Shri Radha

गिरधर मेरे मौसम आया – भजन

Girdhar Mere Mausam Aaya Bhajan Hindi Lyrics

Shri RadhaBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी
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गिरधर मेरे मौसम आया

तर्ज – हमदम मेरे मान भी जाओ

|| दोहा ||

छाई सावन की है बदरिया,
और ठंडी पड़े फुहार,
जब श्याम बजाई बांसुरी,
झूलन चली ब्रजनार |

गिरधर मेरे मौसम आया,
धरती के श्रृंगार का,
आया सावन पड़ गए झूले,
बरसे रंग बहार का,
गिरधर मेरे मौसम आया ||

ग्वाल बाल संग गोपियाँ,
राधा जी आई,
आज तुम्हे कहो कौन सी,
कुब्जा भरमाई,
मिलन की चाह में,
तुम्हारी राह में,
बिछाएं पलके बैठी है,
तुम्हारी याद सताती है,
गिरधर मेरे मोसम आया,
धरती के श्रृंगार का,
आया सावन पड़ गए झूले,
बरसे रंग बहार का,
गिरधर मेरे मौसम आया ||

उमड़ घुमड़ काली घटा,
शोर मचाती है,
स्वागत में तेरे सांवरा,
जल बरसाती है,
कोयलिया कूकती,
मयूरी झूमती,
तुम्हारे बिन मुझको मोहन,
बहारे फीकी लगती है,
गिरधर मेरे मोसम आया,
धरती के श्रृंगार का,
आया सावन पड़ गए झूले,
बरसे रंग बहार का,
गिरधर मेरे मौसम आया ||

राधा जी के संग में,
झूलो मन मोहन,
छेड़ रसीली बांसुरी,
शीतल हो तन मन,
बजाओ बांसुरी,
खिले मन की कली,
मगन ‘नंदू’ ब्रज की बाला,
तुम्हे झूला झूलाती है,
गिरधर मेरे मोसम आया,
धरती के श्रृंगार का,
आया सावन पड़ गए झूले,
बरसे रंग बहार का,
गिरधर मेरे मौसम आया ||

गिरधर मेरे मौसम आया,
धरती के श्रृंगार का,
आया सावन पड़ गए झूले,
बरसे रंग बहार का,
गिरधर मेरे मौसम आया ||

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