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Parvati Ji

देवी धूमावती सहस्रनामावली

Dhumavati Sahastra Namavali Hindi

Parvati JiSahastranaam (सहस्त्रनाम संग्रह)संस्कृत
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देवी धूमावती महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या हैं, जिन्हें विध्वंसी स्वरूप की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे अद्वितीय, रहस्यमय और त्रिगुणात्मक शक्ति का प्रतीक हैं। देवी धूमावती का स्वरूप त्याग, वैराग्य, और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाता है। उनकी सहस्रनामावली में एक हजार नामों का संग्रह है, जो उनकी अपार शक्ति, करुणा, और कृपा का वर्णन करते हैं। यह पाठ साधकों को हर प्रकार की बाधाओं, शत्रुओं, और कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक है।

देवी धूमावती सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ

  • देवी की उपासना जीवन के हर प्रकार के संकट और विपत्ति का नाश करती है।
  • सहस्रनामावली का पाठ शत्रुओं से रक्षा करता है और उनकी नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करता है।
  • देवी धूमावती साधक को गहन आध्यात्मिक अनुभव और आत्मज्ञान प्रदान करती हैं।
  • उनका पाठ व्यक्ति को वैराग्य और मानसिक शांति की ओर प्रेरित करता है।
  • देवी की आराधना जीवन के सांसारिक मोह-माया से मुक्त करती है।
  • सहस्रनामावली के नियमित पाठ से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट और दुख समाप्त होते हैं।
  • देवी धूमावती की कृपा तांत्रिक बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करती है।
  • पाठ से व्यक्ति में दिव्य ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है।

देवी धूमावती सहस्रनामावली पढ़ने के नियम

  • पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को शुद्ध और शांत रखें।
  • पाठ आरंभ करने से पहले देवी के समक्ष अपनी मनोकामना का संकल्प लें।
  • अमावस्या और चतुर्दशी के दिन देवी की पूजा और सहस्रनामावली पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
  • काले कपड़े का आसन बिछाकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • पाठ के दौरान देवी धूमावती के स्वरूप और उनकी शक्ति का ध्यान करें।
  • सहस्रनामावली का पाठ 21, 51, या 108 दिनों तक नियमित रूप से करें।

देवी धूमावती सहस्रनामावली की पूजा विधि

  • देवी धूमावती का चित्र या यंत्र, काले तिल, सरसों के तेल का दीपक और धूप, नींबू, मिष्ठान्न और विशेष रूप से नमक रहित भोजन का नैवेद्य, काले या सफेद फूल पूजा सामग्री एकत्रित करें।
  • देवी के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
  • “ॐ धूं धूं धूमावत्यै नमः” मंत्र का जाप करते हुए पुष्प अर्पित करें।
  • शांतचित्त होकर सहस्रनामावली का पाठ करें।
  • हर नाम के साथ देवी की शक्ति और कृपा का स्मरण करें।
  • देवी को नैवेद्य और काले तिल का भोग लगाएं।
  • भोग के साथ अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
  • पूजा के अंत में देवी की आरती करें।
  • प्रसाद को साधक और परिवार में वितरित करें।

विशेष निर्देश

  • देवी धूमावती की पूजा साधक को पूरी श्रद्धा, नियम, और एकांत में करनी चाहिए।
  • पूजा के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें और अशुद्ध विचारों से बचें।
  • सहस्रनामावली के पाठ के दौरान धैर्य और एकाग्रता बनाए रखें।

