श्री महालक्ष्मी व्रताची कथा (मार्गशीर्ष गुरुवारची व्रत कथा)

गुरुवारची मार्गशीर्ष व्रत कथा (श्रीमहालक्ष्मी-व्रताची कथा) तेथे एक राजा राज्य करीत होता. त्याचे भद्रश्रवा. तो शूर होता, दयाळू होता प्रजादक्ष होता. चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे यांचे ज्ञान त्याला होते. अशा त्या राजाच्या राणीचे नाव होते सुरतचंद्रिका. राणी रूपाने सुंदर होती, सुलक्षणी होती आणि पतिनिष्ठ होती. त्यांना एकून आठ अपत्ये होती. सात पुत्र आणि…

मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि (मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत कथा)

।। मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि ।। यह व्रत करने वाले स्त्री तथा पुरुष दोनों मन से स्वस्थ एवं आनंदमय होने चाहिये। इस व्रत को किसी भी महीने के प्रथम गुरुवार (बृहस्पति वार) से शुरु कर सकते हैं। विधि नियम अनुसार हर गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत करे। श्री महालक्ष्मी की व्रतकथा को पढ़ें लगातार आठ…

देवी कमला सहस्रनामावली

देवी कमला सहस्रनामावली देवी कमला के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। देवी कमला, महालक्ष्मी का एक रूप हैं और उनकी पूजा से साधक को जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है। सहस्रनामावली में उनके विभिन्न नामों का उल्लेख उनकी महिमा,…

श्री ललिता सहस्रनामावली

श्री ललिता सहस्रनामावली देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी की स्तुति में रचित 1000 पवित्र नामों का संग्रह है। यह ग्रंथ ब्रह्मांड पुराण का एक अंश है और अद्वैत वेदांत में इसकी विशेष महिमा है। देवी ललिता को सर्वोच्च शक्ति और सृष्टि की माँ माना जाता है। वे सृष्टि, स्थिति और संहार की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी उपासना…

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मी सहस्रनामावली माता लक्ष्मी के हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी अद्भुत महिमा और दिव्य स्वरूप को प्रकट करती है। माता लक्ष्मी धन, वैभव, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं। यह सहस्रनामावली उनके गुणों, स्वरूपों और कृपा के विभिन्न आयामों का विस्तार से वर्णन करती है। इसका पाठ न केवल आर्थिक समृद्धि…

जानिए माता लक्ष्मी की अद्भुत कहानी, रहस्य, कथाएं और अनदेखे पहलू

lakshmi mata

देवी लक्ष्मी, धन, समृद्धि, वैभव और सौभाग्य की देवी हैं। हिंदू धर्म में उनका विशेष स्थान है और उनकी पूजा व्यापक रूप से की जाती है। देवी लक्ष्मी की पूजा अनेक अवसरों पर की जाती है, विशेष रूप से दीपावली, धनतेरस और विजयादशमी के दिन। उनकी पूजा के लिए श्री लक्ष्मी सूक्त, लक्ष्मी चालीसा और…

श्री महालक्ष्मी अष्टकम

॥ श्री महालक्ष्मी अष्टकम ॥ नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते । शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ नमस्ते गरूडारूढे कोलासूर भयंकरी । सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरी । सर्व दुःख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ सिद्धीबुद्धूीप्रदे देवी भुक्तिमुक्ति प्रदायिनी । मंत्रमूर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ आद्यंतरहिते देवी आद्यशक्ती…

धनत्रयोदशीची कहाणी

|| धनत्रयोदशीची कहाणी || पहिली कथा आहे एका राजाबद्दल, ज्याचं नाव हेम होतं. त्याच्या घरी मुलाचा जन्म झाला. ज्योतिषांनी सांगितलं की त्याचा मुलगा लग्नानंतर फक्त चार दिवसच जगेल. हे ऐकून राजा खूप दु:खी झाला आणि त्याने मुलाला अशा ठिकाणी पाठवलं, जिथे त्याला कोणतीही मुलगी दिसणार नाही. परंतु एके दिवशी एक राजकन्या तिथून जात होती आणि…

ଧନତେରସ କୀ ପୌରାଣିକ କଥା

|| ଧନତେରସ କୀ ପୌରାଣିକ କଥା || ଧନତେରସ କା ତ୍ୟୋହାର କାର୍ତିକ ମହୀନେ କେ କୃଷ୍ଣ ପକ୍ଷ କୀ ତ୍ରୟୋଦଶୀ କୋ ବଡ଼େ ଶ୍ରଦ୍ଧା ଔର ବିଶ୍ୱାସ କେ ସାଥ ମନାୟା ଜାତା ହୈ। ଇସ ଦିନ ଧନବନ୍ତରୀ, ମାତା ଲକ୍ଷ୍ମୀ ଔର ଧନ କେ ଦେବତା କୁବେର କୀ ପୂଜା ହୋତୀ ହୈ। ଇସକେ ପୀଛେ ଏକ ପୌରାଣିକ କଥା ହୈ ଜିସେ ଜାନନା ଦିଲଚସ୍ପ ହୈ। କହାନୀ କୁଛ ଇସ ତରହ ହୈ…

ಧನತೇರಸ ಕೀ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ

|| ಧನತೇರಸ ಕೀ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ || ಧನತೇರಸ ಕಾ ತ್ಯೋಹಾರ ಕಾರ್ತಿಕ ಮಹೀನೇ ಕೇ ಕೃಷ್ಣ ಪಕ್ಷ ಕೀ ತ್ರಯೋದಶೀ ಕೋ ಬಡ಼ೇ ಶ್ರದ್ಧಾ ಔರ ವಿಶ್ವಾಸ ಕೇ ಸಾಥ ಮನಾಯಾ ಜಾತಾ ಹೈ. ಇಸ ದಿನ ಧನವಂತರೀ, ಮಾತಾ ಲಕ್ಷ್ಮೀ ಔರ ಧನ ಕೇ ದೇವತಾ ಕುಬೇರ ಕೀ ಪೂಜಾ ಹೋತೀ ಹೈ. ಇಸಕೇ ಪೀಛೇ ಏಕ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ ಹೈ ಜಿಸೇ ಜಾನನಾ ದಿಲಚಸ್ಪ ಹೈ. ಕಹಾನೀ ಕುಛ ಇಸ ತರಹ ಹೈ…

