श्री हरि स्तोत्रम्

॥ श्री हरि स्तोत्र पाठ विधि ॥ पाठ शुरू करने से पहले सुबह उठकर नित्य क्रिया के बाद स्नान कर लें। श्री गणेश का नाम ले कर पूजा शुरू करें। पाठ को शुरू करने के बाद बीच में रुकना या उठना नहीं चाहिए। ॥ श्री हरि स्तोत्र एवं अर्थ ॥ जगज्जालपालं कचतकण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालम्। नभोनीलकायं…

महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्रम्

॥ शनि मृत्युंजय स्तोत्र पाठ के लाभ ॥ महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करते समय उच्चारण शुद्ध रखने से इसका पूर्ण प्रभाव होता है। इसका प्रति शनिवार पाठ करना चाहिए इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करने के पश्चात शनि देव को तेल अवश्य चढ़ाएं, इससे आपके ऊपर से…

मारुति स्तोत्रम्

|| मारुति स्तोत्र की जप की विधि || मारुति स्तोत्र का पाठ प्रातः के समय या फिर संध्या वंदन के समय करना चाहिए। इसके पाठ के लिए सबसे पहले स्वयं को शुद्ध कर लें। इसके बाद आसान हनुमान जी की प्रतिमा के आसन विछाकर बैठें। हनुमान जी की विधिवत पूजा करें। उसके पश्चात पाठ प्रारंभ…

श्री वैष्णो देवी की सम्पूर्ण कहानी (Shri Vaishno Devi Ki Kahani)

श्री वैष्णो देवी की सम्पूर्ण कहानी (Shri Vaishno Devi Ki Kahani)

‘श्री वैष्णो देवी की सम्पूर्ण कहानी’ ज्वाला प्रसाद चतुर्वेदी द्वारा लिखित एक अद्वितीय पुस्तक है, जो मां वैष्णो देवी के दिव्य प्रकट होने की पौराणिक कथा, उनके चमत्कारी रूप और उनके उपासना स्थल के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। यह पुस्तक भक्तों के लिए वैष्णो देवी की महिमा को…

वैदिक गणपति (Vedic Ganapati)

वैदिक गणपति (Vedic Ganapati)

मदन रहेजा द्वारा लिखित “वैदिक गणपति” एक अद्भुत पुस्तक है जो भगवान गणपति के वैदिक स्वरूप, उनकी महिमा, उपासना विधियों और उनसे जुड़ी वैदिक कथाओं पर केंद्रित है। यह पुस्तक उन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है जो गणपति की उपासना के माध्यम से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त करना चाहते…

तुलसी पूजा के नियम – इन चीजों को रखें तुलसी के पास, बढ़ेगी सुख-समृद्धि!

tulsi pooja

तुलसी हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण मानी जाती है। तुलसी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। यहाँ तुलसी पूजा के कुछ महत्वपूर्ण नियम और बातें दी जा रही हैं जो आपको पालन करनी चाहिए। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय होने के कारण, तुलसी की पूजा करना…

क्या रविवार और एकादशी को तुलसी को पानी देना अशुभ है? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण!

tulsi

हिंदू धर्म में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना जाता है। तुलसी की पूजा की जाती है और यह विश्वास है कि जिस घर में तुलसी होती है, वहाँ लक्ष्मी जी का वास होता है। ऐसे घर पर हमेशा भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। तुलसी में अनेक औषधीय गुण होते हैं और यह स्वास्थ्य…

तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो

|| तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो || तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो । धन तुलसी पूरण तप कीनो, शालिग्राम बनी पटरानी । जाके पत्र मंजरी कोमल, श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥ धूप-दीप-नवैद्य आरती, पुष्पन की वर्षा बरसानी । छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन, बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥ सभी सखी मैया तेरो…

श्री तुलसी विवाह व्रत कथा एवं विवाह विधि

|| तुलसी विवाह विधि || सबसे पहले पूजा के स्थान पर गन्ने से मंडप सजाएं। गेरू और फूलों से तुलसी जी के गमले को भी सजाएं। संध्या के समय शुभ मुहूर्त में तुलसी विवाह पूजा की शुरुआत करें। लकड़ी की साफ चौकी स्थापित करें और उस पर गंगाजल छिड़क कर आसन बिछाएं। कलश में पवित्र…

तुलसी चालीसा

|| तुलसी चालीसा || ॥ दोहा ॥ जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी । नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी ॥ श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब । जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥ धन्य धन्य श्री तलसी माता । महिमा अगम सदा श्रुति गाता ॥…

राक्षस कुल से देवी कैसे बनी तुलसी माता? जानें रहस्य

tulsi mata

तुलसी माता, जिन्हें वृंदा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा और देवी हैं। भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होने के कारण, उन्हें “विष्णुप्रिया” और “लक्ष्मीप्रिया” भी कहा जाता है। तुलसी माता का जन्म राक्षस कुल में हुआ था, लेकिन उनका जीवन सदैव भक्ति और पतिव्रता का रहा। भारतीय संस्कृति में देवी-देवताओं…

तुलसी सहस्रनामावली

।। देवी तुलसी सहस्रनामावली ।। ॐ अक्षुद्रायै नमः। ॐ अचिन्त्यरूपायै नमः। ॐ अजरायै नमः। ॐ अजरायै नमः। ॐ अणिमावत्यै नमः। ॐ अतुलवपुर्धरायै नमः। ॐ अदित्यै नमः। ॐ अद्भुतायै नमः। ॐ अद्भुतायै नमः। ॐ अध्वरायै नमः। ॐ अनन्तरूपायै नमः। ॐ अनन्तायै नमः। ॐ अनाथरक्षिण्यै नमः। ॐ अनाथायै नमः। ॐ अनीहायै नमः। ॐ अनुमत्यै नमः। ॐ अनुष्ठुभे…

