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Shri Radha

छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा – भजन

Chhalkat Hamari Gagariya Ye Kanha Bhajan Hindi

Shri RadhaBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी
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छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा

छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा,
छीनों ना मोरी चुनरियाँ नंदलाला,
अब रोकूँ ना तोहरी डगरिया, हो बृज बाला ||

करे चुगली हज़ार मोरी माँ से बार बार,
कहे लाला है तेरा बड़ो उत्पाती,
सारी गोपी सरेआम मुझे करे बदनाम,
और झगड़ा करण नही शरमाती,
कन्हैयाँ रूठों ना,
दिल में जो है हमसे कहलो,
गर्जत कब से बिजुरिया,
कान्हां पकड़ो ना मोरी कलैया, हो नन्दलाला,
अब पकड़ूँ ना तोहरी कलैया, हो ब्रिजबाला ||

ना करुँगी तकरार, मोरे मदन मुरार,
तेरी मुरली की धुन मोर लागे प्यारी,
मै तो मानूँ हर बात ना लडूंगी तेरे साथ,
तेरे साँवरे रंग जाऊँ बलिहारी,
ओ बाला सीधा साधा हूँ मैं, ना मुझसे खेलो,
मतवाला सीधा साधा हूँ मैं, ना मुझसे खेलो,
लचकत हमरी कमरिया रे कान्हा,

फोरी ना मेरी गगरिया नंदलाला,
अब फोडू ना तोहरी गगरिया हो ब्रिज बाला,
अब पकड़ूँ ना तोहरी कलैया, हो ब्रिजबाला ||

मेरे नैना कजरारे करे सखियों पर वार,
हारी दिल जिगर मोपे सब हारी
देख मेरा यह कमाल होई दीवानी सब बेहाल,
करे बिनती करत बारी बारी,
गोपाला रजनीश को चरण शरण में, अपने ले लो,
मेरे कान्हा, रजनीश को चरण शरण में, अपने ले लो,
दरसत अमित की नज़रिया ओ कान्हा,
छीनों ना मोरी चुनरियाँ नंदलाला,
अब रोकूँ ना तोहरी डगरिया, हो बृज बाला ||
अब रोकूँ ना तोहरी डगरिया, हो बृज बाला ||

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