बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ – भजन

|| बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ – भजन || ॥ स्तुति ॥ मैं नही जानू पूजा तेरी, पर तू ना करना मैया देरी, तेरा लख्खा तुझे पुकारे, लाज तू रखले अब माँ मेरी॥ ॥ भजन ॥ बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ, अपने बच्चो के आँसू देख नहीं पाए माँ, बेटा बुलाए…

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे – भजन

॥ कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे – भजन ॥ कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना । जो रूखा सूखा दिया हमें, कभी उस का भोग लगा जाना ॥ ना छत्र बना सका सोने का, ना चुनरी घर मेरे तारों जड़ी । ना पेडे बर्फी मेवा है माँ, बस श्रद्धा है…

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा – भजन

॥ आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा – भजन ॥ आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा । दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥ शेरांवाली, जोतांवाली, मेहरांवाली माँ । आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ॥ प्रेम से बोलो, जय माता दी । सारे बोलो, जय माता दी । मिल…

हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम – भजन

॥ हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम – भजन ॥ काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी, काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी । हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम, ओ शेरोवाली, ऊँचे डेरों वाली, बिगड़े बना दे मेरे काम ॥ ऐसा कठिन पल, ऐसे घडी…

बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए – भजन

॥ बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए – भजन ॥ मैया जी के चरणों मे ठिकाना चाहिए। बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥ सुन लो ऐ माँ के प्यारो, तुम प्रेम से पुकारो। आएगी शेरा वाली, जगदम्बे मेहरावाली॥ वो देर ना करेगी, झोली सदा भरेगी। पूरी करेगी आशा, मिट जायेगी निराशा॥ बिगड़े कर्म…

नवरात्रि पूजा मंत्र

।। नवरात्रि पूजा मंत्र ।। माता शैलपुत्री ह्रीं शिवायै नम:। पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता दुर्गा का प्रथम रूप है. इनकी आराधना से कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं. प्रतिपदा को मंत्र– ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्ये नम:’ की माला दुर्गा जी के चित्र के सामने यशाशक्ति जप कर घृत से हवन करें । माता ब्रह्मचारिणी…

श्री कूष्माण्डा माँ आरती

|| श्री कूष्माण्डा माँ आरती || कूष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥ पिगंला ज्वालामुखी निराली। शाकंबरी माँ भोली भाली॥ लाखों नाम निराले तेरे । भक्त कई मतवाले तेरे॥ भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥ सबकी सुनती हो जगदंबे। सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥ तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण…

कुष्मांडा माता व्रत कथा और पूजा विधि

|| मां कुष्मांडा की पावन कथा || सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि त्रिदेवों ने चिरकाल में सृष्टि की रचना करने की कल्पना की। उस समय समस्त ब्रह्मांड में घोर अंधेरा छाया हुआ था। न राग, न ध्वनि, केवल सन्नाटा था। त्रिदेवों ने जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा से सहायता ली। मां दुर्गा के चौथे…

चंद्रघंटा माता व्रत कथा पूजा विधि

।। चंद्रघंटा माता व्रत कथा ।। पुराणों में जिस कथा का जिक्र है उसके मुताबिक देव लोक में जब असुरों का आतंक अधिक बढ़ गया तब देवी दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार लिया। उस वक्त महिषासुर असुरों का स्वामी था। ये दुत्कारी महिष देवराज इंद्र का सिंहासन पाना चाहता था। स्वर्गलोक पर राज करने…

मां चंद्रघंटा आरती

|| मां चंद्रघंटा आरती || जय मां चंद्रघंटा सुख धाम पूर्ण कीजो मेरे काम चंद्र समान तू शीतल दाती चंद्र तेज किरणों में समाती क्रोध को शांत बनाने वाली मीठे बोल सिखाने वाली मन की मालक मन भाती हो चंद्र घंटा तुम वरदाती हो सुंदर भाव को लाने वाली हर संकट मे बचाने वाली हर…

ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा ।। ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं। पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर…