श्री तुलसी स्तोत्रम्

|| श्री तुलसी स्तोत्रम् || जगद्धात्रि! नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे । यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टि स्थित्यन्तकारिणः ॥ नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे । नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥ तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भ्योऽपि सर्वदा । कीर्तितापि स्मृता वापि पवित्रयति मानवम् ॥ नमामि शिरसा देवीं तुलसीं विलसत्तनुम् । यां दृष्ट्वा पापिनो मर्त्या मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषात् ॥ तुलस्या…

श्री तुलसी कवच

॥ श्री तुलसी कवचम् ॥ ॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ अस्य श्री तुलसीकवच स्तोत्रमंत्रस्य । श्री महादेव ऋषिः । अनुष्टुप्छन्दः । श्रीतुलसी देवता । मन ईप्सितकामनासिद्धयर्थं जपे विनियोगः । तुलसी श्रीमहादेवि नमः पंकजधारिणी । शिरो मे तुलसी पातु भालं पातु यशस्विनी ॥ दृशौ मे पद्मनयना श्रीसखी श्रवणे मम । घ्राणं पातु सुगंधा मे मुखं…

श्री तुलसी माता की आरती

|| तुलसी माता आरती || जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता । सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥ ॥ जय तुलसी माता…॥ सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर । रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥ ॥ जय तुलसी माता…॥ बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है…

श्री तुलसी स्तुति

॥ तुलसी स्तुति ॥ तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे । नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥ मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि । आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः । यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ अमृतां सर्वकल्याणीं शोकसन्तापनाशिनीम् । आधिव्याधिहरीं नॄणां तुलसि त्वां नम्राम्यहम् ॥ देवैस्त्चं निर्मिता पूर्वं अर्चितासि मुनीश्वरैः । नमो नमस्ते तुलसि…

देवउठनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

देव प्रबोधिनी एकादशी

वर्ष 2024 में देव प्रबोधिनी / देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को मनायी जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 11 नवंबर 2024 को रात 06 बजकर 46 मिनट से आरंभ हो हो रही है, जो 12 नवंबर को रात 04 बजकर 04 मिनट पर समाप्त हो रही है। उदया तिथि…

Sri Amba Bhujanga Pancharatna Stotram

|| Sri Amba Bhujanga Pancharatna Stotram || vadhūrōjagōtrōdharāgrē carantaṁ luṭhantaṁ plavantaṁ naṭaṁ tapatantam padaṁ tē bhajantaṁ manōmarkaṭantaṁ kaṭākṣālipāśaissubaddhaṁ kuru tvam || 1 || gajāsyaṣṣaḍāsyō yathā tē tathāhaṁ kutō māṁ na paśyasyahō kiṁ bravīmi sadā nētrayugmasya tē kāryamasti tr̥tīyēna nētrēṇa vā paśya māṁ tvam || 2 || tvayītthaṁ kr̥taṁ cēttava svāntamamba praśītaṁ praśītaṁ praśītaṁ kimāsīt itō:’nyatkimāstē…

ஶ்ரீ அம்பா³ பு⁴ஜங்க³பஞ்சரத்ன ஸ்தோத்ரம்

|| ஶ்ரீ அம்பா³ பு⁴ஜங்க³பஞ்சரத்ன ஸ்தோத்ரம் || வதூ⁴ரோஜகோ³த்ரோத⁴ராக்³ரே சரந்தம் லுட²ந்தம் ப்லவந்தம் நடம் தபதந்தம் பத³ம் தே ப⁴ஜந்தம் மனோமர்கடந்தம் கடாக்ஷாளிபாஶைஸ்ஸுப³த்³த⁴ம் குரு த்வம் || 1 || க³ஜாஸ்யஷ்ஷடா³ஸ்யோ யதா² தே ததா²ஹம் குதோ மாம் ந பஶ்யஸ்யஹோ கிம் ப்³ரவீமி ஸதா³ நேத்ரயுக்³மஸ்ய தே கார்யமஸ்தி த்ருதீயேன நேத்ரேண வா பஶ்ய மாம் த்வம் || 2 || த்வயீத்த²ம் க்ருதம் சேத்தவ ஸ்வாந்தமம்ப³ ப்ரஶீதம் ப்ரஶீதம் ப்ரஶீதம் கிமாஸீத் இதோ(அ)ன்யத்கிமாஸ்தே யஶஸ்தே…

