श्री शारदा चालीसा

|| श्री शारदा चालीसा || ॥ दोह॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज, माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी | आदि शक्ति तुम जग कल्याणी॥ 1 ॥ रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता | तीन लोक महं तुम विख्याता॥ 2 ॥ दो सहस्त्र वर्षहि अनुमाना | प्रगट…

नवग्रह चालीसा

|| नवग्रह चालीसा || ॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय । नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥ जय जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज। जयति राहु अरु केतु ग्रह, करहुं अनुग्रह आज ॥ ॥ चौपाई ॥ ॥ श्री सूर्य स्तुति ॥ प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,…

मां लक्ष्मी जी की आरती

|| मां लक्ष्मी जी की आरती || ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता । सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता…

खाटू श्याम आरती

|| खाटू श्याम आरती || ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे । तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय…

साईं बाबा मध्याह्नकाल आरति

|| साईं बाबा मध्याह्नकाल आरति || श्री सच्चिदानंद समर्ध सद्गुरु सायिनाध महराज् की जै. घे​उनि पंचाकरती करूबाबान्सी आरती सायीसी आरती करूबाबान्सी आरती उठा उठा हो बान् धव ओवालु हरमाधव सायीरामाधव ओवालु हरमाधव करूनियास्धिरमन पाहुगंभीरहेध्याना सायीचे हेध्याना पाहुगंभीर हेध्याना क्रुष्ण नाधा दत्तसायि जडोचित्ततुझे पायी चित्त(दत्त) बाबासायी जडोचित्ततुझे पायी आरति सायिबाबा सौख्यादातारजीवा चरणारजतालि ध्यावादासाविसाव भक्तांविसाव आरतिसायिबाबा जालुनिय…

मन में बसाकर तेरी मूर्ति: आरती

|| मन में बसाकर तेरी मूर्ति: आरती || मन में बसाकर तेरी मूर्ति, उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥ मन में बसाकर तेरी मूर्ति, उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥ करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन, भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन, करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन, भव में फसी…

श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव

|| श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव || सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची । नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची । सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची । कंठी झलके माल मुकताफळांची । जय देव जय देव.. जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति । दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति जय देव जय देव ॥ रत्नखचित फरा…

श्री चित्रगुप्त आरती

|| श्री चित्रगुप्त आरती || भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे । भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तनसुखदायी । भक्तों के प्रतिपालक, त्रिभुवनयश छायी ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत, पीताम्बरराजै । मातु इरावती, दक्षिणा, वामअंग साजै ॥ ॐ जय चित्रगुप्त…

आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन – भोग आरती

|| आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन – भोग आरती || आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… दुर्योधन को मेवा त्यागो, साग विदुर घर खायो प्यारे मोहन, आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन… आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… वृदावन की कुञ्ज गली मे, आओं रास रचाओ…

श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा

 || श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा || ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा । पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥ तुहिंजे दर दे केई, सजण अचनि सवाली । दान वठन सभु दिलि, सां कोन दिठुभ खाली ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा…॥ अंधड़नि खे दिनव, अखडियूँ – दुखियनि खे…

श्री गोवर्धन महाराज आरती

|| श्री गोवर्धन महाराज आरती || श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तेरे गले में कंठा साज रेहेओ, ठोड़ी पे हीरा लाल। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ, तेरी…

माँ सरस्वती जी – आरती

|| माँ सरस्वती जी – आरती || जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन…

श्री रामायण जी आरती

|| श्री रामायण जी आरती || आरती श्री रामायण जी की । कीरति कलित ललित सिय पी की ॥ गावत ब्रहमादिक मुनि नारद । बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥ शुक सनकादिक शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ ॥ आरती श्री रामायण जी की..॥ गावत बेद पुरान अष्टदस । छओं शास्त्र सब ग्रंथन को…

श्री भागवत भगवान की है आरती

|| श्री भागवत भगवान की है आरती || श्री भगवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जलाने वाला। हरि नाम यही हरि धाम यही, यही जग मंगल की आरती पापियों को पाप से है तारती॥ ॥ श्री भगवत भगवान…

संकटा माता आरती

|| संकटा माता आरती || जय जय संकटा भवानी, करहूं आरती तेरी । शरण पड़ी हूँ तेरी माता, अरज सुनहूं अब मेरी ॥ जय जय संकटा भवानी..॥ नहिं कोउ तुम समान जग दाता, सुर-नर-मुनि सब टेरी । कष्ट निवारण करहु हमारा, लावहु तनिक न देरी ॥ जय जय संकटा भवानी..॥ काम-क्रोध अरु लोभन के वश…

