एकादशी व्रत का महात्म्य गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक महत्वपूर्ण धार्मिक पुस्तक है। यह पुस्तक पद्मपुराण के आधार पर 26 एकादशियों के महात्म्य और उनकी विधियों का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करती है।
पुस्तक में वर्ष भर की 24 एकादशियों के साथ अधिक मास की 2 एकादशियों का समावेश है, जो कुल मिलाकर 26 एकादशियाँ होती हैं। प्रत्येक एकादशी के व्रत की पूजा विधि, उद्यापन विधि, फलाहार विधि, आरती, चालीसा, भजन एवं आरतियों का समावेश इस पुस्तक में किया गया है, जिससे व्रतधारियों को सम्पूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
पुस्तक की भाषा सरल और सुबोध है, जिससे सभी आयु वर्ग के पाठक इसे आसानी से समझ सकते हैं। यह पुस्तक न केवल व्रतधारियों के लिए उपयोगी है, बल्कि उन सभी के लिए भी महत्वपूर्ण है जो हिंदू धर्म के व्रत और त्योहारों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं। पाठकों ने इस पुस्तक की सामग्री और प्रस्तुति की सराहना की है, जिससे इसकी लोकप्रियता स्पष्ट होती है।
यदि आप एकादशी व्रत की महिमा और विधियों के बारे में विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो ‘एकादशी व्रत का महात्म्य’ पुस्तक आपके लिए एक मूल्यवान संसाधन सिद्ध होगी।
एकादशी व्रत का महात्म्य
‘एकादशी व्रत का महात्म्य’ पुस्तक में 26 एकादशियों का वर्णन किया गया है। हालांकि, उपलब्ध स्रोतों में पुस्तक की संपूर्ण विषय सूची नहीं मिली है। फिर भी, एक अन्य पुस्तक ‘एकादशी महात्म्य’ की विषय सूची से हम अनुमान लगा सकते हैं कि ‘एकादशी व्रत का महात्म्य’ में निम्नलिखित अध्याय शामिल हो सकते हैं:
- उत्पन्ना एकादशी
- मोक्षदा एकादशी
- सफला एकादशी
- पुत्रदा एकादशी
- षट्तिला एकादशी
- जया एकादशी
- विजया एकादशी
- आमलकी एकादशी
- पापमोचिनी एकादशी
- कामदा एकादशी
- वरूथिनी एकादशी
- मोहिनी एकादशी
- अपरा एकादशी
- निर्जला एकादशी
- योगिनी एकादशी
- देवशयनी एकादशी
- कामिका एकादशी
- पुत्रदा एकादशी (श्रावण मास)
- अजा एकादशी
- पार्श्व एकादशी
- इंदिरा एकादशी
- पद्मिनी एकादशी
- पारमा एकादशी
- पाशांकुशा एकादशी
- रमा एकादशी
- देवोत्थानी एकादशी