ಶ್ರೀ ಅಂಬಾ ಭುಜಂಗ ಪಂಚರತ್ನ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಶ್ರೀ ಅಂಬಾ ಭುಜಂಗ ಪಂಚರತ್ನ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ವಧೂರೋಜಗೋತ್ರೋಧರಾಗ್ರೇ ಚರಂತಂ ಲುಠಂತಂ ಪ್ಲವಂತಂ ನಟಂ ತಪತಂತಮ್ ಪದಂ ತೇ ಭಜಂತಂ ಮನೋಮರ್ಕಟಂತಂ ಕಟಾಕ್ಷಾಳಿಪಾಶೈಸ್ಸುಬದ್ಧಂ ಕುರು ತ್ವಮ್ || ೧ || ಗಜಾಸ್ಯಷ್ಷಡಾಸ್ಯೋ ಯಥಾ ತೇ ತಥಾಹಂ ಕುತೋ ಮಾಂ ನ ಪಶ್ಯಸ್ಯಹೋ ಕಿಂ ಬ್ರವೀಮಿ ಸದಾ ನೇತ್ರಯುಗ್ಮಸ್ಯ ತೇ ಕಾರ್ಯಮಸ್ತಿ ತೃತೀಯೇನ ನೇತ್ರೇಣ ವಾ ಪಶ್ಯ ಮಾಂ ತ್ವಮ್ || ೨ || ತ್ವಯೀತ್ಥಂ ಕೃತಂ ಚೇತ್ತವ ಸ್ವಾಂತಮಂಬ ಪ್ರಶೀತಂ ಪ್ರಶೀತಂ ಪ್ರಶೀತಂ ಕಿಮಾಸೀತ್ ಇತೋಽನ್ಯತ್ಕಿಮಾಸ್ತೇ…

శ్రీ అంబా భుజంగపంచరత్న స్తోత్రం

|| శ్రీ అంబా భుజంగపంచరత్న స్తోత్రం || వధూరోజగోత్రోధరాగ్రే చరంతం లుఠంతం ప్లవంతం నటం తపతంతమ్ పదం తే భజంతం మనోమర్కటంతం కటాక్షాళిపాశైస్సుబద్ధం కురు త్వమ్ || ౧ || గజాస్యష్షడాస్యో యథా తే తథాహం కుతో మాం న పశ్యస్యహో కిం బ్రవీమి సదా నేత్రయుగ్మస్య తే కార్యమస్తి తృతీయేన నేత్రేణ వా పశ్య మాం త్వమ్ || ౨ || త్వయీత్థం కృతం చేత్తవ స్వాంతమంబ ప్రశీతం ప్రశీతం ప్రశీతం కిమాసీత్ ఇతోఽన్యత్కిమాస్తే యశస్తే…

श्री अम्बाभुजङ्गपञ्चरत्न स्तोत्रम्

|| श्री अम्बाभुजङ्गपञ्चरत्न स्तोत्रम् || वधूरोजगोत्रोधराग्रे चरन्तं लुठन्तं प्लवन्तं नटं तपतन्तम् पदं ते भजन्तं मनोमर्कटन्तं कटाक्षालिपाशैस्सुबद्धं कुरु त्वम् ॥ १ ॥ गजास्यष्षडास्यो यथा ते तथाहं कुतो मां न पश्यस्यहो किं ब्रवीमि सदा नेत्रयुग्मस्य ते कार्यमस्ति तृतीयेन नेत्रेण वा पश्य मां त्वम् ॥ २ ॥ त्वयीत्थं कृतं चेत्तव स्वान्तमम्ब प्रशीतं प्रशीतं प्रशीतं किमासीत् इतोऽन्यत्किमास्ते यशस्ते कुतस्स्यात्…

Sri Amba Pancharatna Stotram

|| Sri Amba Pancharatna Stotram || ambāśambaravairitātabhaginī śrīcandrabimbānanā bimbōṣṭhī smitabhāṣiṇī śubhakarī kādambavāṭyāśritā | hrīṅkārākṣaramantramadhyasubhagā śrōṇīnitambāṅkitā māmambāpuravāsinī bhagavatī hērambamātāvatu || 1 || kalyāṇī kamanīyasundaravapuḥ kātyāyanī kālikā kālā śyāmalamēcakadyutimatī kāditripañcākṣarī | kāmākṣī karuṇānidhiḥ kalimalāraṇyātidāvānalā māmambāpuravāsinī bhagavatī hērambamātāvatu || 2 || kāñcīkaṅkaṇahārakuṇḍalavatī kōṭīkirīṭānvitā kandarpadyutikōṭikōṭisadanā pīyūṣakumbhastanā | kausumbhāruṇakāñcanāmbaravr̥tā kailāsavāsapriyā māmambāpuravāsinī bhagavatī hērambamātāvatu || 3 || yā sā śumbhaniśumbhadaityaśamanī yā…

ஶ்ரீ அம்பா³ பம்சரத்ந ஸ்தோத்ரம்

|| ஶ்ரீ அம்பா³ பம்சரத்ந ஸ்தோத்ரம் || அம்பா³ஶம்ப³ரவைரிதாதப⁴கி³நீ ஶ்ரீசந்த்³ரபி³ம்பா³நநா பி³ம்போ³ஷ்டீ² ஸ்மிதபா⁴ஷிணீ ஶுப⁴கரீ காத³ம்ப³வாட்யாஶ்ரிதா । ஹ்ரீங்காராக்ஷரமந்த்ரமத்⁴யஸுப⁴கா³ ஶ்ரோணீநிதம்பா³ங்கிதா மாமம்பா³புரவாஸிநீ ப⁴க³வதீ ஹேரம்ப³மாதாவது ॥ 1 ॥ கல்யாணீ கமநீயஸுந்த³ரவபு꞉ காத்யாயநீ காளிகா காலா ஶ்யாமளமேசகத்³யுதிமதீ காதி³த்ரிபஞ்சாக்ஷரீ । காமாக்ஷீ கருணாநிதி⁴꞉ கலிமலாரண்யாதிதா³வாநலா மாமம்பா³புரவாஸிநீ ப⁴க³வதீ ஹேரம்ப³மாதாவது ॥ 2 ॥ காஞ்சீகங்கணஹாரகுண்ட³லவதீ கோடீகிரீடாந்விதா கந்த³ர்பத்³யுதிகோடிகோடிஸத³நா பீயூஷகும்ப⁴ஸ்தநா । கௌஸும்பா⁴ருணகாஞ்சநாம்ப³ரவ்ருதா கைலாஸவாஸப்ரியா மாமம்பா³புரவாஸிநீ ப⁴க³வதீ ஹேரம்ப³மாதாவது ॥ 3 ॥ யா ஸா ஶும்ப⁴நிஶும்ப⁴தை³த்யஶமநீ யா…