।। देवी धूमावती सहस्रनामावली ।।

ॐ अकाराकाररूपिण्यै नमः।
ॐ अकारादिस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ अक्षिण्यै नमः।
ॐ अट्टाट्टहासिन्यै नमः।
ॐ अधमावृतायै नमः।
ॐ अनघायै नमः।
ॐ अनन्तरूपायै नमः।
ॐ अनन्तायै नमः।
ॐ अपारायै नमः।
ॐ अपारायै नमः।
ॐ अमलायै नमः।
ॐ अयोग्यायै नमः।
ॐ अरूपायै नमः।
ॐ अलक्ष्यायै नमः।
ॐ अविद्यायै नमः।
ॐ अशेषधाराधरसमद्युत्यै नमः।
ॐ आद्यायै नमः।
ॐ आनन्ददानन्दायै नमः।
ॐ इकारायै नमः।
ॐ इन्द्ररूपिण्यै नमः।
ॐ उग्रायै नमः।
ॐ उत्तमस्थानवासिन्यै नमः।
ॐ कन्यायै नमः।
ॐ कमलाससुधावक्त्रायै नमः।
ॐ करञ्जशीलगुञ्जाढ्यायै नमः।
ॐ करालास्यायै नमः।
ॐ करुणादृष्टिसंयुतायै नमः।
ॐ कर्मनर्मकर्यै नमः।
ॐ कलहप्रियायै नमः।
ॐ कलहायै नमः।
ॐ कलाकालधरायै नमः।
ॐ कलिघ्न्यै नमः।
ॐ कलिदूत्यै नमः।
ॐ कलिपूज्यायै नमः।
ॐ कलिप्रियायै नमः।
ॐ काकदर्शनसंशीलायै नमः।
ॐ काकदृष्ट्यै नमः।
ॐ काकध्यानस्थदेहादिध्यानगम्यायै नमः।
ॐ काकपक्षधरायै नमः।
ॐ काकभक्षणदायिन्यै नमः।
ॐ काकमण्डलमण्डितायै नमः।
ॐ काकमात्रे नमः।
ॐ काकयोन्यै नमः।
ॐ काकरक्षिण्यै नमः।
ॐ काकसंवृतायै नमः।
ॐ काकसङ्कीर्णमन्दिरायै नमः।
ॐ काकाङ्करथसंस्थानायै नमः।
ॐ काकाङ्कस्यन्दनास्थितायै नमः।
ॐ काकिन्यै नमः।
ॐ काङ्क्षिण्यै नमः।
ॐ कामायै नमः।
ॐ कालदायै नमः।
ॐ कालनाशिन्यै नमः।
ॐ कालनिर्णाशिन्यै नमः।
ॐ कालपाशावृतायै नमः।
ॐ कालमूर्तये नमः।
ॐ कालरूपिण्यै नमः।
ॐ कालिकायै नमः।
ॐ काल्यायै नमः।
ॐ काल्यै नमः।
ॐ काव्यदायै नमः।
ॐ काव्यव्याकरणज्ञानायै नमः।
ॐ कीर्तिज्ञानध्यानमानदायिन्यै नमः।
ॐ कुट्टनीकुलमार्गिण्यै नमः।
ॐ कुट्टनीकुलरक्षिण्यै नमः।
ॐ कुट्टनीकुलसंरक्ष्यायै नमः।
ॐ कुट्टनीकोटिसम्पूज्यायै नमः।
ॐ कुट्टनीवेश्मवासिन्यै नमः।
ॐ कुट्टन्यै नमः।
ॐ कुमारीपूजनप्रियायै नमः।
ॐ कौतुकागारवासिन्यै नमः।
ॐ कौतुकाचारनिपुणायै नमः।
ॐ कौमुदीहृष्टायै नमः।
ॐ कौमुद्यै नमः।
ॐ क्रूरायै नमः।
ॐ क्षपाक्षयप्रदायै नमः।
ॐ क्षमाप्रियायै नमः।
ॐ क्षमायै नमः।
ॐ क्षीरायै नमः।
ॐ क्षुत्क्षामायै नमः।
ॐ क्षुत्परिप्लुतायै नमः।
ॐ क्षोदकारिण्यै नमः।
ॐ क्षोदिन्यै नमः।
ॐ खञ्जायै नमः।
ॐ खरायै नमः।
ॐ खर्वायै नमः।
ॐ गङ्गायै नमः।
ॐ गजगोश्वपदागञ्जायै भूतिदायै नमः।
ॐ गणकोटिविनाशिन्यै नमः।
ॐ गणदायै नमः।
ॐ गणमात्रे नमः।
ॐ गणाराध्यायै नमः।
ॐ गणेशगणदायै नमः।
ॐ गदायै नमः।
ॐ गरुत्मत्यै नमः।
ॐ गर्वायै नमः।
ॐ गर्विण्यै नमः।
ॐ गवे गवे नमः।
ॐ गव्यस्वरूपायै नमः।
ॐ गायनप्रियायै नमः।
ॐ गुणागुणकर्यै नमः।
ॐ गुणानन्दस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ गुणान्वितायै नमः।
ॐ गुण्यगुणायै नमः।
ॐ गुरुपूज्यायै नमः।
ॐ गुरुमत्यै गुरवे नमः।
ॐ गुहापर्वतवासिन्यै नमः।
ॐ गोदायै नमः।
ॐ गौणीप्रियायै नमः।
ॐ गौरदेहायै नमः।
ॐ गौरववाञ्छितायै नमः।
ॐ गौरव्यै नमः।
ॐ गौराङ्ग्यै नमः।
ॐ गौरीगौरवदायै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ घण्टानादपरायणायै नमः।
ॐ घण्टानिनादिन्यै नमः।
ॐ घनरूपिण्यै नमः।
ॐ घर्घरायै नमः।
ॐ घर्मायै नमः।
ॐ घाटिन्यै नमः।
ॐ घातक्यै नमः।
ॐ घातिन्यै नमः।
ॐ घूर्णाघूर्णितायै नमः।
ॐ घोण्टायै नमः।
ॐ घोरनादिन्यै नमः।
ॐ घोररूपिण्यै नमः।
ॐ चतुरायै नमः।
ॐ चन्द्रपूज्यायै नमः।
ॐ चन्द्रहासस्मिताननायै नमः।
ॐ चराचर्यै नमः।
ॐ चराराध्यायै नमः।
ॐ चर्विण्यै नमः।
ॐ चातुर्यचारुरुचिरारञ्जनप्रेमतोषदायै नमः।
ॐ चारुकेश्यै नमः।
ॐ चारुचञ्चललोचनायै नमः।
ॐ चारुदेहायै नमः।
ॐ चारुरूपायै नमः।
ॐ चूताङ्कुरनिवासिन्यै नमः।
ॐ छटावत्यै नमः।
ॐ छद्मवार्तायै नमः।
ॐ छद्मसङ्कल्पायै नमः।
ॐ छद्मिन्यै नमः।
ॐ छन्दोरूपायै नमः।
ॐ छन्नायै नमः।
ॐ छायायै नमः।
ॐ छायावत्यै नमः।
