શ્રી અઘોરાષ્ટકમ્

|| શ્રી અઘોરાષ્ટકમ્ || કાલાભ્રોત્પલકાલગાત્રમનલજ્વાલોર્ધ્વકેશોજ્જ્વલં દંષ્ટ્રાદ્યસ્ફુટદોષ્ઠબિમ્બમનલજ્વાલોગ્રનેત્રત્રયમ્ . રક્તાકોરકરક્તમાલ્યરચિતં(રુચિરં)રક્તાનુલેપપ્રિયં વન્દેઽભીષ્ટફલાપ્તયેઽઙ્ઘ્રિકમલેઽઘોરાસ્ત્રમન્ત્રેશ્વરમ્ .. જઙ્ઘાલમ્બિતકિઙ્કિણીમણિગણપ્રાલમ્બિમાલાઞ્ચિતં (દક્ષાન્ત્રં)ડમરું પિશાચમનિશં શૂલં ચ મૂલં કરૈઃ . ઘણ્ટાખેટકપાલશૂલકયુતં વામસ્થિતે બિભ્રતં વન્દેઽભીષ્ટફલાપ્તયેઽઙ્ઘ્રિકમલેઽઘોરાસ્ત્રમન્ત્રેશ્વરમ્ .. નાગેન્દ્રાવૃતમૂર્ધ્નિજ(ર્ધજ) સ્થિત(શ્રુતિ)ગલશ્રીહસ્તપાદામ્બુજં શ્રીમદ્દોઃકટિકુક્ષિપાર્શ્વમભિતો નાગોપવીતાવૃતમ્ . લૂતાવૃશ્ચિકરાજરાજિતમહાહારાઙ્કિતોરસ્સ્થલં વન્દેઽભીષ્ટફલાપ્તયેઽઙ્ઘ્રિકમલેઽઘોરાસ્ત્રમન્ત્રેશ્વરમ્ .. ધૃત્વા પાશુપતાસ્ત્રનામ કૃપયા યત્કુણ્ડલિ(યત્કૃન્તતિ)પ્રાણિનાં પાશાન્યે ક્ષુરિકાસ્ત્રપાશદલિતગ્રન્થિં શિવાસ્ત્રાહ્વયં (?) . વિઘ્નાકાઙ્ક્ષિપદં પ્રસાદનિરતં સર્વાપદાં તારકં વન્દેઽભીષ્ટફલાપ્તયેઽઙ્ઘ્રિકમલેઽઘોરાસ્ત્રમન્ત્રેશ્વરમ્ .. ઘોરાઘોરતરાનનં સ્ફુટદૃશં સમ્પ્રસ્ફુરચ્છૂલકં પ્રાજ્યાં(જ્યં)નૃત્તસુરૂપકં ચટચટજ્વાલાગ્નિતેજઃકચમ્ . (જાનુભ્યાં)પ્રચટત્કૃતા(રિનિકરં)સ્ત્રગ્રુણ્ડમાલાન્વિતં વન્દેઽભીષ્ટફલાપ્તયેઽઙ્ઘ્રિકમલેઽઘોરાસ્ત્રમન્ત્રેશ્વરમ્ …..

