमन्त प्रेम बापी मराल। निष्काम कामधुक गो दयाल॥ त्रैलोक-तिलक, गुनगहन राम। कह तुलसिदास…

चौथ माता व्रत कथा और पूजा विधि

।। चौथ माता व्रत पूजा विधि ।। सुबह स्नान ध्यान करके भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद सूर्यास्त के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। गणेश जी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भर कर रखें। धूप-दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, शकरकंद, अमरूद, गुड़ और घी अर्पित करें। तिलकूट का बकरा भी कहीं-कहीं बनाया जाता…

जानकी माता आरती

॥ आरती ॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की। राममधुपमन कमल कली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी। अन्तर साँवर बाहर गोरी। सकल सुमन्गल सुफल फली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ पिय दृगमृग जुग-वन्धन डोरी, पीय प्रेम रस-राशि किशोरी। पिय मन गति विश्राम थली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ रूप-रास गुननिधि…

श्री शीतला अष्टमी व्रत कथा

|| शीतलाष्टमी कथा || एक बार एक राजा के इकलौते पुत्र को शीतला (चेचक) निकली। उसी के राज्य में एक काछी-पुत्र को भी शीतला निकली हुई थी। काछी परिवार बहुत गरीब था, पर भगवती का उपासक था। वह धार्मिक दृष्टि से जरूरी समझे जाने वाले सभी नियमों को बीमारी के दौरान भी भली-भांति निभाता रहा।…

श्री विजय पार्वती व्रत कथा

|| विजया-पार्वती व्रत का पूजन || * आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। * तत्पश्चात व्रत का संकल्प करके माता पार्वती का स्मरण करें। * घर के मंदिर में शिव-पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। * फिर शिव-पार्वती को कुंमकुंम, शतपत्र, कस्तूरी, अष्टगंध और…

श्री सीता नवमी व्रत कथा

|| पूजन विधि || सीता नवमी के दिन सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान के प‍श्चात व्रत का संकल्प लें। एक लकड़ी के पटिये पर पीला वस्त्र बिछाकर माता सीता की श्रीराम सहित मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। राम-सीता की प्रतिमा पर श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। इस दिन दूध, पुष्प, धूप, दीप एवं नैवेद्य…

श्री भैरवी व्रत कथा

|| माँ भैरवी की कथा || यह कथा बहुत ही रोचक हैं जो भगवान शिव व उनकी प्रथम पत्नी माता सती से जुड़ी हुई हैं। हालाँकि उनकी दूसरी पत्नी माता पार्वती माँ सती का ही पुनर्जन्म मानी जाती हैं। भैरवी महाविद्या की कहानी के अनुसार, एक बार माता सती के पिता राजा दक्ष ने विशाल…

श्री सप्तश्रृंगा अंबा आरती

|| आरती || जय देवी सप्तश्रृंगा अंबा गौतमी गंगा नटली ही । बहुरंगा उटी शेंदूर अंगा जय देवी सप्तश्रृंगा ।। धृ ।। पूर्व मुख अंबे ध्यान जरा वाकडी मान मार्कडेय देई कान । सप्तशतीचे पान एके अंबा गिरि श्रृंगा, अंबा गौतमी गंगा जय देवी सप्तश्रृंगी ।। माये तुझा बहु थाट देई सगुण भेट प्रेम पान्हा…

श्री दंतेश्वरी माता आरती

|| आरती || ओम दंतेश्वरी माता, जय दंतेश्वरी माता। शरणागत की रक्षक, रिद्धि –सिद्धि दाता।। पावन छवि विराजत, श्यामागी गौरी। रजत सर्वण आभूषण, भात मुकुट धारी।। शक्ति सती कल्याणी, भव संताप हरे। दंतेश्वरी भवानी, नाम अनेक धरे।। मंगल ज्योति कलश की, जगमग ज्योति जले। तन–मन करे प्रकाशित, जग्दम्बे अमले।। दानव देव मनुज संत, सेवक सब…

सतगुरु की आरती

|| आरती || आरती संग सतगुरु के कीजै। अन्तर जोत होत लख लीजै ।। पाँच तत्व तन अग्नि जराई। दीपक चास प्रकाश करीजै ।। गगन-थाल रवि-शशि फल-फूला। मूल कपूर कलश धर दीजै ।। अच्छत नभ तारे मुक्ताहल। पोहप-माल हिय हार गुहीजै ।। सेत पान मिष्टान्न मिठाई। चन्दन धूप दीप सब चीजैं ।। झलक झाँझ मन…

वायु नंदन की आरती

|| आरती || हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ , आरती गाऊँ प्यारे आपको मनाऊँ, आपको मनाऊँ प्यारे आपको रिझाऊँ, हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ , मस्तक पे है मुकूट बिराजे , हृदय में श्री राम बिराजे, उन चरणों के में दरसन पाऊँ, हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ, सीता सुधी प्रभु राम को…