आरती: श्री राणी सती दादी जी

|| आरती: श्री राणी सती दादी जी || ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता । अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती ॥ ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥ अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा । दुर्जन दलन खडग की, विद्युतसम प्रतिभा ॥ ॐ…

आरती: माँ महाकाली

|| आरती: माँ महाकाली || जय काली माता, माँ जय महा काली माँ। रतबीजा वध कारिणी माता। सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥ दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि। मधु और कैितभा नासिनी माता। महेशासुर मारदिनी, ओ माता जय महा काली माँ॥ हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्ठि। काल विनासिनी…

अन्नपूर्णा आरती

|| अन्नपूर्णा आरती || बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम । सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया…

आरती: ॐ जय महावीर प्रभु

|| आरती: ॐ जय महावीर प्रभु || ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर अवतारी, चांदनपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभु ॥ सिध्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी । बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तप धारी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी । माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥…

शीतला माता की आरती

|| शीतला माता की आरती || जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता । आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥ ॐ जय शीतला माता..॥ रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता । ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें, जगमग छवि छाता ॥ ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता । विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता…

भैरव आरती

|| भैरव आरती || ॥ श्री भैरव देव जी आरती ॥ जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥ ॥ जय भैरव देवा…॥ तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक । भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥ ॥ जय भैरव देवा…॥ वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल…

ओम जय कैला रानी – कैला माता आरती

|| ओम जय कैला रानी – कैला माता आरती || ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी । ज्योति अखंड दिये माँ तुम सब जगजानी ॥ तुम हो शक्ति भवानी मन वांछित फल दाता ॥ मैया मन वांछित फल दाता ॥ अद्भुत रूप अलौकिक सदानन्द माता ॥ ॐ जय कैला रानी। गिरि त्रिकूट पर…

आरती: श्री रामचंद्र जी

|| आरती: श्री रामचंद्र जी || श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से की जाने वाली आरती। आरती कीजै रामचन्द्र जी की। हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥ पहली आरती पुष्पन की माला। काली नाग नाथ लाये गोपाला॥ दूसरी आरती देवकी नन्दन। भक्त उबारन कंस निकन्दन॥ तीसरी…

श्री सूर्य देव आरती: जय जय रविदेव

|| श्री सूर्य देव आरती: जय जय रविदेव || जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव । रजनीपति मदहारी, शतलद जीवन दाता ॥ पटपद मन मदुकारी, हे दिनमण दाता । जग के हे रविदेव, जय जय जय स्वदेव ॥ नभ मंडल के वाणी, ज्योति प्रकाशक देवा । निजजन हित सुखराशी, तेरी हम सब सेवा…

श्री जगन्नाथ संध्या आरती

|| श्री जगन्नाथ संध्या आरती || अनंत रूप अन्नांत नाम अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्ववयापका नारायाणा विस्ववयापका नारायाणा विस्वा तेजसा प्रज्ञा स्वरूपा विस्वा…

भगवद्‍ गीता आरती

|| भगवद्‍ गीता आरती || जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते । हरि-हिय-कमल-विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा । तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म परा ॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि, निर्मल मलहारी । शरण-सहस्य-प्रदायिनि, सब विधि सुखकारी ॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि, कारिणि मोद सदा । भव-भय-हारिणि, तारिणि परमानन्दप्रदा ॥ जय भगवद् गीते…॥ आसुर-भाव-विनाशिनि, नाशिनि तम रजनी…

बाबा गोरखनाथ आरती

|| बाबा गोरखनाथ आरती || जय गोरख देवा, जय गोरख देवा । कर कृपा मम ऊपर, नित्य करूँ सेवा ॥ शीश जटा अति सुंदर, भाल चन्द्र सोहे । कानन कुंडल झलकत, निरखत मन मोहे ॥ गल सेली विच नाग सुशोभित, तन भस्मी धारी । आदि पुरुष योगीश्वर, संतन हितकारी ॥ नाथ नरंजन आप ही, घट…

नर्मदा आरती

|| नर्मदा आरती || ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हर‍ि शंकर, रुद्रौ पालन्ती ॥ ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी । सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि… शारद पदवाचन्ती । ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती।…