ਸ਼੍ਰੀ ਅਘੋਰਾਸ਼਼੍ਟਕਮ੍

|| ਸ਼੍ਰੀ ਅਘੋਰਾਸ਼਼੍ਟਕਮ੍ || ਕਾਲਾਭ੍ਰੋਤ੍ਪਲਕਾਲਗਾਤ੍ਰਮਨਲਜ੍ਵਾਲੋਰ੍ਧ੍ਵਕੇਸ਼ੋੱਜ੍ਵਲੰ ਦੰਸ਼਼੍ਟ੍ਰਾਦ੍ਯਸ੍ਫੁਟਦੋਸ਼਼੍ਠਬਿਮ੍ਬਮਨਲਜ੍ਵਾਲੋਗ੍ਰਨੇਤ੍ਰਤ੍ਰਯਮ੍ । ਰਕ੍ਤਾਕੋਰਕਰਕ੍ਤਮਾਲ੍ਯਰਚਿਤੰ(ਰੁਚਿਰੰ)ਰਕ੍ਤਾਨੁਲੇਪਪ੍ਰਿਯੰ ਵਨ੍ਦੇ(ਅ)ਭੀਸ਼਼੍ਟਫਲਾਪ੍ਤਯੇ(ਅ)ਙ੍ਘ੍ਰਿਕਮਲੇ(ਅ)ਘੋਰਾਸ੍ਤ੍ਰਮਨ੍ਤ੍ਰੇਸ਼੍ਵਰਮ੍ ॥ ਜਙ੍ਘਾਲਮ੍ਬਿਤਕਿਙ੍ਕਿਣੀਮਣਿਗਣਪ੍ਰਾਲਮ੍ਬਿਮਾਲਾਞ੍ਚਿਤੰ (ਦਕ੍ਸ਼਼ਾਨ੍ਤ੍ਰੰ)ਡਮਰੁੰ ਪਿਸ਼ਾਚਮਨਿਸ਼ੰ ਸ਼ੂਲੰ ਚ ਮੂਲੰ ਕਰੈਃ । ਘਣ੍ਟਾਖੇਟਕਪਾਲਸ਼ੂਲਕਯੁਤੰ ਵਾਮਸ੍ਥਿਤੇ ਬਿਭ੍ਰਤੰ ਵਨ੍ਦੇ(ਅ)ਭੀਸ਼਼੍ਟਫਲਾਪ੍ਤਯੇ(ਅ)ਙ੍ਘ੍ਰਿਕਮਲੇ(ਅ)ਘੋਰਾਸ੍ਤ੍ਰਮਨ੍ਤ੍ਰੇਸ਼੍ਵਰਮ੍ ॥ ਨਾਗੇਨ੍ਦ੍ਰਾਵ੍ਰੁਤਮੂਰ੍ਧ੍ਨਿਜ(ਰ੍ਧਜ) ਸ੍ਥਿਤ(ਸ਼੍ਰੁਤਿ)ਗਲਸ਼੍ਰੀਹਸ੍ਤਪਾਦਾਮ੍ਬੁਜੰ ਸ਼੍ਰੀਮੱਦੋਃਕਟਿਕੁਕ੍ਸ਼਼ਿਪਾਰ੍ਸ਼੍ਵਮਭਿਤੋ ਨਾਗੋਪਵੀਤਾਵ੍ਰੁਤਮ੍ । ਲੂਤਾਵ੍ਰੁਸ਼੍ਚਿਕਰਾਜਰਾਜਿਤਮਹਾਹਾਰਾਙ੍ਕਿਤੋਰੱਸ੍ਥਲੰ ਵਨ੍ਦੇ(ਅ)ਭੀਸ਼਼੍ਟਫਲਾਪ੍ਤਯੇ(ਅ)ਙ੍ਘ੍ਰਿਕਮਲੇ(ਅ)ਘੋਰਾਸ੍ਤ੍ਰਮਨ੍ਤ੍ਰੇਸ਼੍ਵਰਮ੍ ॥ ਧ੍ਰੁਤ੍ਵਾ ਪਾਸ਼ੁਪਤਾਸ੍ਤ੍ਰਨਾਮ ਕ੍ਰੁਪਯਾ ਯਤ੍ਕੁਣ੍ਡਲਿ(ਯਤ੍ਕ੍ਰੁਨ੍ਤਤਿ)ਪ੍ਰਾਣਿਨਾਂ ਪਾਸ਼ਾਨ੍ਯੇ ਕ੍ਸ਼਼ੁਰਿਕਾਸ੍ਤ੍ਰਪਾਸ਼ਦਲਿਤਗ੍ਰਨ੍ਥਿੰ ਸ਼ਿਵਾਸ੍ਤ੍ਰਾਹ੍ਵਯੰ (?) । ਵਿਘ੍ਨਾਕਾਙ੍ਕ੍ਸ਼਼ਿਪਦੰ ਪ੍ਰਸਾਦਨਿਰਤੰ ਸਰ੍ਵਾਪਦਾਂ ਤਾਰਕੰ ਵਨ੍ਦੇ(ਅ)ਭੀਸ਼਼੍ਟਫਲਾਪ੍ਤਯੇ(ਅ)ਙ੍ਘ੍ਰਿਕਮਲੇ(ਅ)ਘੋਰਾਸ੍ਤ੍ਰਮਨ੍ਤ੍ਰੇਸ਼੍ਵਰਮ੍ ॥ ਘੋਰਾਘੋਰਤਰਾਨਨੰ ਸ੍ਫੁਟਦ੍ਰੁਸ਼ੰ ਸਮ੍ਪ੍ਰਸ੍ਫੁਰੱਛੂਲਕੰ ਪ੍ਰਾਜ੍ਯਾਂ(ਜ੍ਯੰ)ਨ੍ਰੁੱਤਸੁਰੂਪਕੰ ਚਟਚਟਜ੍ਵਾਲਾਗ੍ਨਿਤੇਜਃਕਚਮ੍ । (ਜਾਨੁਭ੍ਯਾਂ)ਪ੍ਰਚਟਤ੍ਕ੍ਰੁਤਾ(ਰਿਨਿਕਰੰ)ਸ੍ਤ੍ਰਗ੍ਰੁਣ੍ਡਮਾਲਾਨ੍ਵਿਤੰ ਵਨ੍ਦੇ(ਅ)ਭੀਸ਼਼੍ਟਫਲਾਪ੍ਤਯੇ(ਅ)ਙ੍ਘ੍ਰਿਕਮਲੇ(ਅ)ਘੋਰਾਸ੍ਤ੍ਰਮਨ੍ਤ੍ਰੇਸ਼੍ਵਰਮ੍ ॥…

শ্রী অঘোরাষ্টকম্

|| শ্রী অঘোরাষ্টকম্ || কালাভ্রোৎপলকালগাত্রমনলজ্বালোর্ধ্বকেশোজ্জ্বলং দংষ্ট্রাদ্যস্ফুটদোষ্ঠবিম্বমনলজ্বালোগ্রনেত্রত্রয়ম্ । রক্তাকোরকরক্তমাল্যরচিতং(রুচিরং)রক্তানুলেপপ্রিয়ং বন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্রিকমলেঽঘোরাস্ত্রমন্ত্রেশ্বরম্ ॥ জঙ্ঘালম্বিতকিঙ্কিণীমণিগণপ্রালম্বিমালাঞ্চিতং (দক্ষান্ত্রং)ডমরুং পিশাচমনিশং শূলং চ মূলং করৈঃ । ঘণ্টাখেটকপালশূলকয়ুতং বামস্থিতে বিভ্রতং বন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্রিকমলেঽঘোরাস্ত্রমন্ত্রেশ্বরম্ ॥ নাগেন্দ্রাবৃতমূর্ধ্নিজ(র্ধজ) স্থিত(শ্রুতি)গলশ্রীহস্তপাদাম্বুজং শ্রীমদ্দোঃকটিকুক্ষিপার্শ্বমভিতো নাগোপবীতাবৃতম্ । লূতাবৃশ্চিকরাজরাজিতমহাহারাঙ্কিতোরস্স্থলং বন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্রিকমলেঽঘোরাস্ত্রমন্ত্রেশ্বরম্ ॥ ধৃত্বা পাশুপতাস্ত্রনাম কৃপয়া যৎকুণ্ডলি(যৎকৃন্ততি)প্রাণিনাং পাশান্যে ক্ষুরিকাস্ত্রপাশদলিতগ্রন্থিং শিবাস্ত্রাহ্বয়ং (?) । বিঘ্নাকাঙ্ক্ষিপদং প্রসাদনিরতং সর্বাপদাং তারকং বন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্রিকমলেঽঘোরাস্ত্রমন্ত্রেশ্বরম্ ॥ ঘোরাঘোরতরাননং স্ফুটদৃশং সম্প্রস্ফুরচ্ছূলকং প্রাজ্যাং(জ্যং)নৃত্তসুরূপকং চটচটজ্বালাগ্নিতেজঃকচম্ । (জানুভ্যাং)প্রচটৎকৃতা(রিনিকরং)স্ত্রগ্রুণ্ডমালান্বিতং বন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্রিকমলেঽঘোরাস্ত্রমন্ত্রেশ্বরম্ ॥…