ಶ್ರೀ ಅಂಬಾ ಪಂಚರತ್ನ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಶ್ರೀ ಅಂಬಾ ಪಂಚರತ್ನ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ಅಂಬಾಶಂಬರವೈರಿತಾತಭಗಿನೀ ಶ್ರೀಚಂದ್ರಬಿಂಬಾನನಾ ಬಿಂಬೋಷ್ಠೀ ಸ್ಮಿತಭಾಷಿಣೀ ಶುಭಕರೀ ಕಾದಂಬವಾಟ್ಯಾಶ್ರಿತಾ | ಹ್ರೀಂಕಾರಾಕ್ಷರಮಂತ್ರಮಧ್ಯಸುಭಗಾ ಶ್ರೋಣೀನಿತಂಬಾಂಕಿತಾ ಮಾಮಂಬಾಪುರವಾಸಿನೀ ಭಗವತೀ ಹೇರಂಬಮಾತಾವತು || ೧ || ಕಲ್ಯಾಣೀ ಕಮನೀಯಸುಂದರವಪುಃ ಕಾತ್ಯಾಯನೀ ಕಾಲಿಕಾ ಕಾಲಾ ಶ್ಯಾಮಲಮೇಚಕದ್ಯುತಿಮತೀ ಕಾದಿತ್ರಿಪಂಚಾಕ್ಷರೀ | ಕಾಮಾಕ್ಷೀ ಕರುಣಾನಿಧಿಃ ಕಲಿಮಲಾರಣ್ಯಾತಿದಾವಾನಲಾ ಮಾಮಂಬಾಪುರವಾಸಿನೀ ಭಗವತೀ ಹೇರಂಬಮಾತಾವತು || ೨ || ಕಾಂಚೀಕಂಕಣಹಾರಕುಂಡಲವತೀ ಕೋಟೀಕಿರೀಟಾನ್ವಿತಾ ಕಂದರ್ಪದ್ಯುತಿಕೋಟಿಕೋಟಿಸದನಾ ಪೀಯೂಷಕುಂಭಸ್ತನಾ | ಕೌಸುಂಭಾರುಣಕಾಂಚನಾಂಬರವೃತಾ ಕೈಲಾಸವಾಸಪ್ರಿಯಾ ಮಾಮಂಬಾಪುರವಾಸಿನೀ ಭಗವತೀ ಹೇರಂಬಮಾತಾವತು || ೩ || ಯಾ ಸಾ ಶುಂಭನಿಶುಂಭದೈತ್ಯಶಮನೀ ಯಾ…

శ్రీ అంబా పంచరత్న స్తోత్రం

|| శ్రీ అంబా పంచరత్న స్తోత్రం || అంబాశంబరవైరితాతభగినీ శ్రీచంద్రబింబాననా బింబోష్ఠీ స్మితభాషిణీ శుభకరీ కాదంబవాట్యాశ్రితా | హ్రీంకారాక్షరమంత్రమధ్యసుభగా శ్రోణీనితంబాంకితా మామంబాపురవాసినీ భగవతీ హేరంబమాతావతు || ౧ || కల్యాణీ కమనీయసుందరవపుః కాత్యాయనీ కాలికా కాలా శ్యామలమేచకద్యుతిమతీ కాదిత్రిపంచాక్షరీ | కామాక్షీ కరుణానిధిః కలిమలారణ్యాతిదావానలా మామంబాపురవాసినీ భగవతీ హేరంబమాతావతు || ౨ || కాంచీకంకణహారకుండలవతీ కోటీకిరీటాన్వితా కందర్పద్యుతికోటికోటిసదనా పీయూషకుంభస్తనా | కౌసుంభారుణకాంచనాంబరవృతా కైలాసవాసప్రియా మామంబాపురవాసినీ భగవతీ హేరంబమాతావతు || ౩ || యా సా శుంభనిశుంభదైత్యశమనీ యా…

श्री अम्बा पञ्चरत्न स्तोत्रम्

|| श्री अम्बा पञ्चरत्न स्तोत्रम् || अम्बाशम्बरवैरितातभगिनी श्रीचन्द्रबिम्बानना बिम्बोष्ठी स्मितभाषिणी शुभकरी कादम्बवाट्याश्रिता । ह्रीङ्काराक्षरमन्त्रमध्यसुभगा श्रोणीनितम्बाङ्किता मामम्बापुरवासिनी भगवती हेरम्बमातावतु ॥ १ ॥ कल्याणी कमनीयसुन्दरवपुः कात्यायनी कालिका काला श्यामलमेचकद्युतिमती कादित्रिपञ्चाक्षरी । कामाक्षी करुणानिधिः कलिमलारण्यातिदावानला मामम्बापुरवासिनी भगवती हेरम्बमातावतु ॥ २ ॥ काञ्चीकङ्कणहारकुण्डलवती कोटीकिरीटान्विता कन्दर्पद्युतिकोटिकोटिसदना पीयूषकुम्भस्तना । कौसुम्भारुणकाञ्चनाम्बरवृता कैलासवासप्रिया मामम्बापुरवासिनी भगवती हेरम्बमातावतु ॥ ३ ॥ या सा शुम्भनिशुम्भदैत्यशमनी या…

