व्रज मंडल परिक्रमा पुस्तक एक आध्यात्मिक और धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के लीला स्थलों का भ्रमण और उनके महत्व का वर्णन किया गया है। यह पुस्तक व्रजभूमि, जिसे वृंदावन भी कहा जाता है, के प्रमुख तीर्थ स्थलों और उनसे संबंधित कथाओं का संकलन करती है।
व्रज मंडल परिक्रमा को हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व दिया जाता है, और यह माना जाता है कि इस परिक्रमा को करने से भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
व्रज मंडल परिक्रमा पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ
- इस पुस्तक में व्रज मंडल की पवित्र भूमि के महत्व और उसकी महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है। व्रज मंडल वह भूमि है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल की लीलाएँ की थीं।
- पुस्तक में व्रज मंडल परिक्रमा के मार्ग का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें परिक्रमा के दौरान आने वाले प्रमुख तीर्थ स्थलों, गाँवों, और श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े स्थानों की जानकारी दी गई है।
- इस पुस्तक में व्रज की संस्कृति, वहाँ के मंदिर, और त्यौहारों का भी उल्लेख किया गया है। यह पाठकों को व्रज की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराता है।
- व्रज मंडल परिक्रमा के दौरान किए जाने वाले विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, मंत्रों, और प्रार्थनाओं का वर्णन भी पुस्तक में शामिल है। यह भक्तों को परिक्रमा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और आध्यात्मिकता में लीन होने का मार्ग दिखाती है।
- पुस्तक में व्रज मंडल से जुड़ी हुई कई पारंपरिक कथाएँ, मान्यताएँ, और पौराणिक कथाओं का वर्णन है, जो इस भूमि की पवित्रता और महिमा को और अधिक उजागर करती हैं।