ധനതേരസ കീ പൗരാണിക കഥാ

|| ധനതേരസ കീ പൗരാണിക കഥാ || ധനതേരസ കാ ത്യോഹാര കാർതിക മഹീനേ കേ കൃഷ്ണ പക്ഷ കീ ത്രയോദശീ കോ ബഡേ ശ്രദ്ധാ ഔര വിശ്വാസ കേ സാഥ മനായാ ജാതാ ഹൈ. ഇസ ദിന ധനവന്തരീ, മാതാ ലക്ഷ്മീ ഔര ധന കേ ദേവതാ കുബേര കീ പൂജാ ഹോതീ ഹൈ. ഇസകേ പീഛേ ഏക പൗരാണിക കഥാ ഹൈ ജിസേ ജാനനാ ദിലചസ്പ ഹൈ. കഹാനീ കുഛ ഇസ തരഹ ഹൈ…

ધનતેરસ કી પૌરાણિક કથા

|| ધનતેરસ કી પૌરાણિક કથા || ધનતેરસ કા ત્યોહાર કાર્તિક મહીને કે કૃષ્ણ પક્ષ કી ત્રયોદશી કો બડ઼ે શ્રદ્ધા ઔર વિશ્વાસ કે સાથ મનાયા જાતા હૈ. ઇસ દિન ધનવંતરી, માતા લક્ષ્મી ઔર ધન કે દેવતા કુબેર કી પૂજા હોતી હૈ. ઇસકે પીછે એક પૌરાણિક કથા હૈ જિસે જાનના દિલચસ્પ હૈ. કહાની કુછ ઇસ તરહ હૈ…

த⁴னதேரஸ கீ பௌராணிக கதா²

|| த⁴னதேரஸ கீ பௌராணிக கதா² || த⁴னதேரஸ கா த்யோஹார கார்திக மஹீனே கே க்ருʼஷ்ண பக்ஷ கீ த்ரயோத³ஶீ கோ ப³ஃடே² ஶ்ரத்³தா⁴ ஔர விஶ்வாஸ கே ஸாத² மனாயா ஜாதா ஹை. இஸ தி³ன த⁴னவந்தரீ, மாதா லக்ஷ்மீ ஔர த⁴ன கே தே³வதா குபே³ர கீ பூஜா ஹோதீ ஹை. இஸகே பீசே² ஏக பௌராணிக கதா² ஹை ஜிஸே ஜானனா தி³லசஸ்ப ஹை. கஹானீ குச² இஸ தரஹ ஹை…

নতেরস কী পৌরাণিক কথা

|| ধনতেরস কী পৌরাণিক কথা || ধনতেরস কা ত্যোহার কার্তিক মহীনে কে কৃষ্ণ পক্ষ কী ত্রয়োদশী কো বড়ে শ্রদ্ধা ঔর বিশ্বাস কে সাথ মনায়া জাতা হৈ। ইস দিন ধনবন্তরী, মাতা লক্ষ্মী ঔর ধন কে দেবতা কুবের কী পূজা হোতী হৈ। ইসকে পীছে এক পৌরাণিক কথা হৈ জিসে জাননা দিলচস্প হৈ। কহানী কুছ ইস তরহ হৈ…

ధనతేరస కీ పౌరాణిక కథా

|| ధనతేరస కీ పౌరాణిక కథా || ధనతేరస కా త్యోహార కార్తిక మహీనే కే కృష్ణ పక్ష కీ త్రయోదశీ కో బడే శ్రద్ధా ఔర విశ్వాస కే సాథ మనాయా జాతా హై. ఇస దిన ధనవంతరీ, మాతా లక్ష్మీ ఔర ధన కే దేవతా కుబేర కీ పూజా హోతీ హై. ఇసకే పీఛే ఏక పౌరాణిక కథా హై జిసే జాననా దిలచస్ప హై. కహానీ కుఛ ఇస తరహ హై…

धनतेरस की पौराणिक कथा

|| धनतेरस की पौराणिक कथा || धनतेरस का त्योहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन धनवंतरी, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसे जानना दिलचस्प है। कहानी कुछ इस तरह है…

महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि

|| महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि || सबसे पहले एक चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। ध्यान रखें की मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रखें। इसके बाद थोड़ा से चावल डालकर लक्ष्मी जी के पास कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर एक नारियल में कपड़ा बांधकर…

श्री लक्ष्मी चालीसा

॥ दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास । मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस ॥ ॥ सोरठा॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं । सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका ॥ ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही । ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥ तुम समान नहिं कोई…

देवी लक्ष्मी के 108 नाम

|| देवी लक्ष्मी की अष्टोत्तर शतनामावली || ॐ प्रकृत्यै नमः। ॐ विकृत्यै नमः। ॐ विद्यायै नमः। ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः। ॐ श्रद्धायै नमः। ॐ विभूत्यै नमः। ॐ सुरभ्यै नमः। ॐ परमात्मिकायै नमः। ॐ वाचे नमः। ॐ पद्मालयायै नमः। ॐ पद्मायै नमः। ॐ शुचये नमः। ॐ स्वाहायै नमः। ॐ स्वधायै नमः। ॐ सुधायै नमः। ॐ धन्यायै नमः।…

108 Names of Maha Lakshmi Devi

|| Ashtottara Shatanaamavali of Goddess Lakshmi || Om Prakrityai Namah। Om Vikrityai Namah। Om Vidyayai Namah। Om Sarvabhutahitapradayai Namah। Om Shraddhayai Namah। Om Vibhutyai Namah। Om Surabhyai Namah। Om Paramatmikayai Namah। Om Vache Namah। Om Padmalayayai Namah। Om Padmayai Namah। Om Shuchaye Namah। Om Swahayai Namah। Om Swadhayai Namah। Om Sudhayai Namah। Om Dhanyayai Namah।…

वरलक्ष्मी व्रत का महात्म्य, पूजा विधि, तिथि और महत्व

varlakshmi vratam

वरलक्ष्मी व्रत 2024 एक अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण व्रत है जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की शुक्रवार को रखा जाता है। यह व्रत मां लक्ष्मी की आराधना के लिए समर्पित है, जो धन, समृद्धि और वैभव की देवी हैं। वरलक्ष्मी व्रत को अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस व्रत को रखने से धन-दौलत, सुख-समृद्धि,…