श्री भागवत भगवान आरती

|| आरती || श्री भागवत भगवान की आरती श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जगाने वाला। हरि नाम यही हरि धाम यही, जग मंगल की आरती पापियों को पाप से है तारती॥ ॥ श्री भागवत भगवान की…

श्री नाग पंचमी आरती

|| आरती || श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै । तन मन धन सब अर्पण कीजै । नेत्र लाल भिरकुटी विशाला । चले बिन पैर सुने बिन काना । उनको अपना सर्वस्व दीजे।। पाताल लोक में तेरा वासा । शंकर विघन विनायक नासा । भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।। शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।…

शेषनाग की आरती

|| आरती || आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की। उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त, सभी करते है सेवा॥ मनोकामना पूरण करते, तन-मन से जो सेवा करते। आरती कीजे श्री नागदेवता की , भूमि का भार वहनकर्ता की॥ भक्तो के संकट हारी की, आरती कीजे श्री नागदेवता की। आरती कीजे…

श्री भैरवी माता आरती

|| आरती || जय-जय भै‍रवि असुर भयाउनि पशुपति भामिनी माया सहज सुमति वर दियउ गोसाउनि अनुगति गति तुअ पाया वासर रैनि सबासन शोभित चरण चन्‍द्रमणि चूड़ा कतओक दैत्‍य मारि मुख मेलल कतओ उगिलि कएल कूड़ा सामर बरन नयन अनुरंजित जलद जोग फुलकोका कट-कट विकट ओठ पुट पांडरि लिधुर फेन उठ फोंका घन-घन-घनय घुंघरू कत बाजय…

गिरिधारी आरती

॥ आरती ॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। दानव-दल-बलहारी, गो-द्विज-हितकारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। जय गोविन्द दया निधि, गोवर्धन-धारी। वन्शीधर बनवारी ब्रज-जन-प्रियकारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। गणिका-गीध-अजामिल गजपति-भयहारी। आरत-आरति-हारी, जग-मन्गल-कारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। गोपालक, गोपेश्वर, द्रौपदि-दुखदारी। शबर-सुता-सुखकारी, गौतम-तिय तारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु,…

नटवर आरती

॥ आरती ॥ नन्द-सुवन जसुमतिके लाला, गोधन गोपी प्रिय गोपाला। देवप्रिय असुरनके काला, मोहन विश्वविमोहन वर की॥ आरती कीजै श्रीनटवर जी की। जय वसुदेव-देवकी-नन्दन, कालयवन-कन्सादि-निकन्दन। जगदाधार अजय जगवन्दन, नित्य नवीन परम सुन्दर की॥ आरती कीजै श्रीनटवर जी की। अकल कलाधर सकल विश्वधर, विश्वम्भर कामद करुणाकर। अजर, अमर, मायिक, मायाहर, निर्गुन चिन्मय गुणमन्दिर की॥ आरती कीजै…

श्री कृष्ण कन्हैया आरती

॥ आरती ॥ मथुरा कारागृह अवतारी, गोकुल जसुदा गोद विहारी। नन्दलाल नटवर गिरधारी, वासुदेव हलधर भैया की॥ आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की। मोर मुकुट पीताम्बर छाजै, कटि काछनि, कर मुरलि विराजै। पूर्ण सरक ससि मुख लखि लाजै, काम कोटि छवि जितवैया की॥ आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की। गोपीजन रस रास विलासी, कौरव कालिय, कन्स बिनासी। हिमकर भानु,…

श्री यशोदालाल आरती

॥ आरती ॥ आरति करत यसोदा प्रमुदित, फूली अङ्ग न मात। बल-बल कहि दुलरावत आनन्द मगन भई पुलकात॥ आरति करत यसोदा प्रमुदित… सुबरन-थार रत्न-दीपावलि चित्रित घृत-भीनी बात। कल सिन्दूर दूब दधि अच्छत तिलक करत बहु भाँत॥ आरति करत यसोदा प्रमुदित… अन्न चतुर्विध बिबिध भोग दुन्दुभि बाजत बहु जात। नाचत गोप कुम्कुमा छिरकत देत अखिल नगदात॥…

श्री लक्ष्मीनारायण आरती

॥ आरती ॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। जय लक्ष्मीनारायण, जय लक्ष्मी-विष्णो। जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। जय चम्पा सम-वर्णे जय नीरदकान्ते। जय मन्द स्मित-शोभे जय अदभुत शान्ते॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। कमल वराभय-हस्ते शङ्खादिकधारिन्। जय कमलालयवासिनि गरुडासनचारिन्॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। सच्चिन्मयकरचरणे सच्चिन्मयमूर्ते। दिव्यानन्द-विलासिनि जय सुखमयमूर्ते॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। तुम त्रिभुवन की माता, तुम सबके त्राता। तुम…