শ্ৰী অঘোৰাষ্টকম্

|| শ্ৰী অঘোৰাষ্টকম্ || কালাভ্ৰোৎপলকালগাত্ৰমনলজ্ৱালোৰ্ধ্ৱকেশোজ্জ্ৱলং দংষ্ট্ৰাদ্যস্ফুটদোষ্ঠবিম্বমনলজ্ৱালোগ্ৰনেত্ৰত্ৰয়ম্ । ৰক্তাকোৰকৰক্তমাল্যৰচিতং(ৰুচিৰং)ৰক্তানুলেপপ্ৰিয়ং ৱন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্ৰিকমলেঽঘোৰাস্ত্ৰমন্ত্ৰেশ্ৱৰম্ ॥ জঙ্ঘালম্বিতকিঙ্কিণীমণিগণপ্ৰালম্বিমালাঞ্চিতং (দক্ষান্ত্ৰং)ডমৰুং পিশাচমনিশং শূলং চ মূলং কৰৈঃ । ঘণ্টাখেটকপালশূলকয়ুতং ৱামস্থিতে বিভ্ৰতং ৱন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্ৰিকমলেঽঘোৰাস্ত্ৰমন্ত্ৰেশ্ৱৰম্ ॥ নাগেন্দ্ৰাৱৃতমূৰ্ধ্নিজ(ৰ্ধজ) স্থিত(শ্ৰুতি)গলশ্ৰীহস্তপাদাম্বুজং শ্ৰীমদ্দোঃকটিকুক্ষিপাৰ্শ্ৱমভিতো নাগোপৱীতাৱৃতম্ । লূতাৱৃশ্চিকৰাজৰাজিতমহাহাৰাঙ্কিতোৰস্স্থলং ৱন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্ৰিকমলেঽঘোৰাস্ত্ৰমন্ত্ৰেশ্ৱৰম্ ॥ ধৃত্ৱা পাশুপতাস্ত্ৰনাম কৃপয়া যৎকুণ্ডলি(যৎকৃন্ততি)প্ৰাণিনাং পাশান্যে ক্ষুৰিকাস্ত্ৰপাশদলিতগ্ৰন্থিং শিৱাস্ত্ৰাহ্ৱয়ং (?) । ৱিঘ্নাকাঙ্ক্ষিপদং প্ৰসাদনিৰতং সৰ্ৱাপদাং তাৰকং ৱন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্ৰিকমলেঽঘোৰাস্ত্ৰমন্ত্ৰেশ্ৱৰম্ ॥ ঘোৰাঘোৰতৰাননং স্ফুটদৃশং সম্প্ৰস্ফুৰচ্ছূলকং প্ৰাজ্যাং(জ্যং)নৃত্তসুৰূপকং চটচটজ্ৱালাগ্নিতেজঃকচম্ । (জানুভ্যাং)প্ৰচটৎকৃতা(ৰিনিকৰং)স্ত্ৰগ্ৰুণ্ডমালান্ৱিতং ৱন্দেঽভীষ্টফলাপ্তয়েঽঙ্ঘ্ৰিকমলেঽঘোৰাস্ত্ৰমন্ত্ৰেশ্ৱৰম্ ॥…

श्री गोवर्धन महाराज आरती

|| श्री गोवर्धन महाराज आरती || श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तेरे गले में कंठा साज रेहेओ, ठोड़ी पे हीरा लाल। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ, तेरी…

माँ सरस्वती जी – आरती

|| माँ सरस्वती जी – आरती || जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन…

श्री रामायण जी आरती

|| श्री रामायण जी आरती || आरती श्री रामायण जी की । कीरति कलित ललित सिय पी की ॥ गावत ब्रहमादिक मुनि नारद । बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥ शुक सनकादिक शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ ॥ आरती श्री रामायण जी की..॥ गावत बेद पुरान अष्टदस । छओं शास्त्र सब ग्रंथन को…

श्री भागवत भगवान की है आरती

|| श्री भागवत भगवान की है आरती || श्री भगवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जलाने वाला। हरि नाम यही हरि धाम यही, यही जग मंगल की आरती पापियों को पाप से है तारती॥ ॥ श्री भगवत भगवान…

संकटा माता आरती

|| संकटा माता आरती || जय जय संकटा भवानी, करहूं आरती तेरी । शरण पड़ी हूँ तेरी माता, अरज सुनहूं अब मेरी ॥ जय जय संकटा भवानी..॥ नहिं कोउ तुम समान जग दाता, सुर-नर-मुनि सब टेरी । कष्ट निवारण करहु हमारा, लावहु तनिक न देरी ॥ जय जय संकटा भवानी..॥ काम-क्रोध अरु लोभन के वश…

आरती: श्री राणी सती दादी जी

|| आरती: श्री राणी सती दादी जी || ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता । अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती ॥ ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥ अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा । दुर्जन दलन खडग की, विद्युतसम प्रतिभा ॥ ॐ…

आरती: माँ महाकाली

|| आरती: माँ महाकाली || जय काली माता, माँ जय महा काली माँ। रतबीजा वध कारिणी माता। सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥ दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि। मधु और कैितभा नासिनी माता। महेशासुर मारदिनी, ओ माता जय महा काली माँ॥ हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्ठि। काल विनासिनी…

अन्नपूर्णा आरती

|| अन्नपूर्णा आरती || बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम । सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया…

आरती: ॐ जय महावीर प्रभु

|| आरती: ॐ जय महावीर प्रभु || ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर अवतारी, चांदनपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभु ॥ सिध्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी । बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तप धारी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी । माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥…

Sheetla Mata Ki Aarti

|| Sheetla Mata Ki Aarti || Jai Sheetala Mata, Maiya Jai Sheetala Mata। Aadi Jyoti Maharani, Sab Phal Ki Data॥ ॥ Jai Sheetala Mata…॥ Ratan Sinhasan Shobhit, Shvet Chhatr Bhata। Rddhi-Siddhi Chanvar Dhulaven, Jagamag Chhavi Chhata॥ ॥ Jai Sheetala Mata…॥ Vishnu Sevat Thadhe, Seven Shiv Dhata। Ved Puran Varanat, Paar Nahin Pata॥ ॥ Jai Sheetala…

शीतला माता की आरती

|| शीतला माता की आरती || जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता । आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥ ॐ जय शीतला माता..॥ रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता । ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें, जगमग छवि छाता ॥ ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता । विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता…

Bhairav Aarti

|| Bhairav Aarti || Jai Bhairav Deva, Prabhu Jai Bhairav Deva। Jai Kali Aur Gaura devi Karat Seva॥ ॥Jai Bhairav Deva…॥ Tumhi Aap Uddharak, Dukh Sindhu Taarak। Bhakto Ke Sukh Karak, Bheeshan Vapu Dharak॥ ॥Jai Bhairav Deva…॥ Vaahan Shvaan Viraajat, Kar Trishul Dhari। Mahima Amit Tumhari, Jai Jai Bhayahari॥ ॥Jai Bhairav Deva…॥ Tum Bin Devaa…