ലക്ഷ്മീ നരസിംഹ ശരണാഗതി സ്തോത്രം

|| ലക്ഷ്മീ നരസിംഹ ശരണാഗതി സ്തോത്രം || ലക്ഷ്മീനൃസിംഹലലനാം ജഗതോസ്യനേത്രീം മാതൃസ്വഭാവമഹിതാം ഹരിതുല്യശീലാം . ലോകസ്യ മംഗലകരീം രമണീയരൂപാം പദ്മാലയാം ഭഗവതീം ശരണം പ്രപദ്യേ .. ശ്രീയാദനാമകമുനീന്ദ്രതപോവിശേഷാത് ശ്രീയാദശൈലശിഖരേ സതതം പ്രകാശൗ . ഭക്താനുരാഗഭരിതൗ ഭവരോഗവൈദ്യൗ ലക്ഷ്മീനൃസിംഹചരണൗ ശരണം പ്രപദ്യേ .. ദേവസ്വരൂപവികൃതാവപിനൈജരൂപൗ സർവോത്തരൗ സുജനചാരുനിഷേവ്യമാനൗ . സർവസ്യ ജീവനകരൗ സദൃശസ്വരൂപൗ ലക്ഷ്മീനൃസിംഹചരണൗ ശരണം പ്രപദ്യേ .. ലക്ഷ്മീശ തേ പ്രപദനേ സഹകാരഭൂതൗ ത്വത്തോപ്യതി പ്രിയതമൗ ശരണാഗതാനാം . രക്ഷാവിചക്ഷണപടൂ കരുണാലയൗ ശ്രീ- ലക്ഷ്മീനൃസിംഹ ചരണൗ ശരണം…

లక్ష్మీ నరసింహ శరణాగతి స్తోత్రం

|| లక్ష్మీ నరసింహ శరణాగతి స్తోత్రం || లక్ష్మీనృసింహలలనాం జగతోస్యనేత్రీం మాతృస్వభావమహితాం హరితుల్యశీలాం . లోకస్య మంగలకరీం రమణీయరూపాం పద్మాలయాం భగవతీం శరణం ప్రపద్యే .. శ్రీయాదనామకమునీంద్రతపోవిశేషాత్ శ్రీయాదశైలశిఖరే సతతం ప్రకాశౌ . భక్తానురాగభరితౌ భవరోగవైద్యౌ లక్ష్మీనృసింహచరణౌ శరణం ప్రపద్యే .. దేవస్వరూపవికృతావపినైజరూపౌ సర్వోత్తరౌ సుజనచారునిషేవ్యమానౌ . సర్వస్య జీవనకరౌ సదృశస్వరూపౌ లక్ష్మీనృసింహచరణౌ శరణం ప్రపద్యే .. లక్ష్మీశ తే ప్రపదనే సహకారభూతౌ త్వత్తోప్యతి ప్రియతమౌ శరణాగతానాం . రక్షావిచక్షణపటూ కరుణాలయౌ శ్రీ- లక్ష్మీనృసింహ చరణౌ శరణం…

லட்சுமி நரசிம்ம சரணாகதி ஸ்தோத்திரம்

|| லட்சுமி நரசிம்ம சரணாகதி ஸ்தோத்திரம் || லக்ஷ்மீந்ருʼஸிம்ʼஹலலனாம்ʼ ஜகதோஸ்யநேத்ரீம்ʼ மாத்ருʼஸ்வபாவமஹிதாம்ʼ ஹரிதுல்யஶீலாம் . லோகஸ்ய மங்கலகரீம்ʼ ரமணீயரூபாம்ʼ பத்மாலயாம்ʼ பகவதீம்ʼ ஶரணம்ʼ ப்ரபத்யே .. ஶ்ரீயாதநாமகமுனீந்த்ரதபோவிஶேஷாத் ஶ்ரீயாதஶைலஶிகரே ஸததம்ʼ ப்ரகாஶௌ . பக்தானுராகபரிதௌ பவரோகவைத்யௌ லக்ஷ்மீந்ருʼஸிம்ʼஹசரணௌ ஶரணம்ʼ ப்ரபத்யே .. தேவஸ்வரூபவிக்ருʼதாவபினைஜரூபௌ ஸர்வோத்தரௌ ஸுஜனசாருநிஷேவ்யமானௌ . ஸர்வஸ்ய ஜீவனகரௌ ஸத்ருʼஶஸ்வரூபௌ லக்ஷ்மீந்ருʼஸிம்ʼஹசரணௌ ஶரணம்ʼ ப்ரபத்யே .. லக்ஷ்மீஶ தே ப்ரபதனே ஸஹகாரபூதௌ த்வத்தோப்யதி ப்ரியதமௌ ஶரணாகதானாம் . ரக்ஷாவிசக்ஷணபடூ கருணாலயௌ ஶ்ரீ- லக்ஷ்மீந்ருʼஸிம்ʼஹ சரணௌ ஶரணம்…

ಲಕ್ಷ್ಮೀ ನರಸಿಂಹ ಶರಣಾಗತಿ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ಲಕ್ಷ್ಮೀ ನರಸಿಂಹ ಶರಣಾಗತಿ ಸ್ತೋತ್ರ || ಲಕ್ಷ್ಮೀನೃಸಿಂಹಲಲನಾಂ ಜಗತೋಸ್ಯನೇತ್ರೀಂ ಮಾತೃಸ್ವಭಾವಮಹಿತಾಂ ಹರಿತುಲ್ಯಶೀಲಾಂ . ಲೋಕಸ್ಯ ಮಂಗಲಕರೀಂ ರಮಣೀಯರೂಪಾಂ ಪದ್ಮಾಲಯಾಂ ಭಗವತೀಂ ಶರಣಂ ಪ್ರಪದ್ಯೇ ಶ್ರೀಯಾದನಾಮಕಮುನೀಂದ್ರತಪೋವಿಶೇಷಾತ್ ಶ್ರೀಯಾದಶೈಲಶಿಖರೇ ಸತತಂ ಪ್ರಕಾಶೌ . ಭಕ್ತಾನುರಾಗಭರಿತೌ ಭವರೋಗವೈದ್ಯೌ ಲಕ್ಷ್ಮೀನೃಸಿಂಹಚರಣೌ ಶರಣಂ ಪ್ರಪದ್ಯೇ .. ದೇವಸ್ವರೂಪವಿಕೃತಾವಪಿನೈಜರೂಪೌ ಸರ್ವೋತ್ತರೌ ಸುಜನಚಾರುನಿಷೇವ್ಯಮಾನೌ . ಸರ್ವಸ್ಯ ಜೀವನಕರೌ ಸದೃಶಸ್ವರೂಪೌ ಲಕ್ಷ್ಮೀನೃಸಿಂಹಚರಣೌ ಶರಣಂ ಪ್ರಪದ್ಯೇ .. ಲಕ್ಷ್ಮೀಶ ತೇ ಪ್ರಪದನೇ ಸಹಕಾರಭೂತೌ ತ್ವತ್ತೋಪ್ಯತಿ ಪ್ರಿಯತಮೌ ಶರಣಾಗತಾನಾಂ . ರಕ್ಷಾವಿಚಕ್ಷಣಪಟೂ ಕರುಣಾಲಯೌ ಶ್ರೀ- ಲಕ್ಷ್ಮೀನೃಸಿಂಹ ಚರಣೌ ಶರಣಂ ಪ್ರಪದ್ಯೇ…

