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सन्धि पूजा 2025 – नवरात्रि की सर्वश्रेष्ठ पूजा क्यों? जानें सही समय, विधि और चमत्कारी लाभ

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नवरात्रि का पावन पर्व, माँ दुर्गा की आराधना का एक अद्भुत समय होता है। इन नौ दिनों में हर दिन माँ के एक अलग रूप की पूजा की जाती है। लेकिन इन सब में एक ऐसी पूजा है जो सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली मानी जाती है – सन्धि पूजा। यह पूजा नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन के संधि (मिलन) काल में होती है। आइए जानते हैं कि सन्धि पूजा को क्यों नवरात्रि की सर्वश्रेष्ठ पूजा कहा जाता है और इसके क्या चमत्कारी लाभ हैं।

क्या है सन्धि काल और इसका महत्व?

सन्धि काल वह 48 मिनट का विशेष समय होता है जब अष्टमी तिथि समाप्त होती है और नवमी तिथि का आरंभ होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी विशेष क्षण में माँ चामुंडा ने असुरों, चंड और मुंड, का वध किया था। इसलिए, यह समय शक्ति की सर्वोच्च अभिव्यक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस काल में की गई पूजा का फल कई गुना अधिक मिलता है और यह पूजा व्यक्ति को हर प्रकार के भय और संकट से मुक्ति दिलाती है।

सन्धि पूजा 2025 – सही समय (The Right Time)

इस साल, सन्धि पूजा का समय (सितम्बर 30, 2025, मंगलवार) बेहद महत्वपूर्ण है। पंचांग के अनुसार, सन्धि पूजा का समय इस प्रकार है:

  • अष्टमी तिथि का समापन: सितम्बर 30, 2025 को 06:06 PM
  • अष्टमी तिथि का आरंभ: सितम्बर 29, 2025 को 04:31 PM
  • सन्धि काल: मंगलवार, सितम्बर 30, 2025 को सन्धि पूजा मुहूर्त – 05:42 PM से 06:30 PM (अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट्स)

यह 48 मिनट का समय होता है, जिसका पूरा उपयोग पूजा के लिए किया जाता है।

सन्धि पूजा की सही विधि (Puja Ritual)

सन्धि पूजा एक विशेष और विस्तृत पूजा है, जिसे पूरे विधि-विधान से करना चाहिए।

  • पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को भी गंगाजल से शुद्ध करें।
  • माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें।
  • सन्धि पूजा में 108 कमल के फूल, 108 बेलपत्र और 108 दीपक (दीए) अर्पित करने की परंपरा है। यदि ये उपलब्ध न हों, तो अपनी श्रद्धा अनुसार 108 दीपक जला सकते हैं।
  • इस समय माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है। दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) के श्लोकों का पाठ भी कर सकते हैं।
  • कई स्थानों पर इस समय हवन किया जाता है और 108 बार आहुति दी जाती है।
  • जब सन्धि काल शुरू होता है, तो घंटियों और शंखों की ध्वनि से पूरे घर को गुंजायमान किया जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है।

सन्धि पूजा के चमत्कारी लाभ (Miraculous Benefits)

सन्धि पूजा को नवरात्रि की सबसे महत्वपूर्ण पूजा मानने के कई कारण हैं। इसके लाभ व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं:

  • यह पूजा व्यक्ति के पिछले और वर्तमान जन्मों के पापों को नष्ट कर देती है।
  • जो लोग किसी भी प्रकार के संकट (crisis) या भय से पीड़ित हैं, उन्हें इस पूजा से अद्भुत शांति और सुरक्षा मिलती है।
  • विवाहित महिलाओं के लिए यह पूजा अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि लाती है।
  • यह पूजा इतनी शक्तिशाली मानी जाती है कि इस समय मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है।
  • सन्धि काल में पूजा करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) का संचार होता है और आत्मबल (self-confidence) बढ़ता है।
  • माँ चामुंडा के इस रूप की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

सन्धि पूजा – क्यों है यह नवरात्रि की सर्वश्रेष्ठ पूजा?

नवरात्रि में की जाने वाली सभी पूजाएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सन्धि पूजा का अपना विशेष स्थान है। यह पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान (religious ritual) नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा समय है जब ब्रह्मांडीय ऊर्जा (cosmic energy) अपने चरम पर होती है। अष्टमी और नवमी के मिलन पर की गई यह पूजा, नौ दिनों की तपस्या का सार है। यह शक्ति, भक्ति और समर्पण का संगम है।
जो भक्त इस विशेष काल में माँ की पूजा करता है, उसे माँ दुर्गा का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है। इसलिए, यदि आप नवरात्रि का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं, तो सन्धि पूजा को बिलकुल भी न छोड़ें।

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