श्री भक्तामर-कथा कोष जैन धर्म के महान ग्रंथों में से एक है, जिसे पं. विनोदीलाल जी ने अत्यंत सरल और सारगर्भित शैली में प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक प्रसिद्ध भक्तामर स्तोत्र के गहरे आध्यात्मिक रहस्यों और कथाओं का संग्रह है। जैन आचार्य मंतंगाचार्य द्वारा रचित भक्तामर स्तोत्र का गहन अर्थ, उसकी महिमा और इससे जुड़े प्रेरक प्रसंगों का विस्तारपूर्वक वर्णन इस ग्रंथ में किया गया है।
श्री भक्तामर-कथा कोष पुस्तक की विशेषताएँ
- प्रत्येक श्लोक की सरल और बोधगम्य व्याख्या की गई है। इन श्लोकों में छिपे हुए गूढ़ आध्यात्मिक अर्थों को स्पष्ट किया गया है।
- भक्तामर स्तोत्र से जुड़े चमत्कारिक और प्रेरणादायक प्रसंगों का वर्णन पुस्तक में किया गया है।
- इन कथाओं के माध्यम से पाठकों को जैन धर्म के सिद्धांतों और भक्ति मार्ग की महत्ता का अनुभव होता है।
- पुस्तक आत्मा के शुद्धिकरण और आध्यात्मिक जागरण के लिए एक प्रेरक ग्रंथ है।
- यह पाठकों को जैन धर्म के सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित करती है।