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Margashirsha Purnima Vrat – मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात करें ये 4 सरल उपाय, दूर होगी हर बाधा और मिलेगी सफलता

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हिंदू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) माह की पूर्णिमा तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक (Spiritual) दृष्टि से बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं इस माह को अपना स्वरूप बताया है, इसलिए यह माह पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और भगवान सत्यनारायण (Lord Satyanarayan) की पूजा का विशेष विधान है।

इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर होते हैं, पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन किए गए दान का फल 32 गुना अधिक मिलता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात, जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ आकाश में होता है, तब कुछ विशेष और सरल उपाय (Simple Remedies) करने से जीवन की बड़ी से बड़ी बाधाएं (Obstacles) दूर हो जाती हैं और मनोकामनाएं (Wishes) पूरी होती हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात को अवश्य करें ये 4 सरल उपाय (Must Do These 4 Simple Remedies on Margashirsha Purnima Night)

मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात को दिव्य ऊर्जा (Divine Energy) का प्रवाह अपने चरम पर होता है। यदि आप जीवन में आर्थिक तंगी (Financial Crunch), मानसिक तनाव (Mental Stress) या किसी अन्य बड़ी बाधा से जूझ रहे हैं, तो इन 4 उपायों को सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनाएं:

उपाय 1: चंद्रमा को दूध मिश्रित अर्घ्य और चंद्र बीज मंत्र का जाप

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर चंद्र देव (Moon God) की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि चंद्रमा मन और धन का कारक ग्रह माना जाता है। चंद्र देव को प्रसन्न करने से मानसिक शांति (Peace of Mind) मिलती है और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिससे आर्थिक लाभ के योग बनते हैं।

  • कैसे करें – रात के समय जब चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई दे, तब एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें। इसमें थोड़ा कच्चा दूध (Raw Milk), सफेद चंदन और कुछ सफेद फूल (White Flowers) मिला लें।
  • अर्घ्य दें – ‘ॐ सों सोमाय नमः’ या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दें।
  • मंत्र जाप – अर्घ्य देने के बाद उसी स्थान पर बैठकर कम से कम 108 बार ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः’ मंत्र का जाप करें।

लाभ (Benefit) – यह उपाय करने से मानसिक अस्थिरता (Instability) और तनाव दूर होता है। साथ ही, धन संबंधी (Money Related) समस्याओं में कमी आती है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

उपाय 2: धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का विशेष दीपक

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और माता लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) दोनों को समर्पित है। इस रात को किया गया एक सरल उपाय आपके घर में धन और वैभव (Wealth) को आकर्षित कर सकता है।

  • कैसे करें – प्रदोष काल (शाम) के बाद या रात में पूजा के समय घर के ईशान कोण (North-East Corner) में एक शुद्ध घी (Pure Ghee) का दीपक जलाएं। दीपक में लंबी बाती (Long Wick) का उपयोग करें और थोड़ा-सा केसर (Saffron) या हल्दी (Turmeric) डाल दें।
  • मंत्र पाठ – दीपक जलाते समय माता लक्ष्मी के किसी भी प्रिय मंत्र जैसे ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः’ का 11 बार जाप करें।

लाभ (Benefit) – ईशान कोण देवताओं का स्थान माना जाता है। इस उपाय से माता लक्ष्मी आकर्षित होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का संचार होता है, जिससे आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं।

उपाय 3: पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा

पीपल के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं और विशेष रूप से भगवान विष्णु का वास माना जाता है। पूर्णिमा की रात पीपल के वृक्ष से आशीर्वाद (Blessings) लेना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।

  • कैसे करें – रात के समय (कोशिश करें कि सूर्यास्त के बाद, लेकिन रात 10 बजे से पहले) पीपल के वृक्ष के नीचे एक तिल के तेल (Sesame Oil) का दीपक जलाएं।
  • परिक्रमा – दीपक जलाने के बाद पीपल के वृक्ष की 11 या 21 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करते रहें।

लाभ (Benefit) – यह उपाय आपके जीवन से हर तरह की बाधाओं और नकारात्मकता (Negativity) को दूर करता है। साथ ही, यह व्यक्ति के भाग्य (Luck) को मजबूत करता है और कार्यक्षेत्र (Career) में सफलता दिलाता है।

उपाय 4: तुलसी की जड़ की मिट्टी का उपयोग

तुलसी को माता लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा और उनकी मिट्टी का प्रयोग बहुत पवित्र और फलदायी माना जाता है।

  • कैसे करें – स्नान करते समय अपने नहाने के पानी (Bathing Water) में गंगाजल (Ganga Jal) मिलाएं और तुलसी के पौधे की जड़ की थोड़ी-सी मिट्टी (Soil) लेकर अपने माथे पर तिलक (Tilak) लगाएं।
  • पूजा – शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और 11 बार तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa) या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का पाठ करें।

लाभ (Benefit) – धार्मिक मान्यता है कि तुलसी की मिट्टी का तिलक लगाकर पवित्र नदी या घर पर ही स्नान करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और इच्छित फल (Desired Results) की प्राप्ति होती है।

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