लक्ष्मी नृसिंह शरणागति स्तोत्र

|| लक्ष्मी नृसिंह शरणागति स्तोत्र || लक्ष्मीनृसिंहललनां जगतोस्यनेत्रीं मातृस्वभावमहितां हरितुल्यशीलाम् । लोकस्य मङ्गलकरीं रमणीयरूपां पद्मालयां भगवतीं शरणं प्रपद्ये ॥ श्रीयादनामकमुनीन्द्रतपोविशेषात् श्रीयादशैलशिखरे सततं प्रकाशौ । भक्तानुरागभरितौ भवरोगवैद्यौ लक्ष्मीनृसिंहचरणौ शरणं प्रपद्ये ॥ देवस्वरूपविकृतावपिनैजरूपौ सर्वोत्तरौ सुजनचारुनिषेव्यमानौ । सर्वस्य जीवनकरौ सदृशस्वरूपौ लक्ष्मीनृसिंहचरणौ शरणं प्रपद्ये ॥ लक्ष्मीश ते प्रपदने सहकारभूतौ त्वत्तोप्यति प्रियतमौ शरणागतानाम् । रक्षाविचक्षणपटू करुणालयौ श्री- लक्ष्मीनृसिंह चरणौ शरणम्…

ലക്ഷ്മീ അഷ്ടക സ്തോത്രം

|| ലക്ഷ്മീ അഷ്ടക സ്തോത്രം || യസ്യാഃ കടാക്ഷമാത്രേണ ബ്രഹ്മരുദ്രേന്ദ്രപൂർവകാഃ. സുരാഃ സ്വീയപദാന്യാപുഃ സാ ലക്ഷ്മീർമേ പ്രസീദതു. യാഽനാദികാലതോ മുക്താ സർവദോഷവിവർജിതാ. അനാദ്യനുഗ്രഹാദ്വിഷ്ണോഃ സാ ലക്ഷ്മീ പ്രസീദതു. ദേശതഃ കാലതശ്ചൈവ സമവ്യാപ്താ ച തേന യാ. തഥാഽപ്യനുഗുണാ വിഷ്ണോഃ സാ ലക്ഷ്മീർമേ പ്രസീദതു. ബ്രഹ്മാദിഭ്യോഽധികം പാത്രം കേശവാനുഗ്രഹസ്യ യാ. ജനനീ സർവലോകാനാം സാ ലക്ഷ്മീർമേ പ്രസീദതു. വിശ്വോത്പത്തിസ്ഥിതിലയാ യസ്യാ മന്ദകടാക്ഷതഃ. ഭവന്തി വല്ലഭാ വിഷ്ണോഃ സാ ലക്ഷ്മീർമേ പ്രസീദതു. യദുപാസനയാ നിത്യം ഭക്തിജ്ഞാനാദികാൻ ഗുണാൻ. സമാപ്നുവന്തി മുനയഃ…

లక్ష్మీ అష్టక స్తోత్రం

  || లక్ష్మీ అష్టక స్తోత్రం || యస్యాః కటాక్షమాత్రేణ బ్రహ్మరుద్రేంద్రపూర్వకాః. సురాః స్వీయపదాన్యాపుః సా లక్ష్మీర్మే ప్రసీదతు. యాఽనాదికాలతో ముక్తా సర్వదోషవివర్జితా. అనాద్యనుగ్రహాద్విష్ణోః సా లక్ష్మీ ప్రసీదతు. దేశతః కాలతశ్చైవ సమవ్యాప్తా చ తేన యా. తథాఽప్యనుగుణా విష్ణోః సా లక్ష్మీర్మే ప్రసీదతు. బ్రహ్మాదిభ్యోఽధికం పాత్రం కేశవానుగ్రహస్య యా. జననీ సర్వలోకానాం సా లక్ష్మీర్మే ప్రసీదతు. విశ్వోత్పత్తిస్థితిలయా యస్యా మందకటాక్షతః. భవంతి వల్లభా విష్ణోః సా లక్ష్మీర్మే ప్రసీదతు. యదుపాసనయా నిత్యం భక్తిజ్ఞానాదికాన్ గుణాన్. సమాప్నువంతి…

லட்சுமி அஷ்டக ஸ்தோத்திரம்

|| லட்சுமி அஷ்டக ஸ்தோத்திரம் || யஸ்யா꞉ கடாக்ஷமாத்ரேண ப்ரஹ்மருத்ரேந்த்ரபூர்வகா꞉. ஸுரா꞉ ஸ்வீயபதான்யாபு꞉ ஸா லக்ஷ்மீர்மே ப்ரஸீதது. யா(அ)நாதிகாலதோ முக்தா ஸர்வதோஷவிவர்ஜிதா. அநாத்யனுக்ரஹாத்விஷ்ணோ꞉ ஸா லக்ஷ்மீ ப்ரஸீதது. தேஶத꞉ காலதஶ்சைவ ஸமவ்யாப்தா ச தேன யா. ததா(அ)ப்யனுகுணா விஷ்ணோ꞉ ஸா லக்ஷ்மீர்மே ப்ரஸீதது. ப்ரஹ்மாதிப்யோ(அ)திகம் பாத்ரம் கேஶவானுக்ரஹஸ்ய யா. ஜனனீ ஸர்வலோகானாம் ஸா லக்ஷ்மீர்மே ப்ரஸீதது. விஶ்வோத்பத்திஸ்திதிலயா யஸ்யா மந்தகடாக்ஷத꞉. பவந்தி வல்லபா விஷ்ணோ꞉ ஸா லக்ஷ்மீர்மே ப்ரஸீதது. யதுபாஸனயா நித்யம் பக்திஜ்ஞாநாதிகான் குணான். ஸமாப்னுவந்தி முனய꞉…

