Download HinduNidhi App
Misc

श्री नमिनाथ आरती

Naminath Aarti Hindi

MiscAarti (आरती संग्रह)हिन्दी
Share This

॥ आरती ॥

श्री नमिनाथ जिनेश्वर प्रभु की, आरति है सुखकारी।
भव दु:ख हरती, सब सुख भरती, सदा सौख्य करतारी॥

श्री नमिनाथ जिनेश्वर प्रभु की..

मिथिला नगरी धन्य हो गई, तुम सम सूर्य को पाके।
मात वप्पिला, विजय पिता, जन्मोत्सव खूब मनाते।
इन्द्र जन्मकल्याण मनाने, स्वर्ग से आते भारी।

श्री नमिनाथ जिनेश्वर प्रभु की..

शुभ आषाढ़ वदी दशमी, सब परिग्रह प्रभु ने त्यागा।
नम: सिद्ध कह दीक्षा धारी, आत्म ध्यान मन लागा।
ऐसे पूर्ण परिग्रह त्यागी, मुनि पद धोक हमारी।

श्री नमिनाथ जिनेश्वर प्रभु की..

मगशिर सुदि ग्यारस प्रभु के, केवलरवि प्रगट हुआ था।
समवशरण शुभ रचा सभी, दिव्यध्वनि पान किया था।
हृदय सरोज खिले भक्तों के, मिली ज्ञान उजियारी।

श्री नमिनाथ जिनेश्वर प्रभु की..

तिथि वैशाख वदी चौदस, निर्वाण पधारे स्वामी।
श्री सम्मेदशिखर गिरि है, निर्वाणभूमि कल्याणी।
उस पावन पवित्र तीरथ का, कण-कण है सुखकारी।

श्री नमिनाथ जिनेश्वर प्रभु की..

हे नमिनाथ जिनेश्वर तव, चरणाम्बुज में जो आते।
श्रद्धायुत हों ध्यान धरें, मनवांछित पदवी पाते।
आश एक ‘‘चंदनामती’’ शिवपद पाऊँ अविकारी।

श्री नमिनाथ जिनेश्वर प्रभु की..

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download HinduNidhi App
श्री नमिनाथ आरती PDF

Download श्री नमिनाथ आरती PDF

श्री नमिनाथ आरती PDF

Leave a Comment