Shiva

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

Somvati Amavasya Vrat Katha Puja Vidhi

ShivaVrat Katha (व्रत कथा संग्रह)हिन्दी
Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा ||

सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था।

एक दिन एक साधु महाराज उस ब्राह्मण के घर आए। साधु कन्या के सेवाभाव से अत्यधिक प्रसन्न हुए और उसे लंबी आयु का आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि इस कन्या के हाथ में विवाह योग्य रेखा नहीं है।

ब्राह्मण दम्पति ने साधु से इसका उपाय पूछा। साधु ने ध्यान कर बताया कि कुछ दूरी पर एक गांव में सोना नाम की धोबिन रहती है, जो अपने बेटे और बहू के साथ रहकर पति परायण और संस्कार संपन्न है। यदि यह कन्या उस धोबिन की सेवा करे और वह महिला अपने मांग का सिन्दूर इस कन्या की मांग में लगा दे, तो उसका वैधव्य योग मिट सकता है।

ब्राह्मणी ने अपनी बेटी से धोबिन की सेवा करने का प्रस्ताव रखा। अगले दिन से ही कन्या प्रात: काल उठकर सोना धोबिन के घर जाकर सफाई और अन्य कार्य करके वापस आने लगी।

एक दिन सोना धोबिन ने अपनी बहू से पूछा कि तुम तो सुबह ही उठकर सारे काम कर लेती हो, यह कैसे संभव है? बहू ने कहा कि मैं तो देर से उठती हूँ। दोनों सास-बहू ने मिलकर देखा कि एक कन्या मुंह ढके घर में आती है और काम करके चली जाती है।

धोबिन ने कन्या को रोका और पूछा कि वह कौन है और क्यों छुपकर उनके घर का काम कर रही है? तब कन्या ने साधु द्वारा कही सारी बात बताई। सोना धोबिन पति परायण थी, अतः उसने अपनी मांग का सिन्दूर उस कन्या की मांग में लगाया। उसी समय सोना धोबिन के पति की मृत्यु हो गई।

धोबिन ने निराजल रहकर पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा की और ईंट के टुकड़ों से भंवरी देकर जल ग्रहण किया। ऐसा करते ही उसके पति में फिर से जान आ गई और वह जीवित हो उठा।

|| सोमवती अमावस्या पूजन विधि ||

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर को साफ-सुथरा करके गंगाजल से छिड़क दें।
  • पूजा स्थल को साफ करके शिवलिंग की स्थापना करें।
  • शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक करें।
  • शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, चंदन आदि चढ़ाएं।
  • घी का दीपक जलाएं।
  • अगरबत्ती जलाएं।
  • शिवलिंग को भोग लगाएं।
  • ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
  • भगवान शिव से अपनी मनोकामनाएं मांगें। आरती उतारें।

Read in More Languages:

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download HinduNidhi App
सोमवती अमावस्या व्रत कथा PDF

Download सोमवती अमावस्या व्रत कथा PDF

सोमवती अमावस्या व्रत कथा PDF

Leave a Comment

Join WhatsApp Channel Download App