भैरव आरती

|| भैरव आरती || ॥ श्री भैरव देव जी आरती ॥ जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥ ॥ जय भैरव देवा…॥ तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक । भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥ ॥ जय भैरव देवा…॥ वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल…

ओम जय कैला रानी – कैला माता आरती

|| ओम जय कैला रानी – कैला माता आरती || ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी । ज्योति अखंड दिये माँ तुम सब जगजानी ॥ तुम हो शक्ति भवानी मन वांछित फल दाता ॥ मैया मन वांछित फल दाता ॥ अद्भुत रूप अलौकिक सदानन्द माता ॥ ॐ जय कैला रानी। गिरि त्रिकूट पर…

आरती: श्री रामचंद्र जी

|| आरती: श्री रामचंद्र जी || श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से की जाने वाली आरती। आरती कीजै रामचन्द्र जी की। हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥ पहली आरती पुष्पन की माला। काली नाग नाथ लाये गोपाला॥ दूसरी आरती देवकी नन्दन। भक्त उबारन कंस निकन्दन॥ तीसरी…

श्री सूर्य देव आरती: जय जय रविदेव

|| श्री सूर्य देव आरती: जय जय रविदेव || जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव । रजनीपति मदहारी, शतलद जीवन दाता ॥ पटपद मन मदुकारी, हे दिनमण दाता । जग के हे रविदेव, जय जय जय स्वदेव ॥ नभ मंडल के वाणी, ज्योति प्रकाशक देवा । निजजन हित सुखराशी, तेरी हम सब सेवा…

श्री जगन्नाथ संध्या आरती

|| श्री जगन्नाथ संध्या आरती || अनंत रूप अन्नांत नाम अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्ववयापका नारायाणा विस्ववयापका नारायाणा विस्वा तेजसा प्रज्ञा स्वरूपा विस्वा…

भगवद्‍ गीता आरती

|| भगवद्‍ गीता आरती || जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते । हरि-हिय-कमल-विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा । तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म परा ॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि, निर्मल मलहारी । शरण-सहस्य-प्रदायिनि, सब विधि सुखकारी ॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि, कारिणि मोद सदा । भव-भय-हारिणि, तारिणि परमानन्दप्रदा ॥ जय भगवद् गीते…॥ आसुर-भाव-विनाशिनि, नाशिनि तम रजनी…

बाबा गोरखनाथ आरती

|| बाबा गोरखनाथ आरती || जय गोरख देवा, जय गोरख देवा । कर कृपा मम ऊपर, नित्य करूँ सेवा ॥ शीश जटा अति सुंदर, भाल चन्द्र सोहे । कानन कुंडल झलकत, निरखत मन मोहे ॥ गल सेली विच नाग सुशोभित, तन भस्मी धारी । आदि पुरुष योगीश्वर, संतन हितकारी ॥ नाथ नरंजन आप ही, घट…

नर्मदा आरती

|| नर्मदा आरती || ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हर‍ि शंकर, रुद्रौ पालन्ती ॥ ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी । सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि… शारद पदवाचन्ती । ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती।…

तुकाराम आरती

|| तुकाराम आरती || आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम ॥ सच्चिदानंद मूर्ती । पाय दाखवी आम्हा ॥ आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम ॥ सच्चिदानंद मूर्ती । पाय दाखवी आम्हा ॥ राघवे सागरात । पाषाण तारीले ॥ तैसे हें तुकोबाचे । अभंग उदकी रक्षिले ॥ आरती तुकाराम ॥ आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम…

श्री सीता आरती

|| श्री सीता आरती || आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त…

श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती

|| श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती || चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ जन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥ ॥ भोली माँ ॥ सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥ ॥ भोली माँ ॥ एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, तीजे त्रिशूल सम्भालो…

माँ कालरात्रि की आरती

|| माँ कालरात्रि की आरती || कालरात्रि जय-जय-महाकाली । काल के मुह से बचाने वाली ॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा । महाचंडी तेरा अवतार ॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा । महाकाली है तेरा पसारा ॥ खडग खप्पर रखने वाली । दुष्टों का लहू चखने वाली ॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा । सब जगह देखूं तेरा…

रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती

|| रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती || आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥ दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥ अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥ निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥ हरण शोक-भय दायक नव निधि, माया रहित दिव्य…

जगन्नाथ मंगल आरती

|| जगन्नाथ मंगल आरती || आरती श्री जगन्नाथ आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी, अगर कपूर बाटी भव से धारी, आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी, झांझ या मृदंग…

भारत माता की आरती

|| भारत माता की आरती || आरती भारत माता की, जगत के भाग्य विधाता की । आरती भारत माता की, ज़गत के भाग्य विधाता की । सिर पर हिम गिरिवर सोहै, चरण को रत्नाकर धोए, देवता गोदी में सोए, रहे आनंद, हुए न द्वन्द, समर्पित छंद, बोलो जय बुद्धिप्रदाता की, जगत के भाग्य विधाता की…

অর্ধনারীশ্বর স্তুতি

|| অর্ধনারীশ্বর স্তুতি || ॥ শ্রীঃ ॥ বন্দেমহ্যমলময়ূখমৌলিরত্নং দেবস্য প্রকটিতসর্বমঙ্গলাখ্যম্ । অন্যোন্যং সদৃশমহীনকঙ্কণাঙ্কং দেহার্ধদ্বিতয়মুমার্ধরুদ্ধমূর্তেঃ ॥ তদ্বন্দ্বে গিরিপতিপুত্রিকার্ধমিশ্রং শ্রৈকণ্ঠং বপুরপুনর্ভবায় যত্র । বক্ত্রেন্দোর্ঘটয়তি খণ্ডিতস্য দেব্যা সাধর্ম্যং মুকুটগতো মৃগাঙ্কখণ্ডঃ ॥ একত্র স্ফটিকশিলামলং যদর্ধে প্রত্যগ্রদ্রুতকনকোজ্জ্বলং পরত্র । বালার্কদ্যুতিভরপিঞ্জরৈকভাগ- প্রালেয়ক্ষিতিধরশৃঙ্গভঙ্গিমেতি ॥ যত্রৈকং চকিতকুরঙ্গভঙ্গি চক্ষুঃ প্রোন্মীলৎকুচকলশোপশোভি বক্ষঃ । মধ্যং চ ঋশিমসমেতমুত্তমাঙ্গং ভৃঙ্গালীরুচিকচসঞ্চয়াঞ্চিতং চ ॥ স্রাভোগং ঘননিবিডং নিতম্ববিম্বং পাদোঽপি স্ফুটমণিনূপুরাভিরামঃ ।…