Sri Indrakshi Stotram

|| Sri Indrakshi Stotram || nārada uvāca | indrākṣīstōtramākhyāhi nārāyaṇa guṇārṇava | pārvatyai śivasamprōktaṁ paraṁ kautūhalaṁ hi mē || nārāyaṇa uvāca | indrākṣī stōtra mantrasya māhātmyaṁ kēna vōcyatē | indrēṇādau kr̥taṁ stōtram sarvāpadvinivāraṇam || tadēvāhaṁ bravīmyadya pr̥cchatastava nārada | asya śrī indrākṣīstōtramahāmantrasya, śacīpurandara r̥ṣiḥ, anuṣṭupchandaḥ, indrākṣī durgā dēvatā, lakṣmīrbījaṁ, bhuvanēśvarī śaktiḥ, bhavānī kīlakaṁ, mama indrākṣī…

ஶ்ரீ இந்த்³ராக்ஷீ ஸ்தோத்ரம்

|| ஶ்ரீ இந்த்³ராக்ஷீ ஸ்தோத்ரம் || நாரத³ உவாச । இந்த்³ராக்ஷீஸ்தோத்ரமாக்²யாஹி நாராயண கு³ணார்ணவ । பார்வத்யை ஶிவஸம்ப்ரோக்தம் பரம் கௌதூஹலம் ஹி மே ॥ நாராயண உவாச । இந்த்³ராக்ஷீ ஸ்தோத்ர மந்த்ரஸ்ய மாஹாத்ம்யம் கேந வோச்யதே । இந்த்³ரேணாதௌ³ க்ருதம் ஸ்தோத்ரம் ஸர்வாபத்³விநிவாரணம் ॥ ததே³வாஹம் ப்³ரவீம்யத்³ய ப்ருச்ச²தஸ்தவ நாரத³ । அஸ்ய ஶ்ரீ இந்த்³ராக்ஷீஸ்தோத்ரமஹாமந்த்ரஸ்ய, ஶசீபுரந்த³ர ருஷி꞉, அநுஷ்டுப்ச²ந்த³꞉, இந்த்³ராக்ஷீ து³ர்கா³ தே³வதா, லக்ஷ்மீர்பீ³ஜம், பு⁴வநேஶ்வரீ ஶக்தி꞉, ப⁴வாநீ கீலகம், மம இந்த்³ராக்ஷீ…

ಶ್ರೀ ಇಂದ್ರಾಕ್ಷೀ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಶ್ರೀ ಇಂದ್ರಾಕ್ಷೀ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ನಾರದ ಉವಾಚ | ಇಂದ್ರಾಕ್ಷೀಸ್ತೋತ್ರಮಾಖ್ಯಾಹಿ ನಾರಾಯಣ ಗುಣಾರ್ಣವ | ಪಾರ್ವತ್ಯೈ ಶಿವಸಂಪ್ರೋಕ್ತಂ ಪರಂ ಕೌತೂಹಲಂ ಹಿ ಮೇ || ನಾರಾಯಣ ಉವಾಚ | ಇಂದ್ರಾಕ್ಷೀ ಸ್ತೋತ್ರ ಮಂತ್ರಸ್ಯ ಮಾಹಾತ್ಮ್ಯಂ ಕೇನ ವೋಚ್ಯತೇ | ಇಂದ್ರೇಣಾದೌ ಕೃತಂ ಸ್ತೋತ್ರಂ ಸರ್ವಾಪದ್ವಿನಿವಾರಣಮ್ || ತದೇವಾಹಂ ಬ್ರವೀಮ್ಯದ್ಯ ಪೃಚ್ಛತಸ್ತವ ನಾರದ | ಅಸ್ಯ ಶ್ರೀ ಇಂದ್ರಾಕ್ಷೀಸ್ತೋತ್ರಮಹಾಮಂತ್ರಸ್ಯ, ಶಚೀಪುರಂದರ ಋಷಿಃ, ಅನುಷ್ಟುಪ್ಛಂದಃ, ಇಂದ್ರಾಕ್ಷೀ ದುರ್ಗಾ ದೇವತಾ, ಲಕ್ಷ್ಮೀರ್ಬೀಜಂ, ಭುವನೇಶ್ವರೀ ಶಕ್ತಿಃ, ಭವಾನೀ ಕೀಲಕಂ, ಮಮ ಇಂದ್ರಾಕ್ಷೀ…

శ్రీ ఇంద్రాక్షీ స్తోత్రం

|| శ్రీ ఇంద్రాక్షీ స్తోత్రం || నారద ఉవాచ | ఇంద్రాక్షీస్తోత్రమాఖ్యాహి నారాయణ గుణార్ణవ | పార్వత్యై శివసంప్రోక్తం పరం కౌతూహలం హి మే || నారాయణ ఉవాచ | ఇంద్రాక్షీ స్తోత్ర మంత్రస్య మాహాత్మ్యం కేన వోచ్యతే | ఇంద్రేణాదౌ కృతం స్తోత్రం సర్వాపద్వినివారణమ్ || తదేవాహం బ్రవీమ్యద్య పృచ్ఛతస్తవ నారద | అస్య శ్రీ ఇంద్రాక్షీస్తోత్రమహామంత్రస్య, శచీపురందర ఋషిః, అనుష్టుప్ఛందః, ఇంద్రాక్షీ దుర్గా దేవతా, లక్ష్మీర్బీజం, భువనేశ్వరీ శక్తిః, భవానీ కీలకం, మమ ఇంద్రాక్షీ…

