राम राज्य पुस्तक भारतीय संस्कृति और आदर्श समाज व्यवस्था का चित्रण करती है। इसके लेखक श्री रामहर्षणदास जी महाराज, एक प्रख्यात संत और भारतीय धर्मशास्त्रों के मर्मज्ञ हैं। इस पुस्तक में राम राज्य की परिकल्पना, इसके नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों, और इसे आधुनिक समाज में लागू करने के उपायों का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ रामायण में वर्णित आदर्श राज्य की विचारधारा को सरल और व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत करता है।
राम राज्य पुस्तक की विशेषताएँ
- पुस्तक में राम राज्य को एक ऐसा आदर्श राज्य बताया गया है, जहाँ धर्म, न्याय, और समानता का पालन होता है। यह समाज में शांति, सद्भाव और नैतिकता स्थापित करने का मार्गदर्शन करता है।
- इस ग्रंथ में उन नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को रेखांकित किया गया है, जो राम राज्य की नींव बनाते हैं, जैसे सत्य, करुणा, अहिंसा, और सेवा।
- श्री रामहर्षणदास जी महाराज ने राम राज्य की परिकल्पना को आधुनिक समाज के लिए प्रासंगिक बनाते हुए इसे आज के राजनीतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है, इस पर प्रकाश डाला है।
- पुस्तक की भाषा सरल और प्रभावी है, जिससे यह हर वर्ग के पाठकों के लिए सहज और बोधगम्य बनती है।
- “राम राज्य” उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो समाज में नैतिकता, धर्म और सेवा भाव के साथ जीवन जीने की आकांक्षा रखते हैं।