અર્ધનારીશ્વર સ્તુતિ

|| અર્ધનારીશ્વર સ્તુતિ || .. શ્રીઃ .. વન્દેમહ્યમલમયૂખમૌલિરત્નં દેવસ્ય પ્રકટિતસર્વમઙ્ગલાખ્યમ્ . અન્યોન્યં સદૃશમહીનકઙ્કણાઙ્કં દેહાર્ધદ્વિતયમુમાર્ધરુદ્ધમૂર્તેઃ .. તદ્વન્દ્વે ગિરિપતિપુત્રિકાર્ધમિશ્રં શ્રૈકણ્ઠં વપુરપુનર્ભવાય યત્ર . વક્ત્રેન્દોર્ઘટયતિ ખણ્ડિતસ્ય દેવ્યા સાધર્મ્યં મુકુટગતો મૃગાઙ્કખણ્ડઃ .. એકત્ર સ્ફટિકશિલામલં યદર્ધે પ્રત્યગ્રદ્રુતકનકોજ્જ્વલં પરત્ર . બાલાર્કદ્યુતિભરપિઞ્જરૈકભાગ- પ્રાલેયક્ષિતિધરશૃઙ્ગભઙ્ગિમેતિ .. યત્રૈકં ચકિતકુરઙ્ગભઙ્ગિ ચક્ષુઃ પ્રોન્મીલત્કુચકલશોપશોભિ વક્ષઃ . મધ્યં ચ ઋશિમસમેતમુત્તમાઙ્ગં ભૃઙ્ગાલીરુચિકચસઞ્ચયાઞ્ચિતં ચ .. સ્રાભોગં ઘનનિબિડં નિતમ્બબિમ્બં પાદોઽપિ સ્ફુટમણિનૂપુરાભિરામઃ ….

ಅರ್ಧನಾರೀಶ್ವರ ಸ್ತುತಿ

|| ಅರ್ಧನಾರೀಶ್ವರ ಸ್ತುತಿ || .. ಶ್ರೀಃ .. ವಂದೇಮಹ್ಯಮಲಮಯೂಖಮೌಲಿರತ್ನಂ ದೇವಸ್ಯ ಪ್ರಕಟಿತಸರ್ವಮಂಗಲಾಖ್ಯಂ . ಅನ್ಯೋನ್ಯಂ ಸದೃಶಮಹೀನಕಂಕಣಾಂಕಂ ದೇಹಾರ್ಧದ್ವಿತಯಮುಮಾರ್ಧರುದ್ಧಮೂರ್ತೇಃ .. ತದ್ವಂದ್ವೇ ಗಿರಿಪತಿಪುತ್ರಿಕಾರ್ಧಮಿಶ್ರಂ ಶ್ರೈಕಂಠಂ ವಪುರಪುನರ್ಭವಾಯ ಯತ್ರ . ವಕ್ತ್ರೇಂದೋರ್ಘಟಯತಿ ಖಂಡಿತಸ್ಯ ದೇವ್ಯಾ ಸಾಧರ್ಮ್ಯಂ ಮುಕುಟಗತೋ ಮೃಗಾಂಕಖಂಡಃ .. ಏಕತ್ರ ಸ್ಫಟಿಕಶಿಲಾಮಲಂ ಯದರ್ಧೇ ಪ್ರತ್ಯಗ್ರದ್ರುತಕನಕೋಜ್ಜ್ವಲಂ ಪರತ್ರ . ಬಾಲಾರ್ಕದ್ಯುತಿಭರಪಿಂಜರೈಕಭಾಗ- ಪ್ರಾಲೇಯಕ್ಷಿತಿಧರಶೃಂಗಭಂಗಿಮೇತಿ .. ಯತ್ರೈಕಂ ಚಕಿತಕುರಂಗಭಂಗಿ ಚಕ್ಷುಃ ಪ್ರೋನ್ಮೀಲತ್ಕುಚಕಲಶೋಪಶೋಭಿ ವಕ್ಷಃ . ಮಧ್ಯಂ ಚ ಋಶಿಮಸಮೇತಮುತ್ತಮಾಂಗಂ ಭೃಂಗಾಲೀರುಚಿಕಚಸಂಚಯಾಂಚಿತಂ ಚ .. ಸ್ರಾಭೋಗಂ ಘನನಿಬಿಡಂ ನಿತಂಬಬಿಂಬಂ ಪಾದೋಽಪಿ ಸ್ಫುಟಮಣಿನೂಪುರಾಭಿರಾಮಃ ….

ಕಾಳಿ ಮಾತಾ ಆರತಿ

|| ಕಾಳಿ ಮಾತಾ ಆರತಿ || ಅಂಬೆ ತೂ ಹೈ ಜಗದಂಬೆ ಕಾಳಿ, ಜೈ ದುರ್ಗೇ ಖಪ್ಪರ ವಾಲಿ. ಭಾರತಿ ನಿನ್ನನ್ನು ಹಾಡಿ ಹೊಗಳುತ್ತಾಳೆ, ಓ ತಾಯಿ, ನಾವೆಲ್ಲರೂ ನಿನ್ನ ಆರತಿಯನ್ನು ಮಾಡೋಣ || ತಾಯಿ, ನಿನ್ನ ಭಕ್ತರ ಮೇಲೆ ಜನಜಂಗುಳಿ ಅಧಿಕವಾಗಿದೆ. ತಾಯೀ ರಾಕ್ಷಸ ತಂಡದ ಮೇಲೆ ಮುರಿದು ಸಿಂಹ ಸವಾರಿ || ನೀವು ನೂರು ಸಿಂಹಗಳಿಗಿಂತ ಬಲಶಾಲಿಗಳು, ಹತ್ತು ತೋಳುಗಳು. ಓ ತಾಯಿ, ನಾವೆಲ್ಲರೂ ನಿನ್ನ ಆರತಿಯನ್ನು ಮಾಡೋಣ || ತಾಯಿ ಮತ್ತು ಮಗ…

काली माता की आरती

|| काली माता की आरती || अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली | तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती || तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी | दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ||…