लक्ष्मी अष्टक स्तोत्र

|| लक्ष्मी अष्टक स्तोत्र || यस्याः कटाक्षमात्रेण ब्रह्मरुद्रेन्द्रपूर्वकाः। सुराः स्वीयपदान्यापुः सा लक्ष्मीर्मे प्रसीदतु। याऽनादिकालतो मुक्ता सर्वदोषविवर्जिता। अनाद्यनुग्रहाद्विष्णोः सा लक्ष्मी प्रसीदतु। देशतः कालतश्चैव समव्याप्ता च तेन या। तथाऽप्यनुगुणा विष्णोः सा लक्ष्मीर्मे प्रसीदतु। ब्रह्मादिभ्योऽधिकं पात्रं केशवानुग्रहस्य या। जननी सर्वलोकानां सा लक्ष्मीर्मे प्रसीदतु। विश्वोत्पत्तिस्थितिलया यस्या मन्दकटाक्षतः। भवन्ति वल्लभा विष्णोः सा लक्ष्मीर्मे प्रसीदतु। यदुपासनया नित्यं भक्तिज्ञानादिकान् गुणान्। समाप्नुवन्ति मुनयः…

മഹാലക്ഷ്മി സുപ്രഭാത സ്തോത്രം

|| മഹാലക്ഷ്മി സുപ്രഭാത സ്തോത്രം || ഓം ശ്രീലക്ഷ്മി ശ്രീമഹാലക്ഷ്മി ക്ഷീരസാഗരകന്യകേ ഉത്തിഷ്ഠ ഹരിസമ്പ്രീതേ ഭക്താനാം ഭാഗ്യദായിനി. ഉത്തിഷ്ഠോത്തിഷ്ഠ ശ്രീലക്ഷ്മി വിഷ്ണുവക്ഷസ്ഥലാലയേ ഉത്തിഷ്ഠ കരുണാപൂർണേ ലോകാനാം ശുഭദായിനി. ശ്രീപദ്മമധ്യവസിതേ വരപദ്മനേത്രേ ശ്രീപദ്മഹസ്തചിരപൂജിതപദ്മപാദേ. ശ്രീപദ്മജാതജനനി ശുഭപദ്മവക്ത്രേ ശ്രീലക്ഷ്മി ഭക്തവരദേ തവ സുപ്രഭാതം. ജാംബൂനദാഭസമകാന്തിവിരാജമാനേ തേജോസ്വരൂപിണി സുവർണവിഭൂഷിതാംഗി. സൗവർണവസ്ത്രപരിവേഷ്ടിതദിവ്യദേഹേ ശ്രീലക്ഷ്മി ഭക്തവരദേ തവ സുപ്രഭാതം. സർവാർഥസിദ്ധിദേ വിഷ്ണുമനോഽനുകൂലേ സമ്പ്രാർഥിതാഖിലജനാവനദിവ്യശീലേ. ദാരിദ്ര്യദുഃഖഭയനാശിനി ഭക്തപാലേ ശ്രീലക്ഷ്മി ഭക്തവരദേ തവ സുപ്രഭാതം. ചന്ദ്രാനുജേ കമലകോമലഗർഭജാതേ ചന്ദ്രാർകവഹ്നിനയനേ ശുഭചന്ദ്രവക്ത്രേ. ഹേ ചന്ദ്രികാസമസുശീതലമന്ദഹാസേ ശ്രീലക്ഷ്മി ഭക്തവരദേ തവ…

మహాలక్ష్మి సుప్రభాత స్తోత్రం

|| మహాలక్ష్మి సుప్రభాత స్తోత్రం || ఓం శ్రీలక్ష్మి శ్రీమహాలక్ష్మి క్షీరసాగరకన్యకే ఉత్తిష్ఠ హరిసంప్రీతే భక్తానాం భాగ్యదాయిని. ఉత్తిష్ఠోత్తిష్ఠ శ్రీలక్ష్మి విష్ణువక్షస్థలాలయే ఉత్తిష్ఠ కరుణాపూర్ణే లోకానాం శుభదాయిని. శ్రీపద్మమధ్యవసితే వరపద్మనేత్రే శ్రీపద్మహస్తచిరపూజితపద్మపాదే. శ్రీపద్మజాతజనని శుభపద్మవక్త్రే శ్రీలక్ష్మి భక్తవరదే తవ సుప్రభాతం. జాంబూనదాభసమకాంతివిరాజమానే తేజోస్వరూపిణి సువర్ణవిభూషితాంగి. సౌవర్ణవస్త్రపరివేష్టితదివ్యదేహే శ్రీలక్ష్మి భక్తవరదే తవ సుప్రభాతం. సర్వార్థసిద్ధిదే విష్ణుమనోఽనుకూలే సంప్రార్థితాఖిలజనావనదివ్యశీలే. దారిద్ర్యదుఃఖభయనాశిని భక్తపాలే శ్రీలక్ష్మి భక్తవరదే తవ సుప్రభాతం. చంద్రానుజే కమలకోమలగర్భజాతే చంద్రార్కవహ్నినయనే శుభచంద్రవక్త్రే. హే చంద్రికాసమసుశీతలమందహాసే శ్రీలక్ష్మి భక్తవరదే తవ…