तुकाराम आरती

|| तुकाराम आरती || आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम ॥ सच्चिदानंद मूर्ती । पाय दाखवी आम्हा ॥ आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम ॥ सच्चिदानंद मूर्ती । पाय दाखवी आम्हा ॥ राघवे सागरात । पाषाण तारीले ॥ तैसे हें तुकोबाचे । अभंग उदकी रक्षिले ॥ आरती तुकाराम ॥ आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम…

श्री सीता आरती

|| श्री सीता आरती || आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त…

श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती

|| श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती || चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ जन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥ ॥ भोली माँ ॥ सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥ ॥ भोली माँ ॥ एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, तीजे त्रिशूल सम्भालो…

माँ कालरात्रि की आरती

|| माँ कालरात्रि की आरती || कालरात्रि जय-जय-महाकाली । काल के मुह से बचाने वाली ॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा । महाचंडी तेरा अवतार ॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा । महाकाली है तेरा पसारा ॥ खडग खप्पर रखने वाली । दुष्टों का लहू चखने वाली ॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा । सब जगह देखूं तेरा…

रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती

|| रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती || आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥ दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥ अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥ निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥ हरण शोक-भय दायक नव निधि, माया रहित दिव्य…

जगन्नाथ मंगल आरती

|| जगन्नाथ मंगल आरती || आरती श्री जगन्नाथ आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी, अगर कपूर बाटी भव से धारी, आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी, झांझ या मृदंग…

भारत माता की आरती

|| भारत माता की आरती || आरती भारत माता की, जगत के भाग्य विधाता की । आरती भारत माता की, ज़गत के भाग्य विधाता की । सिर पर हिम गिरिवर सोहै, चरण को रत्नाकर धोए, देवता गोदी में सोए, रहे आनंद, हुए न द्वन्द, समर्पित छंद, बोलो जय बुद्धिप्रदाता की, जगत के भाग्य विधाता की…

काली माता की आरती

|| काली माता की आरती || अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली | तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती || तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी | दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ||…

साईं बाबा रात्रिकाल आरती

|| साईं बाबा आरती || श्री सच्चिदानंद समर्ध सद्गुरु सायिनाध महराज् की जै. ओवालु आरती माझ्या सद्गुरुनाधा माझ्या सायिनाधा। पांचाही तत्त्वंचा दीप लाविला आता निर्गुणातीस्धति कैसी आकारा आलीबाबा आकारा आली सर्वाघटि भरूनी उरलीसायिमावुली ओवालु आरती माझ्या सद्गुरुनाधा माझ्या सायिनाधा। पांचाही तत्त्वंचा दीप लाविला आता रजतम सत्त्व तिघे मायाप्रसवलीबाबामाया प्रसवली मायेचिये पोटीकैसी माया उद्भवली ओवालु आरती…

अर्धनारीश्वर स्तुति

|| अर्धनारीश्वर स्तुति || ॥ श्रीः ॥ वन्देमह्यमलमयूखमौलिरत्नं देवस्य प्रकटितसर्वमङ्गलाख्यम् । अन्योन्यं सदृशमहीनकङ्कणाङ्कं देहार्धद्वितयमुमार्धरुद्धमूर्तेः ॥ तद्वन्द्वे गिरिपतिपुत्रिकार्धमिश्रं श्रैकण्ठं वपुरपुनर्भवाय यत्र । वक्त्रेन्दोर्घटयति खण्डितस्य देव्या साधर्म्यं मुकुटगतो मृगाङ्कखण्डः ॥ एकत्र स्फटिकशिलामलं यदर्धे प्रत्यग्रद्रुतकनकोज्ज्वलं परत्र । बालार्कद्युतिभरपिञ्जरैकभाग- प्रालेयक्षितिधरश‍ृङ्गभङ्गिमेति ॥ यत्रैकं चकितकुरङ्गभङ्गि चक्षुः प्रोन्मीलत्कुचकलशोपशोभि वक्षः । मध्यं च ऋशिमसमेतमुत्तमाङ्गं भृङ्गालीरुचिकचसञ्चयाञ्चितं च ॥ स्राभोगं घननिबिडं नितम्बबिम्बं पादोऽपि स्फुटमणिनूपुराभिरामः ।…

