श्री हनुमान अमृतवाणी PDF

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Hanuman JiBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी

||श्री हनुमान अमृतवाणी|| रामायण की भव्य जो माला हनुमत उसका रत्न निराला निश्चय पूर्वक अलख जगाओ जय जय जय बजरंग ध्याओ अंतर्यामी है हनुमंता लीला अनहद अमर अनंता रामकी निष्ठा नस नस अंदर रोम रोम रघुनाथ का मंदिर सिद्धि महात्मा ये सुख धाम इसको कोटि कोटि प्रमाण तुलसीदास के भाग्य जगाये साक्षात के दर्श दिखाए...

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श्री हनुमान अमृतवाणी
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