மகாலட்சுமி சுப்ரபாதம்

|| மகாலட்சுமி சுப்ரபாதம் || ஓம் ஶ்ரீலக்ஷ்மி ஶ்ரீமஹாலக்ஷ்மி க்ஷீரஸாகரகன்யகே உத்திஷ்ட ஹரிஸம்ப்ரீதே பக்தானாம் பாக்யதாயினி. உத்திஷ்டோத்திஷ்ட ஶ்ரீலக்ஷ்மி விஷ்ணுவக்ஷஸ்தலாலயே உத்திஷ்ட கருணாபூர்ணே லோகானாம் ஶுபதாயினி. ஶ்ரீபத்மமத்யவஸிதே வரபத்மநேத்ரே ஶ்ரீபத்மஹஸ்தசிரபூஜிதபத்மபாதே. ஶ்ரீபத்மஜாதஜனனி ஶுபபத்மவக்த்ரே ஶ்ரீலக்ஷ்மி பக்தவரதே தவ ஸுப்ரபாதம். ஜாம்பூனதாபஸமகாந்திவிராஜமானே தேஜோஸ்வரூபிணி ஸுவர்ணவிபூஷிதாங்கி. ஸௌவர்ணவஸ்த்ரபரிவேஷ்டிததிவ்யதேஹே ஶ்ரீலக்ஷ்மி பக்தவரதே தவ ஸுப்ரபாதம். ஸர்வார்தஸித்திதே விஷ்ணுமனோ(அ)னுகூலே ஸம்ப்ரார்திதாகிலஜனாவனதிவ்யஶீலே. தாரித்ர்யது꞉கபயநாஶினி பக்தபாலே ஶ்ரீலக்ஷ்மி பக்தவரதே தவ ஸுப்ரபாதம். சந்த்ரானுஜே கமலகோமலகர்பஜாதே சந்த்ரார்கவஹ்னிநயனே ஶுபசந்த்ரவக்த்ரே. ஹே சந்த்ரிகாஸமஸுஶீதலமந்தஹாஸே ஶ்ரீலக்ஷ்மி பக்தவரதே தவ ஸுப்ரபாதம்….

ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ಸುಪ್ರಭಾತ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ಸುಪ್ರಭಾತ ಸ್ತೋತ್ರ || ಓಂ ಶ್ರೀಲಕ್ಷ್ಮಿ ಶ್ರೀಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ಕ್ಷೀರಸಾಗರಕನ್ಯಕೇ ಉತ್ತಿಷ್ಠ ಹರಿಸಂಪ್ರೀತೇ ಭಕ್ತಾನಾಂ ಭಾಗ್ಯದಾಯಿನಿ. ಉತ್ತಿಷ್ಠೋತ್ತಿಷ್ಠ ಶ್ರೀಲಕ್ಷ್ಮಿ ವಿಷ್ಣುವಕ್ಷಸ್ಥಲಾಲಯೇ ಉತ್ತಿಷ್ಠ ಕರುಣಾಪೂರ್ಣೇ ಲೋಕಾನಾಂ ಶುಭದಾಯಿನಿ. ಶ್ರೀಪದ್ಮಮಧ್ಯವಸಿತೇ ವರಪದ್ಮನೇತ್ರೇ ಶ್ರೀಪದ್ಮಹಸ್ತಚಿರಪೂಜಿತಪದ್ಮಪಾದೇ. ಶ್ರೀಪದ್ಮಜಾತಜನನಿ ಶುಭಪದ್ಮವಕ್ತ್ರೇ ಶ್ರೀಲಕ್ಷ್ಮಿ ಭಕ್ತವರದೇ ತವ ಸುಪ್ರಭಾತಂ. ಜಾಂಬೂನದಾಭಸಮಕಾಂತಿವಿರಾಜಮಾನೇ ತೇಜೋಸ್ವರೂಪಿಣಿ ಸುವರ್ಣವಿಭೂಷಿತಾಂಗಿ. ಸೌವರ್ಣವಸ್ತ್ರಪರಿವೇಷ್ಟಿತದಿವ್ಯದೇಹೇ ಶ್ರೀಲಕ್ಷ್ಮಿ ಭಕ್ತವರದೇ ತವ ಸುಪ್ರಭಾತಂ. ಸರ್ವಾರ್ಥಸಿದ್ಧಿದೇ ವಿಷ್ಣುಮನೋಽನುಕೂಲೇ ಸಂಪ್ರಾರ್ಥಿತಾಖಿಲಜನಾವನದಿವ್ಯಶೀಲೇ. ದಾರಿದ್ರ್ಯದುಃಖಭಯನಾಶಿನಿ ಭಕ್ತಪಾಲೇ ಶ್ರೀಲಕ್ಷ್ಮಿ ಭಕ್ತವರದೇ ತವ ಸುಪ್ರಭಾತಂ. ಚಂದ್ರಾನುಜೇ ಕಮಲಕೋಮಲಗರ್ಭಜಾತೇ ಚಂದ್ರಾರ್ಕವಹ್ನಿನಯನೇ ಶುಭಚಂದ್ರವಕ್ತ್ರೇ. ಹೇ ಚಂದ್ರಿಕಾಸಮಸುಶೀತಲಮಂದಹಾಸೇ ಶ್ರೀಲಕ್ಷ್ಮಿ ಭಕ್ತವರದೇ ತವ…

महालक्ष्मी सुप्रभात स्तोत्र

|| महालक्ष्मी सुप्रभात स्तोत्र || ओं श्रीलक्ष्मि श्रीमहालक्ष्मि क्षीरसागरकन्यके उत्तिष्ठ हरिसम्प्रीते भक्तानां भाग्यदायिनि। उत्तिष्ठोत्तिष्ठ श्रीलक्ष्मि विष्णुवक्षस्थलालये उत्तिष्ठ करुणापूर्णे लोकानां शुभदायिनि। श्रीपद्ममध्यवसिते वरपद्मनेत्रे श्रीपद्महस्तचिरपूजितपद्मपादे। श्रीपद्मजातजननि शुभपद्मवक्त्रे श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम्। जाम्बूनदाभसमकान्तिविराजमाने तेजोस्वरूपिणि सुवर्णविभूषिताङ्गि। सौवर्णवस्त्रपरिवेष्टितदिव्यदेहे श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम्। सर्वार्थसिद्धिदे विष्णुमनोऽनुकूले सम्प्रार्थिताखिलजनावनदिव्यशीले। दारिद्र्यदुःखभयनाशिनि भक्तपाले श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम्। चन्द्रानुजे कमलकोमलगर्भजाते चन्द्रार्कवह्निनयने शुभचन्द्रवक्त्रे। हे चन्द्रिकासमसुशीतलमन्दहासे श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव…

