श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी – भजन
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी तर्ज – ज़िन्दगी की ना टूटे लड़ी उलझनों की ये सुलझे लड़ी, श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी || श्याम सुमिरण का धन साथ देगा, जबकि माया क्या कब रूठ जाए, एक पल का भरोसा नहीं है, सांस का तार कब टूट जाए, ज़िन्दगी मौत के दर खड़ी, श्याम…