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श्री रंगनाथ अष्टकम

Shri Ranganatha Ashtakam Hindi

MiscAshtakam (अष्टकम संग्रह)हिन्दी
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|| रंगनाथ अष्टकम ||

आनंदरूपे निजबोधरूपे
ब्रह्मस्वरूपे श्रुतिमूर्तिरूपे।
शशांकरूपे रमणीयरूपे
श्रीरंगरूपे रमतां मनो मे ।।

कावेरीतिरे करुणाविलोले
मंदरामुले धृतचारुकेले।
दैत्यान्तकालेखिलालोकलिले
श्रीरंगलिले रमतां मनो मे ।।

लक्ष्मीनिवासे जगतं निवासे
हृतपद्मावसे रविबिंबवसे।
कृपाणिवसे गुणबृंदवसे
श्रीरंगवासे रमतां मनो मे ।।

ब्रह्मादिवन्द्ये जगदेकवन्दये
मुकुन्दवन्दये सुरनाथवन्दये।
व्यासादिवंद्ये सनकादिवंद्ये
श्रीरंगवंद्ये रमतां मनो मे ।।

ब्रह्माधिराजे गरुड़ाधिराजे
वैकुंठराजे सुरराजराजे।
त्रैलोक्यराजे’खिलालोकराजे
श्रीरंगराजे रमतां मनो मे ।।

अमोघमुद्रे परिपूर्णनिद्रे
श्रीयोगनिद्रे शसमुद्रनिद्रे।
श्रीतैकभद्रे जगदेकनिद्रे
श्रीरंगभद्रे रमतां मनो मे ।।

सचित्रशायी भुजगेंद्रशायी
नंदनकाशायी कमलांकाशायी।
क्षीरब्धिशयै वंतपत्रशायी
श्रीरंगशायी रमतां मनो मे ।।

इदं हि रंगं त्यजतामिहंगम
पुनर्न चंगं यदि चंगमेति।
पणौ रथांगं चरणेम्बु गंगं
याने विहंगं शयने भुजंगम्।।

रंगनाथष्टकम्पुण्यं प्रातरुत्थाय यः पठेत ।
सर्वान् कामानवाप्नोति रंगीसायुज्यमाप्नुयात् ।।

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