ഷിരിഡി സായി ബാബാ രാത്രികാല ആരതി

|| ഷിരിഡി സായി ബാബാ രാത്രികാല ആരതി || ശ്രീ സച്ചിദാനംദ സമര്ധ സദ്ഗുരു സായിനാധ മഹരാജ് കീ ജൈ. ഓവാലു ആരതീ മാഝ്യാ സദ്ഗുരുനാധാ മാഝ്യാ സായിനാധാ। പാംചാഹീ തത്ത്വംചാ ദീപ ലാവിലാ ആതാ നിര്ഗുണാതീസ്ധതി കൈസീ ആകാരാ ആലീബാബാ ആകാരാ ആലീ സര്വാഘടി ഭരൂനീ ഉരലീസായിമാവുലീ ഓവാലു ആരതീ മാഝ്യാ സദ്ഗുരുനാധാ മാഝ്യാ സായിനാധാ। പാംചാഹീ തത്ത്വംചാ ദീപ ലാവിലാ ആതാ രജതമ സത്ത്വ തിഘേ മായാപ്രസവലീബാബാമായാ പ്രസവലീ മായേചിയേ പോടീകൈസീ മായാ ഉദ്ഭവലീ…

ਅਰ੍ਧਨਾਰੀਸ਼੍ਵਰ ਸ੍ਤੁਤਿ

|| ਅਰ੍ਧਨਾਰੀਸ਼੍ਵਰ ਸ੍ਤੁਤਿ || ॥ ਸ਼੍ਰੀਃ ॥ ਵਨ੍ਦੇਮਹ੍ਯਮਲਮਯੂਖਮੌਲਿਰਤ੍ਨੰ ਦੇਵਸ੍ਯ ਪ੍ਰਕਟਿਤਸਰ੍ਵਮਙ੍ਗਲਾਖ੍ਯਮ੍ । ਅਨ੍ਯੋਨ੍ਯੰ ਸਦ੍ਰੁਸ਼ਮਹੀਨਕਙ੍ਕਣਾਙ੍ਕੰ ਦੇਹਾਰ੍ਧਦ੍ਵਿਤਯਮੁਮਾਰ੍ਧਰੁੱਧਮੂਰ੍ਤੇਃ ॥ ਤਦ੍ਵਨ੍ਦ੍ਵੇ ਗਿਰਿਪਤਿਪੁਤ੍ਰਿਕਾਰ੍ਧਮਿਸ਼੍ਰੰ ਸ਼੍ਰੈਕਣ੍ਠੰ ਵਪੁਰਪੁਨਰ੍ਭਵਾਯ ਯਤ੍ਰ । ਵਕ੍ਤ੍ਰੇਨ੍ਦੋਰ੍ਘਟਯਤਿ ਖਣ੍ਡਿਤਸ੍ਯ ਦੇਵ੍ਯਾ ਸਾਧਰ੍ਮ੍ਯੰ ਮੁਕੁਟਗਤੋ ਮ੍ਰੁਗਾਙ੍ਕਖਣ੍ਡਃ ॥ ਏਕਤ੍ਰ ਸ੍ਫਟਿਕਸ਼ਿਲਾਮਲੰ ਯਦਰ੍ਧੇ ਪ੍ਰਤ੍ਯਗ੍ਰਦ੍ਰੁਤਕਨਕੋੱਜ੍ਵਲੰ ਪਰਤ੍ਰ । ਬਾਲਾਰ੍ਕਦ੍ਯੁਤਿਭਰਪਿਞ੍ਜਰੈਕਭਾਗ- ਪ੍ਰਾਲੇਯਕ੍ਸ਼਼ਿਤਿਧਰਸ਼੍ਰੁਙ੍ਗਭਙ੍ਗਿਮੇਤਿ ॥ ਯਤ੍ਰੈਕੰ ਚਕਿਤਕੁਰਙ੍ਗਭਙ੍ਗਿ ਚਕ੍ਸ਼਼ੁਃ ਪ੍ਰੋਨ੍ਮੀਲਤ੍ਕੁਚਕਲਸ਼ੋਪਸ਼ੋਭਿ ਵਕ੍ਸ਼਼ਃ । ਮਧ੍ਯੰ ਚ ਰੁਸ਼ਿਮਸਮੇਤਮੁੱਤਮਾਙ੍ਗੰ ਭ੍ਰੁਙ੍ਗਾਲੀਰੁਚਿਕਚਸਞ੍ਚਯਾਞ੍ਚਿਤੰ ਚ ॥ ਸ੍ਰਾਭੋਗੰ ਘਨਨਿਬਿਡੰ ਨਿਤਮ੍ਬਬਿਮ੍ਬੰ ਪਾਦੋ(ਅ)ਪਿ ਸ੍ਫੁਟਮਣਿਨੂਪੁਰਾਭਿਰਾਮਃ ।…

साई बाबा रात्रिकाल आरति

|| साई बाबा रात्रिकाल आरति || श्री सच्चिदानंद समर्ध सद्गुरु सायिनाध महराज् की जै. ओवालु आरती माझ्या सद्गुरुनाधा माझ्या सायिनाधा। पांचाही तत्त्वंचा दीप लाविला आता निर्गुणातीस्धति कैसी आकारा आलीबाबा आकारा आली सर्वाघटि भरूनी उरलीसायिमावुली ओवालु आरती माझ्या सद्गुरुनाधा माझ्या सायिनाधा। पांचाही तत्त्वंचा दीप लाविला आता रजतम सत्त्व तिघे मायाप्रसवलीबाबामाया प्रसवली मायेचिये पोटीकैसी माया उद्भवली ओवालु…

સાઈ બાબા રાત્રિકાલ આરતિ

|| સાઈ બાબા રાત્રિકાલ આરતિ || શ્રી સચ્ચિદાનંદ સમર્ધ સદ્ગુરુ સાયિનાધ મહરાજ્ કી જૈ. ઓવાળુ આરતી માઝ્યા સદ્ગુરુનાધા માઝ્યા સાયિનાધા। પાંચાહી તત્ત્વંચા દીપ લાવિલા આતા નિર્ગુણાતીસ્ધતિ કૈસી આકારા આલીબાબા આકારા આલી સર્વાઘટિ ભરૂની ઉરલીસાયિમાવુલી ઓવાળુ આરતી માઝ્યા સદ્ગુરુનાધા માઝ્યા સાયિનાધા। પાંચાહી તત્ત્વંચા દીપ લાવિલા આતા રજતમ સત્ત્વ તિઘે માયાપ્રસવલીબાબામાયા પ્રસવલી માયેચિયે પોટીકૈસી માયા ઉદ્ભવલી ઓવાળુ…