सुब्रह्मण्य अपराध क्षमापण स्तोत्रम्

|| सुब्रह्मण्य अपराध क्षमापण स्तोत्रम् || नमस्ते नमस्ते गुह तारकारे नमस्ते नमस्ते गुह शक्तिपाणे । नमस्ते नमस्ते गुह दिव्यमूर्ते क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 1 ॥ नमस्ते नमस्ते गुह दानवारे नमस्ते नमस्ते गुह चारुमूर्ते । नमस्ते नमस्ते गुह पुण्यमूर्ते क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 2 ॥ नमस्ते नमस्ते महेशात्मपुत्र नमस्ते नमस्ते मयूरासनस्थ । नमस्ते नमस्ते सरोर्भूत देव…

हनुमान् माला मंत्रम्

|| हनुमान् माला मंत्रम् || ॐ ह्रौं क्ष्रौं ग्लौं हुं ह्सौं ॐ नमो भगवते पंचवक्त्र हनूमते प्रकट पराक्रमाक्रांत सकलदिङ्मंडलाय, निजकीर्ति स्फूर्तिधावल्य वितानायमान जगत्त्रितयाय, अतुलबलैश्वर्य रुद्रावताराय, मैरावण मदवारण गर्व निर्वापणोत्कंठ कंठीरवाय, ब्रह्मास्त्रगर्व सर्वंकषाय, वज्रशरीराय, लंकालंकारहारिणे, तृणीकृतार्णवलंघनाय, अक्षशिक्षण विचक्षणाय, दशग्रीव गर्वपर्वतोत्पाटनाय, लक्ष्मण प्राणदायिने, सीतामनोल्लासकराय, राममानस चकोरामृतकराय, मणिकुंडलमंडित गंडस्थलाय, मंदहासोज्ज्वलन्मुखारविंदाय, मौंजी कौपीन विराजत्कटितटाय, कनकयज्ञोपवीताय, दुर्वार वारकीलित लंबशिखाय, तटित्कोटि…

कार्य सिद्धि हनुमान् मंत्र

|| कार्य सिद्धि हनुमान् मंत्र || त्वमस्मिन् कार्यनिर्योगे प्रमाणं हरिसत्तम । हनुमान् यत्नमास्थाय दुःख क्षयकरो भव ॥

ॐ श्री विष्णु मंत्र: मङ्गलम् भगवान विष्णुः

|| ॐ श्री विष्णु मंत्र: मङ्गलम् भगवान विष्णुः || 1. श्री विष्णु मूल मंत्र ॐ नमोः नारायणाय॥ 2. श्री विष्णु भगवते वासुदेवाय मंत्र ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥ 3. श्री विष्णु गायत्री मंत्र ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥ 4. विष्णु शान्ताकारम मंत्र 5. मंगल श्री विष्णु मंत्र मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम्…

शांति मंत्र

|| शांति मंत्र || शांति पाठ, शांति के लिए की जाने वाली हिंदू प्रार्थना है, आमतौर पर धार्मिक पूजाओं, अनुष्ठानों और प्रवचनों के अंत में यजुर्वेद के इस शांति मंत्र का प्रयोग किया जाता है। ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: । वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा…

मंत्र पुष्पांजलि – ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त

|| मंत्र पुष्पांजलि – ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त || प्रथम: ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन् । ते ह नाकं महिमान: सचंत यत्र पूर्वे साध्या: संति देवा: ॥ द्वितीय: ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने। नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे। स मस कामान् काम कामाय मह्यं। कामेश्र्वरो वैश्रवणो ददातु कुबेराय वैश्रवणाय। महाराजाय नम: । तृतीय: ॐ स्वस्ति, साम्राज्यं भौज्यं…

श्री नृसिंह मंत्र

|| श्री नृसिंह मंत्र || ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम् । नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ॥

श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र

|| श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र || (जय) श्रीकृष्णचैतन्य प्रभु नित्यानंद । श्री अद्वैत गदाधर श्रीवासादि गौर भक्तवृंद ॥

पवमान मंत्र: ॐ असतो मा सद्गमय

|| पवमान मंत्र: ॐ असतो मा सद्गमय || ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय ॥ ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥

माता पार्वती – आरती

|| माता पार्वती – आरती || जय पार्वती माता, जय पार्वती माता ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता । ॥ जय पार्वती माता… ॥ अरिकुल कंटक नासनि, निज सेवक त्राता, जगजननी जगदम्बा, हरिहर गुण गाता । ॥ जय पार्वती माता… ॥ सिंह को वहान साजे, कुंडल है साथा, देव वधू जस गावत, नृत्य करत…