श्री इन्द्राक्षी स्तोत्रम्

|| श्री इन्द्राक्षी स्तोत्रम् || नारद उवाच । इन्द्राक्षीस्तोत्रमाख्याहि नारायण गुणार्णव । पार्वत्यै शिवसम्प्रोक्तं परं कौतूहलं हि मे ॥ नारायण उवाच । इन्द्राक्षी स्तोत्र मन्त्रस्य माहात्म्यं केन वोच्यते । इन्द्रेणादौ कृतं स्तोत्रम् सर्वापद्विनिवारणम् ॥ तदेवाहं ब्रवीम्यद्य पृच्छतस्तव नारद । अस्य श्री इन्द्राक्षीस्तोत्रमहामन्त्रस्य, शचीपुरन्दर ऋषिः, अनुष्टुप्छन्दः, इन्द्राक्षी दुर्गा देवता, लक्ष्मीर्बीजं, भुवनेश्वरी शक्तिः, भवानी कीलकं, मम इन्द्राक्षी…

Ashtadasa sakthi peeta stotram

|| Ashtadasa sakthi peeta stotram || laṅkāyāṁ śāṅkarīdēvī kāmākṣī kāñcikāpurē | pradyumnē śr̥ṅkhalādēvī cāmuṇḍī krauñcapaṭ-ṭaṇē || 1 || alampurē jōgulāmbā śrīśailē bhramarāmbikā | kōlhāpurē mahālakṣmī muhuryē ēkavīrikā || 2 || [māhuryē] ujjayinyāṁ mahākālī pīṭhikyāṁ puruhūtikā | ōḍhyāyāṁ girijādēvī māṇikyā dakṣavāṭakē || 3 || harikṣētrē kāmarūpā prayāgē mādhavēśvarī | jvālāyāṁ vaiṣṇavīdēvī gayā māṅgalyagaurikā || 4 ||…

அஷ்டாத³ஶ ஶக்திபீட² ஸ்தோத்ரம்

|| அஷ்டாத³ஶ ஶக்திபீட² ஸ்தோத்ரம் || லங்காயாம் ஶாங்கரீதே³வீ காமாக்ஷீ காஞ்சிகாபுரே । ப்ரத்³யும்நே ஶ்ருங்க²லாதே³வீ சாமுண்டீ³ க்ரௌஞ்சபட்டணே ॥ 1 ॥ அலம்புரே ஜோகு³ளாம்பா³ ஶ்ரீஶைலே ப்⁴ரமராம்பி³கா । கோல்ஹாபுரே மஹாலக்ஷ்மீ முஹுர்யே ஏகவீரிகா ॥ 2 ॥ [மாஹுர்யே] உஜ்ஜயிந்யாம் மஹாகாளீ பீடி²க்யாம் புருஹூதிகா । ஓட்⁴யாயாம் கி³ரிஜாதே³வீ மாணிக்யா த³க்ஷவாடகே ॥ 3 ॥ ஹரிக்ஷேத்ரே காமரூபா ப்ரயாகே³ மாத⁴வேஶ்வரீ । ஜ்வாலாயாம் வைஷ்ணவீதே³வீ க³யா மாங்க³ல்யகௌ³ரிகா ॥ 4 ॥ வாராணஸ்யாம்…

ಅಷ್ಟಾದಶ ಶಕ್ತಿಪೀಠ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಅಷ್ಟಾದಶ ಶಕ್ತಿಪೀಠ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ಲಂಕಾಯಾಂ ಶಾಂಕರೀದೇವೀ ಕಾಮಾಕ್ಷೀ ಕಾಂಚಿಕಾಪುರೇ | ಪ್ರದ್ಯುಮ್ನೇ ಶೃಂಖಳಾದೇವೀ ಚಾಮುಂಡೀ ಕ್ರೌಂಚಪಟ್ಟಣೇ || ೧ || ಅಲಂಪುರೇ ಜೋಗುಲಾಂಬಾ ಶ್ರೀಶೈಲೇ ಭ್ರಮರಾಂಬಿಕಾ | ಕೊಲ್ಹಾಪುರೇ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀ ಮುಹುರ್ಯೇ ಏಕವೀರಿಕಾ || ೨ || [ಮಾಹುರ್ಯೇ] ಉಜ್ಜಯಿನ್ಯಾಂ ಮಹಾಕಾಳೀ ಪೀಠಿಕ್ಯಾಂ ಪುರುಹೂತಿಕಾ | ಓಢ್ಯಾಯಾಂ ಗಿರಿಜಾದೇವೀ ಮಾಣಿಕ್ಯಾ ದಕ್ಷವಾಟಕೇ || ೩ || ಹರಿಕ್ಷೇತ್ರೇ ಕಾಮರೂಪಾ ಪ್ರಯಾಗೇ ಮಾಧವೇಶ್ವರೀ | ಜ್ವಾಲಾಯಾಂ ವೈಷ್ಣವೀದೇವೀ ಗಯಾ ಮಾಂಗಳ್ಯಗೌರಿಕಾ || ೪ || ವಾರಾಣಸ್ಯಾಂ…