ॐ छिन्नमस्तायै नमः।
ॐ छिन्नमुण्डायै नमः।
ॐ छिन्नरुहार्थिन्यै नमः।
ॐ छिन्नाच्छिन्नमनोरथायै नमः।
ॐ छिन्नायै नमः।
ॐ छेदिन्यै नमः।
ॐ छेदिन्यै नमः।
ॐ जगज्जायायै नमः।
ॐ जगत्कर्त्र्यै नमः।
ॐ जगत्कीर्त्यै नमः।
ॐ जगदानन्ददायिन्यै नमः।
ॐ जगन्मय्यै नमः।
ॐ जगन्मायायै नमः।
ॐ जनन्यै नमः।
ॐ जनमोहनकर्त्र्यै नमः।
ॐ जयाजाप्यायै नमः।
ॐ जयिन्यै नमः।
ॐ जायायै नमः।
ॐ जालवालहालकालकपालप्रियवादिन्यै नमः।
ॐ जिताजायायै नमः।
ॐ जितायै नमः।
ॐ जिनजयप्रदायै नमः।
ॐ ज्ञानदात्र्यै नमः।
ॐ ज्योतिश्छन्दःस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ झकारायै नमः।
ॐ झर्झर्यै नमः।
ॐ झीष्कृत्यै नमः।
ॐ टकाराढ्यायै नमः।
ॐ टङ्कमात्रसुवर्णदायै नमः।
ॐ टङ्कायै नमः।
ॐ टङ्कायै नमः।
ॐ टङ्कारनादिन्यै नमः।
ॐ टङ्कारिण्यै नमः।
ॐ टङ्कितायै नमः।
ॐ टङ्किन्यै नमः।
ॐ टीकानिर्माणकारिण्यै नमः।
ॐ टीकायै नमः।
ॐ टीकायै नमः।
ॐ ठक्कुरठक्काङ्ग्यै नमः।
ॐ ठठठाङ्कारढुण्ढुरायै नमः।
ॐ ठीकायै नमः।
ॐ डमरूवाद्यकारिण्यै नमः।
ॐ डमरूवाद्यसन्तुष्टायै नमः।
ॐ डाकिन्यै नमः।
ॐ डिण्डिमारावकारिण्यै नमः।
ॐ डेयायै नमः।
ॐ ढुण्ढ्यै नमः।
ॐ तक्षिण्यै नमः।
ॐ तत्त्वज्ञानपरायणायै नमः।
ॐ तर्षिण्यै नमः।
ॐ तस्यै नमः।
ॐ ताररूपायै नमः।
ॐ ताराजतीर्णायै नमः।
ॐ तारिण्यै नमः।
ॐ तालनाददायै नमः।
ॐ तालस्थभ्रमनाशिन्यै नमः।
ॐ तृट्परिक्लान्तायै नमः।
ॐ त्रुटितायै नमः।
ॐ त्रुटिरूपायै नमः।
ॐ त्रुटिसन्देहकारिण्यै नमः।
ॐ थकरायै नमः।
ॐ थकारायै नमः।
ॐ दम्भमोहक्रोधलोभस्नेहद्वेषहरायै परायै नमः।
ॐ दर्शनीयायै नमः।
ॐ दात्र्यै नमः।
ॐ दात्र्यै नमः।
ॐ दानमानज्ञानमानपानगानसुखप्रदायै नमः।
ॐ दानवेश्वर्यै नमः।
ॐ दानाध्ययनकारिण्यै नमः।
ॐ दारिण्यै नमः।
ॐ दीनाकृत्यै नमः।
ॐ दीनादीनदयावत्यै नमः।
ॐ दीनायै नमः।
ॐ दीपविनाशिन्यै नमः।
ॐ दीपायै नमः।
ॐ दीर्घपदायै नमः।
ॐ दीर्घायै नमः।
ॐ दुरादुःस्थायै नमः।
ॐ दुर्गायै नमः।
ॐ दुर्जनप्रीतिदायिन्यै नमः।
ॐ दुर्जनहन्त्र्यै नमः।
ॐ दुर्निरीक्ष्यायै नमः।
ॐ दुष्टदानवहन्त्र्यै नमः।
ॐ दुष्टदैत्यनिषूदिन्यै नमः।
ॐ दुष्टदैत्यसङ्घविदारिण्यै नमः।
ॐ दुष्टशत्रुविनाशिन्यै नमः।
ॐ दुष्टायै नमः।
ॐ दूनायै नमः।
ॐ दृढाकृत्यै नमः।
ॐ दृढायै नमः।
ॐ दृश्यायै नमः।
ॐ देवताप्राणदायै नमः।
ॐ देवतार्तिहरायै नमः।
ॐ देवदुर्गतिनाशिन्यै नमः।
ॐ देवदूत्यै नमः।
ॐ देव्यै नमः।
ॐ दोषसंयुक्तायै नमः।
ॐ दोषिण्यै नमः।
ॐ दौस्थ्यभञ्जनकारिण्यै नमः।
ॐ द्रविणप्रदायै नमः।
ॐ द्रविणाचलसंवासायै नमः।
ॐ द्रवितायै नमः।
ॐ द्रव्यसंयुतायै नमः।
ॐ द्राविण्यै नमः।
ॐ द्विष्टमत्यै नमः।
ॐ द्वेषिण्यै नमः।
ॐ द्वेषिभञ्जिन्यै नमः।
ॐ धकारमन्त्ररूपायै नमः।
ॐ धनगर्वितायै नमः।
ॐ धनच्छेदनकर्त्र्यै नमः।
ॐ धनच्छेदनकारिण्यै नमः।
ॐ धनदानपरायणायै नमः।
ॐ धनदायै नमः।
ॐ धनधान्यविवर्धिन्यै नमः।
ॐ धनधान्यार्थवाणीदायै नमः।
ॐ धनपुष्टायै नमः।
ॐ धनप्राणायै नमः।
ॐ धनप्राप्त्यै नमः।
ॐ धनप्रियायै नमः।
ॐ धनरक्षायै नमः।
ॐ धनसंवृद्धिसम्पन्नायै नमः।
ॐ धनसंसेव्यायै नमः।
ॐ धनहीनायै नमः।
ॐ धनहृष्टायै नमः।
ॐ धनाकर्षणकर्त्र्यै नमः।
ॐ धनाधनवत्यै नमः।
ॐ धनाध्यक्षस्तुतायै नमः।
ॐ धनाध्यक्षायै नमः।
ॐ धनार्थिन्यै नमः।
ॐ धनाहरणकारिण्यै नमः।
ॐ धनिन्यै नमः।
ॐ धन्यशब्दश्रुतिप्रीतायै नमः।
ॐ धन्यायै नमः।
ॐ धन्यायै नमः।
ॐ धराधरसुतायै नमः।
ॐ धराप्रलयकारिण्यै नमः।
ॐ धरारूपायै नमः।
ॐ धरावत्यै नमः।
ॐ धरित्रीपूजितायै नमः।
ॐ धरित्रीरक्षिण्यै देव्यै नमः।
ॐ धर्मतोषितायै नमः।
ॐ धर्मदानपरायणायै नमः।
ॐ धर्मनाशिन्यै नमः।
ॐ धर्मरक्षिण्यै नमः।
ॐ धर्मरूपायै नमः।
ॐ धर्मविद्वेषिण्यै नमः।
ॐ धर्माधर्मविनाशिन्यै नमः।
ॐ धर्मिण्यै नमः।
ॐ धर्षिण्यै नमः।
