सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन विभिन्न प्रकार के पूजा-पाठ और उपवास करते हैं। सावन का महीना विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना का समय माना जाता है। सावन सोमवार का व्रत भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है और इस दिन विशेष भोग लगाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। यहाँ हम बता रहे हैं कि भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कौन-कौन से भोग लगाए जा सकते हैं:
सावन सोमवार भोलेनाथ के लिए पसंदीदा भोग
बेलपत्र और धतूरा: भोलेनाथ को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है। बेलपत्र के तीन पत्तों वाले पत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। साथ ही धतूरा भी भगवान शिव को चढ़ाना शुभ माना जाता है।
भांग: भांग भी भगवान शिव को बहुत प्रिय है। सावन सोमवार को शिवलिंग पर भांग चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
दूध और जल: शिवलिंग पर कच्चा दूध और गंगा जल चढ़ाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी दोषों का निवारण करते हैं।
शहद और दही: शिवलिंग पर शहद और दही चढ़ाने से जीवन में मिठास आती है और सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं।
फल और मिठाई: भोलेनाथ को फल और मिठाई भी अर्पित की जा सकती है। खासकर, भगवान शिव को केला, नारियल और गुड़ बहुत पसंद है। आप उन्हें लड्डू, बर्फी, या खीर अर्पित कर सकते हैं।
अक्षत (चावल): शुद्ध अक्षत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह अर्पण जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाता है।
पंचामृत: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर का मिश्रण) से शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। इससे भगवान शिव की कृपा मिलती है और सभी कष्टों का निवारण होता है।
धूप-दीप: शिवलिंग के सामने धूप और दीप जलाने से वातावरण पवित्र होता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। धूप जलाएं और भगवान शिव की आरती करें। आप उन्हें चंपा, गुलाब, कमल, या मदार के फूल अर्पित कर सकते हैं।
सावन सोमवार पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- अपने घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें।
- भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- भगवान शिव को जल, बेलपत्र, दूध, घी, और फूल अर्पित करें।
- धूप जलाएं और भगवान शिव आरती करें।
- भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें या शिव चालीसा का पाठ करें।
- भगवान शिव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
- अंत में, प्रसाद वितरित करें।
भगवान शिव के मंत्र
सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। शिव मंत्रों का जप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है। यहाँ कुछ प्रमुख शिव मंत्र दिए जा रहे हैं जो सावन सोमवार को जपने से अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं:
ॐ नमः शिवाय: यह सबसे सरल और शक्तिशाली शिव मंत्रों में से एक है। इसका जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
ॐ मंत्रेश्वराय नमः: यह मंत्र भगवान शिव को मंत्रों के देवता के रूप में स्तुति करता है। इसका जाप करने से ज्ञान, बुद्धि और विद्या प्राप्त होती है।
ॐ जय गंगाजलधर हर हर: यह मंत्र भगवान शिव को गंगा नदी के धारक के रूप में स्तुति करता है। इसका जाप करने से सभी कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है।
ॐ नमः शिवाय गुरुदेवाय नमः: यह मंत्र भगवान शिव को गुरु के रूप में स्तुति करता है। इसका जाप करने से ज्ञान और शिक्षा प्राप्त होती है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।। : इस मंत्र का जप करने से मन की शांति और समृद्धि प्राप्त होती है और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।। : यह मंत्र भगवान शिव को त्रिमूर्ति के रूप में स्तुति करता है। इसका जाप करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इन मंत्रों का जाप करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- मंत्रों का जाप स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए।
- मंत्रों का जाप शांत और एकाग्रचित्त होकर करना चाहिए।
- मंत्रों का जाप माला से करना चाहिए।
- मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
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