అష్టాదశ శక్తిపీఠ స్తోత్రం

|| అష్టాదశ శక్తిపీఠ స్తోత్రం || లంకాయాం శాంకరీదేవీ కామాక్షీ కాంచికాపురే ప్రద్యుమ్నే శృంఖళాదేవీ చాముండీ క్రౌంచపట్టణే || ౧ || అలంపురే జోగులాంబా శ్రీశైలే భ్రమరాంబికా | కొల్హాపురే మహాలక్ష్మీ ముహుర్యే ఏకవీరికా || ౨ || [మాహుర్యే] ఉజ్జయిన్యాం మహాకాళీ పీఠిక్యాం పురుహూతికా | ఓఢ్యాయాం గిరిజాదేవీ మాణిక్యా దక్షవాటకే || ౩ || హరిక్షేత్రే కామరూపా ప్రయాగే మాధవేశ్వరీ | జ్వాలాయాం వైష్ణవీదేవీ గయా మాంగళ్యగౌరికా || ౪ || వారాణస్యాం విశాలాక్షీ…

अष्टादशशक्तिपीठ स्तोत्रम्

|| अष्टादशशक्तिपीठ स्तोत्रम् || लङ्कायां शाङ्करीदेवी कामाक्षी काञ्चिकापुरे । प्रद्युम्ने शृङ्खलादेवी चामुण्डी क्रौञ्चपट्‍टणे ॥ १ ॥ अलम्पुरे जोगुलाम्बा श्रीशैले भ्रमराम्बिका । कोल्हापुरे महालक्ष्मी मुहुर्ये एकवीरिका ॥ २ ॥ [माहुर्ये] उज्जयिन्यां महाकाली पीठिक्यां पुरुहूतिका । ओढ्यायां गिरिजादेवी माणिक्या दक्षवाटके ॥ ३ ॥ हरिक्षेत्रे कामरूपा प्रयागे माधवेश्वरी । ज्वालायां वैष्णवीदेवी गया माङ्गल्यगौरिका ॥ ४ ॥ वाराणस्यां विशालाक्षी…

தே³வீ அஶ்வதா⁴டி ஸ்தோத்ரம்

|| தே³வீ அஶ்வதா⁴டி ஸ்தோத்ரம் || சேடீ ப⁴வந்நிகி²லகே²டீ கத³ம்ப³வநவாடீஷு நாகிபடலீ கோடீர சாருதர கோடீ மணீகிரண கோடீ கரம்பி³த பதா³ । பாடீர க³ந்தி⁴ குசஶாடீ கவித்வ பரிபாடீமகா³தி⁴பஸுதா கோ⁴டீகு²ராத³தி⁴கதா⁴டீமுதா³ர முக² வீடீரஸேந தநுதாம் ॥ 1 ॥ த்³வைபாயந ப்ரப்⁴ருதி ஶாபாயுத⁴ த்ரிதி³வ ஸோபாந தூ⁴ளி சரணா பாபாபஹ ஸ்வமநு ஜாபாநுலீந ஜந தாபாபநோத³ நிபுணா । நீபாலயா ஸுரபி⁴ தூ⁴பாலகா து³ரிதகூபாது³த³ஞ்சயது மாம் ரூபாதி⁴கா ஶிக²ரி பூ⁴பால வம்ஶமணி தீ³பாயிதா ப⁴க³வதீ ॥…

ದೇವೀ ಅಶ್ವಧಾಟಿ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ದೇವೀ ಅಶ್ವಧಾಟಿ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ಚೇಟೀ ಭವನ್ನಿಖಿಲಖೇಟೀ ಕದಂಬವನವಾಟೀಷು ನಾಕಿಪಟಲೀ ಕೋಟೀರ ಚಾರುತರ ಕೋಟೀ ಮಣೀಕಿರಣ ಕೋಟೀ ಕರಂಬಿತ ಪದಾ | ಪಾಟೀರ ಗಂಧಿ ಕುಚಶಾಟೀ ಕವಿತ್ವ ಪರಿಪಾಟೀಮಗಾಧಿಪಸುತಾ ಘೋಟೀಖುರಾದಧಿಕಧಾಟೀಮುದಾರ ಮುಖ ವೀಟೀರಸೇನ ತನುತಾಮ್ || ೧ || ದ್ವೈಪಾಯನ ಪ್ರಭೃತಿ ಶಾಪಾಯುಧ ತ್ರಿದಿವ ಸೋಪಾನ ಧೂಳಿ ಚರಣಾ ಪಾಪಾಪಹ ಸ್ವಮನು ಜಾಪಾನುಲೀನ ಜನ ತಾಪಾಪನೋದ ನಿಪುಣಾ | ನೀಪಾಲಯಾ ಸುರಭಿ ಧೂಪಾಲಕಾ ದುರಿತಕೂಪಾದುದಂಚಯತು ಮಾಂ ರೂಪಾಧಿಕಾ ಶಿಖರಿ ಭೂಪಾಲ ವಂಶಮಣಿ ದೀಪಾಯಿತಾ ಭಗವತೀ ||…

దేవీ అశ్వధాటి స్తోత్రం

|| దేవీ అశ్వధాటి స్తోత్రం || చేటీ భవన్నిఖిలఖేటీ కదంబవనవాటీషు నాకిపటలీ కోటీర చారుతర కోటీ మణీకిరణ కోటీ కరంబిత పదా | పాటీర గంధి కుచశాటీ కవిత్వ పరిపాటీమగాధిపసుతా ఘోటీఖురాదధికధాటీముదార ముఖ వీటీరసేన తనుతామ్ || ౧ || ద్వైపాయన ప్రభృతి శాపాయుధ త్రిదివ సోపాన ధూళి చరణా పాపాపహ స్వమను జాపానులీన జన తాపాపనోద నిపుణా | నీపాలయా సురభి ధూపాలకా దురితకూపాదుదంచయతు మాం రూపాధికా శిఖరి భూపాల వంశమణి దీపాయితా భగవతీ ||…