ॐ धात्रीपूजनकर्त्र्यै नमः।
ॐ धात्रीरोपणकारिण्यै नमः।
ॐ धात्रीवक्षसमाश्रयायै नमः।
ॐ धात्रीशायै नमः।
ॐ धात्रृसम्पूज्यायै नमः।
ॐ धान्धीन्धून्धैम्मन्त्रवर्णायै नमः।
ॐ धान्यच्छेदनकारिण्यै नमः।
ॐ धामधूलीप्रधूलितायै नमः।
ॐ धामोद्याननिवासिन्यै नमः।
ॐ धामोद्यानपयोदात्र्यै नमः।
ॐ धारायै नमः।
ॐ धारावत्यै नमः।
ॐ धारावारिविलासिन्यै नमः।
ॐ धारास्तम्भकर्यै नमः।
ॐ धारिण्यै नमः।
ॐ धारिण्यै नमः।
ॐ धिक्कारिण्यै नमः।
ॐ धिन्धिमाराविण्यै नमः।
ॐ धीरायै नमः।
ॐ धीरायै नमः।
ॐ धीवरीगणगोप्त्र्यै नमः।
ॐ धीवरीगणतोषितायै नमः।
ॐ धीवरीगणमध्यस्थायै नमः।
ॐ धीवरीगणसम्पूज्यायै नमः।
ॐ धीवरीधनदात्र्यै नमः।
ॐ धीवरीधामवासिन्यै नमः।
ॐ धीवरीप्राणरक्षिण्यै नमः।
ॐ धीवरीवरदायिन्यै नमः।
ॐ धुन्धुकारिमनःस्थितायै नमः।
ॐ धुन्धुकारिसुमुक्तिदायै नमः।
ॐ धुन्धुकारिहिताकाङ्क्षायै नमः।
ॐ धुन्धुकारिहितैषिण्यै नमः।
ॐ धुन्धुकारीजनच्छिदायै नमः।
ॐ धुन्धुकारीष्टसन्दात्र्यै नमः।
ॐ धुन्धुकार्याराध्यरूपायै नमः।
ॐ धुन्धुराकारायै नमः।
ॐ धुन्धुरायै नमः।
ॐ धूङ्कारहर्षिण्यै नमः।
ॐ धूङ्कारिण्यै नमः।
ॐ धूञ्जपानन्दायै नमः।
ॐ धून्धूम्बीजजपासक्तायै नमः।
ॐ धून्धूम्बीजपरायणायै नमः।
ॐ धूपदानमतिप्रीतायै नमः।
ॐ धूपदानविनोदिन्यै नमः।
ॐ धूप्यधूपामोदप्रहर्षिण्यै नमः।
ॐ धूमपानपरायणायै नमः।
ॐ धूमवत्यै नमः।
ॐ धूमायै नमः।
ॐ धूमायै नमः।
ॐ धूमेश्वरनिवासिन्यै नमः।
ॐ धूम्बीजजपकारिण्यै नमः।
ॐ धूम्बीजजपतोषितायै नमः।
ॐ धूम्बीजजपपूजार्हायै नमः।
ॐ धूम्बीजजपमानसायै नमः।
ॐ धूम्बीजजपमालाढ्यायै नमः।
ॐ धूम्बीजजपसन्तुष्टायै नमः।
ॐ धूम्बीजनिन्दकान्तकायै नमः।
ॐ धूम्बीजपरितोषितायै नमः।
ॐ धूम्बीजाकर्षितायै नमः।
ॐ धूम्बीजायै नमः।
ॐ धूम्मन्त्रपूजितायै नमः।
ॐ धूम्रनयनायै नमः।
ॐ धूम्रपानकरानन्दायै नमः।
ॐ धूम्रपानरतासक्तायै नमः।
ॐ धूम्रपानरतेष्टदायै नमः।
ॐ धूम्ररूपिण्यै नमः।
ॐ धूम्रलोचनघातिन्यै नमः।
ॐ धूम्रवर्णिन्यै नमः।
ॐ धूम्रवर्षणकारिण्यै नमः।
ॐ धूम्राक्षासुरघातिन्यै नमः।
ॐ धूम्राक्ष्यै नमः।
ॐ धूम्राक्ष्यै नमः।
ॐ धूर्तायै नमः।
ॐ धूर्वायै नमः।
ॐ धूलीप्रक्षेपिण्यै नमः।
ॐ धूलीव्याप्तधम्मिल्लधारिण्यै नमः।
ॐ धृष्टमानसायै नमः।
ॐ धृष्यायै नमः।
ॐ धोररूपिण्यै नमः।
ॐ धोरिणीधोरणप्रीतायै नमः।
ॐ धौताधौतगिरां धाम्न्यै नमः।
ॐ धौन्धःस्वाहास्वरूपिण्यै नमः।
ॐ ध्यातृध्यानगम्यायै नमः।
ॐ नकारवादिन्यै नमः।
ॐ नटनायकसंसेव्यायै नमः।
ॐ नम्यायै नमः।
ॐ नम्रगत्यै नमः।
ॐ नम्रायै नमः।
ॐ नयकोविदायै नमः।
ॐ नरदेवकर्यै नमः।
ॐ नरनामप्रकाशिन्यै नमः।
ॐ नराराध्यायै नमः।
ॐ नर्तकप्रियायै नमः।
ॐ नर्तक्यै नमः।
ॐ नर्मदायै नमः।
ॐ नर्ममोदिन्यै नमः।
ॐ नर्मायै नमः।
ॐ नवभूषणभूषितायै नमः।
ॐ नवीननूतनायै नमः।
ॐ नवीनवस्त्रधारिण्यै नमः।
ॐ नव्यभूषायै नमः।
ॐ नव्यमालायै नमः।
ॐ नव्यायै नमः।
ॐ नव्यालङ्कारशोभितायै नमः।
ॐ नाट्यकर्त्र्यै नमः।
ॐ नाट्यविद्यायै नमः।
ॐ नाथभक्तायै नमः।
ॐ नाथसेव्यायै नमः।
ॐ नाथानन्दप्रदायिन्यै नमः।
ॐ नादकारिण्यै नमः।
ॐ नादिन्यै नमः।
ॐ नान्तायै नमः।
ॐ नारीप्रीत्यै नमः।
ॐ नारीमध्यगतायै नमः।
ॐ नारीमध्यस्थितायै नमः।
ॐ नार्यै नमः।
ॐ निदानवाक्यवादिन्यै नमः।
ॐ निर्मूलायै नमः।
ॐ निशुम्भासुरमर्दिन्यै नमः।
ॐ नीचभूम्यै नमः।
ॐ नीचमार्गगत्यै गत्यै नमः।
ॐ नीचमार्गायै नमः।
ॐ नीतिज्ञायै नमः।
ॐ नीतिस्वरूपायै नमः।
ॐ नीत्यै नमः।
ॐ नेत्र्यै नमः।
ॐ पद्मजेड्यपदायै नमः।
ॐ पद्मपदस्थानायै नमः।
ॐ पद्ममालायै नमः।
ॐ पद्ममालालङ्कृतमस्तकायै नमः।
ॐ पद्ममालाविभूषितायै नमः।
ॐ पद्मयोनिप्रपूजितायै नमः।
ॐ पद्मलायै नमः।
ॐ पद्महस्तपयोधिजायै नमः।
ॐ पद्मायै नमः।
ॐ पद्मायै नमः।
ॐ पद्मार्चितपदद्वन्द्वायै नमः।
ॐ पद्मावत्यै नमः।