श्री पवनसुत हनुमान आरती

॥ आरती ॥ जयति मंगलागार, संसार, भारापहर, वानराकार विग्रह पुरारी। राम-रोषानल, ज्वालमाला मिषध्वान्तचर-सलभ-संहारकारी॥ जयति मरुदन्जनामोद-मन्दिर, नतग्रीवसुग्रीव-दुःखैकबन्धो। यातुधानोद्धत-क्रुद्ध-कालाग्निहर, सिद्ध-सुर-सज्जनानन्दसिन्धो॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति रुद्राग्रणी, विश्ववन्द्याग्रणी, विश्वविख्यात-भट-चक्रवर्ती। सामगाताग्रणी, कामजेताग्रणी, रामहित, रामभक्तानुवर्ती॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति संग्रामजय, रामसन्देशहर, कौशला-कुशल-कल्याणभाषी। राम-विरहार्क-संतप्त-भरतादि नर-नारि-शीतलकरणकल्पशाषी॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति सिंहासनासीन सीतारमण, निरखि निर्भर हरष नृत्यकारी। राम संभ्राज शोभा-सहित सर्वदा तुलसि-मानस-रामपुर-विहारी॥ जयति मंगलागार,…

गजबदन विनायक आरती

॥ आरती ॥ आरती गजबदन विनायककी। सुर-मुनि-पूजित गणनायककी॥ आरती गजबदन विनायककी॥ एकदन्त शशिभाल गजानन, विघ्नविनाशक शुभगुण कानन। शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन, दुःखविनाशक सुखदायक की॥ आरती गजबदन विनायककी॥ ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति, विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति। अघ-वन-दहन अमल अबिगत गति, विद्या-विनय-विभव-दायककी॥ आरती गजबदन विनायककी॥ पिङ्गलनयन, विशाल शुण्डधर, धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर। लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर, सुर-वन्दित सब विधि लायककी॥ आरती गजबदन विनायककी॥

श्री बाँकेबिहारी आरती

॥ आरती ॥ श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ। कुन्जबिहारी तेरी आरती गाऊँ। श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊँ। श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥ मोर मुकुट प्रभु शीश पे सोहे। प्यारी बंशी मेरो मन मोहे। देखि छवि बलिहारी जाऊँ। श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥ चरणों से निकली गंगा प्यारी। जिसने सारी दुनिया तारी। मैं उन चरणों के…

श्री पुरुषोत्तम देव आरती

॥ आरती ॥ जय पुरुषोत्तम देवा, स्वामी जय पुरुषोत्तम देवा। महिमा अमित तुम्हारी, सुर-मुनि करें सेवा॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ सब मासों में उत्तम, तुमको बतलाया। कृपा हुई जब हरि की, कृष्ण रूप पाया॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ पूजा तुमको जिसने सर्व सुक्ख दीना। निर्मल करके काया, पाप छार कीना॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ मेधावी मुनि कन्या, महिमा…

नटराज जी आरती

॥ आरती ॥ सत सृष्टि तांडव रचयिता नटराज राज नमो नमः… हेआद्य गुरु शंकर पिता नटराज राज नमो नमः… गंभीर नाद मृदंगना धबके उरे ब्रह्मांडना नित होत नाद प्रचंडना नटराज राज नमो नमः… शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां विषनाग माला कंठ मां नटराज राज नमो नमः… तवशक्ति वामांगे स्थिता हे चंद्रिका अपराजिता…

श्री सत्यनारायण आरती

|| आरती || जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा ॥ जय लक्ष्मी रमणा.. रत्न जडि़त सिंहासन अद्भुत छवि राजै। नारद करत निरंजन, घण्टा ध्वनि बाजै ॥ जय लक्ष्मी रमणा.. प्रगट भये कलि कारण, द्विज को दर्श दियो। बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कञ्चन महल कियो ॥ जय लक्ष्मी रमणा.. दुर्बल भील…

श्री सत्यनारायण व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| श्री सत्य नारायण पूजन विधि || जो व्यक्ति भगवान् श्री सत्य नारायण की पूजा का संकल्प लेते हैं, उन्हें दिन भर व्रत रखना चाहिए। पूजन स्थल को गाय के गोबर से पवित्र करके वहाँ एक अल्पना बनाएँ और उस पर पूजा की चौकी रखना चाहिये। इस चौकी के चारों पायों के पास केले के…

श्री काल भैरव अष्टमी व्रत कथा

|| काल भैरव की पूजा विधि || इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर नित्य-क्रिया आदि कर स्वच्छ हो जाएं। एक लकड़ी के पाट पर सबसे पहले शिव और पार्वतीजी के चित्र को स्थापित करें। फिर काल भैरव के चित्र को स्थापित करें। जल का छिड़काव करने के बाद सभी को गुलाब के फूलों का…