।।माँ लक्ष्मी मंत्र।।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।
ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
एकादशाक्षर सिध्द लक्ष्मी मंत्र
।। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिध्द लक्ष्म्यै नमः ।।
माँ लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।
महालक्ष्मी मंत्र
ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
महालक्ष्मी यक्शिनीविद्य मंत्र
ॐ ह्रीं क्लीन महालक्ष्म्यै नमः ।।
माँ लक्ष्मी बीज मंत्र
।। ॐ श्रीं श्रियें नमः ।।
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
ज्येष्ठ लक्ष्मी मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्येष्ठ लक्ष्मी स्वयम्भुवे ह्रीं ज्येष्ठायै नमः ।।
श्री लक्ष्मी नृसिंह मंत्र
ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः ।
ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ।।
द्वादशाक्षर महालक्ष्मी मंत्र
।। ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौ: जगात्प्रसुत्यै नमः ।।
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