ॐ पद्मावत्यै नमः।
ॐ पद्मिन्यै नमः।
ॐ पनसस्थायै नमः।
ॐ पनसेशकुटुम्बिन्यै नमः।
ॐ पयःपानायै नमः।
ॐ पयोजमालाभरणायै नमः।
ॐ पयोदात्र्यै नमः।
ॐ पयोधिपारगन्त्र्यै नमः।
ॐ परगायै परायै नमः।
ॐ परदायै नमः।
ॐ परमज्ञानगम्यायै नमः।
ॐ परमोहिन्यै नमः।
ॐ परात्मने नमः।
ॐ परावरेज्यायै नमः।
ॐ परिवन्दितायै नमः।
ॐ परेश्यै नमः।
ॐ परेश्यै नमः।
ॐ पर्वतस्थायै नमः।
ॐ पर्वताग्रकृतावासायै नमः।
ॐ पर्वतेन्द्रप्रपूजितायै नमः।
ॐ पल्वलान्तःपयोमग्नायै नमः।
ॐ पल्वलाम्बुप्रतर्पितायै नमः।
ॐ पवमानगत्यै नमः।
ॐ पाठीनभोजिन्यै नमः।
ॐ पाथोधिपरिकीर्तितायै नमः।
ॐ पाथोधिपारगायै नमः।
ॐ पानसक्तायै नमः।
ॐ पानीयपरिकाङ्क्षिण्यै नमः।
ॐ पारदायै नमः।
ॐ पारायै नमः।
ॐ पारिण्यै नमः।
ॐ पार्वतीपतिपूज्यायै नमः।
ॐ पार्वतीपतिबुद्धिस्थायै नमः।
ॐ पार्वतीपतिमोहिन्यै नमः।
ॐ पार्वतीपतिहर्षदायै नमः।
ॐ पार्वतीप्रियायै नमः।
ॐ पार्वतीयद्विजाराध्यायै नमः।
ॐ पावनाधारायै नमः।
ॐ पावन्यै नमः।
ॐ पीतास्फान्तायै नमः।
ॐ पुराणसुरसुन्दर्यै नमः।
ॐ पूज्यायै नमः।
ॐ पूतकलायै नमः।
ॐ पूतायै नमः।
ॐ पूतायै नमः।
ॐ पूरण्यै नमः।
ॐ पूर्णमनोरथायै नमः।
ॐ पूर्णहारविहारिण्यै नमः।
ॐ पूर्णायै नमः।
ॐ पूर्णायै नमः।
ॐ पूर्णायै नमः।
ॐ पूर्णिमायै नमः।
ॐ पौरायै नमः।
ॐ प्रज्ञाप्रज्ञानदायिन्यै नमः।
ॐ प्रतारिण्यै नमः।
ॐ प्रलयानलतुल्याभायै नमः।
ॐ प्रलयानलरूपिण्यै नमः।
ॐ प्रलयाब्धिविहारिण्यै नमः।
ॐ प्रलयार्णवसम्मग्नायै नमः।
ॐ प्रीतिप्रदायिन्यै नमः।
ॐ फलदायिन्यै नमः।
ॐ फलदायै नमः।
ॐ फलभोक्त्र्यै नमः।
ॐ फलभोक्त्र्यै नमः।
ॐ फलान्वितायै नमः।
ॐ फलावाप्त्र्यै नमः।
ॐ फलिन्यै नमः।
ॐ फुल्लायै नमः।
ॐ फूत्कारकारिण्यै नमः।
ॐ फूत्कारिण्यै नमः।
ॐ बालवाचालवङ्गप्रेमतोषितायै नमः।
ॐ बालायै नमः।
ॐ बुधस्तुतायै नमः।
ॐ ब्रह्ममय्यै नमः।
ॐ ब्रह्मानन्दप्रदायिन्यै नमः।
ॐ ब्राह्म्यै नमः।
ॐ भगभङ्गभयायै नमः।
ॐ भगायै नमः।
ॐ भगालीमन्दगामिन्यै नमः।
ॐ भङ्गायै नमः।
ॐ भवभावायै नमः।
ॐ भवमूर्तये नमः।
ॐ भवहन्त्र्यै नमः।
ॐ भवाध्यक्षायै नमः।
ॐ भवान्यै नमः।
ॐ भवान्यै नमः।
ॐ भवाराध्यायै नमः।
ॐ भागीरथ्यै नमः।
ॐ भाग्यविवर्धिन्यै नमः।
ॐ भाग्यसौभाग्यभक्तिस्थायै नमः।
ॐ भिक्षाप्रार्थिन्यै नमः।
ॐ भीमानन्दप्रदायिन्यै नमः।
ॐ भीमाभीमरवायै नमः।
ॐ भूततोषिण्यै नमः।
ॐ भूतनाशिन्यै नमः।
ॐ भूतपूजितायै नमः।
ॐ भूतप्रेतपिशाचादिस्वामिन्यै नमः।
ॐ भूतरक्षिण्यै नमः।
ॐ भूतवेतालसंयुक्तायै नमः।
ॐ भूतशुद्धिकर्यै नमः।
ॐ भूतसेनासमावृतायै नमः।
ॐ भेदिन्यै नमः।
ॐ भैम्यै नमः।
ॐ भैरवीरवायै नमः।
ॐ भैरवीसमायै नमः।
ॐ भैरव्यै नमः।
ॐ मकारपञ्चकान्वितायै नमः।
ॐ मठसंहन्त्र्यै नमः।
ॐ मठसम्पत्तिहारिण्यै नमः।
ॐ मठिन्यै नमः।
ॐ मणिग्रीवायै नमः।
ॐ मणिभूषायै नमः।
ॐ मणिमालाविराजितायै नमः।
ॐ मत्तायै नमः।
ॐ मत्स्यमांसकृतास्वादायै नमः।
ॐ मदनप्रीतायै नमः।
ॐ मदनामदनामदायै नमः।
ॐ मदायै नमः।
ॐ मदिरापानमोहिन्यै नमः।
ॐ मदिरापानसन्तुष्टायै नमः।
ॐ मदिरापानहर्षिण्यै नमः।
ॐ मदिराप्रदायै नमः।
ॐ मदिरामानसायै नमः।
ॐ मदिरायै नमः।
ॐ मदिरायै नमः।
ॐ मदिरासक्तायै नमः।
ॐ मदिरेक्षायै नमः।
ॐ मद्यपध्येयायै नमः।
ॐ मद्यपप्राणरक्षिण्यै नमः।
ॐ मद्यपप्रेमतोषितायै नमः।
ॐ मद्यपानन्दसन्दात्र्यै नमः।
ॐ मद्यपानरतायै नमः।
ॐ मद्यपानविहारिण्यै नमः।
ॐ मद्यपायै नमः।
ॐ मधुप्रदायै नमः।
ॐ मधुमत्तायै नमः।
ॐ मध्यखिन्नायै नमः।
ॐ मध्यदेशनिवासिन्यै नमः।
ॐ मध्यमध्वनिकारिण्यै नमः।
ॐ मध्यमध्वनिसम्प्रीतायै नमः।
ॐ मध्यमप्रीत्यै नमः।
ॐ मध्यमप्रेमपूरितायै नमः।
ॐ मध्यमायै नमः।
ॐ मध्याङ्गचित्रवसनायै नमः।
ॐ मध्यायै नमः।
ॐ मनस्विन्यै नमः।
ॐ मनुवंशविवर्धिन्यै नमः।
ॐ मन्दरध्येयपादाब्जायै नमः।
