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त्वमेव माता च पिता त्वमेव – श्लोक अर्थ सहित

Tvamev Mata Cha Pita Tvameva Shloka Hindi

MiscShloka (श्लोक संग्रह)English
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।। त्वमेव माता च पिता त्वमेव – श्लोक ।।

त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं मम देव देव !!

हिंदी अर्थ: “आप ही मेरे माता हैं, आप ही मेरे पिता हैं, आप ही मेरे बंधु हैं और आप ही मेरे सखा हैं। आप ही मेरी विद्या हैं, आप ही मेरा धन हैं, आप ही मेरे सब कुछ हैं, हे देवों के देव!” यह श्लोक भारतीय संस्कृति में ईश्वर को सभी रिश्तों का आधार मानने का आदर्श प्रस्तुत करता है। इसका अभिप्राय है कि सभी रिश्ते, ज्ञान, और धन परमात्मा में ही समाहित हैं, और हमें इनका सम्मान करना चाहिए।

Tvameva mata cha pita tvameva,
tvameva bandhuscha sakha tvameva.
Tvameva vidya dravinam tvameva,
tvameva sarvam mama deva deva!!

English Meaning: “You are my mother, my father, my sibling, and my friend. You are my knowledge, my wealth, and my everything, O Supreme God!” This shloka beautifully reflects the Indian ideal that all relationships, knowledge, and resources are encompassed within the divine presence, reminding us to honor and respect the divine in all aspects of life.

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