जय श्री राम! जय हनुमान! क्या आप जीवन में आने वाली बाधाओं, डर (fear), और चुनौतियों से थक चुके हैं? क्या आप एक ऐसे उपाय की तलाश में हैं जो आपको शक्ति, साहस और हनुमान जी का आशीर्वाद (blessings) दिला सके?
तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए ही है! मंगलवार का व्रत (Mangalwar Vrat) एक ऐसा ही अचूक उपाय है जो आपको बजरंगबली की कृपा का पात्र बना सकता है। यह न सिर्फ आपके मंगल ग्रह (Mars planet) को मजबूत करता है, बल्कि आपके हर बिगड़े काम को भी बना देता है। आइये, जानते हैं इस पवित्र व्रत की सही विधि, जरूरी सामग्री और चमत्कारी मंत्र, ताकि आपका व्रत सम्पूर्ण हो और आपको इसका पूरा फल मिले!
मंगलवार व्रत का महत्व (Significance of Tuesday Fast)
हनुमान जी को कलियुग का जीवंत देवता माना जाता है। वह भगवान राम के परम भक्त हैं, जो संकटमोचन और बल-बुद्धि-विद्या के दाता हैं। मंगलवार का दिन उन्हीं को समर्पित है।
- इस व्रत को करने से जीवन के सभी दुख और संकट दूर होते हैं।
- कुंडली (Kundali) में मंगल दोष हो तो यह व्रत बहुत लाभकारी होता है।
- यह व्रत करने वाले को शारीरिक (physical) और मानसिक (mental) शक्ति प्रदान करता है।
- संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए यह व्रत बहुत फलदायी है।
- बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) से सुरक्षा मिलती है।
व्रत के लिए आवश्यक सामग्री (Essential Samagri)
आपकी पूजा सफल हो, इसके लिए सही सामग्री का होना बहुत जरूरी है:
- हनुमान जी की मूर्ति/चित्र – बैठी हुई मुद्रा में लाल रंग का चित्र शुभ माना जाता है।
- लाल वस्त्र – हनुमान जी को अर्पित करने के लिए और स्वयं पहनने के लिए।
- चमेली का तेल और सिंदूर – हनुमान जी को चोला (Chola) चढ़ाने के लिए (सिंदूर में चमेली का तेल मिलाएं)।
- पुष्प लाल रंग के – फूल (जैसे गुड़हल या गुलाब) अति प्रिय हैं।
- भोग/प्रसाद – गुड़, चना, बूंदी के लड्डू, या बेसन के लड्डू (इनमें नमक नहीं होना चाहिए)।
- अन्य सामग्री – घी का दीपक, धूप/अगरबत्ती, रोली, अक्षत (चावल), गंगाजल, जल का लोटा।
मंगलवार व्रत की सही पूजा विधि (The Right Puja Method)
यह व्रत कम से कम 21 मंगलवार तक करना चाहिए।
- सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और स्वच्छ लाल वस्त्र पहनें। हाथ में जल लेकर हनुमान जी के सामने 21 या 45 मंगलवार व्रत करने का संकल्प लें।
- घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की मूर्ति/चित्र स्थापित करें। साथ में राम दरबार का चित्र भी रखें।
- देसी घी या चमेली के तेल का दीपक जलाएं। हनुमान जी को रोली, अक्षत, लाल फूल, और वस्त्र अर्पित करें। उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल मिलाकर चोला चढ़ाएं (महिलाओं को चोला नहीं चढ़ाना चाहिए)।
- हाथ में अक्षत और फूल लेकर मंगलवार व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इसके बाद, हनुमान चालीसा का 7, 11, या 108 बार पाठ करें। संभव हो तो सुंदरकांड का पाठ करें।
- पूजा के दौरान इस सरल और अचूक मंत्र का जाप करें: – “ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।” या “ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय महाबलाय स्वाहा।”
- गुड़-चने या लड्डू का भोग लगाएं। अंत में कपूर या घी के दीपक से हनुमान जी की आरती करें। प्रसाद परिवार में बांटें।
- दिन में केवल एक बार, शाम के समय सात्विक भोजन (बिना नमक का मीठा खाना जैसे हलवा, चूरमा, या फल) ग्रहण करके व्रत खोलें।
जरूरी नियम (Important Rules to Follow)
व्रत का फल तभी मिलता है जब नियमों का पालन हो:
- इस दिन भूलकर भी नमक का सेवन न करें।
- व्रत के दिन ब्रह्मचर्य (celibacy) का पालन करें।
- काले या सफेद रंग के वस्त्र बिल्कुल न पहनें। लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है।
- मंगलवार को सफेद चीजों (जैसे दूध, दही, सफेद मिठाई) का दान करने से बचें। लाल वस्त्र, गुड़, या मसूर की दाल का दान करें।
- मन और कर्म की पवित्रता (purity) बनाए रखें। किसी की निंदा न करें।
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