ॐ मन्दराचलवासिन्यै नमः।
ॐ मन्दराचलवासिन्यै नमः।
ॐ मन्दराचलसंसेव्यायै नमः।
ॐ मन्दरारण्यवासिन्यै नमः।
ॐ मन्दायै नमः।
ॐ मन्दुरावासिन्यै नमः।
ॐ मलापहायै नमः।
ॐ महत्यै नमः।
ॐ महाक्रोधवत्यै नमः।
ॐ महाध्वनिमत्यै नमः।
ॐ महाप्रलयकारिण्यै नमः।
ॐ महाप्रलयमोदि न्यै नमः।
ॐ महाप्रलयसम्प्रीतायै नमः।
ॐ महाप्रलयसम्भूतायै नमः।
ॐ महाप्रलयसाधिन्यै नमः।
ॐ महामर्षायै नमः।
ॐ महामहाप्रलयेज्यायै नमः।
ॐ महामायायै नमः।
ॐ महामारीशमन्यै नमः।
ॐ महामार्यै नमः।
ॐ महामोहायै नमः।
ॐ महामोहायै नमः।
ॐ महाहवायै नमः।
ॐ महेन्द्रकृतसम्पूजायै नमः।
ॐ महेन्द्रजालकारिण्यै नमः।
ॐ महेन्द्रजालसंयुक्तायै नमः।
ॐ महेन्द्रपरिवन्दितायै नमः।
ॐ महेन्द्रमानिताऽमानायै नमः।
ॐ महोग्रायै नमः।
ॐ महोद्धतायै नमः।
ॐ मांसपाकपरप्रेमायै नमः।
ॐ मांसपाकालयस्थितायै नमः।
ॐ मांसभक्षणहर्षिण्यै नमः।
ॐ मांसभक्षणायै नमः।
ॐ मांससम्भक्षायै नमः।
ॐ मांसादायै नमः।
ॐ मात्रे नमः।
ॐ मादिन्यै नमः।
ॐ माद्र्यै नमः।
ॐ माध्वीदानसदानन्दायै नमः।
ॐ माध्वीपानरतायै नमः।
ॐ माध्वीपायै नमः।
ॐ मानविध्वंसकारिण्यै नमः।
ॐ मानवीपूज्यायै नमः।
ॐ मानव्यै नमः।
ॐ मानिनीगणमध्यगायै नमः।
ॐ मानिनीमानसम्प्रीतायै नमः।
ॐ मानिन्याकर्षिण्यै नमः।
ॐ मारिकामितायै नमः।
ॐ मारिण्यै नमः।
ॐ मालतीकुञ्जवासिन्यै नमः।
ॐ मालतीपुष्पपूजितायै नमः।
ॐ मालतीपुष्पसम्प्रीतायै नमः।
ॐ मालत्यै नमः।
ॐ मालायै नमः।
ॐ मुक्तिदात्र्यै नमः।
ॐ मुक्तिद्वेषकर्यै नमः।
ॐ मुक्त्यै नमः।
ॐ मुग्धायै नमः।
ॐ मुण्डमालाविभूषणायै नमः।
ॐ मुण्डशोभितायै नमः।
ॐ मुण्डहन्त्र्यै नमः।
ॐ मुण्डितायै नमः।
ॐ मुण्डिन्यै नमः।
ॐ मुदा चतुर्वर्गप्रदायै नमः।
ॐ मुदितायै नमः।
ॐ मुद्रान्वितायै नमः।
ॐ मुद्रायै नमः।
ॐ मुद्रिकाकृतलक्षणायै नमः।
ॐ मुद्रिकायुक्तायै नमः।
ॐ मुद्रिकायै नमः।
ॐ मुद्रिकालङ्कृतायै नमः।
ॐ मूढशत्रुविनाशिन्यै नमः।
ॐ मूढायै नमः।
ॐ मूलमन्त्रकृतार्चनायै नमः।
ॐ मूलमन्त्रकृतार्हाद्यायै नमः।
ॐ मूलमन्त्रप्रणेत्र्यै नमः।
ॐ मूलमन्त्रप्रतिष्ठात्र्यै नमः।
ॐ मूलमन्त्रप्रपूजितायै नमः।
ॐ मूलमन्त्रप्रसन्नास्यायै नमः।
ॐ मूलमन्त्रप्रहर्षिण्यै नमः।
ॐ मूलमन्त्रप्रहृष्टात्मने नमः।
ॐ मूलमन्त्रार्घ्यहर्षिण्यै नमः।
ॐ मूलमन्त्रिण्यै नमः।
ॐ मूलविद्यायै नमः।
ॐ मूलसंयुक्तायै नमः।
ॐ मूलिन्यै नमः।
ॐ मूल्यकारिण्यै नमः।
ॐ मूल्यहारिण्यै नमः।
ॐ मोदकग्रहणक्षमायै नमः।
ॐ मोदकप्राप्तितोषिण्यै नमः।
ॐ मोदकर्त्र्यै नमः।
ॐ मोदकादानसन्तुष्टायै नमः।
ॐ मोदकालब्धिसङ्क्रुद्धायै नमः।
ॐ मोददात्र्यै नमः।
ॐ मोदमङ्गलकारिण्यै नमः।
ॐ मोदमानसायै नमः।
ॐ मोदसन्दात्र्यै नमः।
ॐ मोदिन्यै नमः।
ॐ म्लानायै नमः।
ॐ यज्ञज्ञानकार्यकर्यै नमः।
ॐ यज्ञायज्ञाप्रदायै नमः।
ॐ यमपूजितायै नमः।
ॐ यशोदायै नमः।
ॐ यशोधर्मप्रियेष्टदायै नमः।
ॐ यामिनीपतिवन्दितायै नमः।
ॐ याम्यायै नमः।
ॐ युक्तायै नमः।
ॐ युद्धकर्मविशारदायै नमः।
ॐ युद्धमार्गरतायै नमः।
ॐ युद्धस्थाननिवासिन्यै नमः।
ॐ योगभावायै नमः।
ॐ योगभोगक्रोधलोभहरायै नमः।
ॐ योगमार्गरतायै नमः।
ॐ योगमार्गानुसारिण्यै नमः।
ॐ योगयुक्तायै नमः।
ॐ योगवन्दितायै नमः।
ॐ योगिनीगणसंसेव्यायै नमः।
ॐ योगिनीयोगभावितायै नमः।
ॐ योगिन्यै नमः।
ॐ योग्यायै नमः।
ॐ योद्ध्रायै नमः।
ॐ योधिन्यै नमः।
ॐ रतिकान्तस्तुतायै नमः।
ॐ रतिध्यानायै नमः।
ॐ रतिप्रदायै नमः।
ॐ रतिप्रियायै नमः।
ॐ रतिप्रेमायै नमः।
ॐ रतिरासमहोल्लासायै नमः।
ॐ रतिरासविहारिण्यै नमः।
ॐ रतिरीतिसुधारिण्यै नमः।
ॐ रतिरूपायै नमः।
ॐ रतिस्थानस्थिताराध्यायै नमः।
ॐ रतिहर्षप्रदायिन्यै नमः।
ॐ रत्यै नमः।
ॐ रमण्यै नमः।
ॐ रमावत्यै नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ रसप्रदायै नमः।
