।। परित्राणाय साधूनां – श्लोक ।।
परित्राणाय साधूनां
विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय
सम्भवामि युगे युगे।।
हिंदी अर्थ: श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं: साधुओं की रक्षा के लिए और दुष्कर्मियों (पाप करने वालों) का नाश करने के लिए, और धर्म की स्थापना के लिए मैं युगों-युगों में प्रकट होता हूँ।
Paritranaya sadhunam
vinashaya cha dushkritam,
Dharma-samsthapanarthaya
sambhavami yuge yuge.
English Meaning: Let’s understand this sanskrit gita shlok with meaning: I manifest myself in every age to protect the righteous, to annihilate the wicked, and to reestablish the principles of dharma.
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