|| श्री बुद्ध जी की आरती ||
वो गौतम ज्ञानी, धन्य हो गौतम ज्ञानी ।
जन्म मरण का तुमने भेद लिया जानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
पिता शुद्दोधन माता महामाया रानी।
जन्म लिया लुम्बिनी वन, साक्य मुनि सानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
जग का रण गृह त्यागा, वन की खाक छानी।
दुःख का कारन खोजा, दृढ़ता दी ठानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
तथ्य लोक का समझा, सत्य ही पहचानी।
नाम तथागत तेरा पड़ा ससम्मानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
समता समानता तू शांति मोक्ष दानी।
दुःख हर्ता सुख कर्ता, हर्ता शैतानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
जियो और जीने दो, कहा ये इंसानी।
पर पीणा निज समझो, दुःख भय परेशानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
मन मतंग मतवाला, मेरा तूफानी।
सरण दे श्री गोपाल का, हर लो नगामी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
Found a Mistake or Error? Report it Now
Download श्री बुद्ध जी की आरती MP3 (FREE)
♫ श्री बुद्ध जी की आरती MP3