ॐ रामरावणसुग्रीवमोहदायै नमः।
ॐ रामरूपायै नमः।
ॐ रामानन्दमनोहरायै नमः।
ॐ रामायै नमः।
ॐ राम्यायै नमः।
ॐ राशिरक्षणकारिण्यै नमः।
ॐ राश्यै नमः।
ॐ रुष्टायै नमः।
ॐ रूपगर्वितायै नमः।
ॐ रूपयौवनसम्पन्नायै नमः।
ॐ रूपराश्यै नमः।
ॐ रोधिन्यै नमः।
ॐ रोषिण्यै नमः।
ॐ रोषिरुद्धायै नमः।
ॐ लक्षकोदण्डखण्डिन्यै नमः।
ॐ लक्षकोदण्डधारिण्यै नमः।
ॐ लक्षकोदण्डसंयुक्तायै नमः।
ॐ लक्षणान्वितायै नमः।
ॐ लक्षपूजापरायै नमः।
ॐ लक्षबाणप्रमोचिन्यै नमः।
ॐ लक्षभक्तप्रपूजितायै नमः।
ॐ लक्षलीलालयायै नमः।
ॐ लक्षलोभपरायै नमः।
ॐ लक्षशस्त्रसमायुक्तायै नमः।
ॐ लक्षसम्पूज्यायै नमः।
ॐ लक्षिण्यै नमः।
ॐ लक्षितायै नमः।
ॐ लङ्केश्यै नमः।
ॐ लतायै नमः।
ॐ लभ्यायै नमः।
ॐ ललितायै नमः।
ॐ ललितायै नमः।
ॐ ललितालीनायै नमः।
ॐ लाक्षागारनिवासिन्यै नमः।
ॐ लोकमोहनकारिण्यै नमः।
ॐ लोकरक्षणकारिण्यै नमः।
ॐ लोकलीलाकर्यै नमः।
ॐ लोकवन्दितपादाब्जायै नमः।
ॐ लोकसंहारकारिण्यै नमः।
ॐ लोकसम्पूज्यायै नमः।
ॐ लोकसम्भवकारिण्यै नमः।
ॐ लोकिन्यै नमः।
ॐ लोक्यायै नमः।
ॐ लोलायै नमः।
ॐ वटदर्शनलालसायै नमः।
ॐ वटपूजाकृताह्लादायै नमः।
ॐ वटपूजापरायणायै नमः।
ॐ वटपूजापरिप्रीतायै नमः।
ॐ वटपूजाविवर्धिन्यै नमः।
ॐ वटवृक्षकृतस्थानायै नमः।
ॐ वटवृक्षनिवासिन्यै नमः।
ॐ वटस्थायै नमः।
ॐ वटुकप्राणरक्षिण्यै नमः।
ॐ वटुकानन्दकर्त्र्यै नमः।
ॐ वटुकायै नमः।
ॐ वटुकाराध्यायै नमः।
ॐ वटुकार्चापरायै नमः।
ॐ वटुकार्चाविवर्धिन्यै नमः।
ॐ वटुकाहारदायिन्यै नमः।
ॐ वटुकेज्याप्रदायै नमः।
ॐ वन्द्यायै नमः।
ॐ वरदायै नमः।
ॐ वरदायै नमः।
ॐ वर्धिन्यै नमः।
ॐ वर्षिण्यै नमः।
ॐ वल्गिन्यै नमः।
ॐ वशिन्यै नमः।
ॐ वशीकरणमन्त्रिण्यै नमः।
ॐ वशीकरणसम्प्रीतायै नमः।
ॐ वशीकारकसिद्धिदायै नमः।
ॐ वसुनीरदायै नमः।
ॐ वाक्प्रदायै नमः।
ॐ वाच्यायै नमः।
ॐ वारणप्रीतायै नमः।
ॐ वारिण्यै नमः।
ॐ वारिपाथोधिपारगायै नमः।
ॐ विजयाजयदायिन्यै नमः।
ॐ विजयायै नमः।
ॐ विज्ञजयदायै नमः।
ॐ विज्ञाज्ञायै नमः।
ॐ विज्ञाविज्ञप्रपूजितायै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ विमलायै नमः।
ॐ विवर्णायै नमः।
ॐ विवशाराध्यायै नमः।
ॐ वृष्टिदायै नमः।
ॐ वृष्टिर्महावृष्टिनिवारिण्यै नमः।
ॐ वेदमात्रे नमः।
ॐ वेदशास्त्रपुराणज्ञायै नमः।
ॐ शकाररूपायै नमः।
ॐ शङ्कराराध्यायै नमः।
ॐ शङ्खनाशिन्यै नमः।
ॐ शङ्खासुरविनाशिन्यै नमः।
ॐ शङ्खिन्यै नमः।
ॐ शत्रुकार्यविहन्त्र्यै नमः।
ॐ शत्रुग्रीवाच्छिदाच्छायायै नमः।
ॐ शत्रुघ्न्यै नमः।
ॐ शत्रुत्रोटनकारिण्यै नमः।
ॐ शत्रुनिग्रहकारिण्यै नमः।
ॐ शत्रुपक्षक्षतिप्रीतायै नमः।
ॐ शत्रुपक्षनिषूदिन्यै नमः।
ॐ शत्रुपद्धतिखण्डिन्यै नमः।
ॐ शत्रुप्रदायै नमः।
ॐ शत्रुप्राणहराहार्यायै नमः।
ॐ शत्रुभक्षिण्यै नमः।
ॐ शत्रुविद्राविण्यै नमः।
ॐ शत्रुसंहारकारिण्यै नमः।
ॐ शत्रुसञ्छेदि न्यै नमः।
ॐ शत्रुसद्मप्रदाहिन्यै नमः।
ॐ शत्रुहन्त्र्यै नमः।
ॐ शत्रुहायै नमः।
ॐ शत्रून्मूलनकारिण्यै नमः।
ॐ शन्दायिन्यै नमः।
ॐ शबर्यै नमः।
ॐ शमनस्तुतिवन्दितायै नमः।
ॐ शमनस्वामिन्यै नमः।
ॐ शमनागारवासिन्यै नमः।
ॐ शमनाचारसन्तुष्टायै नमः।
ॐ शमनाराध्यायै नमः।
ॐ शम्भवे नमः।
ॐ शम्भुजायायै नमः।
ॐ शम्भुपत्न्यै नमः।
ॐ शम्यायै नमः।
ॐ शरणायै नमः।
ॐ शरण्यायै नमः।
ॐ शर्वरीजाग्रितायै नमः।
ॐ शर्वरीपूज्यायै नमः।
ॐ शर्वरीशप्रपूजितायै नमः।
ॐ शर्वर्यै नमः।
ॐ शर्वर्यै नमः।
ॐ शर्वाण्यै नमः।
ॐ शवमांसकृताहारायै नमः।
ॐ शवसंस्थितायै नमः।
ॐ शवारूढायै नमः।
ॐ शशिन्यै नमः।
ॐ शाकिन्यै नमः।
ॐ शाङ्कर्यै नमः।
ॐ शात्रवनाशिन्यै नमः।
ॐ शान्तग्रहसुधारिण्यै नमः।
ॐ शान्तचन्द्रप्रभामलायै नमः।
ॐ शान्तपूजापरायै नमः।
ॐ शान्तपूज्यायै नमः।
ॐ शान्तरूपायै नमः।
ॐ शान्तवन्द्यायै नमः।