ब्रह्मचारिणी माता आरती

॥ ब्रह्मचारिणी माता आरती ॥ जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥ ब्रह्म जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥ ब्रह्म मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा॥ जय गायत्री वेद की माता। जो जन निस दिन तुम्हें ध्याता॥ कमी कोई रहने ना पाए। उसकी विरति रहे ठिकाने॥ जो…

नासदीय सूक्तम् (ऋग्वेदीय)

|| नासदीय सूक्तम् (ऋग्वेदीय) || नास॑दासी॒न्नो सदा॑सीत्त॒दानीं॒ नासी॒द्रजो॒ नो व्यो॑मा प॒रो यत् । किमाव॑रीव॒: कुह॒ कस्य॒ शर्म॒न्नम्भ॒: किमा॑सी॒द्गह॑नं गभी॒रम् ॥ १ ॥ न मृ॒त्युरा॑सीद॒मृतं॒ न तर्हि॒ न रात्र्या॒ अह्न॑ आसीत्प्रके॒तः । आनी॑दवा॒तं स्व॒धया॒ तदेकं॒ तस्मा॑द्धा॒न्यन्न प॒रः किं च॒नास॑ ॥ २ ॥ तम॑ आसी॒त्तम॑सा गू॒ल्हमग्रे॑ऽप्रके॒तं स॑लि॒लं सर्व॑मा इ॒दम् । तु॒च्छ्येना॒भ्वपि॑हितं॒ यदासी॒त्तप॑स॒स्तन्म॑हि॒नाजा॑य॒तैक॑म् ॥ ३ ॥ काम॒स्तदग्रे॒ सम॑वर्त॒ताधि॒…

शैलपुत्री माता व्रत कथा और पूजा विधि

।। शैलपुत्री माता व्रत कथा ।। मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण…

शैल सुता की आरती

|| शैल सुता की आरती || आरती कीजे शैल सुता की, जगदम्बा की आरती कीजे, आरती कीजे जगदम्बा की, || आरती कीजे शैंल सुता की || स्नेह सुधा सुख सुन्दर लीजै, जिनके नाम लेट दृग भीजै, ऐसी वह माता वसुधा की, जगदम्बा की आरती कीजे, || आरती कीजे शैंल सुता की || पाप विनाशिनी कलिमल…

श्री शैलपुत्री आरती

|| श्री शैलपुत्री आरती || शैलपुत्री मां बैल पर सवार। करें देवता जय जयकार। शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी। पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे। ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू। सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी। उसकी सगरी…

नवरात्रि 2024 में घर पर मां दुर्गा की आरती कैसे करें? दुर्गा की आरती के लाभ, पूजा विधि और मंत्र

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नवरात्रि का समय मां दुर्गा की पूजा और भक्ति के लिए बहुत खास होता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आरती करना नवरात्रि की पूजा का एक अहम हिस्सा है। यह सिर्फ हमारी भक्ति को दर्शाता नहीं है, बल्कि मां दुर्गा की कृपा पाने का सबसे…

दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र

|| दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र || सामूहिक कल्याण के लिये मंत्र देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्‍‌र्या । तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ॥ विश्‍व के अशुभ तथा भय का विनाश करने के लिये मंत्र – यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्‍च न हि वक्तुमलं बलं च । सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं…

माँ दुर्गा शाबर मंत्र लाभ सहित

।। माँ दुर्गा शाबर मंत्र ।। डण्ड भुज-डण्ड, प्रचण्ड नो खण्ड। प्रगट देवि! तुहि झुण्डन के झुण्ड। खगर दिखा खप्पर लियां, खड़ी कालका। तागड़दे मस्तंग, तिलक मागरदे् मस्तंग। चोला जरी का, फागड़ दीफू, गले फुल माल, जय जय जयन्त। जय आदि शक्ति। जय कालका खपर-धनी। जय मचकुट छन्दनी देव। जय-जय महिरा, जय मरदिनी। जय-जय चुण्ड-मुण्ड,…

सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा

|| सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा || श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पितरों को विदा करने की अंतिम तिथि माना जाता है। यदि किसी कारणवश व्यक्ति श्राद्ध की निर्धारित तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाया हो या उसे तिथि ज्ञात न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकता है। इस…

श्री दुर्गा चालीसा

|| श्री दुर्गा चालीसा || ॥ चौपाई ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥ तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥…

