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अंजनी माता चालीसा

Anjani Mata Chalisa Hindi Lyrics

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जय अंजनी माता, जय हनुमान जी की माता! अंजनी माता भगवान हनुमान जी की दिव्य जननी हैं, जिनकी पूजा करने से माता और पुत्र दोनों की कृपा एक साथ प्राप्त होती है। माता अंजनी की चालीसा का पाठ करने से भक्तों को भय से मुक्ति, साहस और मातृत्व सुख की प्राप्ति होती है।

यह चालीसा माता अंजनी के गुणों, तपस्या और उनके पुत्र हनुमान जी के प्रति उनके प्रेम का वर्णन करती है। यहां अंजनी माता चालीसा, इसके पाठ की विधि और इससे मिलने वाले लाभ दिए गए हैं।

|| अंजनी माता चालीसा (Anjani Mata Chalisa PDF) ||

॥ दोहा ॥

चैत्र सुदी वैसाख सुदी, जेष्ठ सुदी को जान।
आसाढ़ श्रावण सुदी, चौदस को पहचान॥

भादुड़ा आसौज की, और कार्तिक की सुदी।
सुदी मार्गशीर्ष और पौष की देती सबको बुद्धि ॥

फाल्गुन सुदी चतुर्दशी पूजे सब नरनार।
अंजनी माता आपका कारज देसी सार॥

॥ चौपाई ॥

रिमझिम रिमझिम मेहा बर्षे।
मानो चन्दन फुहार दर्से ॥

इन्दर गाजे पवन पुरवायी।
सांची माता अंजनी आयी॥

देख मात को हनुमत हर्षे ।
चरण कमल में मस्तक स्पर्से ॥

चौकी चाँदी की सरकाई।
जिस पर बैठी अंजनी माई।

हाथ पसार गोंद बैठाया।
पुत्र प्रेम पय पान कराया॥

मस्तक पर मेला निज हाथ ।
भला करे राम रघुनाथ ॥

सिंहासन पर सालग्राम हैं।
कृष्ण चन्द्र लक्ष्मी जी बाम हैं॥

दर्शन करने इसका. आई।
आसन चौकी चाँदी पाई॥

माता कहे सुनो हनुमाना।
जो मन भावे माँगो वरदाना ॥

बोले हनुमान सुनो मेरी माई।
देवो वरदान सदा सुखदाई॥

सालासर नगरी के अन्दर।
बने मात का सुन्दर मन्दिर ॥

वचन दिया माता ने अपना।
बारह वर्ष का साँचा सपना॥

सुहाग भाग आनन्द की दाता।
सुमरो श्रीहनुमंत की माता॥

साँझ सवेरे ध्यान लगाओ।
मन इच्छा माँगो सो पाओ॥

हरो मात सब संकट दूषण।
आन चढ़ाऊँ सुवरण भूषण ॥

चीर बढ़ा अंजनी माता का।
है प्रताप अन धन दाता का॥

लगे दुहाई माता के चीर की।
रक्षा करे बालक के शरीर की॥

अंजनी माता रक्षा करेगी।
आप ताप संकट को हरेगी॥

जय जय अंजनी मात भवानी ।
जय कपि केशरी की पटरानी॥

जय जय गौतम ऋषि कुमारी |
जय जय मात जाऊँ बलिहारी॥

देखो माता पुत्र खिलावे।
अंगुली से घी चीनी चटावे ॥

केशरी राजा गिरा उचारे।
आओ मेरे प्राण पियारे॥

मीठी मीठी धरी मिठाई।
खड़ी पुकारे अंजना माई॥

करो कलेवा मेरे लाला।
पीवो अमृत बजरंग बाला ॥

पाटी लेकर पढ़बा जावो।
सूर्य देव से विद्या पाओ॥

अवधपति ने यज्ञ किया था।
अग्नि देव ने खीर दिया था॥

कौशल्या के जन्मे राम।
भरत कैकेयी के सुख धाम॥

लक्ष्मण और शत्रुध्न वीरा।
नित खेलें सरयू के तीरा॥

हनुमान की अंजनी माई।
कौशल्या माता मन भाई॥

कौशल्या के हनुमत प्यारा।
होय राम से कभी न न्यारा ॥

शंकर-सुत और पवन कुमारा।
बजरंगी है नाम तुम्हारा ॥

करि मात की कोख उजागर।
बल बुद्धि विद्या गुणसागर॥

ब्रह्म वंश जो सेवा करते।
ज्ञान भक्ति से हृदय भरते॥

मात अंजनी नाम अमर है।
क्षत्रिय ध्यावे जीत समर है॥

जपे सेठ अरु साहूकारा।
अन्न धन से सब भरे भंडारा॥

चारों वर्ण माता को ध्यावें।
मात कृपा से वे सुख पावें॥

अंजनी माता का चालीसा।
मनसा पूरण विश्वा बीसा ॥

॥ दोहा ॥

राजस्थान की भूमि में सालासर है ग्राम।
जहाँ प्रगटी मातेश्वरी, जग में जाहिर नाम॥

|| अंजनी माता चालीसा पाठ की विधि ||

चालीसा का पाठ करते समय इन नियमों का पालन करने से आपको अधिक लाभ मिल सकता है:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें। एक आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • अंजनी माता और हनुमान जी की एक प्रतिमा या चित्र अपने सामने स्थापित करें।
  • अपने मन में अपनी मनोकामना का संकल्प लें और पाठ शुरू करें।
  • माता को पुष्प, रोली, धूप और दीप अर्पित करें।
  • चालीसा का पाठ शुरू करें। आप इसे एक, तीन, पाँच, सात, या ग्यारह बार अपनी श्रद्धा अनुसार पढ़ सकते हैं।
  • पाठ के बाद अंजनी माता और हनुमान जी की आरती करें और प्रसाद का भोग लगाकर सबको बांटें।

|| अंजनी माता चालीसा पाठ के लाभ ||

अंजनी माता चालीसा का नियमित पाठ करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं:

  • यह चालीसा भक्तों के मन से भय को दूर करती है और उन्हें साहस प्रदान करती है।
  • माता अंजनी के पाठ से निसंतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान संबंधी कष्ट दूर होते हैं।
  • अंजनी माता का पूजन करने से उनके पुत्र हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं, जिससे भक्तों को हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • जीवन के कार्यों और प्रयासों में आने वाली सभी बाधाएं और विघ्न दूर होते हैं।
  • चालीसा का पाठ करने से घर और मन की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
  • यह पाठ भक्तों को सही राह दिखाता है और उनके मन में ज्ञान और सच्ची भक्ति का संचार करता है।

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