संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित होता है और प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है.
“संकष्टी” शब्द का अर्थ है संकटों का हरण करने वाला, और गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है जो भक्तों के सभी संकटों को दूर करते हैं। इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से मंगल का काम शुरू होता है, घर में सुख-शांति रहती है और परेशानियां दूर होती हैं।
इस दिन भक्त गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं। उपवास करने वाले भक्त पूरे दिन अन्न का सेवन नहीं करते और केवल फल, दूध और अन्य सात्विक पदार्थों का ही सेवन करते हैं। संध्याकाल में चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण किया जाता है। पूजा के दौरान गणेश जी को दुर्वा, फूल, लड्डू और मोदक का भोग अर्पित किया जाता है।
वर्ष भर में कुल 12 संकष्टी चतुर्थी आती हैं, और प्रत्येक संकष्टी चतुर्थी का अलग-अलग महत्व और कहानी होती है। उनमें से कुछ प्रमुख संकष्टी चतुर्थी हैं अंगारक संकष्टी चतुर्थी, जिसे मंगल ग्रह के प्रभाव से जोड़कर देखा जाता है।
संकष्टी चतुर्थी का उत्सव विशेष रूप से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, जहां इस दिन गणेश मंदिरों में विशेष पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। भगवान गणेश के भक्त इस दिन को बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं, यह मानते हुए कि गणेश जी उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेंगे और उन्हें आशीर्वाद देंगे।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
- पूजा स्थान की साफ-सफाई करें और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
- गणेश जी को तिलक लगाएं, दूर्वा अर्पित करें और उनका प्रिय भोग मोदक या लड्डू चढ़ाएं.
- दीप जलाएं और गणेश चालीसा या गणेश मंत्र का जाप करें.
- संकल्प लें कि आप संकष्टी चतुर्थी का व्रत रख रहे हैं और भगवान गणेश से सुख-शांति का आशीर्वाद मांगें.
- शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें.
संकष्टी चतुर्थी 2024 पूरी लिस्ट
माह | तारीख | शुभ मुहूर्त |
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जनवरी 2024 | 29 जनवरी 2024 (सोमवार)- लंबोदर संकष्टी चतुर्थी | साल 2024 में जनवरी माह में सकंष्टी चतुर्थी तिथि का आरंभ 29 जनवरी को सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर होगा और 30 जनवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगा। |
फरवरी 2024 | 28 फरवरी 2024 (बुधवार)- द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी | 2024 में फरवरी महीने में 28 फरवरी को सुबह 1 बजकर 53 मिनट पर संकष्टी चत्तुर्थी शुरू होगी और 29 फरवरी को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा। |
मार्च 2024 | 29 मार्च 2024 (शुक्रवार)- भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी | साल 2024 में चैत्र यानी मार्च महीने में 28 मार्च को शाम 6 बजकर 57 मिनट पर कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ होगा और 29 मार्च को सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा। उदयातिथि के अनुसार, 29 मार्च को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। |
अप्रैल 2024 | 27 अप्रैल 2024 (शनिवार)- विकट संकष्टी चतुर्थी | अप्रैल 2024 में संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 27 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 18 मिनट पर होगी और 28 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। |
मई 2024 | 26 मई 2024 (रविवार)- एकदंत संकष्टी चतुर्थी | साल 2024 में मई महीने में संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 26 मई को सुबह 6 बजकर 6 मिनट पर होगी और 27 मई को सुबह 4 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। |
जून 2024 | 25 जून 2024 (मंगलवार)- कृष्णापिंगला संकष्टी चतुर्थी | आषाढ़ माह की संकष्टी चतुर्थी 25 जून को सुबह 1 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगी और 25 जून को ही 11 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। |
जुलाई 2024 | 24 जुलाई 2024( बुधवार) -गजानन संकष्टी चतुर्थी | साल 2024 में जुलाई महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 24 जुलाई को सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर होगा और 25 जुलाई को सुबह 4 बजकर 39 मिनट पर खत्म होगा। |
अगस्त 2024 | 22 अगस्त 2024 ( गुरुवार)- हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी | अगस्त माह के संकष्टी चतुर्थी 22 अगस्त को सुबह 1 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी और 23 अगस्त को सुबह 10 बजकर 39 मिनट तक रहेगी। |
सितंबर 2024 | 21 सितंबर 2024 (शनिवार)- विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी | सितंबर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 सितंबर को शाम 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और 21 सितंबर को सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। |
अक्टूबर 2024 | 20 अक्टूबर 2024 (रविवार)- वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी | साल 2024 में अक्टूबर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगा और 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगा। |
नवंबर 2024 | 19 नवंबर 2024 (मंगलवार)- गणाधिप संकष्टी चतुर्थी | नवंबर महीने में कृष्ण संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 18 नवंबर को शाम 6 बजकर 56 मिनट पर होगी और 19 नवंबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। |
दिसंबर 2024 | 18 दिसंबर 2024 (बुधवार)- अखुरठा संकष्टी चतुर्थी | साल 2024 के आखिरी महीने दिसंबर में संकष्टी चतुर्थी 18 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगी और 19 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी। |
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