देवी अश्वधाटि स्तोत्रम्

|| देवी अश्वधाटि स्तोत्रम् || चेटी भवन्निखिलखेटी कदम्बवनवाटीषु नाकिपटली कोटीर चारुतर कोटी मणीकिरण कोटी करम्बित पदा । पाटीर गन्धि कुचशाटी कवित्व परिपाटीमगाधिपसुता घोटीखुरादधिकधाटीमुदार मुख वीटीरसेन तनुताम् ॥ १ ॥ द्वैपायन प्रभृति शापायुध त्रिदिव सोपान धूलि चरणा पापापह स्वमनु जापानुलीन जन तापापनोद निपुणा । नीपालया सुरभि धूपालका दुरितकूपादुदञ्चयतु मां रूपाधिका शिखरि भूपाल वंशमणि दीपायिता भगवती ॥…

षटतिला एकादशी कैसे करें? जानिए व्रत के नियम, कथा और पूजा विधि

shattila ekadashi

षटतिला एकादशी का व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस एकादशी का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। “षटतिला” का अर्थ है छह प्रकार के तिलों का उपयोग, जो इस व्रत…

रविवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रविवार व्रत पूजा विधि || रविवार का व्रत सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए उत्तम माना गया है। इस व्रत को करने की विधि इस प्रकार है: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांत मन से भगवान का ध्यान करें। इस व्रत में केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए। भोजन और फलाहार…

सूर्य सहस्रनामावली (भविष्य पुराण)

॥ भविष्य पुराण सूर्य सहस्रनामावली ॥ ॐ अंशुमते नमः। ॐ अंशुमालिने नमः। ॐ अकिञ्चनाय नमः। ॐ अखिन्नाय नमः। ॐ अग्नये नमः। ॐ अङ्गिरःपतये नमः। ॐ अचलाय नमः। ॐ अचिन्त्यात्मने नमः। ॐ अचिन्त्याय नमः। ॐ अच्युताय नमः। ॐ अजिताय नमः। ॐ अतिनन्दिताय नमः। ॐ अतीन्द्रियाय नमः। ॐ अथाय नमः। ॐ अदिताय नमः। ॐ अदितिजाय नमः। ॐ…

श्री सूर्य देव चालीसा

|| सूर्य देव चालीसा || ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस सुनूर विभाकर॥ विवस्वान आदित्य विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि खग रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥…

Surya Dev Chalisa

|| Surya Dev Chalisa || ॥ Doha ॥ Kanak Badan Kundal Makar, Mukta Mala Anga, Padmasan Sthit Dhyaiye, Sankh Chakra Ke Sang ॥ ॥ Chaupai ॥ Jai Savita Jai Jayati Diwakar, Sahasranshu Saptashwa Timihar ॥ Bhanu Patang Marichi Bhaskar, Savita Hans Sunur Vibhakar ॥ Vivaswan Adity Vikartan, Martand Hariroop Virochan ॥ Ambaramani Khag Ravi Kahalate,…

ऋणमोचक मंगल स्तोत्रम् अर्थ सहित

॥ श्री ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ की विधि ॥ ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ करने के लिए शुक्ल पक्ष की कोई शुभ तिथि का चयन करें। शुभ तिथि मंगलवार होनी चाहिए। ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ करने के दिन में प्रातः काल जल्दी उठकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र को धारण कर लें। इसके बाद घर के पूजा…

Surya Dev Ji Ki Aarti

|| Surya Dev Aarti || Om Jai Surya Bhagwan, Jai Ho Dinkar Bhagwan। Jagat Ke Netra Swaroopa, Tum Ho Triguna Swaroopa। Dharat Saba Hi Tab Dhyan, Om Jai Surya Bhagwan॥ ॥ Om Jai Surya Bhagwan…॥ Sarathi Arun Hai Prabhu Tum, Shwet Kamaladhari। Tum Char Bhuja Dhari॥ Ashwa Hai Sath Tumharey, Koti Kirana Pasarey। Tum Ho…

सूर्य देव जी की आरती

|| सूर्य देव आरती || ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान । जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा । धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥ ॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥ सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी । तुम चार भुजाधारी ॥ अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी…

रविवार आरती

|| रविवार आरती || कहूँ लगी आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकी जोत बिराजे || सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भयो जल कुम्भ भरे || सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भयो जल कुम्भ भरे || सकल जगत जाकी जोत बिराजे || कहूँ लगी आरती दास करेंगे|| कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा…

What is HinduNidhi? & Why?
Preserving and Celebrating Hindu Devotion and Scriptures
At HinduNidhi.Com, we are dedicated to preserving and sharing the vast spiritual and cultural heritage of Hinduism. Our extensive collection includes Aarti, Chalisa, Vrat Katha, Stotram, Sahastranaam, Ashtakam, Ashtottara, Bhajan, Path, Suktam, Kavach, Hridayam, Stuti, Shloka, Mantra, Pooja Vidhi, and more. Additionally, explore our curated Hindu scriptures in PDF format and deepen your knowledge with our insightful articles in Hindu Gyan. Join our community to connect with the timeless wisdom and traditions that have shaped our civilization.

--- Connect with HinduNidhi ---

HinduNidhi Facebook HinduNidhi X (Twitter)
Download HinduNidhi App