महालक्ष्मी कवच

|| महालक्ष्मी कवच || अस्य श्रीमहालक्ष्मीकवचमन्त्रस्य। ब्रह्मा-ऋषिः। गायत्री छन्दः। महालक्ष्मीर्देवता। महालक्ष्मीप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः। इन्द्र उवाच। समस्तकवचानां तु तेजस्विकवचोत्तमम्। आत्मरक्षणमारोग्यं सत्यं त्वं ब्रूहि गीष्पते। श्रीगुरुरुवाच। महालक्ष्म्यास्तु कवचं प्रवक्ष्यामि समासतः। चतुर्दशसु लोकेषु रहस्यं ब्रह्मणोदितम्। ब्रह्मोवाच। शिरो मे विष्णुपत्नी च ललाटममृतोद्भवा। चक्षुषी सुविशालाक्षी श्रवणे सागराम्बुजा। घ्राणं पातु वरारोहा जिह्वामाम्नायरूपिणी। मुखं पातु महालक्ष्मीः कण्ठं वैकुण्ठवासिनी। स्कन्धौ मे जानकी पातु…

മഹാലക്ഷ്മീ സ്തുതി

|| മഹാലക്ഷ്മീ സ്തുതി || മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . ദേവദൈത്യനുതവിഭവാം വരദാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . സർവരത്നധനവസുദാം സുഖദാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . സർവസിദ്ധഗണവിജയാം ജയദാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . സർവദുഷ്ടജനദമനീം നയദാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . സർവപാപഹരവരദാം സുഭഗാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . ആദിമധ്യാന്തരഹിതാം വിരലാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . കാവ്യകീർതിഗുണകലിതാം കമലാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . ദിവ്യനാഗവരവരണാം വിമലാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ . സൗമ്യലോകമതിസുചരാം സരലാം മഹാലക്ഷ്മീമഹം ഭജേ ….

మహాలక్ష్మీ స్తుతి

|| మహాలక్ష్మీ స్తుతి || మహాలక్ష్మీమహం భజే . దేవదైత్యనుతవిభవాం వరదాం మహాలక్ష్మీమహం భజే . సర్వరత్నధనవసుదాం సుఖదాం మహాలక్ష్మీమహం భజే . సర్వసిద్ధగణవిజయాం జయదాం మహాలక్ష్మీమహం భజే . సర్వదుష్టజనదమనీం నయదాం మహాలక్ష్మీమహం భజే . సర్వపాపహరవరదాం సుభగాం మహాలక్ష్మీమహం భజే . ఆదిమధ్యాంతరహితాం విరలాం మహాలక్ష్మీమహం భజే . మహాలక్ష్మీమహం భజే . కావ్యకీర్తిగుణకలితాం కమలాం మహాలక్ష్మీమహం భజే . దివ్యనాగవరవరణాం విమలాం మహాలక్ష్మీమహం భజే . సౌమ్యలోకమతిసుచరాం సరలాం మహాలక్ష్మీమహం భజే ….

மகாலட்சுமி ஸ்துதி

|| மகாலட்சுமி ஸ்துதி || மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . தேவதைத்யனுதவிபவாம்ʼ வரதாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . ஸர்வரத்னதனவஸுதாம்ʼ ஸுகதாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . ஸர்வஸித்தகணவிஜயாம்ʼ ஜயதாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . ஸர்வதுஷ்டஜனதமனீம்ʼ நயதாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . ஸர்வபாபஹரவரதாம்ʼ ஸுபகாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . ஆதிமத்யாந்தரஹிதாம்ʼ விரலாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . காவ்யகீர்திகுணகலிதாம்ʼ கமலாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . திவ்யநாகவரவரணாம்ʼ விமலாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே . ஸௌம்யலோகமதிஸுசராம்ʼ ஸரலாம்ʼ மஹாலக்ஷ்மீமஹம்ʼ பஜே ….

ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀ ಸ್ತುತಿ

|| ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀ ಸ್ತುತಿ || ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ದೇವದೈತ್ಯನುತವಿಭವಾಂ ವರದಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ಸರ್ವರತ್ನಧನವಸುದಾಂ ಸುಖದಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ಸರ್ವಸಿದ್ಧಗಣವಿಜಯಾಂ ಜಯದಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ಸರ್ವದುಷ್ಟಜನದಮನೀಂ ನಯದಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ಸರ್ವಪಾಪಹರವರದಾಂ ಸುಭಗಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ಆದಿಮಧ್ಯಾಂತರಹಿತಾಂ ವಿರಲಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ಕಾವ್ಯಕೀರ್ತಿಗುಣಕಲಿತಾಂ ಕಮಲಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ದಿವ್ಯನಾಗವರವರಣಾಂ ವಿಮಲಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ . ಸೌಮ್ಯಲೋಕಮತಿಸುಚರಾಂ ಸರಲಾಂ ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮೀಮಹಂ ಭಜೇ ….

महालक्ष्मी स्तुति

|| महा लक्ष्मी स्तुति || महालक्ष्मीमहं भजे । देवदैत्यनुतविभवां वरदां महालक्ष्मीमहं भजे । सर्वरत्नधनवसुदां सुखदां महालक्ष्मीमहं भजे । सर्वसिद्धगणविजयां जयदां महालक्ष्मीमहं भजे । सर्वदुष्टजनदमनीं नयदां महालक्ष्मीमहं भजे । सर्वपापहरवरदां सुभगां महालक्ष्मीमहं भजे । आदिमध्यान्तरहितां विरलां महालक्ष्मीमहं भजे । महालक्ष्मीमहं भजे । काव्यकीर्तिगुणकलितां कमलां महालक्ष्मीमहं भजे । दिव्यनागवरवरणां विमलां महालक्ष्मीमहं भजे । सौम्यलोकमतिसुचरां सरलां महालक्ष्मीमहं भजे…

ധനലക്ഷ്മീ സ്തോത്രം

|| ധനലക്ഷ്മീ സ്തോത്രം || ശ്രീധനദാ ഉവാച- ദേവീ ദേവമുപാഗമ്യ നീലകണ്ഠം മമ പ്രിയം . കൃപയാ പാർവതീ പ്രാഹ ശങ്കരം കരുണാകരം .. ശ്രീദേവ്യുവാച- ബ്രൂഹി വല്ലഭ സാധൂനാം ദരിദ്രാണാം കുടുംബിനാം . ദരിദ്ര-ദലനോപായമഞ്ജസൈവ ധനപ്രദം .. ശ്രീശിവ ഉവാച- പൂജയൻ പാർവതീവാക്യമിദമാഹ മഹേശ്വരഃ . ഉചിതം ജഗദംബാസി തവ ഭൂതാനുകമ്പയാ .. സസീതം സാനുജം രാമം സാഞ്ജനേയം സഹാനുഗം . പ്രണമ്യ പരമാനന്ദം വക്ഷ്യേഽഹം സ്തോത്രമുത്തമം .. ധനദം ശ്രദ്ദധാനാനാം സദ്യഃ സുലഭകാരകം ….

