Misc

श्री ललिता चालीसा

Shri Lalitha Chalisa Hindi Lyrics

MiscChalisa (चालीसा संग्रह)हिन्दी
Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

श्री ललिता चालीसा माँ ललिता त्रिपुरसुन्दरी को समर्पित एक भक्तिमय पाठ है। यह चालीसा देवी के दिव्य स्वरूप, उनकी शक्तियों और कृपा का गुणगान करती है। जो भक्त प्रतिदिन सच्ची श्रद्धा से इसका पाठ करते हैं, माँ ललिता उन पर विशेष कृपा करती हैं। चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं, मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। माँ ललिता को दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है, इसलिए उनकी उपासना से ज्ञान, शक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह चालीसा भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्रदान करने का एक सरल और प्रभावशाली माध्यम है।

|| श्री ललिता चालीसा (Lalitha Chalisa PDF) ||

।। चौपाई ।।

जयति जयति जय ललिते माता,
तब गुण महिमा है विख्याता।

तू सुन्दरि, त्रिपुरेश्वरी देवी,
सुर नर मुनि तेरे पद सेवी।

तू कल्याणी कष्ट निवारिणी,
तू सुख दायिनी, विपदा हारिणी।

मोह विनाशिनी दैत्य नाशिनी,
भक्त भाविनी ज्योति प्रकाशिनी।

आदि शक्ति श्री विद्या रूपा,
चक्र स्वामिनी देह अनूपा।

हृदय निवासिनी भक्त तारिणी,
नाना कष्ट विपति दल हारिणी।

दश विद्या है रूप तुम्हारा,
श्री चन्द्रेश्वरि, नैमिष प्यारा।

धूमा, बगला, भैरवी, तारा,
भुवनेश्वरी, कमला, विस्तारा।

षोडशी, छिन्नमस्ता, मातंगी,
ललिते शक्ति तुम्हारी संगी।

ललिते तुम हो ज्योतित भाला,
भक्त जनों को काम संभाला।

भारी संकट जब-जब आये,
उनसे तुमने भक्त बचाये ।

जिसने कृपा तुम्हारी पाई,
उसकी सब विधि से बन आई।

संकट दूर करो माँ भारी,
भक्तजनों को आस तुम्हारी।

त्रिपुरेश्वरी, शैलजा, भवानी,
जय जय जय शिव की महारानी।

योग सिद्धि पावें सब योगी,
भोंगे भोग, महा सुख भोगी।

कृपा तुम्हारी पाके माता,
जीवन सुखमय है बन जाता।

दुखियों को तुमने अपनाया,
महामूढ़ जो शरण न आया।

तुमने जिसकी ओर निहारा,
मिली उसे सम्पत्ति, सुख सारा।

आदि शक्ति जय त्रिपुर-प्यारी,
महाशक्ति जय जय भयहारी।

कुल योगिनी, कुण्डलिनी रूपा,
लीला ललिते करें अनूपा।

महा-महेश्वरी, महा शक्ति दे,
त्रिपुर-सुन्दरी सदा भक्ति दे।

महा महानन्दे, कल्याणी,
मूकों को देती हो वाणी।

इच्छा-ज्ञान-क्रिया का भागी,
होता तब सेवा अनुरागी।

जो ललिते तेरा गुण गावे,
उसे न कोई कष्ट सतावे।

सर्व मंगले ज्वाला-मालिनी,
तुम हो सर्व शक्ति संचालिनी।

आया माँ जो शरण तुम्हारी,
विपदा हरी उसी की सारी।

नामा-कर्षिणी, चित्त-कर्षिणी,
सर्व मोहिनी सब सुख-वर्षिणी।

महिमा तब सब जग विख्याता,
तुम हो दयामयी जगमाता।

सब सौभाग्य-दायिनी ललिता,
तुम हो सुखदा करुणा कलिता।

आनन्द, सुख, सम्पति देती हो,
कष्ट भयानक हर लेती हो।

मन से जो जन तुमको ध्यावे,
वह तुरन्त मनवांछित पावे।

लक्ष्मी, दुर्गा तुम हो काली,
तुम्हीं शारदा चक्र-कपाली।

मुलाधार, निवासिनी जय-जय,
