|| नवग्रह मंत्र ||
1. सूर्य मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ ह्रीं ह्रौं सूर्याय नमः।
आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च॥
हिरण्येन सविता रक्षेन देवो यति भुवनानि पश्यन्।
सूर्यमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि, नमस्करोमि॥
2. चन्द्र मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः।
इमं देवा असपत्न ग्वं सुवध्वं महते क्षत्राय ,
महते ज्यैष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रिस्येन्द्रियाय।
इममममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोमी राजा ,
सोमोऽस्माकं ब्राह्मणाना ग्वं राजा।
चन्द्रमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि नमस्करोमि॥
3. मंगल मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ हूं श्रीं भौमाय नमः।
अग्निर्मूर्धा दिवः ककुत्पतिः पृथिव्या अयम्।
अपा ग्वं रेता ग्वं सि जिन्वति,
मंगलमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि, नमस्करोमि॥
4. बुध मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः।
उद्बुध्यास्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स ग्वं सृजेथामायं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वे देवा यजमानश्च सीदत,
बुधमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि नमस्करोमि॥
5. गुरु मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ ह्रीं क्लीं हूं बृहस्पतये नमः।
बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवसऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्,
गुरुमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि, नमस्करोमि॥
6. शुक्र मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ हरिंग श्रृंग शुक्राय नमः।
अन्नात्परिसुतो रसं ब्रह्मणा,
व्यपिवत् क्षत्रं पयः सोमं प्रजापतिः,
ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपान ग्वं,
शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोमृतं मधु।
शुक्रमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि नमस्करोमि॥
7. शनि मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः।
शं नो देवीरभिष्ठय आपो भवन्तु प्रीतये।
क्षं योरभिस्रवन्तु नः
शनिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि, नमस्करोमि॥
8. राहु मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं राहवे नम।
कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृधः सखा।
कया शचिष्ठ्या वृता,
राहुमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि नमस्करोमि॥
9. केतु मंत्र:
बीज मंत्र:
ॐ ह्रीं ऐं केतवे नमः।
केतुं कृण्वन्त्रकेतवे पेशो मर्या अपेशसे,
समुषद्भिरजायथाः।
केतुमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि, नमस्करोमि॥
Found a Mistake or Error? Report it Now