ॐ शान्तसज्जनपूजितायै नमः।
ॐ शान्तागारप्रभोजिन्यै नमः।
ॐ शान्तायै नमः।
ॐ शान्तायै नमः।
ॐ शान्तियुक्तायै नमः।
ॐ शान्त्यै नमः।
ॐ शामिन्यै नमः।
ॐ शाम्भव्यै नमः।
ॐ शारदादरायै नमः।
ॐ शारिण्यै नमः।
ॐ शिवलयायै नमः।
ॐ शिवायै नमः।
ॐ शीतपानीयपायिन्यै नमः।
ॐ शीतायै नमः।
ॐ शुद्धरूपायै नमः।
ॐ शुद्धायै नमः।
ॐ शुभाननायै नमः।
ॐ शुभायै नमः।
ॐ शुम्भमथिन्यै नमः।
ॐ शुम्भासुरविनाशिन्यै नमः।
ॐ शैलायै नमः।
ॐ शैव्यै नमः।
ॐ शैव्यै नमः।
ॐ शोभिन्यै नमः।
ॐ शोभिन्यै नमः।
ॐ शोषिण्यै नमः।
ॐ श्मशानभवनस्थितायै नमः।
ॐ श्मशानभस्मभीमाङ्ग्यै नमः।
ॐ श्मशानभस्मलेपितायै नमः।
ॐ श्मशानशयनागारायै नमः।
ॐ श्मशानसिद्धिसंहृष्टायै नमः।
ॐ श्मशानालयवासिन्यै नमः।
ॐ श्मशानावासकारिण्यै नमः।
ॐ श्रान्तायै नमः।
ॐ श्वेतपाण्डुरकृष्णाभायै नमः।
ॐ षकारखरवाहनायै नमः।
ॐ सगुणागुणरूपायै नमः।
ॐ सत्त्वज्ञानायै नमः।
ॐ सत्त्वविद्यायै नमः।
ॐ सत्त्ववृद्धिकर्यै नमः।
ॐ सत्त्ववृद्ध्यै नमः।
ॐ सत्त्वसंसिद्धायै नमः।
ॐ सत्त्वसंहर्षमानसायै नमः।
ॐ सत्त्वसम्पन्नमानसायै नमः।
ॐ सत्त्वसिद्धान्तकारिण्यै नमः।
ॐ सत्त्वसिद्ध्यै नमः।
ॐ सत्त्वसेव्यायै नमः।
ॐ सदा धनानन्दकर्यै नमः।
ॐ सदा शैलराजप्रियायै नमः।
ॐ सदाश्रमनिवासिन्यै नमः।
ॐ सन्ध्यायै नमः।
ॐ सन्ध्यासुधर्मिण्यै नमः।
ॐ सर्वमङ्गलायै नमः।
ॐ सह्याद्रिरूपायै नमः।
ॐ साङ्गशत्रुकुलच्छेत्र्यै नमः।
ॐ साङ्गशत्रुविनाशिन्यै नमः।
ॐ साङ्गसायुधसर्वारिदेहगेहप्रदाहिन्यै नमः।
ॐ साङ्गसायुधसर्वारिसर्वसम्पत्तिनाशिन्यै नमः।
ॐ सात्त्विक्यै नमः।
ॐ साधनकारिण्यै नमः।
ॐ साधनप्रीतायै नमः।
ॐ साधनीयायै नमः।
ॐ साधिन्यै नमः।
ॐ साधुदृष्टायै नमः।
ॐ साधुपुष्टायै नमः।
ॐ साधुपूज्यायै नमः।
ॐ साधुपोषणतत्परायै नमः।
ॐ साधुवन्द्यायै नमः।
ॐ साधुसन्ततिदायिन्यै नमः।
ॐ साधुसन्दर्शनोद्यतायै नमः।
ॐ साधुस्वभावायै नमः।
ॐ साध्यसङ्घसुशोभिन्यै नमः।
ॐ साध्यसाध्यायै नमः।
ॐ साध्यायै नमः।
ॐ साध्व्यै नमः।
ॐ सानन्दायै नमः।
ॐ सिद्धगम्यायै नमः।
ॐ सिद्धपूज्यायै नमः।
ॐ सिद्धप्रीत्यै नमः।
ॐ सिद्धरीत्यै नमः।
ॐ सिद्धवन्द्यायै नमः।
ॐ सिद्धान्तकारिण्यै नमः।
ॐ सिद्धायै नमः।
ॐ सिद्धायै नमः।
ॐ सिद्धिगेहनिवासिन्यै नमः।
ॐ सिद्धेश्वर्यै नमः।
ॐ सिद्ध्यै नमः।
ॐ सुखोदयायै नमः।
ॐ सुधाढ्यायै नमः।
ॐ सुधीपूज्यायै नमः।
ॐ सुमुक्तिदायै नमः।
ॐ सुरूपायै नमः।
ॐ सुसिद्धिदायै नमः।
ॐ सौधवासिन्यै नमः।
ॐ सौम्यायै नमः।
ॐ स्थलस्थितायै नमः।
ॐ स्थात्र्यै नमः।
ॐ स्थानभ्रष्टायै नमः।
ॐ स्थूलाधरायै नमः।
ॐ स्थूलायै नमः।
ॐ स्थूलायै नमः।
ॐ स्वच्छायै नमः।
ॐ स्वर्गापवर्गदायै नमः।
ॐ हठकर्मपरायणायै नमः।
ॐ हठकार्यायै नमः।
ॐ हठधर्मायै नमः।
ॐ हठवादिन्यै नमः।
ॐ हठवार्तायै नमः।
ॐ हठसम्प्रीत्यै नमः।
ॐ हठसम्भेदिन्यै नमः।
ॐ हठसम्भोगनिरतायै नमः।
ॐ हठात्काररतिप्रियायै नमः।
ॐ हठिन्यै नमः।
ॐ हठोद्यमायै नमः।
ॐ हनुमत्प्रियायै नमः।
ॐ हरनमस्कृतायै नमः।
ॐ हरवल्लभायै नमः।
ॐ हराराध्यायै नमः।
ॐ हरिणपायै नमः।
ॐ हरिणाक्ष्यै नमः।
ॐ हरिणायतलोचनायै नमः।
ॐ हरिणीगणसंहन्त्र्यै नमः।
ॐ हरिणीगणहर्षदायै नमः।
ॐ हरिणीदृष्ट्यै र्हरिण्यै नमः।
ॐ हरिणीपरिपोषिकायै नमः।
ॐ हरिणीमानपुरस्सरायै नमः।
ॐ हरिणीमृगयासक्तायै नमः।
ॐ हरिणीहरिरूपिण्यै नमः।
ॐ हरिण्यै नमः।
ॐ हरिप्रियायै नमः।
ॐ हवनार्थिन्यै नमः।
ॐ हाविन्यै नमः।
ॐ हासिन्यै नमः।
ॐ हास्यहर्षिण्यै नमः।
ॐ हीरकवर्णाभायै नमः।
ॐ हीरायै नमः।
ॐ हुङ्कारकारिण्यै नमः।
ॐ हृद्यवार्तायै नमः।
ॐ हृद्यायै नमः।
ॐ होत्र्यै नमः।
ॐ ह्रासिन्यै नमः।

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देवी धूमावती सहस्रनामावली PDF

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