Surya Dev

रविवार आरती

Ravivar Aarti Hindi Lyrics

Surya DevAarti (आरती संग्रह)हिन्दी
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|| रविवार आरती ||

कहूँ लगी आरती दास करेंगे,
सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||

सात समुद्र जाके चरणनि बसे,
कहा भयो जल कुम्भ भरे ||
सात समुद्र जाके चरणनि बसे,
कहा भयो जल कुम्भ भरे ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

कोटि भानु जाके नख की शोभा,
कहा भयो मंदिर दीप धरे ||
कोटि भानु जाके नख की शोभा,
कहा भयो मंदिर दीप धरे ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

भार अठारह राम बलि जाके,
कहा भयो शिर पुष्पधरे ||
भार अठारह राम बलि जाके,
कहा भयो शिर पुष्पधरे ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

छप्पन भोग जाके नितप्रति लागे,
कहा भयो नैवेद्य धरे ||
छप्पन भोग जाके नितप्रति लागे,
कहा भयो नैवेद्य धरे ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

अमित कोटि जाके बाजा बाजे,
कहा भयो झनकार करे ||
अमित कोटि जाके बाजा बाजे,
कहा भयो झनकार करे ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

चार वेद जाके मुख की शोभा,
कहा भयो ब्रम्हा वेद पढ़े ||
चार वेद जाके मुख की शोभा,
कहा भयो ब्रम्हा वेद पढ़े ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

शिव सनकादी आदि ब्रम्हादिक,
नारद हनी जाको ध्यान धरे ||
शिव सनकादी आदि ब्रम्हादिक,
नारद हनी जाको ध्यान धरे ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

हिम मंदार जाको पवन झकोरे,
कहा भयो शिव चवँर दुरे ||
हिम मंदार जाको पवन झकोरे,
कहा भयो शिव चवँर दुरे ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

लाख चौरासी वन्दे छुडाये,
केवल हरियश नामदेव गाये ||
लाख चौरासी वन्दे छुडाये,
केवल हरियश नामदेव गाये ||

सकल जगत जाकी जोत बिराजे ||
कहूँ लगी आरती दास करेंगे||

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