दुर्गा जी आरती

|| दुर्गा जी आरती || ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।। ॐ जय अम्बे गौरी । मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।। ॐ जय अम्बे गौरी । कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्त पुष्प माला, कण्ठन…

Shardiya Navratri 2024 – क्या है इस नवरात्रि का विशेष योग? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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Shardiya Navratri हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व आश्विन महीने में आता है और विशेष रूप से शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह नवरात्रि पूरे भारत में भक्तों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। हिंदू धर्म…

श्री दुर्गाष्टकम्

|| दुर्गाष्टकम् || कात्यायनि महामाये खड्गबाणधनुर्धरे । खड्गधारिणि चण्डि श्री दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ॥ वसुदेवसुते काळि वासुदेवसहोदरि। वसुन्धरश्रिये नन्दे दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते॥ योगनिद्रे महानिद्रे योगमाये महेश्वरि। योगसिद्धिकरी शुद्धे दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ॥ शंखचक्रगदापाणे शार्ङ्गज्यायतबाहवे। पीतांबरधरे धन्ये दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते॥ ऋग्यजुस्सामाथर्वाणश्चतुस्सामन्तलोकिनि। ब्रह्मस्वरूपिणि ब्राह्मि दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते॥ वृष्णीनां कुलसंभूते विष्णुनाथसहोदरि। वृष्णिरूपधरे धन्ये दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते॥ सर्वज्ञे सर्वगे…

श्री दुर्गा माता स्तुति

|| श्री दुर्गा माता स्तुति || || मंत्र || सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। || स्तुति प्रारंभ || जय जग जननी आदि भवानी, जय महिषासुर मारिणी मां । उमा रमा गौरी ब्रह्माणी, जय त्रिभुवन सुख कारिणी मां ।। हे महालक्ष्मी हे महामाया, तुम में सारा जगत समाया । तीन…

पितृपक्ष में एकादशी का व्रत करना चाहिए या नहीं?

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एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि एकादशी के दिन श्राद्ध करना सही है या नहीं? शास्त्रों में साफ तौर पर कहा गया है कि एकादशी के दिन श्राद्ध नहीं करना चाहिए। भगवान शंकर ने खुद पार्वती जी को बताया कि अगर कोई व्यक्ति एकादशी के दिन श्राद्ध करता है, तो श्राद्ध…

इंदिरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ इंदिरा एकादशी व्रत कथा ॥ प्राचीनकाल में सतयुग के समय में महिष्मति नाम की एक नगरी में इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा धर्मपूर्वक अपनी प्रजा का पालन करते हुए शासन करता था। वह राजा पुत्र, पौत्र और धन आदि से संपन्न और विष्णु का परम भक्त था। एक दिन जब राजा सुखपूर्वक अपनी…

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जीवित्पुत्रिका पूजा व‍िध‍ि || जीवित्पुत्रिका व्रत के पहले दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर, सूर्योदय से पहले स्नान करती हैं और फिर पूजा करती हैं। इसके बाद वे एक बार भोजन करती हैं। दूसरे दिन सुबह फिर से स्नान करने के बाद महिलाएं पूजा करती हैं और पूरा दिन बिना पानी पिए यानी निर्जला व्रत…

जितिया व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जितिया व्रत की पूजा व‍िध‍ि || जितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्‍नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्‍नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन…

त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा (पूजा विधि)

।। त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा ।। पद्म पुराण के अनुसार देवर्षि नारदजी ने भगवान शिवजी से पूछा: सर्वेश्वर! आप त्रिस्पृशा नामक व्रत का वर्णन कीजिये, जिसे सुनकर लोग कर्मबंधन से मुक्त हो जाते हैं। महादेवजी बोले: विद्वान्! देवाधिदेव भगवान ने मोक्षप्राप्ति के लिए इस व्रत की सृष्टि की है, इसीलिए इसे वैष्णवी तिथि कहते हैं।…

महालया पूजा की पौरणिक कथा

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महालया पितृ पक्ष के अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन, पितरों को श्रद्धांजलि देने के बाद, देवी दुर्गा की पूजा की शुरुआत होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब असुरों का उत्पात बढ़ गया था, तब देवताओं ने देवी दुर्गा की रचना की थी। महालया के दिन, देवी दुर्गा अपनी…

महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि

|| महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि || सबसे पहले एक चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। ध्यान रखें की मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रखें। इसके बाद थोड़ा से चावल डालकर लक्ष्मी जी के पास कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर एक नारियल में कपड़ा बांधकर…

Pitru Paksha 2024 – पितृ पक्ष की तिथियां, नियम, महत्व और मान्यताएं

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पितृपक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है। पितृपक्ष के समय लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और अन्य धार्मिक कार्य करते हैं। इस दौरान, लोग अपने पितरों की तृप्ति के लिए भोजन और जल अर्पित करते हैं। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना, उन्हें दान-दक्षिणा देना और पितरों की…

(विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी) आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आश्विन संकष्टी गणेश (विघ्नराज) चतुर्थी व्रत कथा || आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी को श्रीकृष्ण और बाणासुर की कथा इस प्रकार है: एक समय की बात है, बाणासुर की कन्या उषा ने सुषुप्तावस्था में अनिरुद्ध का स्वप्न देखा। अनिरुद्ध के विरह से वह इतनी अभिलाषी हो गई कि उसके चित को किसी भी प्रकार से…

श्री तुलसी कवचम्

|| श्री तुलसी कवचम् || अस्य श्रीतुलसीकवचस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीमहादेव ऋषिः, अनुष्टुप्छन्दः श्रीतुलसीदेवता, मम ईप्सितकामना सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः । तुलसी श्रीमहादेवि नमः पङ्कजधारिणि । शिरो मे तुलसी पातु फालं पातु यशस्विनी ॥ १ ॥ दृशौ मे पद्मनयना श्रीसखी श्रवणे मम । घ्राणं पातु सुगन्धा मे मुखं च सुमुखी मम ॥ २ ॥ जिह्वां मे पातु शुभदा कण्ठं…

श्री यमाष्टकम्

|| श्री यमाष्टकम् || सावित्र्युवाच । तपसा धर्ममाराध्य पुष्करे भास्करः पुरा । धर्मं सूर्यःसुतं प्राप धर्मराजं नमाम्यहम् ॥ १ ॥ समता सर्वभूतेषु यस्य सर्वस्य साक्षिणः । अतो यन्नाम शमनमिति तं प्रणमाम्यहम् ॥ २ ॥ येनान्तश्च कृतो विश्वे सर्वेषां जीविनां परम् । कामानुरूपं कालेन तं कृतान्तं नमाम्यहम् ॥ ३ ॥ बिभर्ति दण्डं दण्डाय पापिनां शुद्धिहेतवे ।…

ललिता पंचमी व्रत कथा

|| ललिता पंचमी व्रत कथा || शारदीय नवरात्रि के समय, आश्विन शुक्ल पंचमी को ललिता पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व देवी ललिता को समर्पित है, जो माता सती पार्वती का ही एक रूप मानी जाती हैं। इस दिन भक्त ललिता पंचमी व्रत रखते हैं। देवी ललिता को ‘त्रिपुर सुंदरी’ भी कहा जाता…

2024 पितृ दोष से मुक्ति – जानिए लक्षण, कारण और कारगर उपाय

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ज्योतिष शास्त्र में, पितृ दोष को एक ऐसा दोष माना जाता है जो हमारे पूर्वजों (पितरों) के अधूरे कर्मों या उनके प्रति हमारे गलत व्यवहार के कारण होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं और समस्याएं पैदा कर सकता है पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए धार्मिक, आध्यात्मिक, और…

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल थे, और उनकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शापवश राजा नल को राज्य खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पति को पुनः प्राप्त किया। राजा नल…

