Hindu Scriptures

प्राचीन भारत में लक्ष्मी – प्रतिमा (Prachin Bharat Mein Laxmi Pratima)

Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

प्राचीन भारत में लक्ष्मी-प्रतिमा डॉ. राय गोविंदचंद्र द्वारा लिखित एक गहन शोधपरक ग्रंथ है, जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति में माता लक्ष्मी की प्रतीकात्मकता, प्रतिमाओं और उनके स्वरूप के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं का विश्लेषण करता है। यह पुस्तक प्राचीन भारत के धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक संदर्भ में लक्ष्मी की महत्ता को उजागर करती है।

प्राचीन भारत में लक्ष्मी-प्रतिमा पुस्तक की विशेषताएं

  • पुस्तक में माता लक्ष्मी को धन, समृद्धि और वैभव की देवी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे प्राचीन भारतीय समाज ने लक्ष्मी को न केवल एक देवी के रूप में, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया।
  • पुस्तक में प्राचीन भारतीय कला और मूर्तिकला में लक्ष्मी प्रतिमाओं के विविध स्वरूपों का वर्णन किया गया है। यह उनके विभिन्न मुद्राओं, अलंकरणों और प्रतीक चिह्नों के साथ-साथ उनके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी समझाता है।
  • ग्रंथ में वेद, पुराण, और अन्य प्राचीन ग्रंथों के आधार पर लक्ष्मी की पूजा और उनकी प्रतिमाओं के निर्माण के इतिहास का विश्लेषण किया गया है।
  • यह पुस्तक लक्ष्मी के प्रतीक के माध्यम से प्राचीन भारत की आर्थिक व्यवस्था, व्यापारिक गतिविधियों, और समाज में धन के महत्व को रेखांकित करती है।
  • “प्राचीन भारत में लक्ष्मी-प्रतिमा” भारतीय संस्कृति और परंपराओं को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह पुस्तक भारतीय समाज में देवी लक्ष्मी की स्थायी उपस्थिति और उनकी प्रतिमाओं के पीछे छिपे संदेश को उजागर करती है।

Download प्राचीन भारत में लक्ष्मी – प्रतिमा (Prachin Bharat Mein Laxmi Pratima) Hindi PDF Free

Download PDF
Download HinduNidhi App
Join WhatsApp Channel Download App