सहरस्त्रारबामिनी माँ जय-जय।

छ: चक्रों को भेदने वाली,
करती हो सबकी रखवाली।

योगी भोगी क्रोधी कामी,
सब हैं सेवक सब अनुगामी।

सबको पार लगाती हो माँ,
सब पर दया दिखाती हो माँ।

हेमावती, उमा, ब्रह्माणी,
भण्डासुर का, हृदय विदारिणी।

सर्व विपति हर, सर्वाधारे,
तुमने कुटिल कुपंथी तारे।

चन्द्र-धारणी, नैमिषवासिनी,
कृपा करो ललिते अघनाशिनी।

भक्तजनों को दरस दिखाओ,
संशय भय सब शीघ्र मिटाओ।

जो कोई पढ़े ललिता चालीसा,
होवे सुख आनन्द अधीसा।

जिस पर कोई संकट आवे
पाठ करे संकट मिट जावे।

ध्यान लगा पढ़े इक्कीस बारा,
पूर्ण मनोरथ होवे सारा।

पुत्र हीन सन्तति सुख पावे,
निर्धन धनी बने गुण गावे।

इस विधि पाठ करे जो कोई,
दुःख बन्धन छूटे सुख होई।

जितेन्द्र चन्द्र भारतीय बतावें,
पढ़े चालीसा तो सुख पावें।

सबसे लघु उपाय यह जानो,
सिद्ध होय मन में जो ठानों।

ललिता करे हृदय में बासा,
सिद्धि देत ललिता चालीसा।

॥ दोहा ॥

ललिते माँ अब कृपा करो,
सिद्ध करो सब काम।
श्रद्धा से सिर नाय कर,
करते तुम्हें प्रणाम ॥

|| श्री ललिता चालीसा पूजा विधि ||

श्री ललिता चालीसा का पाठ करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इन नियमों का पालन करने से पूजा का फल अधिक मिलता है:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा के स्थान को साफ़ करें और माँ ललिता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र और फूल माँ ललिता को प्रिय हैं, इसलिए उनका उपयोग करें।
  • गाय के घी का दीपक जलाएँ और चंदन की अगरबत्ती का इस्तेमाल करें।
  • माँ को खीर या पिस्ते से बनी मिठाई का भोग लगाएँ।
  • अब श्रद्धा भाव से श्री ललिता चालीसा का पाठ करें।
  • अगर संभव हो, तो चालीसा का पाठ 21 बार करें।
  • पाठ के बाद अपनी मनोकामना माँ के सामने रखें और उनसे आशीर्वाद माँगें।

|| श्री ललिता चालीसा पाठ के लाभ ||

श्री ललिता चालीसा का पाठ करने से भक्तों को कई तरह के लाभ मिलते हैं। यह चालीसा माँ ललिता की महिमा और शक्ति का बखान करती है और उनके भक्तों के लिए कल्याणकारी है।

  • जो भक्त सच्चे मन से यह चालीसा पढ़ते हैं, माँ ललिता उनके सभी संकटों और विपदाओं को हर लेती हैं।
  • चालीसा के पाठ से सभी तरह की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, चाहे वह पुत्र प्राप्ति की इच्छा हो या धन-संपत्ति से जुड़ी।
  • माँ ललिता को सौभाग्य दायिनी माना जाता है। उनके आशीर्वाद से घर में सुख, समृद्धि और आनंद का वास होता है।
  • यह चालीसा मन को शांति देती है और भक्तों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
  • चालीसा के पाठ से योग और ज्ञान की सिद्धि प्राप्त होती है और मन में दृढ़ता आती है।

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download श्री ललिता चालीसा MP3 (FREE)

♫ श्री ललिता चालीसा MP3
श्री ललिता चालीसा PDF

Download श्री ललिता चालीसा PDF

श्री ललिता चालीसा PDF

Leave a Comment

Join WhatsApp Channel Download App