एकदंत गणेश स्तोत्रम्

|| एकदंत गणेश स्तोत्रम् || श्रीगणेशाय नमः । मदासुरं सुशान्तं वै दृष्ट्वा विष्णुमुखाः सुराः । भृग्वादयश्च मुनय एकदन्तं समाययुः ॥ १॥ प्रणम्य तं प्रपूज्यादौ पुनस्तं नेमुरादरात् । तुष्टुवुर्हर्षसंयुक्ता एकदन्तं गणेश्वरम् ॥ २॥ देवर्षय ऊचुः सदात्मरूपं सकलादि- भूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादि-मध्यान्त-विहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ ३॥ अनन्त-चिद्रूप-मयं गणेशं ह्यभेद-भेदादि-विहीनमाद्यम् । हृदि प्रकाशस्य धरं स्वधीस्थं तमेकदन्तं शरणं…

आरती: श्री गणेश – शेंदुर लाल चढ़ायो

|| आरती: श्री गणेश – शेंदुर लाल चढ़ायो || शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको । दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको । हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको । महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥ जय देव जय देव, जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता, जय देव जय देव…

श्री गणेश व्रत कथा

|| श्री गणेश जी पूजन विधि || भगवान श्री गणेश जी की पूजन में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। पर जिन्हें वेद मंत्र न आता हो, वो नाम – मंत्रों से भी पूजन कर सकते है। सबसे पहले आप स्नान करले और उसके पश्चात अपने पास पूजा सम्बंधित समस्त सामग्री रख लें फिर…

गणेश अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र

|| गणेश अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र || गणेश्वरो गणक्रीडो महागणपतिस्तथा । विश्वकर्ता विश्वमुखो दुर्जयो धूर्जयो जयः ॥ स्वरूपः सर्वनेत्राधिवासो वीरासनाश्रयः । योगाधिपस्तारकस्थः पुरुषो गजकर्णकः ॥ चित्राङ्गः श्यामदशनो भालचन्द्रश्चतुर्भुजः । शम्भुतेजा यज्ञकायः सर्वात्मा सामबृंहितः ॥ कुलाचलांसो व्योमनाभिः कल्पद्रुमवनालयः । निम्ननाभिः स्थूलकुक्षिः पीनवक्षा बृहद्भुजः ॥ पीनस्कन्धः कम्बुकण्ठो लम्बोष्ठो लम्बनासिकः । सर्वावयवसम्पूर्णः सर्वलक्षणलक्षितः॥ इक्षुचापधरः शूली कान्तिकन्दलिताश्रयः । अक्षमालाधरो ज्ञानमुद्रावान्…

गणेश पुराण (Ganesh Puran)

गणेश पुराण (Ganesh Puran)

गणेश पुराण हिंदू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है, जिसमें भगवान गणेश की महिमा, उनके जीवन की कथाएँ, और उनकी उपासना से संबंधित गूढ़ ज्ञान का वर्णन किया गया है। यह पुराण दो खंडों में विभाजित है: उपासना खंड और क्रीड़ा खंड। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, शुभकर्ता और ज्ञान का प्रतीक माना…

Vishwakarma Puja 2024 – जानें विश्वकर्मा जयंती पूजा मुहूर्त, पूजन विधि, व्रत कथा और महत्व

vishwakarma puja

विश्वकर्मा जयंती भगवान विश्वकर्मा के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जिसे लोग प्रायः विश्वकर्मा पूजा के नाम से भी जानते हैं। जैसे मकर संक्रांति जनवरी में आती है, वैसे ही विश्वकर्मा पूजा हर वर्ष कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है, जो 16-17 सितंबर के आसपास पड़ती है। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया…

अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन कैसे करें? जानिए व्रत की कहानी, पूजा विधि और महत्व

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अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। इस बार अनन्त चतुर्दशी मंगलवार, सितम्बर 17, 2024 को  है। यह भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन अनंत रूपी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस व्रत के माध्यम से भक्त अपने जीवन में सुख,…

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। अनंत चतुर्दशी पूजा विधि ।। इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें। इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं। एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें 14 गांठें लगी होनी चाहिए। इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें।…

भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा

|| भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा || पहला अध्याय कई ऋषि एक दिन धर्मक्षेत्र में इकट्ठे हुए और उन्होंने सूत जी से पूछा, “हे महात्मा, आप हमें यह बताइए कि विष्णु के कई रूपों में से कौन सा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण है?” सूत जी बोले, “हे ऋषियो, आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है, जो…