आश्विन (Ashwin) मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी से शुरू होकर, यह 9 दिवसीय पर्व आश्विन पूर्णिमा तक चलता है। यह पर्व जैन धर्म के लिए एक विशेष महत्व रखता है, जिसमें नवपद की आराधना की जाती है। ‘नवपद’ का अर्थ है नौ पद। इन नौ पदों में अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु (इन पांचों को पंच परमेष्ठी कहते हैं), और दर्शन, ज्ञान, चारित्र, तप (ये चार मूल गुण हैं) की साधना की जाती है।
यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है – एक चैत्र मास (Chaitra) में और दूसरा आश्विन मास में। नवपद ओली का व्रत बहुत कठोर होता है, जिसमें उपवास (Fasting) के साथ-साथ विशेष आराधना, पूजा, ध्यान और जाप किया जाता है।
यह पर्व आत्मा की शुद्धि और कर्मों के नाश के लिए किया जाता है। नवपद ओली के दौरान साधक अपने जीवन को सरल, सात्विक और तपस्यापूर्ण बनाते हैं। वे बाहरी दुनिया से दूर होकर अपनी आत्मा के करीब आते हैं।
नवपद ओली का आध्यात्मिक महत्व
- नवपद ओली का व्रत आत्मा को शुद्ध करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
- यह व्रत हमें अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखने का अभ्यास कराता है।
- नवपद ओली के दौरान, हम अपने अहंकार (ego) और क्रोध (anger) को त्यागने का प्रयास करते हैं।
- यह व्रत हमें दूसरों के प्रति प्रेम, करुणा और क्षमा का भाव सिखाता है।
- नवपद ओली का व्रत हमें मोक्ष (moksha) के मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है।
कैसे करें नवपद ओली का व्रत?
- नवपद ओली का व्रत 9 दिनों तक चलता है।
- व्रत के दौरान, आप केवल पानी और फलों का सेवन कर सकते हैं।
- आप अपनी क्षमता के अनुसार एकासना, बियासना, या आयम्बिल कर सकते हैं।
- आयम्बिल एक विशेष प्रकार का व्रत है जिसमें आप केवल एक बार भोजन कर सकते हैं, वह भी बिना किसी मसाले, तेल या नमक के।
- व्रत के दौरान, आपको नवपद का जाप करना चाहिए, ध्यान करना चाहिए, और धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।
- नवपद ओली के दौरान, आपको अपनी जीवनशैली को सरल और सात्विक बनाना चाहिए।
नवपद ओली 2025 की तिथियाँ
- नवपद ओली का पर्व 9 दिनों तक चलता है, जो आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी से शुरू होकर आश्विन पूर्णिमा तक चलता है।
- 2025 में, यह पर्व 27 सितंबर से 5 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।
Found a Mistake or Error? Report it Now