ధనలక్ష్మీ స్తోత్రం

|| ధనలక్ష్మీ స్తోత్రం || శ్రీధనదా ఉవాచ- దేవీ దేవముపాగమ్య నీలకంఠం మమ ప్రియం . కృపయా పార్వతీ ప్రాహ శంకరం కరుణాకరం .. శ్రీదేవ్యువాచ- బ్రూహి వల్లభ సాధూనాం దరిద్రాణాం కుటుంబినాం . దరిద్ర-దలనోపాయమంజసైవ ధనప్రదం .. శ్రీశివ ఉవాచ- పూజయన్ పార్వతీవాక్యమిదమాహ మహేశ్వరః . ఉచితం జగదంబాసి తవ భూతానుకంపయా .. ససీతం సానుజం రామం సాంజనేయం సహానుగం . ప్రణమ్య పరమానందం వక్ష్యేఽహం స్తోత్రముత్తమం .. ధనదం శ్రద్దధానానాం సద్యః సులభకారకం ….

தனலட்சுமி ஸ்தோத்திரம்

|| தனலட்சுமி ஸ்தோத்திரம் || ஶ்ரீதனதா உவாச- தேவீ தேவமுபாகம்ய நீலகண்டம்ʼ மம ப்ரியம் . க்ருʼபயா பார்வதீ ப்ராஹ ஶங்கரம்ʼ கருணாகரம் .. ஶ்ரீதேவ்யுவாச- ப்ரூஹி வல்லப ஸாதூனாம்ʼ தரித்ராணாம்ʼ குடும்பினாம் . தரித்ர-தலனோபாயமஞ்ஜஸைவ தனப்ரதம் .. ஶ்ரீஶிவ உவாச- பூஜயன் பார்வதீவாக்யமிதமாஹ மஹேஶ்வர꞉ . உசிதம்ʼ ஜகதம்பாஸி தவ பூதானுகம்பயா .. ஸஸீதம்ʼ ஸானுஜம்ʼ ராமம்ʼ ஸாஞ்ஜனேயம்ʼ ஸஹானுகம் . ப்ரணம்ய பரமானந்தம்ʼ வக்ஷ்யே(அ)ஹம்ʼ ஸ்தோத்ரமுத்தமம் .. தனதம்ʼ ஶ்ரத்ததானானாம்ʼ ஸத்ய꞉ ஸுலபகாரகம் ….

ಧನಲಕ್ಷ್ಮೀ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ಧನಲಕ್ಷ್ಮೀ ಸ್ತೋತ್ರ || ಶ್ರೀಧನದಾ ಉವಾಚ- ದೇವೀ ದೇವಮುಪಾಗಮ್ಯ ನೀಲಕಂಠಂ ಮಮ ಪ್ರಿಯಂ . ಕೃಪಯಾ ಪಾರ್ವತೀ ಪ್ರಾಹ ಶಂಕರಂ ಕರುಣಾಕರಂ .. ಶ್ರೀದೇವ್ಯುವಾಚ- ಬ್ರೂಹಿ ವಲ್ಲಭ ಸಾಧೂನಾಂ ದರಿದ್ರಾಣಾಂ ಕುಟುಂಬಿನಾಂ . ದರಿದ್ರ-ದಲನೋಪಾಯಮಂಜಸೈವ ಧನಪ್ರದಂ .. ಶ್ರೀಶಿವ ಉವಾಚ– ಪೂಜಯನ್ ಪಾರ್ವತೀವಾಕ್ಯಮಿದಮಾಹ ಮಹೇಶ್ವರಃ . ಉಚಿತಂ ಜಗದಂಬಾಸಿ ತವ ಭೂತಾನುಕಂಪಯಾ .. ಸಸೀತಂ ಸಾನುಜಂ ರಾಮಂ ಸಾಂಜನೇಯಂ ಸಹಾನುಗಂ . ಪ್ರಣಮ್ಯ ಪರಮಾನಂದಂ ವಕ್ಷ್ಯೇಽಹಂ ಸ್ತೋತ್ರಮುತ್ತಮಂ .. ಧನದಂ ಶ್ರದ್ದಧಾನಾನಾಂ ಸದ್ಯಃ ಸುಲಭಕಾರಕಂ ….

धनलक्ष्मी स्तोत्र

|| धनलक्ष्मी स्तोत्र || श्रीधनदा उवाच- देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम् । कृपया पार्वती प्राह शङ्करं करुणाकरम् ॥ श्रीदेव्युवाच- ब्रूहि वल्लभ साधूनां दरिद्राणां कुटुम्बिनाम् । दरिद्र-दलनोपायमञ्जसैव धनप्रदम् ॥ श्रीशिव उवाच- पूजयन् पार्वतीवाक्यमिदमाह महेश्वरः । उचितं जगदम्बासि तव भूतानुकम्पया ॥ ससीतं सानुजं रामं साञ्जनेयं सहानुगम् । प्रणम्य परमानन्दं वक्ष्येऽहं स्तोत्रमुत्तमम् ॥ धनदं श्रद्दधानानां सद्यः सुलभकारकम् ।…

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर बढ़ाएं धन और सौभाग्य

jyeshtha purnima

ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन, वैभव और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा को धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक पवित्र माना जाता है और इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस…

लक्ष्मी आरती

|| लक्ष्मी आरती || जय लक्ष्मी माता, ( मैया ) जय लक्ष्मी माता | तुमको निशदिन सेवत हर-विष्णु-विधाता || ॐ जय ….. उमा रमा बब्रह्माणी तुम ही जगमाता | सूर्य-चँद्रमा ध्यावत नारद ऋषि जाता || ॐ जय ….. दुर्गारूप निरञ्जिनी सुख-सम्पति-दाता जो कोई तुमको ध्यावत रिद्धि-सिद्धि-धन पाता || ॐ जय ….. तुम पाताल निवासिनी तुम…