पंचमुख हनुमान पंचरत्न स्तोत्र PDF

पंचमुख हनुमान पंचरत्न स्तोत्र PDF हिन्दी

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Hanuman JiStotram (स्तोत्र संग्रह)हिन्दी

|| पंचमुख हनुमान पंचरत्न स्तोत्र || श्रीरामपादसरसी- रुहभृङ्गराज- संसारवार्धि- पतितोद्धरणावतार। दोःसाध्यराज्यधन- योषिददभ्रबुद्धे पञ्चाननेश मम देहि करावलम्बम्। आप्रातरात्रिशकुनाथ- निकेतनालि- सञ्चारकृत्य पटुपादयुगस्य नित्यम्। मानाथसेविजन- सङ्गमनिष्कृतं नः पञ्चाननेश मम देहि करावलम्बम्। षड्वर्गवैरिसुख- कृद्भवदुर्गुहाया- मज्ञानगाढतिमिराति- भयप्रदायाम्। कर्मानिलेन विनिवेशितदेहधर्तुः पञ्चाननेश मम देहि करावलम्बम्। सच्छास्त्रवार्धिपरि- मज्जनशुद्धचित्ता- स्त्वत्पादपद्मपरि- चिन्तनमोदसान्द्राः। पश्यन्ति नो विषयदूषितमानसं मां पञ्चाननेश मम देहि करावलम्बम्। पञ्चेन्द्रियार्जित- महाखिलपापकर्मा शक्तो न भोक्तुमिव...

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पंचमुख हनुमान पंचरत्न स्तोत्र
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