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भुवनेश्वरी पंचक स्तोत्र

Bhuvaneshwari Panchaka Stotram Hindi Lyrics

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भुवनेश्वरी पंचक स्तोत्र माँ भुवनेश्वरी को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली और फलदायी स्तोत्र है। यह स्तोत्र माँ के पांच रूपों का वर्णन करता है, जो सृष्टि, स्थिति और संहार की अधिष्ठात्री देवी हैं। साधक इस स्तोत्र के पाठ से माँ भुवनेश्वरी की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और अभीष्ट सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। जो भक्त “भुवनेश्वरी पंचक स्तोत्र PDF” की तलाश में हैं, वे इसे आसानी से पा सकते हैं। इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से भय, बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं, और व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह स्तोत्र भक्तों को मोक्ष और भुक्ति दोनों प्रदान करने में सक्षम है।

|| भुवनेश्वरी पंचक स्तोत्र (Bhuvaneshwari Panchaka Stotram PDF) ||

प्रातः स्मरामि भुवनासुविशालभालं
माणिक्यमौलिलसितं सुसुधांशुखण्दम्।

मन्दस्मितं सुमधुरं करुणाकटाक्षं
ताम्बूलपूरितमुखं श्रुतिकुन्दले च।

प्रातः स्मरामि भुवनागलशोभिमालां
वक्षःश्रियं ललिततुङ्गपयोधरालीम्।

संविद्घटञ्च दधतीं कमलं कराभ्यां
कञ्जासनां भगवतीं भुवनेश्वरीं ताम्।

प्रातः स्मरामि भुवनापदपारिजातं
रत्नौघनिर्मितघटे घटितास्पदञ्च।

योगञ्च भोगममितं निजसेवकेभ्यो
वाञ्चाऽधिकं किलददानमनन्तपारम्।

प्रातः स्तुवे भुवनपालनकेलिलोलां
ब्रह्मेन्द्रदेवगण- वन्दितपादपीठम्।

बालार्कबिम्बसम- शोणितशोभिताङ्गीं
बिन्द्वात्मिकां कलितकामकलाविलासाम्।

प्रातर्भजामि भुवने तव नाम रूपं
भक्तार्तिनाशनपरं परमामृतञ्च।

ह्रीङ्कारमन्त्रमननी जननी भवानी
भद्रा विभा भयहरी भुवनेश्वरीति।

यः श्लोकपञ्चकमिदं स्मरति प्रभाते
भूतिप्रदं भयहरं भुवनाम्बिकायाः।

तस्मै ददाति भुवना सुतरां प्रसन्ना
सिद्धं मनोः स्वपदपद्मसमाश्रयञ्च।

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भुवनेश्वरी पंचक स्तोत्र PDF

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