नवग्रह एवं नक्षत्र शांति पुस्तक भारतीय ज्योतिष शास्त्र का एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसमें नवग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव, उनकी शांति के उपाय, और उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का विस्तृत विवरण दिया गया है। इसके लेखक, पंडित रमेश चंद शर्मा, एक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और वैदिक परंपराओं के ज्ञाता हैं। यह ग्रंथ ज्योतिष विज्ञान के सिद्धांतों को सरल और बोधगम्य रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे यह हर व्यक्ति के लिए उपयोगी है।
नवग्रह एवं नक्षत्र शांति पुस्तक की विशेषताएँ
- इस पुस्तक में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु जैसे नवग्रहों का विस्तृत परिचय दिया गया है। इनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों और उनसे जुड़ी शुभ-अशुभ स्थितियों का वर्णन भी किया गया है।
- पंडित रमेश चंद शर्मा ने नक्षत्रों के दोष निवारण और उनके प्रभावों को संतुलित करने के उपायों को विस्तार से समझाया है। यह उपाय वैदिक मंत्रों, पूजा विधियों, रत्न धारण, और दान आदि पर आधारित हैं।
- पुस्तक यह बताती है कि ग्रह और नक्षत्र न केवल व्यक्ति के भाग्य को प्रभावित करते हैं, बल्कि उनके मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक जीवन पर भी गहरा असर डालते हैं।
- पुस्तक की भाषा और शैली इतनी सरल है कि इसे कोई भी आसानी से समझ सकता है। इसमें ज्योतिष को वैज्ञानिक और तार्किक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है।
- यह ग्रंथ उन लोगों के लिए विशेष उपयोगी है जो अपने जीवन में नवग्रहों और नक्षत्रों के अशुभ प्रभावों को शांत करना चाहते हैं। यह उनके जीवन में शांति, समृद्धि, और सफलता लाने के उपाय बताता है।