അർധനാരീശ്വര സ്തുതി

|| അർധനാരീശ്വര സ്തുതി || .. ശ്രീഃ .. വന്ദേമഹ്യമലമയൂഖമൗലിരത്നം ദേവസ്യ പ്രകടിതസർവമംഗലാഖ്യം . അന്യോന്യം സദൃശമഹീനകങ്കണാങ്കം ദേഹാർധദ്വിതയമുമാർധരുദ്ധമൂർതേഃ .. തദ്വന്ദ്വേ ഗിരിപതിപുത്രികാർധമിശ്രം ശ്രൈകണ്ഠം വപുരപുനർഭവായ യത്ര . വക്ത്രേന്ദോർഘടയതി ഖണ്ഡിതസ്യ ദേവ്യാ സാധർമ്യം മുകുടഗതോ മൃഗാങ്കഖണ്ഡഃ .. ഏകത്ര സ്ഫടികശിലാമലം യദർധേ പ്രത്യഗ്രദ്രുതകനകോജ്ജ്വലം പരത്ര . ബാലാർകദ്യുതിഭരപിഞ്ജരൈകഭാഗ- പ്രാലേയക്ഷിതിധരശൃംഗഭംഗിമേതി .. യത്രൈകം ചകിതകുരംഗഭംഗി ചക്ഷുഃ പ്രോന്മീലത്കുചകലശോപശോഭി വക്ഷഃ . മധ്യം ച ഋശിമസമേതമുത്തമാംഗം ഭൃംഗാലീരുചികചസഞ്ചയാഞ്ചിതം ച .. സ്രാഭോഗം ഘനനിബിഡം നിതംബബിംബം പാദോഽപി സ്ഫുടമണിനൂപുരാഭിരാമഃ ….

साईं बाबा रात्रिकाल आरती

|| साईं बाबा आरती || श्री सच्चिदानंद समर्ध सद्गुरु सायिनाध महराज् की जै. ओवालु आरती माझ्या सद्गुरुनाधा माझ्या सायिनाधा। पांचाही तत्त्वंचा दीप लाविला आता निर्गुणातीस्धति कैसी आकारा आलीबाबा आकारा आली सर्वाघटि भरूनी उरलीसायिमावुली ओवालु आरती माझ्या सद्गुरुनाधा माझ्या सायिनाधा। पांचाही तत्त्वंचा दीप लाविला आता रजतम सत्त्व तिघे मायाप्रसवलीबाबामाया प्रसवली मायेचिये पोटीकैसी माया उद्भवली ओवालु आरती…

శివ ఆరతీ

|| శివ ఆరతీ || సర్వేశం పరమేశం శ్రీపార్వతీశం వందేఽహం విశ్వేశం శ్రీపన్నగేశమ్ । శ్రీసాంబం శంభుం శివం త్రైలోక్యపూజ్యం వందేఽహం త్రైనేత్రం శ్రీకంఠమీశమ్ ॥ 1॥ భస్మాంబరధరమీశం సురపారిజాతం బిల్వార్చితపదయుగలం సోమం సోమేశమ్ । జగదాలయపరిశోభితదేవం పరమాత్మం వందేఽహం శివశంకరమీశం దేవేశమ్ ॥ 2॥ కైలాసప్రియవాసం కరుణాకరమీశం కాత్యాయనీవిలసితప్రియవామభాగమ్ । ప్రణవార్చితమాత్మార్చితం సంసేవితరూపం వందేఽహం శివశంకరమీశం దేవేశమ్ ॥ 3॥ మన్మథనిజమదదహనం దాక్షాయనీశం నిర్గుణగుణసంభరితం కైవల్యపురుషమ్ । భక్తానుగ్రహవిగ్రహమానందజైకం వందేఽహం శివశంకరమీశం దేవేశమ్ ॥ 4॥…

अर्धनारीश्वर स्तुति

|| अर्धनारीश्वर स्तुति || ॥ श्रीः ॥ वन्देमह्यमलमयूखमौलिरत्नं देवस्य प्रकटितसर्वमङ्गलाख्यम् । अन्योन्यं सदृशमहीनकङ्कणाङ्कं देहार्धद्वितयमुमार्धरुद्धमूर्तेः ॥ तद्वन्द्वे गिरिपतिपुत्रिकार्धमिश्रं श्रैकण्ठं वपुरपुनर्भवाय यत्र । वक्त्रेन्दोर्घटयति खण्डितस्य देव्या साधर्म्यं मुकुटगतो मृगाङ्कखण्डः ॥ एकत्र स्फटिकशिलामलं यदर्धे प्रत्यग्रद्रुतकनकोज्ज्वलं परत्र । बालार्कद्युतिभरपिञ्जरैकभाग- प्रालेयक्षितिधरश‍ृङ्गभङ्गिमेति ॥ यत्रैकं चकितकुरङ्गभङ्गि चक्षुः प्रोन्मीलत्कुचकलशोपशोभि वक्षः । मध्यं च ऋशिमसमेतमुत्तमाङ्गं भृङ्गालीरुचिकचसञ्चयाञ्चितं च ॥ स्राभोगं घननिबिडं नितम्बबिम्बं पादोऽपि स्फुटमणिनूपुराभिरामः ।…

शिव आरती

|| शिव आरती || सर्वेशं परमेशं श्रीपार्वतीशं वन्देऽहं विश्वेशं श्रीपन्नगेशम् । श्रीसाम्बं शम्भुं शिवं त्रैलोक्यपूज्यं वन्देऽहं त्रैनेत्रं श्रीकण्ठमीशम् ॥ 1॥ भस्माम्बरधरमीशं सुरपारिजातं बिल्वार्चितपदयुगलं सोमं सोमेशम् । जगदालयपरिशोभितदेवं परमात्मं वन्देऽहं शिवशङ्करमीशं देवेशम् ॥ 2॥ कैलासप्रियवासं करुणाकरमीशं कात्यायनीविलसितप्रियवामभागम् । प्रणवार्चितमात्मार्चितं संसेवितरूपं वन्देऽहं शिवशङ्करमीशं देवेशम् ॥ 3॥ मन्मथनिजमददहनं दाक्षायनीशं निर्गुणगुणसम्भरितं कैवल्यपुरुषम् । भक्तानुग्रहविग्रहमानन्दजैकं वन्देऽहं शिवशङ्करमीशं देवेशम् ॥ 4॥…

ശിവ ആരതീ

|| ശിവ ആരതീ || സര്വേശം പരമേശം ശ്രീപാര്വതീശം വംദേഽഹം വിശ്വേശം ശ്രീപന്നഗേശമ് । ശ്രീസാംബം ശംഭും ശിവം ത്രൈലോക്യപൂജ്യം വംദേഽഹം ത്രൈനേത്രം ശ്രീകംഠമീശമ് ॥ 1॥ ഭസ്മാംബരധരമീശം സുരപാരിജാതം ബില്വാര്ചിതപദയുഗലം സോമം സോമേശമ് । ജഗദാലയപരിശോഭിതദേവം പരമാത്മം വംദേഽഹം ശിവശംകരമീശം ദേവേശമ് ॥ 2॥ കൈലാസപ്രിയവാസം കരുണാകരമീശം കാത്യായനീവിലസിതപ്രിയവാമഭാഗമ് । പ്രണവാര്ചിതമാത്മാര്ചിതം സംസേവിതരൂപം വംദേഽഹം ശിവശംകരമീശം ദേവേശമ് ॥ 3॥ മന്മഥനിജമദദഹനം ദാക്ഷായനീശം നിര്ഗുണഗുണസംഭരിതം കൈവല്യപുരുഷമ് । ഭക്താനുഗ്രഹവിഗ്രഹമാനംദജൈകം വംദേഽഹം ശിവശംകരമീശം ദേവേശമ് ॥ 4॥…

শিৱ আরতি

|| শিৱ আরতি || সর্বেশং পরমেশং শ্রীপার্বতীশং বংদেঽহং বিশ্বেশং শ্রীপন্নগেশম্ । শ্রীসাংবং শংভুং শিবং ত্রৈলোক্যপূজ্যং বংদেঽহং ত্রৈনেত্রং শ্রীকংঠমীশম্ ॥ 1॥ ভস্মাংবরধরমীশং সুরপারিজাতং বিল্বার্চিতপদযুগলং সোমং সোমেশম্ । জগদালযপরিশোভিতদেবং পরমাত্মং বংদেঽহং শিবশংকরমীশং দেবেশম্ ॥ 2॥ কৈলাসপ্রিযবাসং করুণাকরমীশং কাত্যাযনীবিলসিতপ্রিযবামভাগম্ । প্রণবার্চিতমাত্মার্চিতং সংসেবিতরূপং বংদেঽহং শিবশংকরমীশং দেবেশম্ ॥ 3॥ মন্মথনিজমদদহনং দাক্ষাযনীশং নির্গুণগুণসংভরিতং কৈবল্যপুরুষম্ । ভক্তানুগ্রহবিগ্রহমানংদজৈকং বংদেঽহং শিবশংকরমীশং দেবেশম্ ॥ 4॥…

ॐ जय शिव ओंकारा आरती

|| ॐ जय शिव ओंकारा आरती || ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी हर शिव ओंकारा ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अर्ध्नागी धारा ॐ जय शिव ओंकारा. एकानन चतुरानन पंचांनन राजे हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे ॐ जय शिव ओंकारा दो भुज चार चतुर्भज दस भुज अतिसोहें तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें ॐ जय शिव ओंकारा… अक्षमाला, बनमाला,…

అర్ధనారీశ్వర స్తుతి

|| అర్ధనారీశ్వర స్తుతి || .. శ్రీః .. వందేమహ్యమలమయూఖమౌలిరత్నం దేవస్య ప్రకటితసర్వమంగలాఖ్యం . అన్యోన్యం సదృశమహీనకంకణాంకం దేహార్ధద్వితయముమార్ధరుద్ధమూర్తేః .. తద్వంద్వే గిరిపతిపుత్రికార్ధమిశ్రం శ్రైకంఠం వపురపునర్భవాయ యత్ర . వక్త్రేందోర్ఘటయతి ఖండితస్య దేవ్యా సాధర్మ్యం ముకుటగతో మృగాంకఖండః .. ఏకత్ర స్ఫటికశిలామలం యదర్ధే ప్రత్యగ్రద్రుతకనకోజ్జ్వలం పరత్ర . బాలార్కద్యుతిభరపింజరైకభాగ- ప్రాలేయక్షితిధరశృంగభంగిమేతి .. యత్రైకం చకితకురంగభంగి చక్షుః ప్రోన్మీలత్కుచకలశోపశోభి వక్షః . మధ్యం చ ఋశిమసమేతముత్తమాంగం భృంగాలీరుచికచసంచయాంచితం చ .. స్రాభోగం ఘననిబిడం నితంబబింబం పాదోఽపి స్ఫుటమణినూపురాభిరామః ….

অৰ্ধনাৰীশ্ৱৰ স্তুতি

|| অৰ্ধনাৰীশ্ৱৰ স্তুতি || ॥ শ্ৰীঃ ॥ ৱন্দেমহ্যমলময়ূখমৌলিৰত্নং দেৱস্য প্ৰকটিতসৰ্ৱমঙ্গলাখ্যম্ । অন্যোন্যং সদৃশমহীনকঙ্কণাঙ্কং দেহাৰ্ধদ্ৱিতয়মুমাৰ্ধৰুদ্ধমূৰ্তেঃ ॥ তদ্ৱন্দ্ৱে গিৰিপতিপুত্ৰিকাৰ্ধমিশ্ৰং শ্ৰৈকণ্ঠং ৱপুৰপুনৰ্ভৱায় যত্ৰ । ৱক্ত্ৰেন্দোৰ্ঘটয়তি খণ্ডিতস্য দেৱ্যা সাধৰ্ম্যং মুকুটগতো মৃগাঙ্কখণ্ডঃ ॥ একত্ৰ স্ফটিকশিলামলং যদৰ্ধে প্ৰত্যগ্ৰদ্ৰুতকনকোজ্জ্ৱলং পৰত্ৰ । বালাৰ্কদ্যুতিভৰপিঞ্জৰৈকভাগ- প্ৰালেয়ক্ষিতিধৰশৃঙ্গভঙ্গিমেতি ॥ যত্ৰৈকং চকিতকুৰঙ্গভঙ্গি চক্ষুঃ প্ৰোন্মীলৎকুচকলশোপশোভি ৱক্ষঃ । মধ্যং চ ঋশিমসমেতমুত্তমাঙ্গং ভৃঙ্গালীৰুচিকচসঞ্চয়াঞ্চিতং চ ॥ স্ৰাভোগং ঘননিবিডং নিতম্ববিম্বং পাদোঽপি স্ফুটমণিনূপুৰাভিৰামঃ ।…

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